सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर मुख्य सचिव ने ली जिलाधिकारियों की वर्चुअल बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सरकारी संपत्तियों से अतिक्रमण हटाए जाने के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए उसका चिन्हांकन किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी भूमि के चिन्हांकन के साथ ही भूमि के रिकॉर्ड ठीक करने के लिए भी अलग से टीम लगाई जाए। उन्होंने कहा कि जिस सरकारी भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है, उस भूमि को सुरक्षित रखने के लिए सीमांकन आदि का कार्य पूर्ण करा लिया जाए। जिन भूमियों पर अतिक्रमण हो चुका है, उन्हें खाली करवाया जाए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अतिक्रमण फिर से न हो सके। भूमियों पर अतिक्रमण न हो इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि किसके नाम दर्ज है, यह देखने के लिए पिछले 60, 70 या 80 वर्षों के रिकॉर्ड की भी जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भूमि का रिकॉर्ड के लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा। आगे से इसी पोर्टल पर भूमि की सम्पूर्ण जानकारी अपलोड की जाएगी।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से सरकारी भूमि के चिन्हांकन में आ रही समस्याओं के सम्बन्ध में भी जानकारी ली एवं इनके निराकरण के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए डिजिटल मैप तैयार किए जाएं। फोटो एवं वीडियो के माध्यम से लगातार अतिक्रमण रोकने के प्रयास किए जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं अपर सचिव नितिन भदौरिया सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

यूसीसी को लेकर सीएम का बड़ा बयान, इसी वर्ष होगा लागू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.एस.बी.टी. के समीप स्थित होटल में आयोजित बढ़ता अत्तराखण्ड उभरता उत्तराखण्ड कार्यक्रम में राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में एक पार्टी की सरकार दुबारा न चुनने का मिथक टूटा है यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं देवतुल्य जनता का हमारे लिये आशीर्वाद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये 2022 के चुनाव में जनता से वादा किया था। सरकार के गठन के बाद हमने पहला निर्णय इस संबंध में कमेटी गठन का किया। कमेटी ने 2.33 लाख लोगों से सुझाव लेने तथा तमाम संगठनों, संस्थाओं के साथ राज्य की तमाम जनजातियों के भी सुझाव कमेटी ने लिये है। देश के अन्दर समान नागरिक कानून होना चाहिए। यह जनता की मांग रही है इसकी शुरूआत उत्तराखण्ड से होगी। संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत हम इसी साल राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे।
उन्होंने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों पहाड के काम आये इस पर कार्य किया जा रहा है। टिहरी डैम बांध, पानी व बिजली देने का कार्य कर रहे है। युवाओं को स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं से जोडा जा रहा है। राज्य के युवा देश व प्रदेश में अपनी प्रतिभा का परिचय दे रहे है। अब प्रदेश में रिवर्स पलायन की ओर युवा लौट रहे है। कोरोना के बाद हमारे लोग अपने क्षेत्रों में स्वरोजगार पर ध्यान दे रहे है। राज्य का पलायन आयोग भी इस दिशा में कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियां राज्य के विकास में बाधा न बने इसे ध्यान रखते हुए पहाड और मैदानी क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार नीतियां बनाई जा रही है। राज्य ने हाल ही में राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए 27 क्षेत्रीय नीतियां बनाई गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश हिमालय की गोद में बसा है, हम इसे सुरक्षित रखने का कार्य कर रहे है। जोशीमठ की आपदा के बाद प्रदेश के शहरों की धारण क्षमता का आकलन कर इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय बनाकर योजना बनायी जा रही है। आपदा के प्रभावों को कम करना हमारा उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य 71 प्रतिशत वन भू-भाग वाला है। वन क्षेत्र के साथ अन्य सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया जा रहा है। 3 हजार हैक्टेयर वन भूमि पर से अतिक्रमण हटाये गये है। जो भी निर्माण अतिक्रमण की जद में आये है वे तोडे जा रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सब आपसी भाई चारे से रहते है। राज्य में धर्मांतरण घुन की तरह लगा था। धोखे और लालच देकर मनगढ़ंत बातों से धर्मांतरण का कार्य हो रहा था। इसे रोकना देवभूमि का मूल स्वरूप बनाये रखने के लिये जरूरी है। देव भूमि के प्रति देश विदेश के लोगों की श्रद्धा रही है। गंगा, यमुना धर्म आध्यात्म की इस भूमि का स्वरूप बना रहना देश हित में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड शान्त प्रदेश है, कानून व्यवस्था अच्छी है। बिना पहचान और वेरिफिकेशन से लोग यहां आकर अवैध रूप से बस रहे है। इससे हो रहे डेमोग्राफिक चेंज को देखना भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जायेगी। अतिक्रमण हटाने में किसी प्राकर का पक्षपात नही हो रहा है। कोई भी किसी मजहब, जाति, धर्म, पंथ का हो सबके साथ समान व्यवहार किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य की जरूरतों के हित में कानून बनाये है। युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। पहले इसकी जांच नहीं हो पाती थी। अब हमने इसकी गहराई से जांच कर 80 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है। देश का सख्त कानून बनाकर कड़ी सजा का प्राविधान किया है। नया माहौल बनाकर नकल रोकने का परिणाम हुआ कि अब युवा कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल हुए है। इससे अभिभावकों को भी संतोष हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले लोग यहां से अच्छा अनुभव लेकर जा रहे है। उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले इसका ध्यान रखा गया है। अब तक 38 लाख यात्री तथा कांवड यात्रा में 4.15 करोड श्रद्धालु आये । ऋषिकेश हरिद्वार कॉरिडोर की डीपीआर तैयार की जा रही है। विकास नगर के समीप यमुना नदी किनारे स्थित पौराणिक स्थल हरिपुर का पुनरुद्धार कर वहां भी यमुना की आरती की व्यवस्था की जायेगी। अपने समृद्ध इतिहास में उल्लिखित नगरों के विकास पर हमारा ध्यान है। हमें राज्य में आने वाले करोडो पर्यटकों, श्रद्धालुओं की भी व्यवस्था करनी होती है। इसके लिये राज्य के संसाधनों को बढावा देने के लिये भी हम प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने चंद्रयान 3 के लैंड़िग स्थल को प्रधानमंत्री ने शिवशक्ति स्थाल घोषित करने पर उनका आभार जताया। यह भारत की विज्ञान एवं तकनीकि दक्षता का प्रतीक है। चंद्रयान 2 के समय जो कमी रह गयी थी उनके सफल नेतृत्व में चंद्रयान 3 के रूप में बडी सफलता देश को मिली है। अब चंदा मामा दूर के नहीं हमारे घर के हो गये है। उन्होंने कहा कि हमारे लोग मुजफ्फरनगर काण्ड, खटीमा और मसूरी गोलीकांड को नहीं भूल सकते है। इसके लिये दोषी लोगों के व्यवहार से राज्य की जनता कभी भूल नहीं सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता केन्द्र एवं राज्य सरकार के कार्यों पर 2014 व 2019 के चुनावों की भांति 2024 के चुनावों में भी राज्य की जनता का आशीर्वाद हमें मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से कर्म और मर्म का संबंध है।

एसीएस ने मुख्यमंत्री कार्यालय हेतु गठित समन्वय समिति की बैठक

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ग्लोबल इनवेस्टर समिट के आयोजन हेतु मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय हेतु गठित समन्वय समिति की बैठक ली।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन तथा रोजगार सृजन के उद्देश्य से ‘उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023’ माह दिसम्बर 2023 में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए समस्त सम्बंधित विभागों को प्रभावी समन्वय के साथ मिशन मोड पर कार्य करना होगा।

बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक ए पी अंशुमान, विशेष आमंत्रित सदस्य पराग गुप्ता (सेवानिवृत आईएएस ), सौजन्या, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक आशिष त्रिपाठी व मुख्यमंत्री कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जरूरतमंद विद्यार्थियों को लायंस क्लब डिवाइन ने वितरित किए शूज

लायंस डिवाइन ऋषिकेश द्वारा आज श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश में विद्यार्थियों को जूते वितरित किए गए।

क्लब संस्थापक ललित मोहन मिश्र व अध्यक्ष विकास ग्रोवर ने बताया कि इस वर्ष हुई भारी बारिश के कारण जिन बच्चों के पास जूते नहीं थे उनको विद्यालय आवागमन में बहुत ही कठिनाई हो रही थी तथा कुछ ही समय पश्चात शीतकाल का भी आगमन होने वाला होने वाला है इसी के दृष्टिगत क्लब द्वारा आज विद्यालय में जूते वितरित किए गए हैं विद्यालय आकर यह ज्ञात हुआ कि कुछ और बालिकाओं को भी जूतों की आवश्यकता है उन्हें भी क्लब अगले सप्ताह जूते प्रदान करेगा।

बताया कि क्लब लगातार विद्यालयों में जरूरतमंद विद्यार्थियों को सामान उपलब्ध करा रहा है इसी कड़ी में वाले समय में भी क्लब विद्यालयों में सामान उपलब्ध कराता रहेगा।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत, पंकज त्रिपाठी, कृतपाल, संस्थापक लायन ललित मोहन मिश्र, लायन महेश किंगर, सचिव विनोद बिष्ट, कोषाध्यक्ष विनीत चावला, जगदीश पनेसर, प्रभजोत सिंह, कुमार गौतम, मुकेश अग्रवाल, अनिरुद्ध गुप्ता आदि उपस्थित थे।

प्रभावित परिवारों को मंत्री अग्रवाल ने राशन किटें वितरित कीं

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने भारी बारिश से जलमग्न हुए प्रभावित परिवारों को राशन किटें वितरित की। इस दौरान डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार आपदा की घड़ी में प्रभावितों के साथ है। कहा कि प्रभावितों को सरकार अहेतुक राशि भी दे रही है।

चंद्रेश्वर नगर में राशन किटें (तेल, आटा, दालें, चावल, मसालें, चीनी) वितरित करते हुए डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मॉनिटरिंग कर रही है, प्रभावितों के नुकसान का भी सर्वें करवा रही है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि प्रभावित परिवारों को राशन की सुविधा मुहैया करा रही है। उन्होंने कहा कि आपदा में सभी धैर्य रखें। अधिकांश प्रभावित क्षेत्रों में लगातार पानी की निकासी कर दी गई है। साथ ही जहां शेष है, वहां कार्य गतिमान है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि प्रभावितों के लिए लगातार मेडिकल की टीमें भी भेजी जा रही है। साथ ही नगर निगम को फॉगिंग और ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के भी निर्देश दिए गए है।

इस मौके पर मंडल अध्यक्ष सुमित पंवार, जिला कार्यालय प्रभारी देवदत्त शर्मा, पार्षद प्रतिनिधि किशन मंडल, पार्षद शिव कुमार गौतम, माधवी गुप्ता, जगावर सिंह, सीमा रानी, जितेंद्र प्रसाद, संदीप साहनी, राहुल आदि उपस्थित रहे।

अपुणि सरकार पोर्टल से राज्य के नागरिकों को मूल्यवान सुझाव मिल रहेः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में सचिव सूचना प्रौद्योगिकी शैलेश बगोली एवं निदेशक आई.टी.डी.ए. नीतिका खण्डेलवाल ने भेंट की। उन्होंने राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेन्सी (आई.टी.डी.ए.) को इंदौर में आयोजित 26वीं ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में अपुणी सरकार पोर्टल को नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड 2023 के साथ प्रदान किये गये रजत पदक एवं ट्रॉफी मुख्यमंत्री को भेंट की। इस अवॉर्ड के अंतर्गत ट्रॉफी एवं 5लाख का पुरुस्कार भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य का अधिकतर भू-भाग पर्वतीय क्षेत्र के अन्तर्गत आने से पर्वतीय क्षेत्रों में आम नागरिकों को जन केन्द्रित सेवाओं को प्राप्त करने हेतु दूर-दराज के पर्वतीय क्षेत्रों से कस्बों/जनपदो में आना पडता था। इससे आम नागरिकों को काफी असुविधा होती थी तथा इसमें समय एवं धन का भी व्यय होता था। इसका ध्यान रखते हुए, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) को एक एकीकृत पोर्टल “अपणि सरकार“ को विकसित करने का लक्ष्य दिया गया था। वर्तमान में 575 नागरिक-केंद्रित सेवाएँ इसके माध्यम से प्रदान की जा रही हैं। समय पर सेवा प्रदान करना, आवेदन स्थिति की ट्रैकिंग, डिजिलॉकर के साथ एकीकृत प्रमाणपत्र, व्यक्तिगत नागरिक डैशबोर्ड, और अनुकूलनीय अधिकारी डैशबोर्ड जैसी सुविधाऐं इस पोर्टल में सामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल से नागरिकों और अधिकारियों को मूल्यवान सुझाव प्रदान करने के साथ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अपुणी सरकार ई-पोर्टल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलना हम सबके लिये सम्मान की बात है। यह पुरस्कार राज्य में ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में की जा रही पहल को और गति प्रदान करने में भी सहायक होगा। यह पोर्टल “आपणो स्कूल अपणु प्रमाण“ और ‘‘डोर स्टेप डिलीवरी’’ जैसे नवाचार सेवाओं और पहुँच को और बढ़ावा देने के साथ “अपणि सरकार“ पोर्टल उत्तराखंड सरकार को अपने नागरिक को सुरक्षित, कुशल एवं पारदर्शी नागरिक केंद्रित सेवाओ को फेसलेस, कैशलेस एवं पेपरलेस प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान करने की सुविधा प्रदान कर रहा है। इन्ही सब विशिष्टताओं के साथ इस पोर्टल को नागरिक केन्द्रित सेवायें प्रदान करने में उभरती हुई प्रौद्योगिकी में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल पायी है। इससे राज्य में ई-गवर्नेंस को बढावा देने में और अधिक सहायता मिल सकेगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूडी, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, अपर निदेशक गिरीश गुणवंत, संयुक्त निदेशक राम स्वरूप उनियाल आदि उपस्थित थे।

स्वास्थ्य मंत्री बोले, वार्डों में एनएमसी मानकों के अनुरूप तैनात होंगे चतुर्थ श्रेणी कार्मिक

राज्य में राजकीय मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था को आउट सोर्स के माध्यम से मजबूत किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके साथ ही विभिन्न वार्डों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की तैनाती एनएमसी मानकों के अनुसार की जायेगी। मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिये शीघ्र ही ई-ग्रंथालय की सुविधा प्रारंभ की जायेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के सभाकक्ष में सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध चिकित्सालयों में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये आउट सोर्स सेवाएं लेने का निर्णय लिया गया। इसके लिये चिकित्सा शिक्षा निदेशालय प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध करायेगा। इसके उपरांत शासन की अनुमति के उपरांत सभी मेडिकल कॉलेज सफाई व्यवस्था के लिये आउट सोर्स सेवाएं ले सकेंगे। इसी प्रकार सम्बद्ध चिकित्सालयों के सभी वार्डों में एनएमसी मानकों के अनुरूप चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की तैनाती सुनिश्चित की जायेगी ताकि मेडिकल कॉलेजों में आने वाले सभी मरीजों को 24 घंटे वार्ड ब्वाय की सेवा उपलब्ध हो सके। इसी प्रकार मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को देश-विदेश के बेहतर लेखकों के पाठ्य पुस्तकों एवं शोध पत्रों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराने के लिये मेडिकल कॉलेजों में शीघ्र ई-ग्रंथालय की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस संबंद्ध में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को शीघ्र ई-ग्रंथालय की सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिये गये हैं जिसका विधिवत शुभारम्भ इसी सत्र के शुरू होने के साथ ही कर दिया जायेगा। उन्होंने प्रदेश के पिथौरागढ़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, श्रीनगर व देहरादून मेडिकल कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्यों से संबद्ध कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारयों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि मेडिकल छात्रों के छात्रावासों में सफाई से लेकर बेहतर पढ़ाई का माहौल उपलब्ध कराने के लिये कॉलेज प्रशासन को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार, कुलपति मेडिकल विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द्र, अपर सचिव स्वास्थ्य शिक्षा नमामि बंसल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, केजीएमसी लखनऊ के प्रो. सूर्यकांत सहित पिथौरागढ़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, हरिद्वार, श्रीनगर के प्राचार्य एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी व विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

उच्च शिक्षा में नौकरी के लिए चयनित अभ्यर्थियों को सीएम ने दिए नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में उच्च शिक्षा विभाग में कनिष्ठ सहायक के पद पर 43 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। मुख्यमंत्री ने चयनित 17 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। शेष सभी अभ्यर्थियों को भी उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी चयनित अभ्यर्थी अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने आप सभी को सेवा का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बेहतर कार्यशैली से सभी राज्य के विकास में योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कार्य करने के लिए समय प्रबंधन का विशेष ध्यान रखना होगा। टाइम टेबल के हिसाब से अपनी दिनचर्या बनानी जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके लागू होने के बाद सभी भर्ती परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई है। इस कानून के लागू होने के बाद से राज्य में 05 लाख से अधिक लोग प्रतियोगी परिक्षाएं दे चुके हैं। योग्य अभ्यर्थियों का कई परीक्षाओं में चयन भी हो रहा है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे सभी अभ्यर्थियों से पूरे मनोयोग से तैयारी करने को कहा है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगौली, अपर सचिव डॉ. आशीष श्रीवास्तव एवं उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री की कलाई पर प्रदेशभर से आई महिलाओं ने बांधा रक्षा सूत्र

मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित रक्षाबंधन समारोह में प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रक्षा सूत्र बांधा। इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा बंधन भाई-बहन के पवित्र बंधन का त्योहार है। रक्षाबंधन महिलाओं के सम्मान का भी पर्व है। उन्होंने कहा कि यह पर्व पौराणिक एवं सांस्कृतिक महत्व का पर्व भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी नारीशक्ति ने अपने कार्यों और आत्मविश्वास से स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। राज्य में महिला सशक्त बहना उत्सव योजना शुरू की गई है। आज हर क्षेत्र में हमारी मातृशक्ति का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। राज्य में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड के विकास में मातृशक्ति की अहम भूमिका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कार्य हो रहे हैं। उनके नेतृत्व में देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया। प्रधानमंत्री ने देश के सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि अपनी धार्मिक यात्रा का 05 प्रतिशत व्यय स्थानीय एवं महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गये उत्पादों पर अवश्य खर्च करें। इससे हमारे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछले 09 सालों में देश में गरीबों के लिए 04 करोड़ से अधिक आवास बनाये गये। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में राज्य में जिन लोगों को आवास मिले उन्हें राज्य सरकार द्वारा घर में बर्तन एवं अन्य सामग्री खरीदने के लिए 05-05 हजार रुपये की धनराशि दी गई। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में अब जिनको आवास मिलेंगे उन्हें बर्तन एवं अन्य सामग्री खरीदने के लिए राज्य सरकार द्वारा 07-07 हजार रुपये की धनराशि दी जायेगी।

मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में इससे पूर्व मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई में राखी बांधी। मुख्यमंत्री ने सभी को रक्षा बंधन की शुभकामनाएं देते हुए सबके सुखमय जीवन की कामना की।

इस अवसर पर गीता पुष्कर धामी, भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री महिला मोर्चा दीप्ति रावत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा मोर्चा नेहा जोशी, बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, गीता रावत, रूचि भट्ट, नेहा शर्मा, आशा कोठारी मौजूद थे।

कोर्ट ने चेक बाउंस के आरोपी को किया बरी


चेक बाउंस मामले में न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट,ऋषिकेश श्रेय गुप्ता की अदालत ने आरोपी इंद्रपाल पुत्र राजेंद्र निवासी रूषा फार्म, गुमानीवाला, ऋषिकेश को दोषमुक्त किया है। आरोपी की ओर से अधिवक्ता शुभम राठी ने मजबूत पैरवी की थी।

अधिवक्ता शुभम राठी ने बताया कि गुमानीवाला निवासी विपिन पोखरियाल ने न्यायालय में वाद दर्ज करते हुए कथन किया कि इंद्रपाल द्वारा उनसे 2,50,000 रुपए उधार लिए थे जिन्हे लोटाने के एवज में एक चेक उन्हें दिया जो की बैंक में लगाने पर बैंक से बिना भुगतान अनादृत हो गया जिसके संबंध में न्यायलय में मुकदमा किया गया।

आरोपी इंद्रपाल द्वारा कोर्ट में बताया गया कि वह विपिन को जानता ही नहीं है और विपिन ने किसी और से इंद्रपाल का चेक प्राप्त कर झूठा मुकदमा किया है। इंद्रपाल के अधिवक्ता शुभम राठी ने परिवादी विपिन से जिरह की तथा अधिवक्ता शुभम राठी द्वारा पूछे गए सवालों का कोई भी संतोषजनक जवाब परिवादी नहीं दे पाए। जिसके पश्चात न्यायालय ने यह माना की परिवादी आरोपी के साथ अपनी जान पहचान या लेन देन साबित नही कर पाया और अधिवक्ता की ठोस पैरवी के चलते आरोपी इंदरपाल को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।