योगी सरकार कर रही बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी

फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में हार और सपा-बसपा के बीच बढ़ती दोस्ती को सियासी मात देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादलित का मास्टर कार्ड खेला है। योगी ने विधानसभा के बजट सेशन में कहा कि जरूरत पड़ने पर महादलित और अति पिछड़ों को आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है। साफ है कि योगी आदित्यनाथ ने इस चाल से बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर दी है।

उपचुनाव में बीजेपी के बिगड़े समीकरण के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित को साधने की कवायद की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्ड के जरिए सपा-बसपा की बढ़ती नजदीकियों के चलते एकजुट हो रहे दलित-पिछड़ों के वोटबैंक में सेंधमारी की तैयारी की है। गुरुवार को विधानसभा के बजट अभिभाषण में योगी आदित्यनाथ ने सूबे के अतिपिछड़ों और महादलितों को अलग से आरक्षण देने पर विचार करने की बात कही है।

गौरतलब है कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव के दलित वोटबैंक में इसी फॉर्मूले से सेंध लगाई थी और अपना वोट बैंक तैयार किया था। इसी का नतीजा है कि वे मौजूदा दौर में बिहार की सत्ता में काबिज हैं।

जया ने इस नेता की तुलना पदमावत के खिलजी से कर डाली

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और अभिनेत्री से नेता बनी जया प्रदा के आपसी मतभेद किसी से छिपे नहीं है। यह दोनों एक ही पार्टी के होने के बाद भी एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाने से नहीं कतरते। अब जया प्रदा ने आजम खान पर एक और टिप्पणी की है।

बतौर जया प्रदा मैंने जब फिल्म पदमावत देखी, तो खिलजी के किरदान ने मुझे आजम खान की याद दिला दी। मुझे चुनाव के दौरान की बात याद आ गयी, कि किस तरह मुझे आजम खान परेशान करते थे।

दोनों के बीच लंबा विवाद

दरअसल, जया प्रदा अमर सिंह की करीबी मानी जाती हैं और आजम खान से उनका विवाद काफी लंबा है। इसकी वजह जया प्रदा का आजम खान के गृहनगर रामपुर से चुनाव लड़ना रहा है। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जया प्रदा को टिकट दिया और वो चुनाव जीत गईं।

इस चुनाव को लेकर जया प्रदा ने आजम खान पर कई आरोप लगाए। यहां तक कि आजम खान पर जया प्रदा को चुनाव हराने के भी आरोप लगे। हालांकि, जया प्रदा चुनाव जीत गईं। इसके बाद वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भी जया प्रदा ने रामपुर से चुनाव लड़ा और आजम खान पर फिर उनके विरोध के आरोप लगे। एक बार फिर जया प्रदा ने चुनाव जीता।

सिर्फ चुनाव हराने की कोशिश तक ही जया प्रदा के आरोप सीमित नहीं रहे हैं। उन्होंने आजम खान पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वहीं दूसरी तरफ आजम खान भी सार्वजनिक मंचों से जया प्रदा को लेकर विवादित टिप्पणी करते रहे हैं। ऐसे में जब जया प्रदा से बीजेपी या किसी दूसरे दल के साथ जाने को लेकर सवाल किए जा रहे हैं, उन्होंने एक बार फिर अपने पुराने प्रतिद्वंदी आजम खान को निशाने पर लिया है।

मूर्ति तोड़ने की सियासत थम नहीं रही, अब आजमगढ़ में भी तोड़ी

त्रिपुरा में सत्ता परिवर्तन के बाद मूर्ति तोड़ने की जो सियासत शुरू हुई थी, वो तमिलनाडु होते हुए अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुकी है और थमने का नाम नहीं ले रही है। त्रिपुरा में व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा तोड़ी गई, इसके बाद तमिलनाडु में पेरियार की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया और फिर बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति के बदसलूकी करने के बाद यूपी के मेरठ में बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति को जमींदोज कर दिया गया।

मूर्ति तोड़ने का ये सिलसिला यहीं थमता नहीं दिख रहा है। उत्तराखंड के हरिद्वार के बाद अब यूपी के आजमगढ़ में भी संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति को निशाना बनाया गया है।

आजमगढ़ के थाना अहरौला के गांव राजापट्टी में लगी बाबा साहब की प्रतिमा बीती रात तोड़ दी गई। ग्रामीणों ने सुबह जब मूर्ति टूटी हुई देखी तो वो आक्रोशित हो गए। इसके बाद घटना स्थल पर भारी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए। बाद में मौके पर पुलिस अधिकारी समेत भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

बता दें कि त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के बाद लेफ्ट सरकार द्वारा स्थापित लेनिन की मूर्तियों को तोड़ा गया। इसके बाद तमिलनाडु में पेरियार की मूर्ति गिराई गई, फिर बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं पर नाराजगी जताई थी। बावजूद इसके ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही हैं।

होली पर यूपी पुलिस ने जारी रखा मिशन एनकाउंटर

यूपी में पुलिस का एनकाउंटर अभियान जारी है। तो बदमाश भी अपनी जान की भीख मांग रहे है, लेकिन अभी कुछ बदमाश ऐसे भी है, जो पुलिस से भीड़ने को तैयार है। होली के दिन भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। ग्रेटर नोएडा में यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग हुयी। इस दौरान पुलिस ने दो बदमाश को अपने कब्जे में ले लिया।

मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की ओर से चलाई गई गोली से एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है। घायल पुलिसकर्मी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने गिरफ्तार बदमाशों के पास से एक मोटरसाइकिल और दो तमंचे बरामद किए हैं।

ग्रेटर नोएडा के दादरी कोतवाली एरिया के कोट का पुल के पास शुक्रवार की शाम पुलिस चेकिंग कर रही थी। तभी एक मोटरसाइकिल पर दो बदमाश आते दिखाई दिए। पुलिस ने बदमाशों को रोकने की कोशिश की, लेकिन बाइक सवार बदमाश भागने लगे।

पुलिस ने बदमाशों का पीछा किया और कोट के पुल के पास उन्हें घेर लिया। खुद को घिरा देख बदमाश फायरिंग करते हुए भागने लगे। बदमाशों द्वारा की गई फायरिंग में एक पुलिसकर्मी नितिन घायल हो गया। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की।

पुलिस द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में शोएब और समीर नाम के बदमाशों के पैर में गोली लगी। गोली लगने के बाद दोनों बदमाश घायल होकर वहीं गिर पड़े और पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। गिरफ्तार बदमाशों के पास से पुलिस ने दो तमंचे और कई जिंदा कारतूस बरामद किए हैं।

अब पुलिस गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ में जुट गई है, ताकि उनका आपराधिक इतिहास खंगाला जा सके। दोनों बदमाशों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार किया जा रहा है। वहीं घायल सिपाही को ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

अपहरण कर हरिद्वार पहुंचे बदमाश, क्राइम ब्रांच ने दबोचा

उत्तर प्रदेश केे गाजियाबाद निवासी लोहा व्यापारी का अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर सुरक्षा की दृष्टि से हरिद्वार पहुंचे, लेकिन गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने हरिद्वार पहुंच बदमाशों से व्यापारी को सकुशल बरामद कर लिया।

पुलिस के मुताबिक गाजियाबाद के प्रेम नगर निवासी लोहा कारोबारी अनिल अरोड़ा का दो करोड रुपए की फिरौती के लिए अपहरण किया गया था।
बदमाशों का पीछा करते हुए यूपी पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई। तहसील के पास हुई इस फायरिंग से हड़कंप मचा रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक फायरिंग के दौरान अपहृत बुजुर्ग ने गाड़ी में छुपकर अपनी जान बचाई। जबकि फायरिंग में एक बदमाश के घायल होने की भी सूचना है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से ही कुल 895 एनकाउंटर हुये है। ऐसे में बदमाशों को इस बात का अंदेशा था कि यदि उनका सामना यूपी पुलिस से हो गया तो उनकी मौत निश्चित है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुये बदमाशों ने यूपी से बाहर जाने का मन बनाया। वहीं इस बात को बदमाशों ने पकड़े जाने के बाद स्वीकार भी किया। बदमाशों ने बताया कि यूपी पुलिस का डर से ही उन्हें उत्तराखंड आने पर मजबूर होना पड़ा। वहीं पुलिस उनके मोबाइल लोकेशन के जरिये हरिद्वार तक आ पहुंची।

यह पहला वाकया नहीं है जब यूपी के बदमाश सुरक्षा के लिये उत्तराखंड की शरण में न आते हो। इससे पहले भी कई बदमाशों ने उत्तराखंड की शरण पकड़ी है।

मुठभेड़ के बाद ज्वालापुर कोतवाली पहुंचने पर कारोबारी अनिल अरोड़ा ने पुलिस को बताया कि अपहरण करने के बाद बदमाश उसे मेरठ रोड की तरफ ले गए। उसके साथ मारपीट भी की गई। इसके बाद शामली होते हुए हरियाणा ले जाया गया। बदमाशों ने उसके घर फोन कर दो करोड़ रुपये मांगते हुए छोटे भाई मन्नू से उसकी बात भी कराई थी। पकड़े जाने के डर से बदमाश कहीं भी ज्यादा देर नहीं रुके। लगातार चलते हुए बदमाश पहले हरियाणा गए। वहां गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने हरियाणा पुलिस की मदद से बदमाशों की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया तो बदमाशों को भनक लग गई। जिसके बाद बदमाश हरियाणा से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर होते हुए हरिद्वार पहुंच गए।

विरोध के बाद हटा हज दफ्तर से भगवा रंग

यूपी में योगी सरकार हर जगह भगवा रंग को तवज्जो दे रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्कूल और बसों के बाद अब योगी सरकार ने लखनऊ स्थित हज कमिटी दफ्तर की बाउंड्री वॉल को भगवा रंग में रंग दिया था, हालांकि विवाद बढ़ने पर योगी सरकार को अपने कदम पीछे खिंचने पड़े। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे लेकर शनिवार को सफाई पेश की।
हज कमेटी दफ्तर की बाउंड्री वॉल को भगवा रंग से रंगे जाने के बाद सरकार की तरफ से सफाई दी गई। योगी सरकार ने सफाई पेश करते हुए कहा कि पुताई करने में ज्यादा गहरे रंग का इस्तेमाल हुआ इसे ठीक किया जा रहा है।

इसके बाद हज कमिघ्टी दफ्तर की बाउंड्री वॉल को फिर से सफेद रंग से पुताई की गई। आपको बता दें कि शुक्रवार को हज कमिटी दफ्तर की बाउंड्री वाल को भगवा रंग में रंगे जाने पर विवाद बढ़ा था। इससे पहले दीवारें सफेद और हल्की हरे रंग में थीं, लेकिन इसकी दीवारों पर गेरुआ रंग चढ़ा दिया गया था।
इस कदम पर राजनीति शुरू हो गई थी। विपक्षी नेताओं और उलेमाओं ने इस कदम का धुर-विरोध किया था। उनका कहना है कि सरकार इस मामले में भी मजहबी जज्बात कुरेदने में जुटी है। आपको बता दें कि इससे पहले भी उत्तरप्रदेश में काफी जगह इस प्रकार का प्रयोग हो चुका है।
इतना ही नहीं यूपी के पुलिस थाने तक भगवा रंग रंगे जाने लगे हैं। लखनऊ के कोतवाली कैसरबाग में भगवाकरण का काम शुरू हुआ है। बिजनौर और आजमगढ़ जिले के बाद राजधानी लखनऊ में भी थाने का भगवाकरण शुरू हुआ है।

बाबरी मस्जिद के विध्वंस की बरसी, मौलाना बोले दोबारा बने मस्जिद


बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने बाबरी विध्वंस की 25वीं बरसी को शौर्य दिवस के रूप में मनाया। इसके लिये उन्होंने जगह-जगह भारी संख्या में जुलुस भी निकाला। इस दौरान संस्कृत कॉलेज कैंपस से संगठन के कार्यकर्ता डीजे की धुन व ढोल नगाड़े लिये भी दिखाई दिये। डीजे पर प्रभु राम जी की सेना चली आदि भजनों पर कार्यकर्ता झुमते नजर आये।
सुरक्षा का लेकर अलर्ट था प्रशासन
बाबरी विध्वंस की 25 वीं बरसी पर बजरंग दल व विश्वहिंदू परिषद द्वारा आयोजित शौर्य दिवस व विशाल जुलूस को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद था। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस बल की भारी तैनाती के साथ-साथ एहतियात के तौर पर एसएसबी के जवानों को भी तैनात किया गया था। जुलूस के साथ-साथ पुलिसकर्मी व एसएसबी के जवान भी चल रहे थे।

बरसी पर चस्पा मिले विवादित पोस्टर
बाबरी मस्जिद दोबारा तामीर करो। आल इंडिया इमाम कौंसिल शामली के नाम से चस्पा पोस्टर में लिखा कि बाबरी पर कोई समझौता नहीं, 25 साल से इंसाफ की मुंतजिर। दोबारा तामीर ही इंसाफ है। बाबरी के मुजरिमों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। बताया गया कि एक संगठन के नाम से अब से पहले भी प्रधानमंत्री के बारे में अशोभनीय टिप्पणी वाले पोस्टर चस्पा हुए थे। सीओ कैराना राजेश तिवारी का कहना है कि विवादित पोस्टरों की जांच कराई जाएगी। दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वाम मोर्चा ने मनाया काला दिवस
बाबरी मस्जिद विध्वंस के विरोध में वाममोर्चा ने सयुंक्त रूप से काला दिवस मनाया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर लोगों में नफरत फैला कर देश की एकता और अखंडता को तोड़ना चाहती है। गोरक्षा के नाम पर हत्या करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव में जनता के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाकर मंदिर तथा जनेऊ तक को मुख्य मुद्दा बनाया जा रहा है। भाजपा हिन्दुत्व के नाम पर सत्ता हाशिल करना चाहती है।
दोबारा बने बाबरी मस्जिद
ऑल इंडिया इमाम्स के पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मौलाना शादाब ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 में पांच सौ साल पुरानी बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया था। अभी तक उस जगह पर दोबारा मस्जिद की तामीर नहीं हुई है। यह मामला अदालत में विचाराधीन है और उम्मीद है कि इसमें सभी मुसलमानों की जीत मिलेगी। उन्होंने सभी मुसलमानों से गैर अदालत राय या बयानबाजी करने से मना किया।

सीएम त्रिवेंद्र ने किया सूचना पुस्तिका का विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तराखंड राज्य के सरकारी बैंकिंग कार्य के भारतीय रिजर्व बैंक देहरादून द्वारा आरंभ किए जाने का उद्घाटन किया। ज्ञातव्य हो कि इससे पहले उत्तराखण्ड राज्य के सरकारी बैकिंग कार्य भारतीय रिजर्व बैंक की कानपुर शाखा से निष्पादित किए जाते थे। इस अवसर पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार हेतु बैंकिंग कार्यालय देहरादून में प्रारंभ होना एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य सरकार के वित्त एवं बैंकिंग कामकाज में सहूलियत होगी, साथ ही आर्थिक प्रगति में तेजी आएगी। वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि इससे रिजर्व बैंक और राज्य सरकार के मध्य बेहतर तालमेल बनाने में मदद मिलेगी। राज्य गठन के बाद से राज्य में बैंकिंग सेवाओं में 4 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य सरकार आर्थिक संतुलन को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है। प्रधान मुख्य महाप्रबंधक भारतीय रिजर्व बैंक एस. रामास्वामी ने आश्वासन दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा राज्य के विकास में पूर्ण सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकिंग प्रभाग के प्रदेश में होने से कोषागारों, उपकोषागारों एजेंसी बैंक को एवं भारतीय रिजर्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल से कार्य हो सकेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र द्वारा उत्तराखण्ड गवर्नमेंट बैंकिंग बिजनेस की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु भारतीय रिजर्व बैंक की ‘‘सूचना पुस्तिका‘‘ का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर सचिव वित्त अमित नेगी, भारतीय रिजर्व बैंक देहरादून के महाप्रबंधक सुब्रत दास एवं रिजर्व बैंक के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जानिए, किस तरह फर्जी आधार कार्ड बनाता था गिरोह

यूपी के कानपुर में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यूपी एसटीएफ ने गिरोह के सरगना सौरभ सिंह सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरोह यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित बॉयोमेट्रिक मानकों को बाइपास करके फर्जी आधार कार्ड बनाने के काम को तेजी से अंजाम दे रहा था। इनके पास से 18 फर्जी आधार कार्ड के साथ ही इसे बनाने के सभी उपकरण बरामद कर लिए गए है।
जानकारी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ को फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। यूआईडीएआई को इसकी पुख्ता सूचना मिलने के बाद इसके डिप्टी डायरेक्टर द्वारा लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया गया। इससे पहले इससे संबंधित कई केस लखनऊ, देवरिया और कुशीनगर में भी दर्ज कराये जा चुके हैं। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश के निर्देश के बाद एक टीम इसकी जांच में लगी हुई थी।
कानपुर का है मास्टरमाइंड सौरभ
पुलिस को पता चला कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड सौरभ सिंह कानपुर का रहने वाला है। इसके बाद पुलिस ने कानपुर के बर्रा में दबिश देकर सौरभ सिंह सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने बताया कि वे आधार कार्ड बनाने के लिये निधार्रित मानकों को बाईपास करते हुए बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से अधिकृत आपरेटर्स के फिंगर प्रिन्ट ले लेते हैं। इसके बाद उसका बटर पेपर पर लेजर प्रिंटर से प्रिंट आउट निकालते हैं।
इस तरह से करते थे फर्जीवाड़ा
इसके बाद फोटो पॉलीमर रेजिन केमिकल डालकर पॉलीमर क्यूरिंग उपकरण में पहले 10 डिग्री फिर 40 डिग्री तापमान पर कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट, मूल फिंगर प्रिन्ट के समान तैयार कर लेते हैं। उसी कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट का प्रयोग करके आधार कार्ड की वेबसाइट पर लॉगिन करते हैं। फिर आधार कार्ड के इनरोलमेंट की प्रकिया पूरी कर लेते है। तैयार किया गया कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट ऑपरेटर के मूल फिंगर प्रिन्ट की तरह ही काम करता है।
पूछताछ में पता चला कि हैकर्स अनधिकृत आपरेटर्स से 5-5 हजार रुपये लेते थे। पूछताछ और जांच में यह तथ्य सामने आया है कि यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी पॉलीसी का रजिस्ट्रार, इनरोलमेंट एजेंसी, सुपरवाइजर, वेरीफायर और ऑपरेटर द्वारा नहीं किया गया है। इसकी वजह से हैकर्स फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने में सफल हो जाते हैं। अब पूरे आधार इनरोलमेंट प्रॉसेस की सिक्योरिटी आडिट कराई जाएगी। इसकी जांच जारी है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सौरभ सिंह, कानपुर, शुभम सिंह, कानपुर, शोभित सचान, कानपुर, शिवम कुमार, फतेहपुर, मनोज कुमार, फतेहपुर, तुलसीराम, मैनपुरी, कुलदीप सिंह, प्रतापगढ़, चमन गुप्ता, हरदोई, गुड्डू गोंड, आजमगढ़, सतेन्द्र कुमार, कानपुर के रूप में हुयी।

गन्ने की फसल होने के चलते नहीं कर पाए सर्वे

भारत सरकार ने 1998 में रुड़की-देवबंद रेल मार्ग बनाने की घोषणा की थी, लेकिन इस पर काम वर्ष 2007 में शुरू हुआ। परियोजना के लिए 600 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। 28 किमी लंबी इस परियोजना के बनने से दिल्ली से देहरादून का सफर 48 किमी कम हो जाएगा। रेलवे ने सर्वे का कार्य पूरा कर लिया था। साथ ही पिलर आदि भी लगा दिए थे। इसके बाद से इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की सरकारें बनने के बाद इस परियोजना में तेजी आई। वर्ष 2012 में कराए गए सर्वे का जमीनी सच जानने के लिए रेलवे ने हाल ही में इस रेल लाइन का ड्रोन सर्वे कराया, जिसमें कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई।
सर्वे में पाया गया कि वर्ष 2012 में लगाए गए सीमांकन पिलर गायब है और अधिग्रहण की गई भूमि पर किसान खेती कर रहे हैं। रेलवे के दिल्ली डिवीजन के सेक्शन इंजीनियर नीरज गुप्ता ने बताया कि रेल लाइन के लिए अधिग्रहित भूमि पर गन्ने की फसल के कारण सर्वे नहीं हो पा रहा था। ऐसे में ड्रोन के जरिए सर्वे कराया गया। अब इस सर्वे का सत्यापन शुरू कर दिया गया है।