कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कमेटी गठित करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय, देहरादून में उत्तराखंड राज्य में कार्यरत संविदा/सामान्य श्रमिकों को कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम-1948 के अंतर्गत आच्छादित किये जाने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई।

बैठक में उत्तराखंड राज्य में कार्यरत संविदा /सामान्य श्रमिकों को कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम-1948 के अंतर्गत आच्छादित किये जाने के सम्बन्ध में विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री ने सभी पहलुओं पर गहन मंत्रणा करने के पश्चात सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में इसके सभी पहलुओं पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु कमेटी गठित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, ए.डी.जी अमित सिन्हा सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

सीएम ने प्रदेशवासियों को फूलदेई के त्योहार की दी हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री ने सपरिवार धूमधाम से मनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री आवास में रंग बिरंगे परिधानों में सजे बच्चों ने देहरी में फूल व चावल बिखेरकर पारंपरिक गीत ’फूल देई छमा देई, जतुक देला, उतुक सई, फूल देई छमा देई, देड़ी द्वार भरी भकार’ गाते हुए त्योहार की शुरुआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को फूलदेई के त्योहार की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि लोक पर्वों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है।

आईआईटी रुड़की में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा इंडस्ट्री एक्सेलरेटर की स्थापना महत्वपूर्ण पहलः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी उद्योग मंत्रालय भारत सरकार एवं आई. आई. टी रूड़की के मध्य अनुसंधान एवं विकास हेतु ऑटो सेक्टर तथा ई मोबिलिटी के क्षेत्र में उत्कृष्टता एवं उद्योग त्वरक केन्द्र की स्थापना से संबंधित समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू) पर हस्ताक्षर हेतु आयोजित कार्यक्रम में राज्य अतिथि गृह, हरिद्वार से वर्चुअली प्रतिभाग किया।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की एवं भारी उद्योग मंत्रालय, के मध्य हुए इस एमओयू के लिए सभी को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत सरकार की दो महत्वपूर्ण इकाइयों के सहयोग से यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वप्न “विकसित भारत 2047“ के निर्माण की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। आईआईटी रुड़की न केवल उत्तराखंड में, बल्कि पूरे देश में उच्चतम एवं गुणवत्तापरक शिक्षा का प्रतीक ही नहीं, एक बेहतर उच्च तकनीकि संस्थान भी है। यहां के तकनीकि शिक्षा के दक्ष छात्र देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की ने नवाचार के क्षेत्र में हमेशा महत्वपूर्ण कार्य किया है। आईआईटी रुड़की में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा इंडस्ट्री एक्सेलरेटर की स्थापना एक महत्वपूर्ण पहल है जो निसंदेह उत्तराखंड के समग्र विकास तथा नवाचार में योगदान करेगी। उन्होंने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और इंडस्ट्री एक्सेलरेटर हमें न केवल एक ज्ञान निर्भर अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेंगे, बल्कि हमें अनुसंधान के क्षेत्र में भी सहायता करेंगे। उत्कृष्टता केन्द्र उद्योगों में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए सक्रिय रूप से योगदान देगा तथा ऑटोमोटिव क्षेत्र में स्वदेशी समाधानों और उत्पादों के विकास को भी प्रेरित करेगा।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह केंद्र भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और तकनीकि उत्कृष्टता एवं आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और शैक्षणिक पहलों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य हमारे युवा मस्तिष्कों को ऑटोमोटिव और संबंधित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। यह साझेदारी उत्तराखंड के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी प्रगति की ओर महत्वपूर्ण कदम साबित होगा

मुख्यमंत्री ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की पहल के लिए केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडे का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया विजन को नई ऊंचाई तक पहुंचाएगा तथा केंद्र सरकार के सहयोग से हमारी पहल को और भी मजबूत बनाएगा। यह समझौता ज्ञापन निश्चित रूप से उत्तराखंड और भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में भी मददगार होगा।

सामाजिक उत्थान एवं आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मददगार होगा पीएम-सूरज पोर्टलः धामी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पी.एम. सूरज पोर्टल प्रधानमंत्री सामाजिक उत्थान एवं रोजगार आधारित जनकल्याण पोर्टल का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज सभागार में इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सफाई मित्रों (सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों) को पीपीई किट प्रदान की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज के अंतिम छोर में खड़े हुए लोगों तक विकास की धारा पहुंचने, उनके उत्थान में पीएम-सूरज पोर्टल सहायता करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से हमारे राज्य के 490 लाभार्थियों के साथ संवाद का यह प्रयास हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि पीएम-सूरज पोर्टल प्रधानमंत्री के सामाजिक उत्थान एवं रोजगार आधारित जनकल्याण को संदर्भित करता है, इस पोर्टल के माध्यम से समाज का उत्थान होगा एवं रोजगार से जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा, तथा सामाजिक रूप से लाभ से वंचित वर्गों को ऋण सहायता, आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सहायता प्रदान करेगा, इससे समाज में वंचित, दलित, शोषित, पिछड़े और सफाई कर्मी अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के साथ उसका लाभ पा सकें, इससे समाज में सहयोग और सहभागिता बढ़ने के साथ ही समानता और न्याय की भावना भी स्थापित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले 10 सालों में वंचित वर्गों, गरीबों, दलितों, समाज के अंतिम छोर में जो खड़े व्यक्तियों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देकर लगातार काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इन सभी के लिए, इन सबके कल्याण के लिए योजनाएं बनाई गई और वंचितों को वरियता दी है क्योंकि अब भारत में विकसित भारत का जो संकल्प लिया है और विकसित भारत बनने की दिशा में तीव्र गति से अब विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है।

उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि हमारा जो वर्ग उपेक्षित रहा है, वंचित रहा है, समाज के अंतिम छोर में रहा है, उन तक विकास पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गरीब, पिछड़े, आदिवासी, छोटे किसान सहित सभी वर्गों का इसमें ध्यान रखा गया है। पीएम सूरज पोर्टल का शुभारंभ किया जाना इन सभी वर्गों के उत्थान के लिए है जिन्हें हमेशा हासिये पर रखा गया था। उन्होंने कहा कि एससी, ओबीसी, सफाई कर्मचारियों को एक लाख तक का ऋण दिए जाने का काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने अभी सीधे डीबीटी के माध्यम से यह धनराशि अभी ट्रांसफर की है, इसके साथ ही नमस्ते आयुष्मान हेल्थ कार्ड, सेफ्टी टैंक, सीवर आदि की सफाई करने के दौरान सुरक्षा की दृष्टि के लिए पीपीई किट भी प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल यह दर्शाती है कि वह देश के हर वर्ग के उत्थान के लिए चिंतित हैं और उनके उत्थान के लिए हमेशा कुछ न कुछ करना चाहते हैं, उनके परिवार को, उनके बच्चों को, उनके भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं और इस सुविधा का जो लाभ है हर पात्र व्यक्ति को मिले, उसके लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान एक-एक गांव में जगह-जगह विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से अनेक लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है और जो वंचित रह गए थे उन सबको भी विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गांव-गांव पहुंचकर गरीब के दरवाजे पर जाकर लाभार्थियों को सीधे-सीधे लाभान्वित करने का काम किया है। जिन्हें दशकों तक सरकार की तरफ से कोई सभी सुविधा नहीं मिली थी उन सभी के जीवन का बदलने का यह सफल प्रयास रहा हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की ही तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बाबा साहब के प्रेम, सम्मान, समानता के विचारों को आत्मसात करते हुए उसी भावना से सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास इस मूल मंत्र को लेकर निरंतर कार्य किया जा रहा है। हमें भी इस मंत्र को आत्मसात करते हुए शोषित, वंचित, दलित, पिछड़े हैं उनके कल्याण के लिए इस अवसर पर संकल्प लेना होगा कि हम सब उनके उत्थान एवं कल्याण के लिए काम करेंगे। उनकी प्राथमिकता के आधार पर काम करेंगे और जिनको भी सहायता की आवश्यकता है उन तक हर स्तर से हम सहायता पहुंचाने का काम करेंगे, तभी हम विकसित भारत के संकल्प को साकार कर पाएंगे और उत्तराखंड को भी देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में हम आगे बढ़ पाएंगे।

इस दौरान राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, जिला पंचायत अध्यक्ष किरन चौधरी, विधायक मदन कौशिक, आदेश चौहान, प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, कुंवर प्रणब सिंह चौंपियन, डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी प्रमेंद्र डोभाल, सीडीओ प्रतीक जैन, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार, वीसी एचआरडीए अंशुल सिंह, एसडीएम अजयवीर सिंह, लक्ष्मीराज चौहान, एमएनए वरूण चौधरी, दर्जा राज्यमंत्री श्यामवीर सैनी, बीजेपी जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, शोभाराम प्रजापति, पूर्व मेयर मनोज गर्ग सहित जनसमूह उपस्थित था।

नागरिकता संशोधन अधिनियमः किसी भारतीय से नागरिकता नहीं छीनता कानून

नागरिकता संशोधन अधिनियम को केंद्र सरकार द्वारा लागू कर दिया गया है। अलबत्ता, कानून को लेकर समुदाय विशेष के लोगों के मन में कुछ भ्रांतियां व मिथक व्याप्त हैं जबकि यह कानून स्पष्ट कहता है की कानून केवल कुछ विदेशियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है, यह किसी भारतीय से नागरिकता छीनता नहीं है। यह उन हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई एवं पारसियों को नागरिकता प्रदान करने का मुद्दा है जो उत्पीड़न का सामना करके अपने-अपने देशों से आए हैं।
दीगर है कि भारत के विभाजन की पूर्व संध्या पर, यह आशा की गई थी कि भारत और पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक नागरिकों को नागरिक अधिकार और सम्मान का जीवन मिलेगा। इसमें धर्म और परंपरा पर उनके अधिकार शामिल थे। हालांकि, अफगानिस्तान, पाकिस्तान या बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं की गई। ऐतिहासिक नेहरू-लियाकत समझौते को दिल्ली समझौते के रूप में भी जाना जाता है, जिस पर 8 अप्रैल, 1950 को भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें कहा गया था कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को राजनीतिक या अन्य कार्यालयों में तैनात होने और अपने देश के नागरिक और सशस्त्र बलों में सेवा करने के लिए सार्वजनिक जीवन में भाग लेने का समान अवसर दिया जाएगा। ।

’इसलिए उतपन्न हुई नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की आवश्यकता’

दिल्ली समझौते में कहा गया कि वे अपनी धार्मिक प्रथाओं का पालन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। भारत ने अपना वादा निभाया, लेकिन हमारे पड़ोसी अपने वादे निभाने में विफल रहे। पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या 22 से घटकर 7ः हो गई है। वहीं, भारतीय अल्पसंख्यकों की आबादी 23 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में गैर- मुस्लिम अल्पसंख्यकों की कमजोर स्थिति को उजागर करता है। जबकि, भारत में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सीईसी और सीजेआई जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर मुस्लिम समुदाय के लोग रहे हैं। लेकिन, तीनों पड़ोसी देश अपने अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों का सम्मान करने में विफल रहे। इसलिए, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की आवश्यकता उत्पन्न हुई।

’भारत से सटे तीन देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्या के समाधान के लिए लाया अधिनियम’

अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत से सटे इस्लामिक मान्यता वाले देश हैं। अफगान संविधान का अनुच्छेद 2 इसे एक इस्लामिक राज्य बनाता है। इसी प्रकार बांग्लादेशी और पाकिस्तानी संविधान भी यही घोषणा करते हैं। भारत-पाकिस्तान की सीमा 3,323 किलोमीटर, भारत-बांग्लादेश की सीमा 4,096 किलोमीटर और भारत-अफगानिस्तान की सीमा 106 किलोमीटर है। हमारी भौगोलिक सीमा से सटे तीनों देशों की कानूनी व्याख्या अलग-अलग हो सकती है लेकिन ये एक तरह से इस्लामिक राज्य हैं। किसी भी इस्लामी राज्य/गणराज्य में रहने वाले मुसलमानों पर किसी भी धार्मिक आधार पर अत्याचार की उम्मीद नहीं की जा सकती। हालांकि, उस राज्य के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है। यह अधिनियम भारत की भूमि सीमा से सटे इन तीन देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों की समस्या के समाधान के लिए लाया गया है। सीएए इन धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके सभी पिछले दस्तावेजों को नजरअंदाज करके नागरिकता देकर इन सभी देशों में किए गए धार्मिक उत्पीडन को खत्म कर रहा है।

’अतीत में नहीं उठाया गया कोई सवाल’

आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 में समाप्त होने वाली 5 साल की अवधि में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 560 से अधिक मुस्लिम शरणार्थी भारत आए हैं। इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि भारतीय कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। इसके अलावा, नागरिकता संशोधन अधिनियम स्थायी समिति, संयुक्त समिति आदि से होकर गुजरा था, जिससे लोकतांत्रिक संसदीय प्रक्रिया का सम्मान हुआ। अतीत में भी, युगांडा और श्रीलंकाई शरणार्थियों को नागरिकता देने के भारत के संप्रभु निर्णय पर धार्मिक आधार पर कोई सवाल नहीं उठाया गया था, न ही 1971 में, जब बांग्लादेशी शरणार्थियों को नागरिकता दी गई थी, तब कोई सवाल उठाया गया था। सीएए द्वारा संहिताबद्ध किए जाने वाले ऐसे मानवीय कार्यों पर अब ऐसे सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए।

’कानून अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं’

यह गलत धारणा है कि यह कानून अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। हालाँकि, इस देश के मुसलमानों के लिए चिंता का सवाल नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे नागरिक हैं और बने रहेंगे, उन्हें कोई परेशान नहीं कर सकता। सीएए एक प्रासंगिक प्रश्न कि, ष्क्या भारत द्वारा दुनिया में कहीं से भी किसी भी अवैध मुस्लिम प्रवासी को नागरिकता दी जानी चाहिए?ष् का नकारात्मक उत्तर देता है । सीएए उन विशिष्ट वर्गों के लिए है, जिनके पास अपने धर्मों के लिए अनुकूल माहौल नहीं है और वे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश तीन देशों में प्रताड़ित हो रहे हैं।

’भारतीय संविधान की भावना का प्रतीक है सीएए’

सीएए भारतीय संविधान की भावना का प्रतीक है। इसलिए भारतीय मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। इस कानून से किसी भी अल्पसंख्यक, खासकर मुस्लिम भाई-बहनों को कोई नुकसान नहीं होता है, क्योंकि यह कानून केवल कुछ विदेशियों को नागरिकता देता है, किसी भारतीय से नागरिकता छीनता नहीं है। किसी की नागरिकता छीनने का सवाल ही नहीं उठता। यह उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसियों को नागरिकता देने का मुद्दा है जो उत्पीड़न का सामना करके अपने-अपने देशों से आए हैं। अधिनियम के तहत, नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 2(1)(बी) में प्रावधान है कि जो प्रवासी बिना पासपोर्ट, वीजा और यात्रा दस्तावेजों के भारत आते हैं, या जिनके पासपोर्ट और वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी है, उन्हें अवैध प्रवासी माना जाता है। लेकिन अब, 06 श्रेणियों, अर्थात् हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई, जो तीन देशों अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आते हैं, को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा। नागरिकता अधिनियम की एक नई धारा 6 (बी) में प्रस्ताव है कि यदि धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोग निर्दिष्ट शर्तों को अपनाकर अपना पंजीकरण कराते हैं, तो वे नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, यदि ऐसे प्रवासी नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 या तीसरी अनुसूची की शर्तों को पूरा करने के बाद नागरिकता प्राप्त करते हैं, तो उन्हें उस तारीख से नागरिकता दी जाएगी जिस दिन वे भारत में आए थे। कई शरणार्थी 31 दिसंबर 2014 से पहले आए हैं, उन सभी को उनके आने की तारीख से नागरिकता मिल जाएगी।

किसानों की नहर में सिंचित जमीन पर आपासी बंद करने को दी स्वीकृति


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के तहत उत्तर प्रदेश की भांति उत्तराखण्ड के किसानों की नहर से सिंचित जमीन पर आपासी बन्द किये जाने को स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेविका कर्मचारी यूनियन, आंगनबाड़ी कार्यकत्री/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन, आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन, उत्तराखण्ड भोजन माता कामगार यूनियन की प्रमुख मांगों पर विचार करने हेतु अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित किये जाने की भी सहमति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने आंचल ब्रांड के तहत आंचल शहद एवं आंचल इनामी योजना का किया शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे ऑफ इण्डिया स्टेडियम, हाथीबड़कला, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए राज्य पशुधन मिशन योजनान्तर्गत लाभार्थियों को चेक वितरण किए। उन्होंने आंचल ब्राण्ड के तहत आंचल शहद एवं आंचल इनामी योजना का भी शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भराड़ीसैंण में बद्री गाय ट्रेनिंग सेण्टर खोले जाने एवं दुग्ध उत्पादको हेतु दुग्ध दरों में एक रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसान और पशुपालक देश, राज्य के विकास की नींव होते हैं। राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। किसानों और पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी करने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राज्य पशुधन मिशन योजना शुरु की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर कार्य कर रही है साथ ही अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचकर उनका उत्थान एवं सशक्तिकरण सुनिश्चित करने को संकल्पित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अगले दो वर्ष में दुधारू पशुओं, खच्चर, भेड़-बकरी, सूकर और मुर्गी पालन की लगभग 4500 इकाईयों की स्थापना हेतु ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह योजना सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में पारिवारिक पोषण और आजीविका को सुरक्षित बनाने के साथ ही पलायन को रोकने में भी मील का पत्थर साबित हुई है। छोटे स्तर पर पशुपालन करने वाले किसानो की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई अभूतपूर्व योजनाएं शुरु की हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार गोट वैली योजना संचालित की जा रही है जिसके जरिए लगभग 1500 लाभार्थियों को एन०सी०डी०सी० के ऋण सहित लगभग 17 हजार से अधिक बकरियाँ वितरित की गई हैं। पोल्ट्री वैली तथा ब्रायलर फार्म की स्थापना करते हुए राज्य के कुक्कुट पालकों को कुक्कुट पालन व्यवसाय हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके तहत 10 जिलों में 4000 कुक्कुट पालकों को लाभान्वित किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भी किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। देश में पहली बार “नेशनल डिजिटल लाईवस्टेक मिशन योजना“ उत्तराखण्ड से प्रारम्भ की है। वर्तमान में राज्य के 95 प्रतिशत पशुधन को यूआईडी नम्बर प्रदान कर भारत पशुधन ऐप के माध्यम से पंजीकरण कर लिया गया है। केंद्र सरकार की सहायता से 60 मोबाईल वेटनरी यूनिटों के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा, टीकाकरण, रोग परीक्षण आदि सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक सवा लाख से अधिक पशुओं की चिकित्सा मोबाईल वेटनरी यूनिट के माध्यम से संपादित की जा चुकी हैं और 60 पशु चिकित्सकों के साथ-साथ 120 अन्य लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस वर्ष 35 और मोबाईल वेटनरी यूनिट स्थापित कर राज्य के सभी 95 विकासखण्डों में पशु चिकित्सा एवं पशु प्रजनन सेवाएँ सुनिश्चित करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा संचालित “राष्ट्रीय गोकुल मिशन“ योजना के तहत देहरादून में स्वदेशी गोवंशीय प्रजातियों हेतु प्रथम बार भ्रूण प्रत्यारोपण उत्कृष्ठता केंद्र स्थापित किया गया है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कार्यक्रम में पशुपालन के महत्त्व पर प्रकाश ड़ालते हुए कहा कि बिना पशुपालन के क़ृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है तथा जैविक खेती का मूल आधार भी पशुपालन ही है। उन्होंने सरकार की उपलब्ध्यिं का जिक्र करते हुये कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों में पांच हजार से अधिक नियुक्तियां की गयी हैं, नकल विरोधी कानून को सख्ती से लागू किया गया है तथा 100 करोड़ की लागत से सैन्यधाम बनकर लगभग तैयार हो गया है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये पशुपालन, दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि हमने जितनी भी नीतियां पशु पालन विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत कीं, उन्हें उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। जिसके परिणामस्वरूप आठ नई नीतियां बनाई गयीं, उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में पहली बार लाइव स्टॉक मिशन की स्थापना की, जिसके तहत 1800 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें से 185 आवेदनों के लिये चार करोड़ आठ लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी तथा हमारा प्रयास है कि जितने भी आवेदन आये हैं, उन्हें भी इसके तहत लाभान्वित किया जाये। उन्होंने कहा मूल रूप में पशुधन राज्य की आर्थिकी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस अवसर पर गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र अंथवाल, अध्यक्ष ग्रामीण बैंक हरिहर पटनायक, निदेशक पशुपालन नीरज सिंघल, अपर निदेशक पी.एस भण्डारी, नीरज बोरा, लाभार्थीगण सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सचिवालय में हाउस ऑफ हिमालयाज के ई कॉमर्स पोर्टल का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाउस ऑफ हिमालयाज के ई कॉमर्स पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने हाउस आफ हिमालय पर आधारित वीडियो एवं वेब पोर्टल का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन्वेस्टर समिति के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड का शुभारंभ किया गया था। उन्होने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों का एक ब्रांड है, जिसे हम सबने मिलकर देश के साथ पूरे विश्व में पहुंचाना है। उन्होंने कहा इसका ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार होने से यह निश्चित ही जन जन तक पहुंचेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड महज एक ब्रांड नहीं अपितु राज्य में हजारों मातृ शक्ति की आजीविका का साधन है तथा विभिन्न स्वयं सहायता समूह एवं उनके उत्पाद इससे जुड़े हैं। उन्होंने कहा हाउस आफ हिमालयाज से निश्चित ही स्थानीय उत्पादों को पंख लगेंगे।

सचिव राधिका झा ने हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि प्रथम चरण में 21 उत्पादों को हाउस ऑफ़ हिमालयाज में लिया गया है। साथ ही तीन लेवल पर उत्पादों का क्वालिटी चेक किया जा रहा है। उन्होंने बताया वेब पोर्टल में विभिन्न उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी गई है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, राधिका झा, सचिव पंकज पांडे, सचिव अरविंद हयांकी, सचिव नीरज खैरवाल, सचिव दीपेंद्र चौधरी, अपर सचिव मनुज गोयल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

लखनऊ-देहरादून के बीच नई वंदे भारत ट्रेन का पीएम मोदी ने किया शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद से 85,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने लखनऊ-देहरादून के बीच नई वंदे भारत ट्रेन, उत्तराखंड के दो स्टेशनों ( काशीपुर, ऋषिकेश) पर जन औषधि केंद्र एवं उत्तराखंड के विभिन्न रेलवे स्टेशनो के “एक स्टेशन एक उत्पाद स्टॉल’ का वर्चुअल रुप से शुभारंभ किया। जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रेलवे स्टेशन, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में भौतिक रूप से प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री का देहरादून-लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेन की सौगात देने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “वंदे भारत“ ट्रेन, प्रधानमंत्री के प्रगतिशील और आत्मनिर्भर भारत के विजन का साक्षात उदाहरण है। आज देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। स्वदेश में निर्मित भारत की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन “वंदे भारत“ उभरते हुए भारत की बुलंद तस्वीर को प्रदर्शित करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव है। केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। उत्तराखंड में रेलवे के विस्तार हेतु 5,120 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छह स्टेशनों के पुनर्विकास का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी देवभूमि की हर मांग को पूरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एयर कनेक्टीविटी, रोपवे, सड़क, रेल, परिवहन पर निरंतर कार्य हो रहा है। देहरादून से अयोध्या, पंतनगर से वाराणसी के लिए वायुयान के संचालन की मांग पूरी हो गई है। टनकपुर से देहरादून के मध्य ट्रेन संचालन की मांग भी पूरी हो गई है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन बनते ही दुर्गम पहाड़ों में ट्रेन संचालन होना हर उत्तराखण्डी के लिए गर्व की बात होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा वोकल फॉर लोकल पर आधारित ‘एक जनपद दो उत्पाद’ का संचालन प्रदेश के सभी 13 जनपदों में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ रेलवे के द्वारा शुरू किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, कुम्हार, बुनकरों और शिल्पकारों को आजीविका के अवसर प्रदान होंगे और प्रत्येक दुकान से कम से कम चार से पांच लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। इसके साथ ही देवभूमि के दो स्टेशनों पर जन औषधि केंद्र का शुभारंभ होने से यात्रियों को सस्ती दरों पर दवाएं मिल सकेंगी। केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है।

इस दौरान राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, सुनील उनियाल गामा, डीआरएम आर.के सिंह, संबन्धित पदाधिकारी अधिकारी उपस्थित थे।

जल जीवन मिशन के तहत चल रहे प्रोजेक्ट्स को 2024 जून तक पूर्ण करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वर्तमान में जल जीवन मिशन के तहत संचालित सभी प्रोजेक्ट्स को जून 2024 तक पूर्ण करने की डेडलाइन सम्बन्धित अधिकारियों को दी है। सीएस ने सभी 13 जिलों में शत् प्रतिशत एफएचटीसी (फंक्शनल हाउसहॉल्ड टेप कनेक्शन) कवरेज पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषरूप से स्कूलों में पेयजल, बेसिन के साथ ही शौचालयों में जलापूर्ति के सौ फीसदी लक्ष्य को पूरा करने की डेडलाइन भी अधिकारियों को दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने देहरादून तथा टिहरी जनपदों में 500 गांवों को स्वच्छ सुजल ग्राम बनाने के पायलट प्रोजेक्ट पर तत्परता एवं गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत सहभागी स्प्रिंग शेड प्रबन्धन (जल स्रोत संरक्षण/पुर्नजीवीकरण ) तथा जल आपूर्ति योजनाओं की दीर्घकालीन सत्तता के माध्यम से देहरादून एवं टिहरी जनपदों के 500 गांवों को मॉडल वॉश विलेज बनाना है। सीएस ने जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग को भी टाइमबाउण्ड करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जल जीवन मिशन (एसडब्ल्यूएसएम तथा डीडब्ल्यूएसएम ) के कर्मचारियों के मूल्यांकन के आधार पर वेतन वृद्धि के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के तहत जल जीवन मिशन की चतुर्थ शीर्ष समिति की बैठक सचिवालय में सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य में जल जीवन मिशन के अपडेट के बारे में बताया गया कि उत्तराखण्ड में एफएचटीसी (फंक्शनल हाउसहॉल्ड टेप कनेक्शन) कवरेज 92.75 प्रतिशत है। राज्य के पांच जिलों में एफएचटीसी कवरेज 99 प्रतिशत से अधिक है। चार जिलों में 90 से 99 प्रतिशत है तथा अन्य चार जिलों में 80 से 90 प्रतिशत है।

बैठक में सचिव अरविन्द सिंह हयांकी, अपर सचिव डा0 अहमद इकबाल, नितिन भदौरिया एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।