केन्द्रीय गृह मंत्री हरिद्वार से करेंगे 670 एमपैक्सों के कम्प्युटरीकरण का शुभारम्भ

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आगामी 31 मार्च को उत्तराखंड में सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं का शुभारम्भ करेंगे। इसके लिये राज्य का सहकारिता विभाग सभी कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है। केन्द्रीय मंत्री के उत्तराखंड दौरे को देखते हुये कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कार्यक्रम एवं विभिन्न योजनाओं के शुभारम्भ से संबंधी तैयारियों को लेकर विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि आगामी 31 मार्च को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह ऋषिकुल मैदान हरिद्वार से सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं का शुभारम्भ करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर की 670 न्यायपंचायतों में बहुउद्देशीय सहकारी समितियों का कम्प्यूटरीकरण का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है। जिनका शुभारम्भ केन्द्रीय सहाकरिता मंत्री ऑनलाइन करेंगे। इस योजना के शुरू होने से प्रदेशभर के किसानों को समितियों के माध्यम से एक ही छत के नीचे विभिन्न सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके साथ ही प्रदेश के 95 एमपैक्सों में जन सुविधा केन्द्र एवं जन औषधी केन्द्रों की स्थापना का शुभारम्भ भी मुख्य अतिथि के कर कमलों से सम्पन्न होगा। कार्यक्रम में कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करने के साथ ही दीन दयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के अंतर्गत शून्य ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को चौक वितरण भी किया जायेगा।
मंत्री ने बताया कि मुख्य अतिथि द्वारा सभी 95 विकासखंडों में राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत संयुक्त सहकारी खेती के संचालन का भी शुभारम्भ किया जायेगा। कार्यक्रम के दौरन सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं का प्रस्तुतिकरण भी केन्द्रीय गृह मंत्री के समक्ष दिया जायेगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक व अन्य कैबिनेट मंत्री एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

सदन में आखिर क्या बोले धामी कि महफिल लूट कर ले गए कह रहे विधायक

आज बजट सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभिभाषण दिया तो सत्ता पक्ष के सदस्य मेज थपथपाते रहे। यूं तो मुख्यमंत्री कम ही बोलते है लेकिन जब बोलते है तो विपक्ष को चारो खाने चित्त कर देते है। आज भी सदन में वही हुआ। सभी का अभिभावदन करने के बाद जब मुख्यमंत्री ने रफतार पकड़ी तो संसद में पीएम मोदी के भाषण की यादें ताजा हो गई। मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सरकार की प्राथमिकताएं गिनाई तो विपक्ष को भी चारो खाने चित्त कर दिया। सत्ता पक्ष के सूत्र बता रहे है कि मुख्यमंत्री के अभिभाषण के बाद सत्ता पक्ष के सदस्य ऊर्जावान महसूस कर रहे है। पेश है मुख्यमंत्री का अभिभाषण…

माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी, मैं, सर्वप्रथम गैरसैंण क्षेत्र की कुलदेवी गंगा मईया के चरणों में शीश नवाता हूं। मैं, उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को उत्तराखण्ड की जनता की ओर से शत शत नमन करता हूं तथा आप सभी को प्रकृति का आभार प्रकट करने और बसंत ऋतु के स्वागत का प्रतीक लोकपर्व फूलदेई की बधाई देता हूं। अटल जी ने उत्तराखण्ड बनाया था तो देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी इसे संवारने का काम कर रहे हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। मैं, आज सदन में उत्तराखण्ड की जनता की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी और केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। गैरसैंण में 2 वर्ष बाद आयोजित हो रहे इस बजट सत्र में उपस्थित विधानसभा के सभी सदस्यों का मैं, हार्दिक अभिनंदन करता हूं। प्रेमचंद अग्रवाल जी और उनकी समस्त टीम को भी मैं, इतना अच्छा बजट प्रस्तुत करने के लिए साधुवाद देता हूं। ये बजट, सर्वस्पर्शी बजट है तथा इसमें जो हॉलिस्टिक अप्रोच रखी गई है वो इसका मजबूत पक्ष है। यह बजट आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, विजन के अनुरूप है।
माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत की शक्ति और सामर्थ्य को पूरे विश्व ने पहचाना है, आज हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा है। भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। हम सभी पिछले वर्षों में कोविड की भयावहता के साक्षी रहे हैं। लेकिन हमने यह भी देखा है कि कैसे माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत ने न सिर्फ कोविड को हराया बल्कि अपने कोविड प्रबंधन का लोहा दूसरे देशों को भी मनवा दिया। निःशुल्क वैक्सीन एवं गरीबों को निःशुल्क अनाज दिया गया। प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन, परिवहन व संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़ का राहत पैकेज। चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ और महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को 118 करोड़ रूपए का कोविड राहत पैकेज दिया गया। लाभार्थियों के खातों में डीबीटी द्वारा राहत राशि पहुंचाई गई। प्रदेश में कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया गया है। ऐसे 6000 से अधिक बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3000 रूपये प्रति माह दिये जायेंगे। हमारी सरकार युवाओं के लिए समर्पित सरकार है। हमने भर्ती माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले 60 से ज्यादा लोगों को जेल में डाला है। हमारे युवाओं के साथ कोई धोखा करने की सोचे भी नहीं, इसके लिये हमने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है। पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। तीन परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। अन्य परीक्षाओं का आयोजन जारी केलेण्डर के अनुसार किया जा रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं सरकार ने कुछ नहीं किया, मंहगाई बढ़ रही है, पेपर लीक हो रहे हैं।
’हां मैं, मानता हूं इतने कम समय में, मैं, सबकुछ नहीं कर सकता। 22 वर्षों में नकल माफियाओं के गिरेबान में हाथ किसने डाला। नकल माफियाओं को जेल में किसने भेजा। नकल विरोधी कानून किसने बनाया। क्या ये सब पहले नहीं किया जा सकता था। विपक्ष को भी पता है, उत्तराखंड का समुचित विकास कोई कर सकता है तो वो मोदी जी के नेतृत्व में धामी ही कर सकता है। हमने समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने का संकल्प लिया है और इसको सिद्धि तक भी ले जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में देहरादून में हुई घटना में जिन युवाओं पर मुकदमें दर्ज हुए, जिन युवाओं को प्रतियोगिता परीक्षाओं में भाग लेना है उनके मुकदमे वापस लिये जायेंगे।’
हमने चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता का वायदा किया था और जनता जनार्दन से हमें भरपूर आशीर्वाद भी मिला। समान नागरिक संहिता के लिये गठित समिति जनप्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, आमजन आदि से सुझाव लेकर ड्राफ्ट तैयार कर रही है। हमें खुशी है कि समान नागरिक संहिता के लिये हमें देखकर दूसरे राज्य भी आगे आ रहे हैं। जैसे ही समिति अपना ड्राफ्ट बनाकर सौंपेगी हम उस पर कानून बनाकर आगे बढ़ाया प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिये हमारी सरकार ने सख्त धर्मांतरण कानून बनाया है। प्रदेश की महिलाओं को सरकारी नौकरी में उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए हमने तीस प्रतिशत महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण देने का जो फैसला लिया था, उसे कानून बनाकर धरातल पर उतारने का कार्य किया है। हमने राज्य आंदोलनकारियों को भी दस प्रतिशत आरक्षण देने को मंजूरी दी है। उत्तराखण्ड आदिकाल से ऋषियों मुनियों की तपस्थली रही है। यहाँ से ज्ञान की गंगा भी निकलती है। ये धरा महर्षि वेद व्यास कालिदास और द्रोणाचार्य की कर्म भूमि रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए हमने स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा में आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में देश में लाई गई नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया। राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए नई खेल नीति लाई गई है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना में उभरते खिलाड़ियों को 1500 रूपये प्रतिमाह खेल छात्रवृत्ति के साथ ही अन्य सुविधाएं दी जा रही है।
सरलीकरण, समाधान, निस्तारिकरण व संतुष्टि के मंत्र को आधार बनाकर हमारी सरकार आदरणीय मोदी जी द्वारा देश में प्रारंभ की गई सुधारों की एक लंबी श्रृंखला को देवभूमि उत्तराखंड में भी लागू करने का कार्य कर रहे हैं। हमारी सरकार अन्त्योदय की भावना के अनुरूप विकास का लाभ, अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने हेतु कृतसंकल्पित है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-ऑफिस, सीएम हेल्पलाईन आदि सुधारों के द्वारा कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। हमने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिये भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 लांच किया है। इस एप प्राप्त शिकायतों पर हम गम्भीरतापूर्वक कार्यवाही भी कर रहे हैं। वेदों मे कहा गया है आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्।। अर्थात स्वस्थ रहना परम नियति है और अन्य सभी कार्य स्वास्थ्य द्वारा सिद्ध होते हैं। इसी मूलमंत्र को ध्यान में रखकर हमने प्रदेश में जन स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। आयुष्मान योजना ने इस दिशा में बहुत अच्छे परिणाम दिए हैं। 46 लाख 70 हजार से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। महिला स्वास्थ्यकर्ताओं और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। हमने राज्य में निःशुल्क जांच योजना प्रारम्भ की है। इसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा मिल रही है। इसी के साथ-साथ उधमसिंहनगर जिले में एम्स ऋषिकेश का सैटेलाईट सेंटर बनने से एक बड़ी आबादी को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
पिछले वर्ष अक्टूबर माह में माननीय प्रधानमंत्री जी ने माणा गांव में आयोजित कार्यक्रम में सीमांत गांवों को देश का पहला गांव बताते हुए उनके विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता देने की बात कही थी। हमारी सरकार दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को समर्पित है। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ‘एक जनपद दो उत्पाद’ योजना से स्थानीय उत्पादों को पहचान मिलेगी। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का यज्ञ चल रहा है। उत्तराखण्ड भी इस यज्ञ में अपनी ओर से आहुति देने हेतु तत्पर है। केदारखंड के साथ-साथ मानसखंड के मंदिरों का भी विकास किया जा रहा है। प्रथम बार उत्तराखंड की झांकी मानसखण्ड को कर्तव्यपथ पर 26 जनवरी की परेड में प्रथम स्थान। चार करोड़ कांवड़ यात्रियों द्वारा बिना किसी समस्या के कांवड़ यात्रा पूर्ण की गई। 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा चारधाम यात्रा में की गई, यह संख्या वो है जो जिसे हमने रिकॉर्ड किया।
हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिये होम स्टे योजना बहुत महत्वपूर्ण है। मैं स्वयं जिलों के भ्रमण के दौरान होम स्टे में रूका हूं। हमारी कोशिश है कि प्रदेश के होम स्टे को पर्यटकों की पहली पसंद बना सकें। हमारे यहां बहुआयामी पर्यटन की अपार सम्भावनाएं है। हमें नये पर्यटन स्थल विकसित करने हैं। ऋषिकेश रिवर राफिं्टग का हब बन चुका है। नए रिवर राफिं्टग स्थानों के चयन हेतु सर्वे भी किया गया है। अभी हमने चम्पावत के टनकपुर में महाकाली नदी में रिवर राफिं्टग शुरू की है। मैंने खुद वहां रिवर राफिं्टग की है। कुछ महीनों में प्रदेश में रिवर राफिं्टग की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भी कराई जाएगी। पौड़ी, नैनीताल सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों मे पैरा सैलिंग, पैरा मोटर आदि खेलों के प्रति भी आकर्षण बढ़ा है। रोपवे जहां कनेक्टिविटी का एक नवीन माध्यम है, उसी के साथ-साथ यह पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। कुछ माह पूर्व ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया गया। इनके बनने से श्रद्धालुओं का घंटों का सफर मिनटों में संभव होगा।
हमारा मूल मंत्र है संकल्प से सिद्धि, कृषि बागवानी और सहकारिता से समृद्धि है। हमारी सरकार, किसानों को तीन लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगभग साढ़े चार हजार जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया गया है। जिन किसान भाईयों के पास कृषि उपकरण नहीं हैं, उनके लिए हमने ‘फार्म मशीनरी बैंक’ योजना शुरू की है। इसके लिए 80 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से प्रदेश के लगभग 9 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
माननीय प्रधानमंत्री जी के विशेष प्रयासों से वर्ष 2023 को अंतराष्ट्रीय मिलेट वर्ष मोटे अनाजों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के विजन से भारत के पोष्टिक मोटे अनाजों को विश्व स्तरीय पहचान मिल रही है। हम भी अपने प्रदेश में मंडुवा, झंगोरा आदि स्थानीय मोटे अनाजों को बढ़ावा दे रहे हैं। स्टेट मिलेट मिशन को मंजूरी दी गई है। किसानों से 3578 (तीन हजार पांच सौ अठहतर) रूपये प्रति किं्वटल मंडुवा खरीदा जा रहा है और राशन कार्ड धारक को 1 किलो पोष्टिक मंडुवा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। मध्याह भोजन योजना में मंडुवा और झंगोरा भी दिया जाएगा। इससे एक ओर हमारे किसानों की आर्थिकी मजबूत होगी वहीं पोष्टिक अनाज लोगों के लिये स्वास्थ्यवर्धक रहेगा ।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 31 नये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण और 06 एसटीपी का अपग्रेडेशन किया गया। गंगा नदी में प्रदूषण के रोकथाम के लिये 128 नालो को टैप किया गया। उत्तराखण्ड के 5 शहरों का चयन स्वच्छ भारत मिशन में होने पर सम्मानित किया गया। हमने पर्यावरण मित्रों का एक दिन का मानदेय बढ़ाकर 500 रूपये किया। ई-वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया और चार पहिया वाहनों की खरीद पर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। हमने बड़ी पहल करते हुए व्यावसायिक भवनों की पार्किंग में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चार्जिंग की व्यवस्था को अनिवार्य किया है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत बिजली से वंचित सभी गांवों का शतप्रतिशत विद्यतिकरण किया जा चुका है। जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना को केंद्र से निवेश स्वीकृति मिल चुकी है। 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना का निर्माण पूरा किया जा चुका है। हमें केंद्र से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत की स्वीकृति मिली है। 300 मेगावाट की लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू किया जायेगा।उत्तराखण्ड देवभूमि ही नहीं, वीरभूमि भी है। देहरादून में भव्य सैन्य धाम की स्थापना की जा रही है। हमारी सरकार, शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित कर रही है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की गई है।
इस वर्ष हमें जोशीमठ भू धंसाव जैसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। लेकिन स्थानीय लोगों के सहयोग से सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन तथा त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों को सुनिश्चित करते हुए किसी प्रकार की जीवन हानि नहीं होने दी गई। इस कार्य में केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग राज्य सरकार को मिला है। हमारी सरकार सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता की स्थिति के निर्धारण हेतु एक व्यापाक सर्वे कराने हेतु कार्य कर रही हैं। विस्थापितों के पुनर्वास के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के साथ ही राहत पैकेज देने की घोषणा की है।
कोविड महामारी के बाद और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जहां विश्व की अर्थव्यवस्था धाराशायी हो गई, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था उभरकर सामने आई है। हमारे विपक्ष के साथी जब महंगाई की बात करते हैं तो वह यह भूल जाते हैं कि आज विश्व के बड़े-बड़े देश महंगाई की मार से जूझ रहे हैं, तब भारत ने महंगाई की दर स्थिर रखने में सफलता प्राप्त की है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि 2025 तक भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा 2027 तक 5.4 लाख करोड़ डालर के आकार के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। उत्तराखण्ड में भी एक ओर जहां प्रति व्यक्ति आय में पिछले वर्ष के मुकाबलें दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश जी.एस.टी. के संग्रह की वृद्धि दर में उत्तराखण्ड टॉप 06 राज्यों में आ चुका है। राज्य में एस.जी.एस.टी. संग्रह की वृद्धि 32 प्रतिशत रही है। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि उत्तराखण्ड में लोगों द्वारा खर्च बढ़ा है। मुख्यमंत्री रिफिल योजना के तहत राज्य के करीब पौने दो लाख गरीब परिवारों को साल में तीन सिलेंडर मुफ्त रिफिल दिये जा रहे हैं, जिससे रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़े हुए गैस के दामों से गरीब परिवारों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
यह बजट जहां हमारे दृष्टि पत्र के आधार पर बनाया गया है, वहीं हमने आपका बजट-आपका सुझाव कार्यक्रम के आधार पर इस बजट में जनता को भी सीधा भागीदार बनाया है। इस बजट में हमने रोजगार, स्वरोजगार, शिक्षा, नारी सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, युवा कल्याण, कृषि, उद्योग, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, सिंचाई जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। मैं, इस लीक से हटकर बनाए गए बजट का अध्ययन करने का आप सभी से आव्हान करता हूं तथा जिससे जनता तक इसके प्रावधानों को प्रचारित और प्रसारित किया जा सके। यह बजट नहीं बल्कि नए उत्तराखंड बनाने का अर्थ संकल्प है और आचार्य चाणक्य की अर्थ प्रबंधन को लेकर दी गई परिकल्पना के अनुरूप है। बजट में स्वरोजगार एवं रोजगार हेतु विशेष प्राविधान किये गये हैं। उद्यान विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 815.66 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पॉलीहाउस हेतु रू0 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।मिशन एप्पल योजना के अन्तर्गत रू0 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है। राजकीय नियुक्तियों हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। जिस हेतु राज्य लोक सेवा आयोग के अन्तर्गत रू0 133.53 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उद्योग विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 461.31 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वर्क फोर्स डेवलेपमेंट हेतु 100 करोड़ रूपये व्यय किये जाएंगे। प्रमोशन ऑफ इंवेस्टमेंट स्टार्ट अप और इंटेरप्रीनियरशिप योजना हेतु रू0 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विभिन्न नीतियों के तहत उद्योगों को अनुदान हेतु रू0 26 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु रू0 40 करोड़ व्यय किये जाएंगे। पर्यटन विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 302.04 करोड़ का प्रावधान किया गया है।उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन विकास परिषद हेतु रू. 63.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पर्यटन विकास के अवस्थापना निर्माण हेतु रू. 60.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। टिहरी झील का विकास के निर्माण हेतु रू. 15.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। चार धाम यात्रा/मार्गों पर आधारभूत सुविधाओं का निर्माण/विकास हेतु रू. 10.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पर्यटन विभाग अन्तर्गत चारधाम एवं विभिन्न स्थानों हेतु भूमि क्रय हेतु रू. 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। शिक्षा एवं युवा कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 10459.55 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उत्कृष्ट क्लस्टर विद्यालय हेतु रू0 51 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन योजना में छात्रवृत्ति हेतु रू0 11 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पी.एम श्री योजना हेतु रू0 92.78 करोड़ का प्रावधान किया गया है। कृषि विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 1294.15 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मिलेट मिशन हेतु रू0 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्थानीय फसलों में प्रोत्साहन हेतु रू0 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 4217.87 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अटल आयुष्मान हेतु रू0 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मेडिकल कॉलज तथा नर्सिंग कॉलेज के निर्माण हेतु रू0 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है। समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण विभाग में वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल रू0 2850.24 करोड का प्रावधान किया गया है।निराश्रित विधवा पेंशन हेतु रू0 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है। किसान पेंशन योजना हेतु रू 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नंदा गौरा योजना हेतु रू0 282.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान योजना हेतु लगभग रू0 26.72 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना हेतु रू० 23 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना हेतु रू0 19.95 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पिछले वर्ष आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने 21वी सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था। आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम विकल्प रहित संकल्प के आधार पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से हम समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करने में सफल होंगे। आप सभी को ज्ञात ही है कि आदरणीय मोदी जी ने वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष की संज्ञा दी है। हम आदरणीय मोदी जी के इसी विजन के अनुरूप ही पोष्टिकता से भरपूर उत्तराखंड के मोटे अनाज को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। हम सभी के लिए आज मोटे अनाज का ही लंच तैयार कराया गया था और मुझे पूरी उम्मीद है कि आप सभी उत्तराखंड की माटी से उपजे इस पोष्टिक मोटे अनाज से बने हुए भोजन का अवश्य आनंद उठाया होगा।
अंत में, इस बजट भाषण के दौरान स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा लिखी गई इन पंक्तियों के साथ मैं, आप सभी के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता को यह बताना चाहता हूं कि राह लंबी है, डगर कठिन है, लक्ष्य दूर है, लेकिन संकल्प दृढ़ है और हम अपने इस विकल्प रहित संकल्प के द्वारा आप सभी के सहयोग से उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाकर ही दम लेंगे।

आज अपने स्वप्न को मैं, सच बनाना चाहता हूं,
दूर की इस कल्पना के, पास जाना चाहता हूं,
दूर की इस कल्पना के, पास जाना चाहता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल 2022 से दिसम्बर 2022 तक 5858 किमी के मार्गों को पैच मरम्मत पूर्ण किया गया। वर्ष 2023-24 के बजट में पीएमजीएसवाई के मार्गों के मरम्मत के लिए 150 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। इसके साथ ही लोक निर्माण के अनुरक्षण में 97 प्रतिशत की वृद्धि कर 850 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। विकास प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक भूमि उपयोग में मानचित्र स्वीकृति की स्व प्रमाणन प्रक्रिया लागू की गई। विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में एकल आवासीय मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल करने की कार्यवाही की जा रही है। मलिन बस्तियों के सुधार एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए विकास शुल्क का 10 प्रतिशत धनराशि का प्राविधान किया गया है। विधायक निधि 3.75 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ कर दी गई है। गैरसैंण में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए जितनी धनराशि की आवश्यकतानुसार उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। हमारा संकल्प है कि हल्द्वानी में एक अच्छा अंतरराष्ट्रीय स्तर का बस अड्डा बनेगा। शहीदों आंदोलनकारियों का सम्मान हमारी पहली प्राथमिकता है। माननीय विधायकों से जो हमने प्रस्ताव लिए हैं वह प्रस्ताव को 5 वर्ष की दीर्घकालिक योजना के अंतर्गत है और उनको आगे बढ़ा रहे हैं। ड्रग्स के क्षेत्र में हम लगातार संवेदनशील हैं, 2025 तक हमने ड्रग्स फ्री उत्तराखंड का संकल्प लिया है वह संकल्प भी हम तेजी से पूरा करेंगे, इसके लिए टास्क फोर्स बनाया दी गई है।

धामी कैबिनेट ने पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को दी मंजूरी

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी। राज्य में जो निवेशक हेली टूरिज्म, कैरावेन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कैब ऑपरेटर के इलेक्ट्रिक वाहनों में पूंजी निवेश करेगा, उसे सरकार शत-प्रतिशत सब्सिडी देगी। बता दें कि 2018 की पर्यटन नीति में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने पर मात्र 10 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान था।
भराड़ीसैंण में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सात प्रस्तावों पर मुहर लगी। जबकि एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। मंजूर की गई नई पर्यटन नीति के तहत कौशल प्रशिक्षण, विपणन, और अपशिष्ट उपचार के क्षेत्र में निवेश करने पर 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।
यह नीति अगले सात साल यानी 2030 तक प्रभावी रहेगी। पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस की वेबसाइट पर निवेशकों के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म पात्रता प्रमाणपत्र के रूप में मान्य होगा।

पुराने निवेशकों को भी मिलेगा लाभ
पूंजीगत सब्सिडी का लाभ उन पुराने निवेशकों को भी दिया जाएगा जो आतिथ्य इकाइयों का विस्तार करना चाहते हैं। प्रत्येक निवेश परियोजना की अर्हता के लिए निवेश की सीमा पांच करोड़ रुपये से कम नहीं होगी। इसके अलावा 2018 की पर्यटन ऑपरेशनल गाइड लाइन को भी मंजूरी दी गई है। वहीं, ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के ड्रोन शो में जो खर्च हुआ, उसका भुगतान सरकार करेगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

बिना अनुमति पेड़ काटने पर अब जेल नहीं, जुर्माना बढ़ाया
प्रदेश में बिना अनुमति निजी भूमि से पेड़ काटने पर अब कारावास की सजा नहीं होगी। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अधिनियम में पेड़ काटने पर पांच रुपये जुर्माना और छह महीने की सजा का प्रावधान है। इसमें सजा को हटाकर जुर्माने को पांच हजार रुपये प्रति पेड़ कर दिया गया है।

लोनिवि के 38 संविदा जेई ग्राम्य विकास में शामिल
लोक निर्माण विभाग में संविदा पर तैनात 38 कनिष्ठ अभियंताओं को ग्राम्य विकास विभाग में शामिल कर दिया गया है। ये सभी अभियंता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कार्यरत थे। इनकी संविदा समाप्त हो रही थी।

विधवा पुत्र वधू भी अब मृतक आश्रित में शामिल
कैबिनेट ने उत्तराखंड कर्मचारी मृतक सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसके तहत कर्मचारी की पुत्र वधू को भी मृतक आश्रित के लिए पात्र माना गया है। पुत्र की मृत्यु होने पर पुत्र वधू को मृतक आश्रित के तहत नौकरी मिल सकेगी।

और ये भी फैसले हुए
2018 की पर्यटन ऑपरेशनल गाइडलाइन में संशोधन।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में ड्रोन से शो के खर्च को मंजूरी।

गैरसैंण का सर्वागीण विकास सरकार की प्राथमिकता-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को राजकीय इंटर कॉलेज भराड़ीसैंण में सुदृढ़ीकरण, आर्ट-क्राफ्ट कक्ष एवं पुस्तकालय कक्ष का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को फूलदेई पर्व की शुभकामनाएं देते हुए विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण में इस अवसर पर आने के लिए बच्चों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आपके विधानसभा परिसर में आने से वहां एक एक अलग प्रकार की ऊर्जा आ गईं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ होने पर भी बच्चों को शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी छात्र अच्छे अंको से उत्तीर्ण हों ऐसी उनकी शुभकामनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम जो छात्र देखने से रह गए अगर वह अभी भी उसे देखेंगे तो उनका बहुत अच्छा मार्ग-दर्शन होगा। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में ये बच्चे देश-प्रदेश का नाम रोशन करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी इतिहास बनाया वे सब सामान्य स्थिति में पले बढ़े हैं। नई शिक्षा नीति में आज बहुत सारे काम हो रहे हैं। नई शिक्षा नीति लागू करने वाले उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल की निधि से विद्यालय के सामान हेतु 5 लाख रुपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर हम इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित रहे।

भराड़ीसैंण में आयोजित हुआ श्री अन्न भोज

गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान आज कृषि विभाग की ओर से भराड़ीसैंण में श्री अन्न (मिलेट) भोज का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस दौरान मांगल गीत के बीच पहाड़ी व्यंजनों का आनंद लिया।
कृषि विभाग की ओर से आयोजित मिलेट भोज में तमाम पहाड़ी व्यंजन परोसे गए जिनमें कोदे की रोटी, अरसा, झंगोरे की खीर, गैत का फानू, लाल चावल, आलू के गुटके बनाए गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी, वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कृषि मंत्री गणेश जोशी ने एक ही टेबल पर इन तमाम व्यंजनों का आनंद लिया। वहीं, विधायकगण, अधिकारी, कर्मचारियों, मीडिया सहित बडी संख्या में लोग श्री अन्न भोज में शामिल हुए।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों संग भराड़ीसैंण में मनाया लोकपर्व फूलदेई

उत्तराखण्ड के लोक पर्व फूलदेई के अवसर पर गुरूवार को भराड़ीसैंण स्थित मुख्यमंत्री आवास में क्षेत्र के बच्चों ने पारम्परिक मांगल गीतों के साथ रंग-बिरंगे प्राकृतिक पुष्पों की वर्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी को इस पावन पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि किसी भी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लागातार प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को अपनी लोक संस्कृति और लोक पंरपराओं से जोड़े रखने के लिए लोक पर्व फूलदेई को आने वाले समय में संस्थागत तरीके से बाल पर्व के रूप में वृहद स्तर पर प्रति वर्ष मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में मनाया जाने वाला लोकपर्व ‘फुलदेई’ हमारी संस्कृति को उजागर करता है साथ ही यह पर्व पहाड़ की परंपराओं को भी कायम रखे हुए है।
‘‘फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार। यानी यह देहरी फूलों से सजी रहे। घर खुशियों से भरा हो। सबकी रक्षा हो। अन्न के भंडार सदैव भरे रहे। उत्तराखंड में इसे फूल संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन घरों की देहरी को फूलों से सजाया जाता है। घर-मंदिर की चौखट का तिलक करते हुए ’फूलदेई छम्मा देई’ कहकर मंगल कामना की जाती है।’’
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

नवाचार के तहत की होगी शोध एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना

धामी सरकार ने नये शैक्षिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग में तीन नई योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसके लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजट का प्रावधान कर दिया गया है। नई योजनाओं के तहत राजकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अनुसंधान एव ंविकास प्रकोष्ठ की स्थापना, छात्र-छात्राओं को उद्यमिता एवं कौशल विकास का प्रशिक्षण तथा स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुये उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। जिनकी झलक वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में देखने को मिल रही है। राज्य सरकार ने नवीन वित्तीय वर्ष हेतु बजट में उच्च शिक्षा विभाग के लिये कुल रू0 817 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि शोध, उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण घटक हैं जिन्हें इस बजट में सम्मिलित करते हुये राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसी क्रम में नये शैक्षणिक सत्र से उच्च शिक्षा विभाग तीन नई योजनाएं शुरू करने जा रहा है। जिसके अंतर्गत राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिये राज्य अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना हेतु बजट में रू0 2 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। जबकि महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में उद्यमिता, कौशल विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिये 7 करोड़ 11 लाख 95 हजार का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में प्रतिस्पर्धा तथा गुणवत्ता संवर्धन हेतु प्रत्येक संकाय के तीन श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर छात्रवृत्ति देने का भी निर्णय लिया गया है, जिस हेतु वर्तमान बजट में रू 10 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
विभागीय मंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से पूर्व में ही देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता पत्र हस्ताक्षरित किये हैं, जिनमें भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद भी शामिल है जो कि राज्य में अपना एक केन्द्र स्थापित कर उद्यमिता, कौशल विकास व स्टार्टअप संस्कृति को विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा।

संसदीय परपंराओं का अच्छी तरह निर्वहन करने पर वित्त मंत्री की सराहना की

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सत्र के दौरान उनके कक्ष में भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट की सराहना की और विधानसभा सत्र में उनके द्वारा कुशल सत्र संचालन के लिए भी शुभकामनाएं प्रेषित की। इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने वित्त मंत्री को बुराश का फूल भी भेंट किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि किसी भी राज्य का बजट लोगों की आकांक्षाओं से भरा होता है। इसलिए सरकार चाहती है समावेशी विकास जिसमें सभी वर्गों का अधिकतम हित हो ऐसा बजट बनाया जाए। उन्होंने वित्त मंत्री अग्रवाल की सराहना की कि उन्होंने इस ओर विशेष ध्यान दिया है। मोदी सरकार के संकल्प को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने सत्र संचालन को लेकर भी संसदीय कार्य मंत्री अग्रवाल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा सभी सम्मानित सदस्यों को सम्मान देने की रही है, इसका भी संसदीय कार्य मंत्री ने ध्यान रखा है। उन्होंने कहा कि संसदीय परंपराएं सत्र संचालन के दौरान महत्वपूर्ण रहती है इनका पालन किया जाना अत्यंत आवश्यक होता है।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा उनका हौसलावर्धन किए जाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बजट से पूर्व सभी वर्गों से मिलकर सुझाव लिए गए थे, जिनका समावेश बजट में किया गया है। प्रयास रहा है कि हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए बजट बनाया जाए। उन्होंने कहा कि बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है इससे आम जनमानस को बड़ी राहत देने का कार्य किया गया है।

बजट की प्रशंसा कर बोले सीएम, आने वाला समय उत्तराखंड का, मोदी जी के संकल्प को करेंगे पूरा

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शानदार बजट प्रस्तुत किया गया है। प्रधानमंत्री के मंत्र सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा पर आधारित ये बजट संतुलित, समावेशी और सभी वर्गों तक पहुंचने वाला बजट है। ये बजट हमारे सशक्त उत्तराखंड-2025 के संकल्प को पूरा करने वाला बजट है। नए उत्तराखंड के संकल्प का बजट है। इसमें जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है, वहीं कृषि, उद्यान, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और पर्यटन को भी महत्व दिया गया है। इस बजट में युवाओं की भी विशेष चिंता की गई है। रोजगार और स्वरोजगार का परिवेश बनाने पर बल दिया गया है। 50 हजार पॉलीहाउस के लिए बजट में 200 करोड़ का प्रावधान किया है। एप्पल मिशन, कीवी मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
इस बजट का केन्द्रीय बिन्दु है, उत्तराखण्ड का विकास। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने को ध्येय में रखते हुए बजट का निर्माण किया गया है। केन्द्रीय बजट से प्रेरणा लेते हुए विभिन्न आयामों को इस बजट में समेटने का प्रयास किया गया है।
विकास, सस्टेनेबेल विकास, और समावेषी विकास इन शब्दों के इर्द-गिर्द विकास की यात्रा बतायी गयी है। विकास कैसे किया जाना है, विकास की दिशा क्या होगी? इस पर भी यह बजट स्पष्ट हैं।
एक स्पष्ट सोच और गम्भीर चिन्तन बजट में मिलती है। हमारे छात्र, हमारी खिलाड़ी, हमारे युवा, हमारे किसान, हमारे कास्तकार, असंगठित व संगठित क्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति, स्टार्ट अप, उद्योग कारोबारी और हम सब साथ मिलकर उत्तराखण्ड का विकास करेंगे।
उत्तराखंड तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रुप में उभर रहा है। 77 हजार करोड़ से अधिक का बजट है। साथ ही 4309 करोड़ का सरप्लस बजट वित्तीय प्रबंधन की कुशलता को बताता है। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमन्त्री के मार्गदर्शन में ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा।
जोशीमठ को नए स्वरुप में खड़ा करना हमारा संकल्प है। बजट में हमने 1000 करोड़ का प्रावधान किया है। केन्द्र से भी पूरा सहयोग मिल रहा है।
एक बार फिर से शानदार बजट देने के लिए वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल को बहुत बधाई देता हूं।

समावेशी प्रबंधन-राज्य की जनता पर कोई नया कर नहीं, फिर भी आय बढ़ने का अनुमान

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है। पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए सरकार ने कोई कर नहीं लगाया। बजट में सरकार ने 76592.54 राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया है।
राजस्व खाते में 52747.71 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जबकि पूंजीगत कार्यों पर सरकार 24659.37 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पिछले वर्ष की तुलना में यह 21.16 फीसदी अधिक है। बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। वित्तीय वर्ष में 4309.55 करोड़ रुपये का राजस्व सरप्लस संभावित है। गत वर्ष से अधिक 9046.91 करोड़ में राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है।
उत्तराखंड का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 2025 में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में सरकार का यह बजट अहम भूमिका निभाएगा। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए उत्तराखंड के बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सश्क्त उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया है। इसी दिशा में बजट को तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में नंबर वन बनाएंगे। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के निर्यात को सरकार की पहली प्राथमिकता बताई। उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई।

उत्तराखंड के युवा नौकरी देने वाले बनेंगे-वित्त मंत्री
वित्त मंत्री प्रेमचंद ने कहा कि बजट में युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब प्रदेश का युवा नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा। बजट में स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट के मुख्य अंश-
लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए 50 हजार।
बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए 11 करोड़ का प्रावधान
भर्तियों में घोटाला करने वालों के खिलाफ कड़े कानून।
एनसीसी कैडेट का भत्ता बढ़ाया।
पिछड़ी जातियों की छात्राओं के लिए एक करोड़ 90 लाख छात्रवृत्ति का प्रावधान।
2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम।
जी-20 के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
बालिका साइकिल योजना के लिए 15 करोड़ का प्रवाधान।
उत्तराखंड का युवा नौकरी करेगा नहीं बल्कि देगा।
स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान।
चिकित्सा शिक्षा पर विशेष फोकस

इन बिंदुओं पर विशेष जोर-
मानव पूंजी में निवेश पर जोर दिया गया।
समावेशी विकास के तहत अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुंचाना और नए अवसर का उपयोग करने के लिए प्लेटफॉर्म देना।
स्वास्थ्य सुविधाओं की सुविधा।
पूंजीगत व्यय में सार्वजनिक संपत्ति का संवर्धन एव संरक्षण।
निर्बाध एवं सुरक्षित संयोजकता।
प्रोद्योगिक एवं आधुनिक विकास।
इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में संतुलन।
जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान।
स्वरोजगार, शिक्षा, कनेक्टिविटी, हेली कनेक्टिवटी, सौर ऊर्जा, युवा, खेती किसानी, पर्यटन पर जोर।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिलेंगी फ्री किताबें
नवंबर माह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा।