घड़ी तय करती है आपका अच्छा और बुरा वक्त

घड़ियां ना ही सिर्फ हमें समय बताती हैं, बल्कि हमारे अच्छे-बुरे समय में भी योगदान देती हैं। घर या ऑफिस में दीवार पर टंगी घड़ी आपके वक्त के बारे में बहुत कुछ कहती है। इन्हें अगर सही दिशा में लगाया जाए तो यह अच्छा समय लेकर आती हैं, वहीं गलत दिशा में लगी घड़ी आपके लिए बुरा वक्त ला सकती है।
जानें क्या कहता है वास्तु घड़ियों के बारे में।
कहते हैं घड़ी कभी किसी को तोहफे में नहीं देनी चाहिए। इसे तोहफे में देकर आप उसे अपना अच्छा और बुरा समय दोनों दे रहे हैं। जब हम ये गिफ्ट में देते हैं तो वह समय बंध जाता है, और वही सामने वाले के पास पहुंचता है। दक्षिण मुख सभी काम करने अशुभ माना गया है। घड़ी को भी कभी दक्षिणी दीवार पर नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि दक्षिण यम की दिशा कही जाती है।
फेंगशुई में कहा गया है कि इस दिशा में घड़ी लगाने से राह में अड़चनें आती है। इससे नौकरी पर भी बुरा असर पड़ता है। दक्षिण दिशा से नकारात्मकता आती है इसलिए इस दिशा को छोड़कर बाकि किसी भी दिशा में घड़ी लगा लें।

खर्च का ब्यौरा नही देने पर नही मिलेगा चारधाम का बजट

ऋषिकेश।
गढ़वाल आयुक्त के दिशा-निर्देशन में इस वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी जिलों के जिला प्रशासन ने बजट के लिए आयुक्त के पास प्रस्ताव भेजे हैं लेकिन गढ़वाल आयुक्त की डायरी में कुछ नगर पंचायत और पालिका प्रशासन ने अभी तक पिछले वर्ष के यात्रा बजट का ब्योरा नहीं दिया है। लिहाजा आयुक्त ने ऐसी पालिका और पंचायत प्रशासन को पिछले बजट का ब्योरा देने की शर्त पर नया बजट आवंटित करने का निर्णय लिया है। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए पालिका और पंचायतों को लगभग तीन करोड़ रुपए का बजट आवंटित हुआ था जिसमें सभी ने पहले चरण में आवंटित बजट का ब्योरा तो दिया लेकिन दूसरे चरण का विवरण अभी तक नहीं दे पाए। आयुक्त के आदेश के बाद उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, दून, पौड़ी गढ़वाल के ज्यादातर पालिका और पंचायत प्रशासन ने ब्योरा देना शुरू कर दिया है।

चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। आयुक्त के आदेश पर पंचायत और पालिका प्रशासन से पिछले चारधाम यात्रा के बजट का ब्योरा मांगा जा रहा है। ज्यादातर पालिका और पंचायत प्रशासन ब्योरा जमा करा चुके हैं।
एके श्रीवास्तव, वैयक्तिक सहायक, गढ़वाल आयुक्त।

योग महोत्सव में दक्षिण अफ्रीका के योगाचार्यों का जलवा

ऋषिकेश।
योग गुरू सुखमिंदर सिंह खालसा ने कुण्डलिनी साधना का अभ्यास कराया। कनाडा की ग्लोरिया लैथम ने द वाइस ऑफ सोल विषय पर अपना व्याख्यान दिया। वहीं दक्षिण अफ्रीका की योगाचार्य भवानी काला ने आई फ्लो एवं चन्द्र नमस्कार के बारे में जानकारी दी। योग विशेषज्ञ जूल्स फेबर ने जीवमुक्ति योग का अभ्यास कराया। भारत की दीपिका मेहता ने अष्टांग योग का प्रशिक्षण दिया। बैंगलोर से आये एचएस अरूण ने एंगर योग, आयरलैण्ड के ब्रियान इंगले ने सोमेटिक योग फ्लो की जानकारी दी। विश्व विख्यात वैज्ञानिक ब्रूस लिप्टन ने धरती पर ईश्वर के अवतरण का रहस्य समझाया। बताया किस तरह ईश्वर धरती पर विद्यमान है। योगाचार्य मोहन भन्डारी ने योगी योग फार बैक पेन का अभ्यास कराया गया। परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती ने गंगा फ्लो मेडीटेशन विषय पर विचार रखे। इस दौरान परमार्थ निकेतन में पहुंचे सूफी गायक कैलाश खेर ने साधकों के साथ मिलकर योग किया और गंगा स्वच्छता का संकल्प भी लिया।

मन को वश में करती है भागवत कथा: ममगाईं

ऋषिकेश।
मंगलवार को आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने श्रद्धालुओं को बताया कि इंद्रियों को वश में रखने से ईश्वर भक्ति में मन लगता है। जिस प्रकार से संसार का अंधकार का कोई अस्तित्व नही होता है। उसी प्रकार मन की चंचलता से नुकसान उठाना पड़ता है, क्योकि चंचलता मनुष्य की बुद्धि पर अधिकार जमा लेती है। पुरुषार्थ के लिये जब तक मन में राग द्वेष है तब तक भगवान की कृपा नही हो सकती है। उन्होंने भागवत कथा के श्रवण से मन और इंद्रीय वश में होने की बात कही।
कथा व्यास ने स्त्रियों के सम्मान को जरुरी बताया। कहाकि जिस समाज और घर में स्त्री का सम्मान नही होता है। वहां लक्ष्मी की कृपा नही हो सकती है। उन्होंने गुरुओं का आदर करने व अपने जीवन में गुरु अवश्य बनाने की सीख दी। मौके पर टीकाराम पुर्वाल, लाखीराम पुर्वाल, जवाहर पुर्वाल, रामकृष्ण पुर्वाल, रामचन्द्र पुर्वाल, राजेश पुर्वाल, धनीराम जोशी, खुशीराम जोशी, नारायण दत्त, विजय, चेतराम, बसंत, पूर्णानंद, जीवानंद, महावीर, दौलतराम, रामचन्द्र भटट, शियाराम नौटियाल, चेतराम आदि उपस्थित रहे।

भागदौड़ भरी जिंदगी में शांति पाने के तरीके बताए

ऋषिकेश।
मंगलवार को गीतानगर स्थित राजयोग केन्द्र की संचालिका बहन बीके आरती के नेतृत्व में विश्वशांति व त्रिमूर्ति शिव की 80वीं जयंती के उपलक्ष्य में शहर में रैली निकाली गई। इस दौरान बीके आरती ने भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को शांति की प्राप्ति के रास्ते बताए। उन्होंने लोगों को विचार संयम, इन्द्रिय संयम, अर्थ संयम व समय संयम के माध्यम से शांति पाने का तरीका समझाया।
उन्होंने लोगों को महाशिवरात्रि का महत्व बताया। साथ ही शिव पूजा की विधि बताईं। काम, क्रोध, मद, मोह व अंहकार को अपने जीवन से दूर करने पर सफलता अर्जित कर जीवन में शांति पाने का साधन बताया। विश्व शांति की कामना से निकाली गई रैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए राजयोग केन्द्र में संपन्न हुई।

छह मई को खुलेंगे श्री बदरीनाथ धाम के कपाट

प्रात: चार बजकर 15 मिनट पर कपाट खुलने का शुभ मुहूर्त

ऋषिकेश।
पौराणिक परम्परानुसार टिहरी राज परिवार के मनुजेंद्र शाह ने दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर कपाट खुलने की घोषणा की। तिथि घोषित होते ही राजमहल परिसर श्री बदरीनाथ भगवान के जयकारों से गूंज उठा। मुहूर्त तय होने पर आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने पूजा संपन्न करवाई। गाडू घड़ी (तेल कलश) यात्रा की तिथि 22 अप्रैल तय की गई। इस अवसर पर योग ध्यान मंदिर पांडुकेशर से गाडू घड़ा लेकर डिमरी पंचायत के पदाधिकारी नरेन्द्रनगर राजदरबार पहुंचे। इस मौके पर श्री बदरीधाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूरी, टिहरी सांसद राज्यलक्ष्मी शाह, राजकुमारी श्रीजया, बदरी-केदार मंदिर समिति के सीओ डीपी सिंह, अनिल शर्मा, दिवाकर चमोली, जगदीश भट्ट, अनिल ध्यानी, आशुतोष डिमरी, श्रीराम डिमरी, राज पुरोहित संपूर्णानंद जोशी, आशाराम नौटियाल, सुरेश डिमरी आदि उपस्थित थे।

भरत भगवान की शोभायात्रा में उमड़ा सैलाब

ऋषिकेश।
वसंत पंचमी पर पौराणिक श्री भरत मंदिर में प्रात:काल से नगर और समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भीड़ जुटने लगी। महंत अशोक प्रपन्न शर्मा महाराज के सानिध्य में निकाली गई शोभायात्रा के साथ भरत भगवान की उत्सव प्रतिमा को गंगा स्नान कराने प्राचीन मायाकुंड के गंगाघाट पर ले जाया गया। यहां स्नान करा कर उत्सव प्रतिमा को निर्मल आश्रम मार्ग, मुखर्जी मार्ग, हरिद्वार रोड, क्षेत्र रोड, भरत मंदिर मार्ग होते हुए मंदिर में पुन: प्रतिष्ठापित किया गया। उत्सव प्रतिमा बैंड बाजों और घंटियों की धुनों के बीच आकर्षक झांकियों के साथ शोभायात्रा के रूप में मंदिर पहुंची। इस दौरान विभिन्न संस्थानों ने पूरे शहर में स्वागत द्वार और आकर्षक रंगोली बनाई थी। शोभायात्रा में श्री भरत मंदिर स्कूल सोसायटी के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, भरत संस्कृत महाविद्यालय, भरत मंदिर प्राथमिक स्कूल के बच्चे आकर्षक वसंती परिधानों के साथ चल रहे थे। शोभायात्रा का नेतृत्व मेलाध्यक्ष दीप शर्मा, संयोजक हर्षवर्धन शर्मा, सुधीर कुकरेती, वरुण शर्मा, वत्सल शर्मा, विनय उनियाल, बचन पोखरियाल, जगमोहन सकलानी, अशोक अग्रवाल, डीबीपीएस रावत, विनोद शर्मा, वंशीधर पोखरियाल, गोविन्द सिंह, आईडी जोशी, कैप्टन डीडी तिवारी, संजय शास्त्री, महेश शर्मा, चेतन शर्मा, महंत बलवीर सिंह, राम कृपाल गौतम, रवि शास्त्री आदि कर रहे थे।

कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा शुरु

ऋषिकेश।
सोमवार को मंगलचरण करती खाण्ड गांव विस्थापित की महिलाएं कलश लिए त्रिवेणीघाट पर पहुंची। विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ कलश में गंगाजल भरकर वे कथा स्थल पहुंची। कथा के पहले दिन कथा वाचक राजेन्द्राचार्य ने कहा कि ईश्वर दर्शन को लोग जगह-जगह घूमते हैं। जबकि वह हमारे भीतर निवास करता है। उसके दर्शनों के लिए मनुष्य को सच्चे मन और भाव की जरूरत होती है। श्रीमदभागवत कथा श्रवण का महत्व बतलाते हुए उन्होंने कहा कि भागवत कथा में संसार की सत्यता छिपी है। एक बार कथा श्रवण का महत्व स्वर्ग प्राप्ति के समान है। जो अपने जीवन में भागवत कथा का रसपान नहीं करता वह मनुष्य पशु समान माना जाता है। कथा में शूरवीर सिंह नेगी, कुंवर सिंह, रवीन्द्र सिंह, आनंद सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह, बेताल सिंह, सीता देवी, सौम्या देवी, रूचिता देवी, हरीश नेगी व माधवेन्द्र नेगी आदि उपस्थित थे।

आठ को लगेगा नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर

धूमधाम से मनेगा गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व
तीन से 15 जनवरी तक होंगे आयोजन

ऋषिकेश।
गुरुवार को गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट की बैठक की जानकारी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सरदार नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने दी। उन्होंने बताया कि गुरु गोविन्द सिंह महाराज के 350वें प्रकाश पर्व को धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया है। तीन से 15 जनवरी तक प्रकाश पर्व का आयोजन होगा। अखंड पाठ तीन जनवरी से शुरू होकर पांच जनवरी चलेगा। तीन से छह जनवरी तक स्वास्थ्य शिविर के लिए लोग अपना पंजीकरण करवा सकेंगे। आठ जनवरी को 40 से अधिक विशेषज्ञों की टीम स्वास्थ्य शिविर में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करेगी। महिलाओं के लिए ब्रेस्ट स्क्रीनिंग की भी सुविधा रहेगी। दिनभर धार्मिक-ऐतिहासिक फिल्में दिखाई जाएंगी।
मुख्य कार्यक्रम 13 से 15 जनवरी तक श्री अखंड पाठ का होगा। 15 जनवरी को रक्तदान, कथा कीर्तन के साथ खालसायी खेल गतका करतब दिखाए जाएंगे। ऐतिहासिक प्रदर्शनी का भी आयोजन होगा। मौके पर प्रधान हाकम सिंह, कमला प्रसाद भटट, हरिमोहन गुल्हाटी, राजेन्द्र सेठी, सतपाल सिंह, कीमती लाल चावला, कृपाल सिंह, विनय उनियाल, सुधीर कुकरेती, गोबिन्द सिंह, वीरेन्द्र सिंह, मंगा सिंह, एसएस बेदी, उषा रावत, सरोज डिमरी, मदन मोहन शर्मा, विमला रावत, इन्द्रकुमार गोदवानी, दर्शन सिंह, एसएस बेदी, जितेन्द्र अग्रवाल, पूरण सिंह डंग, अर्जुन गुरबख्श्यानी आदि मौजूद रहे।

गुरु की महिमा से गूंजी ऋषिनगरी

ऋषिकेश।
गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में रविवार को नगर कीर्तन निकाला गया। नगर कीर्तन शहर के विभिन्न मार्गों पर स्वागत किया गया। रेलवे रोड से शुरू होकर नगर कीर्तन श्री हेमकुण्ट गुरुद्वारा में संपन्न हुआ।
रेलवे रोड, हरिद्वार मार्ग, तिलक रोड, हीरालाल मार्ग, देहरादून रोड होते हुए नगर कीर्तन लक्ष्मणझूला मार्ग स्थित श्री हेमकुण्ट गुरुद्वारा में संपन्न हुआ। पटियाला से आई गतका पार्टी ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। गुरुनानक पब्लिक स्कूल के बच्चे बैंड के साथ नगर कीर्तन में शामिल हुए। 102कीर्तन में पंच प्यारे, गुरु ग्रंथ की सवारी प्रमुख रूप से शामिल रही। विशेष रूप से महिलाएं कीर्तन गाते हुए चल रही थीं। नगर कीर्तन में सरदार हाकम सिंह, इन्द्रपाल सिंह, प्रेम सिंह डंग, बूटा सिंह, मंगा सिंह, सतपाल सिंह, परमजीत सिंह, हिम्मत सिंह आदि शामिल रहे।