श्री हेमकुंट साहिब तथा लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण जी मंदिर के कपाट खुले

प्रसिद्ध गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब की यात्रा आज से शुरू हो गयी है। आज प्रातरू दस बजे श्री ‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ के उदघोष के बीच गुरूद्वारा श्री हेमकुंट साहिब के द्वार खुल गये है। कपाट खुलने के बाद हजारों श्रद्धालुओं ने अरदास की तथा गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ किया।

इस अवसर पर गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब ट्रस्ट के पदाधिकारी गण तथा हजारों श्रद्धालुगण मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि हेमकुंट साहिब के लिए भी श्रद्धालुओं हेतु पंजीकरण अनिवार्य है मार्ग में अभी भी बर्फ जमी है सेना ने बड़ी मशक्कत के बाद हेमकुंट साहिब तक पहुंचने का मार्ग बनाया है।
17 मई बुधवार को हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा ऋषिकेश से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरूमीत सिंह तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंज प्यारों तथा निशान साहिब को रवाना किया था। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, वन मंत्री सुबोध उनियाल, शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल गुरू द्वारा श्री हेमकुंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सरदार नरेन्द्र जीत सिंह बिंद्रा, सरदार सेवा सिंह आदि मौजूद रहे। बीते शुक्रवार को जत्था घांघरिया पहुंचा था तथा आज सुबह घांघरिया से कपाट खोलने हेतु हेमकुंट पहुंच गया।

हेमकुंट साहिब के निकट आज ही प्रसिद्ध श्री लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण जी मंदिर के कपाट भी खुल गये है।

25 लाख के करीब पहुंचने वाला है श्रद्धालुओं का पंजीकरण

चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा 25 लाख पार पहुंचने वाला है। इसमें केदारनाथ धाम के लिए सबसे अधिक 8.65 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। मौसम खराब होने से फिलहाल आठ मई तक केदारनाथ के लिए पंजीकरण पर रोक लगाई गई है। पूर्व में जिन यात्रियों ने पंजीकरण किया है, उन्हें ही यात्रा की अनुमति होगी।
सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्य किया है। चारों धामों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कोई संख्या तय नहीं है। लेकिन लगातार मौसम खराब होने के कारण यात्रा प्रभावित हो रही है। पर्यटन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 22 फरवरी से अब तक चारधाम यात्रा के लिए 24.53 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इसमें 22 अप्रैल से 5 मई तक चार लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
पर्यटन विभाग के अनुसार चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में काफी उत्साह है। खराब मौसम को देखते हुए केदारनाथ धाम का पंजीकरण रोका गया है। बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के लिए नियमित रूप से पंजीकरण हो रहे हैं।

चारधाम के लिए पंजीकरण की स्थिति
धाम पंजीकरण की संख्या
केदारनाथ 864597
बदरीनाथ 725370
गंगोत्री 442372
यमुनोत्री 394896
हेमकुंड साहिब 25674

बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, पीएम मोदी के नाम हुई पहली पूजा

भगवान श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 7ः10 बजे शुभ मुहूर्त पर ब्रह्म बेला में पूरे वैदिक मंत्रोचारण एवं विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए है। इस मौके पर पहली पूजा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई।

कपाटोद्घाटन के साक्षी बनने के लिए हजारों संख्या में श्रद्धालु धाम मौजूद थे। आज सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। कुबेर जी, श्री उद्वव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हकह कुमारी एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। मुख्य पुजारी वी.सी. ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने गर्भगृह में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की। पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। इसके साथ ही ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ के दर्शन शुरू हो गए है। कपाटोद्घाटन के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के शुभ अवसर पर समस्त श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के सकुशल संचालन हेतु राज्य सरकार ने तमाम व्यवस्थाएं की हैं।

हल्की बर्फबारी व बारिश के बीच सेना की टुकडी ने बैण्ड की मधुर धुन तथा स्थानीय महिलाओं के पारम्परिक संगीत व नृत्य के साथ भगवान बद्रीनाथ की स्तुति ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों के अनुरूप बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर तीर्थ यात्रियों के स्वागत में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा से श्रद्वालु गदगद हो उठे। कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है।

कपाटोद्घाटन के अवसर पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, सीडीओ डा.ललित नारायण मिश्र, एडीएम डा.अभिषेक त्रिपाठी, बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी योगेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, एसडीएम कुमकुम जोशी, ईओ सुनील पुरोहित आदि सहित मंदिर समिति के अन्य पदाधिकारी, सदस्य, हक हकूकधारी एवं भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

बैकुंठ धाम में अन्य तीर्थ एवं पर्यटक स्थलों में भी जुटने लगी श्रद्धालुओं की भीड़
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही भू-बैकुण्ठ धाम के आसपास तप्तकुण्ड, नारद कुण्ड, शेष नेत्र झील, नीलकण्ठ शिखर, उर्वशी मन्दिर, ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मन्दिर तथा देश के प्रथम गांव माणा, भीम पुल, वसुधारा जलप्रपात एवं अन्य ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की भीड़ जुटने लगी है।

कब कितने यात्री पहुंचे बद्रीनाथ
विगत वर्षों में लाखों श्रद्वालु बद्रीनाथ की यात्रा कर चुके है। पिछले आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2016 में 654355, वर्ष 2017 में 920466 तथा वर्ष 2018 में 1048051, वर्ष 2019 में 1244993 तथा वर्ष 2020 में 155055 श्रद्धालु बद्रीनाथ पहुॅचे। वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण 197997 श्रद्धालु ही बदरीनाथ पहुॅचे। जबकि कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद विगत वर्ष 2022 में 1763549 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुॅचे। इस बार शुरुआत में ही रिकॉर्ड पंजीकरण के साथ बडी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुँच रहे है।

श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले गये बाबा केदार के कपाट

ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान के साथ मंगलवार को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिये गये हैं। श्री केदारनाथ में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। रावल भीमाशंकर लिंग तथा पुजारी शिवलिंग एवं धर्माचार्यों द्वारा पूजा अर्चना की गई। कपाट खुलते समय सेना के बैंड तथा भजन कीर्तन एवं जय श्री केदार के उद्घोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गयी।

श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ में पूजा-अर्चना कर देश एवं प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। सभी देश एवं प्रदेशवासियों के सुखमय जीवन की उन्होंने बाबा केदार से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में मुख्य सेवक द्वारा आयोजित भंडारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। समाजिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं का भी यात्रा के लिए पूरा सहयोग मिल रहा है। पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर यात्रा व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि मौसम की जानकारी लेकर बाबा केदार के दर्शन लिए आयें, ताकि किसी को भी मौसम की वजह से कोई असुविधा न हो। गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। 27 अप्रैल को भगवान बद्री विशाल के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल जायेंगे।

इस अवसर पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, विधायक केदारनाथ शैला रानी रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, जिला अध्यक्ष भाजपा सिंह महावीर पंवार, पूर्व अध्यक्ष भाजपा दिनेश उनियाल, जिलाधिकारी मयूर दिक्षित, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे, मुख्य कार्याधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह एवं श्रद्धालु मौजूद थे।

कपाट खुलने के शुभ मुहुर्त में सीएम रहे मौजूद, पीएम के नाम पर कराई पहली पूजा

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। तय कार्यक्रमानुसार गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर और यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। अब अगले छह माह तक श्रद्धालु गंगोत्री में मां गंगा एवं यमुनोत्री धाम में मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। आज पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को खरशाली, यमुनोत्री में पूजा अर्चना की। उसके बाद मां यमुना जी की उत्सव डोली को शनि देव की अगुवाई में खरशाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज मां यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। 25 अप्रैल को श्री केदारनाथ एवं 27 अप्रैल को श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का देव भूमि आगमन पर स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से पुष्प वर्षा की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा हर्षाेल्लास के साथ होगी। उन्होंने देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, मां यमुनोत्री एवं गंगोत्री की कृपा सभी पर बनी रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश एवं प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना कर मां गंगा जी का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए देश विदेश से जो भी श्रद्धालु आएंगे उन्हे दर्शन कराए जाएंगे। चार धाम यात्रा के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। सुरक्षित एवं सुगम यात्रा के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। राज्य में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा की सभी व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी की जा रही है।
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को 12ः15 मिनट पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। रात्री विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करने के उपरांत अगले दिन सुबह 8 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम पहुंची। जहां विधिविधान के साथ गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद सर्वार्थ अमृत सिद्ध योग पर 12ः35 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि मां यमुना की डोली शनिवार सुबह अक्षय तृतीया के पर्व पर अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से प्रातः 8 बजे शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम को रवाना हुई। डोली 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां पूजा अर्चना एवं हवन करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अभिजीत मुहूर्त में 12ः41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए है।
इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, जिलाध्यक्ष बीजेपी सतेंद्र सिंह राणा, अध्यक्ष कॉपरेटिव बैंक विक्रम सिंह सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी, श्रद्धालु एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

जौनपुर टिहरी में सीएम ने की नागदेवता मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागथात (बिरौड़) जौनपुर टिहरी गढ़वाल पहुंचकर नागदेवता मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूजा अर्चना कर प्रदेश एवं प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं सुख समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नागथात बिरोड़ मुंगाथात (अणदणा) अषाड़ थात को पर्यटन क्षेत्र घोषित किया जायेगा। नागथात मन्दिर के प्रांगण का सौंदर्यीकरण एवं विस्तारीकरण किया जायेगा। पुरोला विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत डरोगी तक मोटरमार्ग के नव निर्माण की घोषणा की गई। कुकड़सारी से भद्रीगाड़ तक मोटरमार्ग का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत ही पवित्र दिन है जब भगवान नागराजा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है और हम बहुत भाग्यशाली हैं, जो हमको इस पावन मौके पर भगवान नागराजा का साक्षात आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा कि हमारे मेले थोलों का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है और हमारे पूर्वजों की अपनी धरोहर को बचाने में एवं उसके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, उन्ही के प्रयासों से आज हमारे मेले, त्योहार और संस्कृति जीवित है। राज्य सरकार मेलों के संरक्षण, उत्तराखंड की लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने एवं उसके संवर्द्धन हेतु प्रतिबद्ध है। राज्य के मेले और संस्कृति राज्य तक ही सीमित न रहे इन्हें देश विदेश में पहचान मिले इसके लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। वैश्विक पटल पर हमारी संस्कृति को एक पहचान मिले इसके लिए भी कार्य कर रहे है। दैवीय स्थानों, पूजा स्थलों, पौराणिक स्थलों को विकसित कर तीर्थाटन और पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे प्रदेश में पर्यटकों एवं चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी और पलायन पर रोक लगेगी। उत्तराखण्ड को देश और दुनिया की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक राजधानी बनाने के लिए हम निरन्तर प्रयासरत है। केन्द्र एवं राज्य सरकार उत्तराखण्ड के गांवों एवं युवाओं को सशक्त बनाने एवं मातृशक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। हमारे युवा आज उद्यमों को अपना कर हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, वहीं मातृशक्ति स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अनेक उत्पादों का निर्माण कर रही हैं, इन उत्पादों को बाजार मिले इसके लिए प्रयास कर रहे है। सुदुर गांव तक सभी सुविधाएं पहुंच सके इसके लिए कार्य किए जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे आशा एवं पूर्ण विश्वास है कि भगवान नागराजा का यह पौराणिक स्थल नागटिब्बा की तर्ज पर विकसित होकर पर्यटन के मानचित्र पर दर्शित होगा। देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने में सभी का सहयोग प्राप्त होगा और उत्तराखण्ड देश का श्रेष्ठ राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में इस बार पिछले साल से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, उसके लिए समुचित कार्यवाही की जा रही है। प्रधानमंत्री ने बाबा केदारनाथ की धरती से कहा कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा, उस दिशा में आगे बढ़ रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के कर्त्तव्य पर्थ पर उत्तराखण्ड की ‘मानसखण्ड‘ झांकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो हमारे लिए गौरव की बात है।
इस अवसर पर विधायक धनोल्टी प्रीतम सिंह पंवार, राजपुर विधायक खजान दास, पुरोला विधायक दुर्गेश लाल द्वारा भी सम्बोधित किया गया।
इस मौके पर पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा, डीसीबी अध्यक्ष सुभाष रमोला, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मीरा सकलानी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख गीता रावत, जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्र, सीएमओ मनु जैन, एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रहे।

मानव उत्थान सेवा समिति ने श्रद्धालुओं के लिए बीमा धनराशि का चेक सीएम को सौंपा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ऋषिकुल कॉलेज मैदान, हरिद्वार में मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आयोजित सद्भावना सम्मेलन एवं राष्ट्रीय एकता शिविर कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने ऋषिकुल मैदान में चाहर दिवारी के निर्माण कार्य को घोषणा की। इस दौरान मानव उत्थान सेवा समिति की ओर से मुख्यमंत्री को आगामी चार धाम यात्रा में आने वाले 1000 श्रद्धालुओं के लिए दुर्घटना बीमा चेक सौंपा गया। उल्लेखनीय है कि मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा चारधाम यात्रा में आने वाले प्रति यात्री के लिए 1 लाख की करवाई जा रही है। चार धामों के लिए 1000 व्यक्तियों के लिए कुल 10 करोड़ का दुर्घटना बीमा समिति द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा किए जा रहे मानवता के कार्य अति सराहनीय है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का मौका मिला है। आज जी-20 के कार्यक्रम देश के कोने कोने में कराए जा रहे हैं, ताकि भारत का प्रत्येक नागरिक इस महासम्मेलन का प्रतिभागी बन सके। उन्होंने कहा आज सरकार की योजनाओं का निर्वाण अंत्योदय पर केंद्रित रहता है। समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक किस प्रकार योजनाओं का लाभ पहुंचे इस पर हर स्तर पर गंभीरता से विचार किया जाता है। मोदी जी के नेतृत्व में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने आगामी चार धाम यात्रा की पूर्ण तैयारियां कर ली है। राज्य आगामी चार धाम यात्रा के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होने कहा बीते 1 साल में राज्य सरकार ने कई कार्य किए हैं। समान नागरिक संहिता पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा राज्य के विभिन्न स्थानों पर अवैध निर्माण के मामले सामने आए है। उन्होंने कहा सरकारी भूमि पर किसी को भी अतिक्रमण करने नहीं दिया जाएगा। जिन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है उन्हें हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार के लिए जनता का हित सर्वाेपरि है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

विभागवार समीक्षा में बोले कमिश्नर, चारधाम यात्रा में कोताही बर्दाश्त नही

आयुक्त गढवाल मण्डल सुशील कुमार ने चारधाम यात्रा तैयारियों एवं व्यवस्थाओं को लेकर नगर निगम सभागार ऋषिकेश में अधिकाारियों की बैठक ली। बैठक में उन्‍होंने चारधाम यात्रा को लेकर दिए गए दिशा निर्देशों के अनुपालन में विभाग वार कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को चारधाम यात्रा से पहले कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने चार धाम यात्रा में कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रखने, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चिकित्सकों की तैनाती, जीवन रक्षक दवाइयों, उपकरण, आक्सीजन सिलेंडर एंबुलेंस, एअर एंबुलेंस की ब्यवस्था, केदारनाथ एवं यमुनोत्री में कार्डियोलॉजिस्ट तैनाती, यात्रा बस टर्मिनल ऋषिकेश ट्रांजिट केंप में 6 बेड यात्री चिकित्सालय में जल्द स्टाफ की तैनाती के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
आयुक्त गढवाल मण्डल ने यात्रा को सुगम एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए सम्बन्धित जिलाधिकारियों के साथ ही समस्त सभी विभागों आपसी समन्वय से कार्य करते हुए व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। साथ ही धाम में पंहुचने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दर्शन कराया जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, के साथ ही मूलभूत व्यवस्थाओं बनाने के साथ ही पेयजल, शौचालय, पार्किंग, स्वास्थ्य सेवा, दवाई स्टॉक, खाद्य भण्डारण आदि व्यवस्थाएं पूर्व में ही जांच लेने के निर्देश दिए। उन्होंने लोनिवि, एनएचआई, बीआरओ को 15 अपै्रल 2023 तक पूर्ण किये जाने हेतु दिए गए निर्देशों के क्रम में यात्रारूट पर कई स्थानों कार्य पूर्ण न होने की दशा में नाराजगी व्यक्त करते हुए यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व कार्य पूर्ण करने तथा बीआरओ को धरासू बैण्ड के पास यात्रा आवागमन में कठिनाई न हो इसके लिए सड़क सुव्यवस्थित बनाने, सीरोबगड़ में यात्रा का वैकल्पिक रूट को सुव्यवस्थित बनाने तथा डामटा रूट को ठीक किये जाने के निर्देश दिए।
बैठक में सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा यात्रा रूट पर पार्किंग, डेंजर जोनों पर सूचना पट लगाने, मार्ग अवरूद्ध होने मौसम की जानकारी हेतु इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले लगाने, सड़को को गड्डा मुक्त करने डामरी करण, शिरोबगड़ से खांकरा पुल तक भू स्खलन की समस्या को देखते हुए वैकल्पिक मार्ग डुंगरी पंथ खेड़ाखाल मार्ग, लामबगड़, धराशू बेंड जैसे स्थानों में सड़क को दुरुस्त करने हेतु बीआरओ, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उन्होंने सम्बन्धित जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को यात्रा स्थल एवं यात्रा पड़ावों पर भीड़ नियंत्रण के साथ ही बेहतर यातायात प्रबन्धन तथा आपदा के दृष्टिगत कन्ट्रोलरूम के साथ ही आपदा के लिहाज से चिन्हित संवेदनशील क्षेत्र में मशीन, उपकरण आदि व्यवस्थाएं पूर्व में स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होनें निर्देश दिए कि पैदल मार्ग पर घोड़ा खच्चर को रोटेशनवार चलाया जाए घोड़ा एवं खच्चरों का यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही प्रत्येक का पंजीकरण एवं नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवायें। उन्होंनें यात्रा मार्ग एवं धाम पर पशु चिकित्सक तैनात रखने के निर्देश दिए।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने यात्री पंजीकरण प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण देते हुए दर्शन टोकन प्रक्रिया तथा यात्री रजिस्ट्रेशन तथा वैरिफिकेशन की जानकारी दी। पंजीकरण संस्था इथिक्स इंफोटेक ने बताया कि ऋषिकेश, हरिद्वार तथा धामों में वैरिफिकेशन काउंटर बनाये गये है जबकि यात्री रजिस्ट्रेशन वेबसाइट, फोन, वाटसप नंबर से किये जा रहे है। आयुक्त ने निर्देश दिये कि सभी वेरिफिकेशन काउंटर, नेट कनैक्टिविटी, वाई-फाई, मैन पावर, स्केनरों की संख्या, तथा अन्य संशाधन बढाये जाये।
ज्ञातब्य है कि अक्षय तृतीया 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। श्री गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल अक्षय तृतीया के दिन खुलेंगे। जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल एवं श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। बताया गया कि श्री हेमकुंट साहिब के 20 मई खुलेंगे।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल केएस नगन्याल, सहित जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, मुख्य विकास अधिकारी चमोली डा. ललित नारायण मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन देहरादून डॉ एस के बरनवाल, अपर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, अपर जिलाधिकारी पौड़ी ईला गिरी, अपर जिलाधिकारी टिहरी कृष्ण कुमार मिश्र,नगर निगम आयुक्त राहुल गोयल, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण देहरादून कमलेश उपाध्याय, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश सौरभ असवाल, एसपी उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी, संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून सुनील कुमार, नवनीत सिंह रोटेशन अध्यक्ष संजय शास्त्री, पर्यटन विकास परिषद के सहायक निदेशक योगेन्द्र सिंह गंगवार, तहसीलदार उर्मिला शर्मा, एआरटीओ मोहित कोठारी,एआरटीओ मोहित पांडेय, इथिक्स इंफोटेक के गजेन्द्र सिंह, आदि मौजूद रहे।

श्री भरत जी महाराज को गंगा स्नान कराने के लिए उमड़े श्रद्धालु

ऋषिकेश वसंतोत्सव के तहत बसंत पंचमी के पावन पर्व पर तीर्थनगरी में गाजे-बाजे के साथ श्री भरत भगवान की डोली शोभायात्रा निकाली गई। घंटे गढ़ियालो और पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों की ध्वनि के साथ निकली धर्म यात्रा का श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर शहरभर में स्वागत किया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने हृषिकेश नारायण भगवान भरत महाराज के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने भरत भगवान को भोग लगाकर सुख समृद्धि की मनौती भी मांगी। माना जाता है कि बसंत पंचमी से ही होली महोत्सव का शुभारंभ हो जाता है। आज ही के दिन भरत महाराज को रंगों से होली भी खिलाई जाती है और सभी भक्तगण एक-दूसरे पर गुलाल फेंक कर भगवान के साथ होली भी मनाते हैं। पितांबर रंग जिसे हम पीला रंग कहते हैं वह भगवान को बहुत ही प्रिय है। इसलिए लोग गुलाल चढ़ाकर और भगवान को भेली का भोग बसंत पंचमी में लगाया जाता है। उधर बसंत पंचमी के अवसर पर प्राचीन श्री भरत मंदिर परिसर में आयोजित मेले में लोगों ने झूलों और विभिन्न व्यंजनों का भी जमकर लुफ्त उठाया।
बसंत पंचमी पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त में पौराणिक श्री भरत मंदिर में भगवान श्री भरत नारायण की विधिवत पूजा अर्चना शुरू हुई। दोपहर में आरती पूजन के बाद श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज के परम सानिध्य में बैंड बाजे और पहाड़ के पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र की थाप के बीच श्री भरत भगवान की उत्सव प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा मायाकुंड स्थित गंगा तट पर श्री भरत नारायण भगवान की प्रतिमा को विशेष पूजा अर्चना के बाद मुख्य पुजारी द्वारा शालिग्राम भगवान भरत नारायण जी को गंगा में स्नान कराया गया। तत्पश्चात भगवान को नगर भ्रमण कराया गया। धर्म यात्रा विभिन्न मुख्य मार्गो से होते हुए गुजरी। इसके बाद मंदिर में भगवान की प्रतिमा को पुनः स्थापित किया गया। यात्रा में श्री भरत मंदिर संस्कृत महाविद्यालय, भरत मंदिर पब्लिक स्कूल, श्री हेमकुंड गुरुद्वारा स्थित गुरमत संगीत विद्यालय, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, संत समाज, स्वयंसेवकों और श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।
धर्म यात्रा में हुए शामिल बसंत उत्सव के मेला अध्यक्ष मेयर अनीता ममगाई, संयोजक हर्षवर्धन शर्मा, विनय उनियाल, वरुण शर्मा, नरेंद्र जीत बिंद्रा, शर्मा, दीप शर्मा, महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज, मेजर गोविन्द सिंह रावत, धीरेन्द्र जोशी, जयेन्द्र रमोला, रामकृपाल गौतम, सुरेन्द्र भट्ट, यमुना प्रसाद त्रिपाठी, लेफ्टिनेंट लखविंदर सिंह, जितेन्द्र बिष्ट, अशोक अग्रवाल, मधुसूदन शर्मा, बचन पोखरियाल, राकेश मियां, राजपाल खरोला, रंजन अंथवाल, प्रवीण रावत, विवेक शर्मा आदि उपस्थित रहे।

वैदिक फाउंडेशन हिमालया योगालय में चैतन्य साधिका का मनाया जन्म

वैदिक फाउंडेशन हिमालया योगलय आश्रम में बड़ी धूमधाम के साथ स्वतंत्रता चैतन्य साधिका का जन्म महोत्सव ऋषि कुमारों के वैदिक मंत्रों के द्वारा मनाया गया।

महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि आज वैदिक फाउंडेशन हिमालया योगालय में बड़ी धूमधाम के साथ साध्वी स्वतंत्रता चौतन्य का जन्म महोत्सव समस्त जनमानस महामंडलेश्वर महंत की अगुवाई में मनाया गया। स्वामी शंकर तिलक महाराज की अध्यक्षता में समस्त साधकों स्पेन हंगरी न्यूजीलैंड जर्मन अनेकों देशों के सबको साथ मिलकर जन्म महोत्सव में शिरकत की।

महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज ने बताया कि आज के परिवेश में जहां हमारा देश पाश्चात्य सभ्यता की ओर बढ़ रहा है। वही सनातन धर्म की ध्वजा को विदेशी साधक सब कुशल हमारी संस्कृति को अपना रहे हैं और हमारे धर्म का विदेशों में खूब प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण वैदिक फाउंडेशन हिमालय योगालय आश्रम के साधको द्वारा हवन पूजा वेद वेदांत की पढ़ाई करना और हमारी संस्कृति को अपनाना उसका उदाहरण है।

आज स्वतंत्रता चौतन्य का जन्म महोत्सव हिंदू रीती रिवाजों के मुताबिक वैदिक मंत्रोचार के साथ 39 देशों में सीधा प्रसारण फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप के माध्यम से सभी साधकों ने जन्म महोत्सव को देखा।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत कामेश्वर पुरी महाराज, स्वामी रामदेव महाराज, आध्यात्मिक गुरु बोदी वर्तमान, स्वामी योग बीज महाराज, स्वामी शिवानंद महाराज, राम जोशी, उमाया चौतन्य, आरती चौतन्य, अभिषेक शर्मा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल आदि उपस्थित रहे।