सतपाल और पांडेय ने क्यों की योगी सरकार की तारीफ, मानेंगे यूपी सरकार का फैसला!

उत्तर प्रदेश में लंबे समय से मंत्रियों का आयकर सरकार ही भर रही थी। इस पर अब योगी सरकार ने रोक लगाई है। उत्तराखंड चूंकि पहले उत्तर प्रदेश का ही अंग था इस कारण अविभाजित उत्तर प्रदेश से चली आ रही व्यवस्था यहां भी बदस्तूर जारी है। यानी मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों का आयकर सरकार ही भर रही है। उत्तराखंड में मंत्रियों को वेतन भत्ते मिलाकर प्रतिमाह 4.40 लाख रुपये दिए जाते हैं। इनमें से 90 हजार रुपये केवल वेतन है। शेष अन्य भत्ते हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के आयकर स्वयं भरने के निर्णय के बाद अब उत्तराखंड में भी इस दिशा में सकारात्मक पहल होती नजर आ रही है। त्रिवेंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और अरविंद पांडेय ने इसकी पैरवी की है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मंत्रियों को सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि अपना आयकर स्वयं भरना चाहिए। वह अपना आयकर स्वयं भरते हैं। वह इसका परीक्षण भी करेंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि वह तो विधायक निधि के पक्ष में भी नहीं रहे हैं। इस कारण उनकी भावना को समझा जा सकता है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मंत्रियों को 1.64 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन भत्तों के रूप में दिए जाते हैं और उनका मूल वेतन 40 हजार रुपये हैं। इस लिहाज से उत्तराखंड के मंत्रियों का वेतन कहीं अधिक है। इसे देखते हुए प्रदेश में भी मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों द्वारा आयकर भरने की मांग उठने लगी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इसका परीक्षण करने की बात कर चुके हैं। अब दो मंत्रियों ने मंत्रियों के स्वयं आयकर भरने को लेकर उठ रही मांग के समर्थन में कदम आगे बढ़ाए हैं। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वह अपना टैक्स स्वयं भरते हैं। मंत्रियों को सरकारी खजाने से नहीं बल्कि स्वयं टैक्स भरना चाहिए। बाकि वह मामले का अध्ययन करेंगे।

उत्तर प्रदेश हायर ज्यूडिशिल सर्विसेज में ऋषिकेश की महिला का चयन

दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र के हर पड़ाव पर सफलता हासिल की जा सकती है। तीर्थनगरी की 39 वर्षीय कल्पना पांडेय ने इस बात को साकार कर दिखाया है। उन्होंने शादीशुदा जीवन व्यतीत करते हुए न सिर्फ वकालत की पढ़ाई की बल्कि उत्तर प्रदेश हायर ज्यूडिशिल सर्विसेज (यूपीएचजेएस) की परीक्षा पास की है। फैजाबाद की मूल निवासी कल्पना पांडेय की शादी 1998 में ऋषिकेश आईडीपीएल निवासी आशीष पांडेय के साथ हुई थी। शादी के वक्त कल्पना सिर्फ 12वीं पास थी।
शादी के बाद कल्पना ने स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई ऋषिकेश पीजी कॉलेज से की। उनके दो बच्चे हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते हुए उन्होंने डीएवी कॉलेज देहरादून से एलएलबी और एलएलएम की परीक्षा हरिद्वार से पास की। वर्ष 2012 में वह सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) के पद पर तैनात हुईं। इतना हासिल करने के बाद भी उनके पैर यहीं नहीं थमे और उन्होंने जज बनने की ठानी। मेहनत और लगन रंग लाई। उन्होंने यूपीएचजेएस की परीक्षा में दो बार के प्रयास से सफलता हासिल की।

अधिकत्तर केसों में मिली सफलता
बतौर सरकारी अधिवक्ता कल्पना पांडेय की पहली ज्वाइनिंग देहरादून कोर्ट में हुई। वर्तमान में वह हरिद्वार कोर्ट में कार्यरत है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक उनका 92 प्रतिशत केसों में सफलता प्राप्त करने का रिकॉर्ड है। एलएलबी और एलएलएम के बाद जज बनने का ख्वाब रखने वाले अधिवक्ताओं के लिए कल्पना पांडेय कहती हैं कि पढ़ाई के दौरान धैर्य बनाए रखना आवश्यक है। यदि धैर्य का अभाव है तो आपके अंदर कितनी भी प्रतिभा हो, व्यर्थ रह जाएगी। किसी भी परीक्षा में सफलता अर्जित करने के लिए निरंतर पढ़ाई करें, सदैव अपडेट रहें।

लंबित मुकदमों निस्तारण प्राथमिकता
एडीजे कल्पना पांडेय ने बताया कि उनकी हमेशा से प्राथमिकता रही है कि सही और न्याय समय पर मिल सके। एडीजे के पद पर नियुक्त होते ही उनका यह उद्देश्य रहेगा कि लंबित पड़े वादों को जल्द निपटाऊं। उन्होंने कहा कि लोगों में न्यायालय के प्रति विश्वास बना रहे, इस बात को ध्यान में रखकर काम में तीव्रता लाते हुए काम करूंगी।

बसपा सरकार में 18 हजार गुना बढ़ी बसपा सुप्रीमो के भाई की सम्पत्ति

बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार व पत्नी के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई होते ही इनके करीबी भूमिगत हो गए हैं। आनंद और करीबियों के खिलाफ आयकर विभाग पुख्ता सबूत एकत्र कर चुका है और कभी भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यादव सिंह प्रकरण के दौरान भी आयकर छापे में मिली डायरियों व अन्य सबूतों के माध्यम से आयकर के रडार पर आनंद और उनके सहयोगी चल रहे हैं।
प्रदेश में 2007 से 2012 तक बसपा की सरकार रही थी। उस वक्त कहा जाता था कि लखनऊ से भले ही सरकार चल रही हो, लेकिन इसका रिमोट नोएडा में ही था। आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि किस बिल्डर को जमीन देनी है, किसे इंडस्ट्री या आईटी का प्लॉट देना है या फिर किसी तरह का आवंटन किया जाए यह भाई साहब यानी आनंद की इजाजत के बिना नहीं होता था। खास बात यह रही कि किसी भी आवंटन में लिखित तौर से उनका दखल नहीं होता था, लेकिन बिना उनकी अनुमति से पत्ता भी नहीं हिलता था। पूरी आवंटन की प्रक्रिया करने के लिए आनंद के करीबियों की भूमिका रहती थी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में जितनी भी जमीन आवंटित की गई थी, सभी में अप्रत्यक्ष रूप से टीम की भूमिका रही थी। प्राधिकरण के अधिकारी उनके आवास पर फाइलें लेकर दौड़ लगाते रहते थे।
सूत्र बताते हैं कि नवंबर 2014 में जब तीनों प्राधिकरण के तत्कालीन चीफ इंजीनियर यादव सिंह के यहां पर आयकर विभाग का छापा पड़ा था, तब भी अफसरों को यह जानकारी मिली थी कि घोटालों में और लोग भी हैं, लेकिन सीधे तौर से कोई साक्ष्य नहीं मिले थे, लेकिन आयकर विभाग ने इसकी गोपनीय जांच जारी रखी। साथ ही, यादव सिंह समेत उनके अन्य करीबियों के यहां जो दस्तावेज मिले थे, उनमें कहीं न कहीं नाम नाम आया था। आयकर विभाग की टीम ने प्राधिकरण से भी उन सभी दस्तावेज को निकलवा लिया था, जिसमें आनंद कुमार और उनके करीबियों के नाम से आवंटन थे। अब आईटी ने उन संपत्तियों को अटैच करना शुरू कर दिया है।

पांच सितारा होटल बनाने की योजना पर फिरा पानी
आयकर विभाग ने बसपा प्रमुख मायावती के भाई और भाभी का नोएडा स्थित 400 करोड़ रुपये कीमत का बेनामी प्लॉट जब्त किया है। आधिकारिक आदेश के मुताबिक, मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता के लाभकारी मालिकाना हक वाले सात एकड़ प्लॉट को जब्त करने का अस्थायी आदेश आयकर विभाग की दिल्ली स्थित बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) ने 16 जुलाई को जारी किया था।
मायावती ने हाल ही में आनंद को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। 28,328.07 वर्ग मीटर या सात एकड़ का प्लॉट नोएडा के सेक्टर 94 में 2ए से पंजीकृत है। इस जमीन पर पांच सितारा होटल और अन्य लग्जरी सुविधाओं का निर्माण किए जाने की योजना थी। जब्ती का आदेश बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम 1988 की धारा 24 (3) के तहत जारी किया गया। बेनामी कानून का उल्लंघन करने पर सात साल की कैद या बेनामी संपत्ति की बाजार कीमत के हिसाब से 25 फीसदी जुर्माने का प्रावधान है।

आनंद पर रियल एस्टेट में दूसरों के नाम पर निवेश कर करोड़ों रुपये मुनाफा कमाने का भी आरोप है। इस मामले को लेकर आयकर विभाग जांच कर रहा था। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी इसकी जांच कर रहा है। जांच में आयकर विभाग ने कम से कम छह फर्म के मालिकाना हक को संदिग्ध पाया। जिन कंपनियों की बेनामी संपत्ति के तहत पहचान की गई, वे विजन टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड, बीपीटीपी इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, यूरो एशिया मर्चेंटाइल प्राइवेट लिमिटेड, सन्नी कास्ट एंड फोर्ज प्राइवेट लिमिटेड, करिश्मा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और एड-फिन कैपिटल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं। आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता इन कंपनियों के जरिये किए गए लेनदेन की इकलौती लाभार्थी हैं।

नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए आनंद
आनंद कभी नोएडा प्राधिकरण में मामूली क्लर्क थे। बहन मायावती के सत्ता में आने के बाद उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ी। उन पर फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों का कर्ज लेने का भी आरोप लगा था। बसपा शासन के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 49 कंपनियां खोलीं। 2014 में उनकी संपत्ति 1316 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 2016 में नोटबंदी के दौरान उनके खाते में 1.43 करोड़ रुपये जमा होने पर वह चर्चा में आए थे। जांच एजेंसियां पहले भी उनके घर व कार्यालयों में छापेमारी कर चुकी हैं।

परिजनों ने की रोहित शेखर की अस्थियां गंगा में प्रवाहित

उत्तर प्रदेश सहित उत्तराख्ंाड के मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हुई अचानक मौत के बाद शुक्रवार को परिजनों ने गंगा में उनकी अस्थियां प्रवाहित की। इस दौरान उनकी मां उज्जवला और पत्नी अपूर्वा भी मौजूद रहीं।

शुक्रवार शाम रोहित शेखर तिवारी की मां उज्ज्वला तिवारी और पत्नी अपूर्वा तिवारी परिजनों के साथ रोहित की अस्थियां लेकर सती घाट पहुंची। रोहित की मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। अस्थि विसर्जन के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान दिल्ली में हत्या का मुकदमा दर्ज होने पर उज्ज्वला तिवारी ने कहा कि मैं इस रहस्य से अनभिज्ञ हूं। मुझे कुछ नहीं पता है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई साजिश हुई है तो सबके सामने आनी चाहिए और हमें न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं किसी निर्दोष का नाम नहीं लेना चाहती। रोहित को लेकर उन्होंने कहा कि वह अपने पिता के आदर्शों पर आगे बढ़ रहे थे। सामाजिक सरोकारों से जुड़ रोहित युवाओं के लिए प्रेरणस्रोत बनते जा रहे थे, लेकिन ईश्वर को शायद यह मंजूर नहीं था। कहा कि मैं गंगा मां से प्रार्थना करती हूं कि वह जहां भी रहे सुखी रहे।

ब्रेक फेल होने से पेड़ से टकराई बस, एक घायल

प्राचीन नीलकंठ महादेव मंदिर के दर्शन कर लौट रही एक बस ब्रेक फेल होने के कारण पेड़ से टकरा गइ। इससे एक व्यक्ति घायल हो गया।

पुलिस के अनुसार, एटा के तीर्थयात्री बस (यूपी 55 टी 1294) में सवार होकर नीलकंठ दर्शन कर तपोवन से ऋषिकेश बाई पास होते हुए एटा के लिए लौट रहे थे। इसी दौरान अचानक बस भद्रकाली के पास खड़े एक डंपर से टकरा गई और पेड़ पर जाकर अटक गई। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया।

ढालवाला चौकी प्रभारी विनोद कुमार फोर्स के पहुंचे और घायल बस ड्राइवर अखिलेश पुत्र श्रीकांत को राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया। वहीं, बस को क्रेन की सहायता से उठाकर किनारे किया गया। साथ ही श्रद्धालुओं को अन्य बस से बस अड्डा पहुंचाया गया।

उत्तराखंड में 9 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का डिजिटल शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर से किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 11 किसानों को किसान सम्मान निधि की सहायता राशि व 3 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिये। प्रधानमंत्री के हाथों किसान सम्मान निधि की पहली किश्त लेने वालों में उत्तराखण्ड के कृषक जसपाल सिंह भी शामिल हैं। पहली किश्त के रूप में देशभर के 1 करोड़ एक लाख से अधिक किसानों के खातों में डिजिटल पेंमेंट किया गया उसमें उत्तराखण्ड के डेढ़ लाख से अधिक किसानों के खातों में पहली किश्त के दो-दो हजार रूपय डाले जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के राज्य स्तरीय शुभारम्भ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसान सम्मान निधि की पहली किश्त के रूप में आज प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में प्रधानमंत्री का यह एक और सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि लघु एवं सीमान्त किसानों को कृषि से सम्बन्धित विभिन्न कार्यों के लिए प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये सीधे उनके खातों में ट्रांसफर किये जायेंगे। यह पूर्णतः केन्द्र पोषित योजना है। इस निधि से किसानों को एक स्थाई व्यवस्था मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम किसान निधि के तहत उत्तराखण्ड में कुल 9 लाख 73 हजार 147 किसानों का पंजीकरण हुआ है, जिसमें से 4 लाख से अधिक लाभार्थियों के नाम पीएम किसान पोर्टल पर अपलोड हो चुके हैं। इस माह के अन्त तक सभी लाभार्थियों के नाम अपलोड कर लिये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री जल्द ही अगली योजना का शुभारम्भ करने वाले हैं। श्रमिकों के आकस्मिक मृत्यु पर उनके आश्रितों को 6 लाख रूपये मुआवजा राशि देने का निर्णय केन्द्र सरकार ने लिया है साथ ही असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए पीएम श्रमयोगी मानधन योजना के तहत 3 हजार रूपये पंेशन देने की शुरूआत की जा रही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने की दिशा में प्रदेश के लघु व सीमान्त कृषकों को मात्र 2 प्रतिशत ब्याज पर एक लाख तक का लोन दिया गया। जबकि अब प्रदेश के किसानों को अब एक लाख तक का तथा महिला व पुरूष स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है।
कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आज का दिन देश के कृषकों के लिए यह शुभ दिन है। प्रधानमंत्री द्वारा देशवासियों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि का शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की स्पष्ट सोच है कि जब तक किसान खुशहाल नहीं होगा तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता है। उत्तराखण्ड में पलायन को रोकने के लिए किसानों को मजबूत करने के लिये निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पिछले दो साल में 70 से अधिक निर्णय किसानों के हित में लिये हैं। फार्म मशीनरी बैंक से कृषि उपकरणों की खरीद पर 80 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। उत्तराखंड को ऑर्गेनिक स्टेट बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। 2 लाख एकड़ भूमि पर आॅर्गेनिक खेती शुरू करने जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में औद्योगिक सम्भावना की दृष्टि से केन्द्र की ओर से राज्य को भरपूर सहयोग मिल रहा है। खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्यपालन को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषकों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि के साथ एलाइड सेक्टरों को भी जोड़ना होगा। चकबन्दी व सामूहिक खेती पर कृषकों को बल देना जरूरी है।
इस अवसर पर विधायक हरबंश कपूर, विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव राजस्व परिषद् उत्तराखण्ड सुशील कुमार, जिलाधिकारी देहरादून एस.ए.मुरूगेशन, सीडीओ जी.एस. रावत व कृषि विभाग के अधिकारी तथा कृषक मौजूद थे।

5555 करोड़ की योजनाओं से उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग का होगा कायाकल्प

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास, पोत परिवहन, गंगा संरक्षण व सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चण्डीघाट, हरिद्वार में 5555 करोड़ रूपये की 291.19 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग की विभिन्न परियोजनाओं व नमामि गंगे परियोजना के तहत विभिन्न कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया।
राष्ट्रीय राजमार्ग में शिलान्यास की गई योजनाएं
राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत जिन कार्यों का शिलान्यास किया गया उनमें हरिद्वार से लालतपड़ तक 350 करोड़ रूपये के 14.95 किमीे का कार्य, लालतप्पड़ से मोहकमपुर तक 244 करोड़ रूपये के 22.20 किमी के का कार्य, पुरकारजी-लक्सर-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर 93 करोड़ के 2 लेन, पेव्ड शौल्डर में चौड़ीकरण का 46 किमी का कार्य, हरिद्वार में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर 45 करोड़ की लागत के 1.05 किमी के मायापुरी स्कैप चैनेल के ऊपर मुख्य पुल सहित एलिवेटेड संरचना का निर्माण, हरिद्वार नगीना राष्ट्रीय राजमार्ग 74 पर 827 करोड़ रूपये के 71.61 किमी पर चारलेन चैड़ीकरण का कार्य, रूड़की से गणेशपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग 73 एवं 72ए पर 942 करोड़ रूपये की लागत के 53.30 किमी का कार्य व हरिद्वार शहर में प्रस्तावित 3 हजार करोड़ की सम्भावित लागत के 49.4 किमी रिंग रोड के निर्माण हेतु परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के कार्य का शुभारम्भ शामिल हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग में लोकार्पित की गई योजनाएं
जिन कार्यों का लोकार्पण किया गया उनमें रोशनाबाद-बिहारीगढ़ में 13 .97 करोड़ रूपये की लागत के 32.30 किमी मोटर मार्ग का सुदृढ़ीकरण व जौली ग्रान्ट-थानो-रायपुर-सहस्त्रधारा मार्ग पर 40.10 करोड़ की लागत के तीन पुलों के निर्माण कार्य शामिल हैं।
नमामि गंगे
नमामि गंगे के तहत कुल 1354 करोड रूपए की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। जिसमें चण्डीघाट रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना, 36 घाटों, 14 नये एसटीपी व 04 एसटीपी उच्चीकरण तथा 60 करोड़ की लागत से रिस्पना एवं बिन्दाल नदियों के आई. एण्ड डी. कार्य शामिल है।
नमामि गंगे के लोकार्पित की गई योजनाएं
जिन कार्यों का लोकार्पण किया गया उनमें हरिद्वार में 20.68 करोड़ के सीवरेज पम्पिंग स्टेशन कास्वान एवं पी.ब्ल्यू.डी. का निर्माण, 9.88 करोड़ के संयुक्त राईजिंग मेनजोन के कार्य, 31.44 करोड़ रूपये की लागत के 16 सीवरेज पम्पिंग स्टेशनों की क्षमता वृद्धि व उच्चीकरण के कार्य 2.86 करोड़ की लागत के अरिहन्त विहार सीवर लाईन व अन्य कार्य शामिल हैं। इसके अलावा स्वर्गाश्रम में 4.16 करोड़, तपोवन में 2.2 करोड़, श्रीनगर में 7.3 करोड़ व उत्तरकाशी में 4 करोड़ रुपये के सीवेज शोधन संयत्र के उच्चीकरण व कीर्तिनगर में 1.9 करोड़, श्रीनगर में 8.1 करोड़, रूद्रप्रयाग में 3.5 करोड़, कर्णप्रयाग में 3.1 करोड़, नन्दप्रयाग में 2.1 करोड़ एवं गोपेश्वर में 11.1 करोड़ रुपये के सीवेज शोधन संयत्र के निर्माण कार्य शामिल हैं। हरिद्वार में 69.18 करोड़ की चण्डीघाट रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना के लोकार्पण व उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, चमोली में 83.40 करोड़ रुपये के कुल 38 स्नान व मोक्ष घाटों के निर्माण कार्य व कार्य शामिल हैं।
नमामि गंगे के तहत जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 60 करोड़ की लागत के रिस्पना व बिन्दाल नदियों के आई. एण्ड डी. कार्य व हरिद्वार शहर में गंगा नदी के किनारे स्थित 72 घाटों के सफाई कार्य शामिल हैं।

महत्वपूर्ण घोषणाएं-
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।
हरिद्वार में इकबालपुर नहर के निर्माण की घोषणा की जिससे हरिद्वार के 74 गांव व सहारनपुर के 85 गांव कुल 33 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा।
हरिद्वार की सोलानी नदी की सफाई करना।
हरिद्वार की बाणगंगा का पुनर्जीवीकरण करना।
हरिद्वार के आस्था पथ का निर्माण करना।
40 करोड़ रूपये की लागत से हरकी पौड़ी का सौंदर्यीकरण किया जायेगा।
देहरादून व हल्द्वानी में रिंग रोड बनाई जायेगी।
मेरठ-नजीबाबाद फोरलेन को कोटद्वार से जोड़ा जायेगा।
एनजीटी की स्वीकृति मिलने पर कोटद्वार-कालागढ़-रामनगर कंडी मार्ग का निर्माण भी किया जायेगा।
नगर निगम कोटद्वार में सीवर लाईन की स्वीकृति।

नमामि गंगा में हो जनता की भागीदारी
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा जी के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, परंतु कम से कम 1 करोड़ लोग अगर अंशदान करें तो उनका गंगा की अविरलता व निर्मलता से सीधा जुड़ाव हो सकेगा। उन्होंने आम जनों से भी अनुरोध किया कि गंगा को स्वच्छ रखने में सहयोग करें। गंगा में सीधे गंदा पानी डालने वालों को रोकना होगा।

गंगोत्री से गंगासागर जल मार्ग का हो विकास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका सपना है कि वे गंगोत्री से गंगासागर तक जलमार्ग से जा सकें और ऐसा करना असम्भव नहीं है। उत्तराखण्ड में नदियों को जलमार्ग के रूप में विकसित किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रिवर पोर्ट की सम्भावनाओं पर काम किया जाना चाहिए। उत्तराखण्ड में पर्यावरण व विकास के लिए ट्रांसपोर्ट के नए कंसेप्ट पर विचार किया जाना चाहिए। राज्य को बायो फ्यूल एवियेशन का हब बनाया जा सकता है। वेस्ट टू वेल्थ की ओर बढ़ना होगा।
उत्तराखण्ड में चल रहे हैं लगभग 50 हजार करोड़ के काम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में उनके मंत्रालय के अंतर्गत लगभग 50 हजार करोड़ के काम चल रहे हैं। वर्ष 2014 में 2522 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग था जबकि अब 3 हजार किमी हो गया है। चारधाम योजना में 11700 करोड़ की लागत से 889 किमी का निर्माण होगा। भारतमाला योजना के तहत 11400 करोड़ के काम हो रहे हैं। केंद्रीय सड़क निधि से उत्तराखण्ड को 580 करोड़ की राशि दी गई है।

उत्तराखण्ड में वाॅटर काॅरपस पर होगा काम- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि नमामि गंगे व राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तराखण्ड में तेजी से कार्य हो रहा है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, घाट निर्माण व अन्य कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही देहरादून-मसूरी रोपवे का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा। नीलकंठ, केदारनाथ, यमुनोत्री व मुक्तेश्वर में रोपवे निर्माण के लिये योजना बनाई जा रही है। इसके लिए वैप्कोस के अधिकारियों के साथ सचिव समिति की बैठक की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झाील में सी-प्लेन उतारने के लिए सर्वे किया जा चुका है। अधिकारियों को वाॅटर काॅरपस पर कार्य करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए सबका सहयोग जरूरी है। मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे ट्रस्ट को अपने वेतन से एक लाख रूपये देने की बात कही। विधायक सुरेश राठौर ने भी ट्रस्ट को 51 हजार रूपये देने की बात कही।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. सत्यपाल सिंह, हरिद्वार सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सतपाल महाराज, डाॅ. हरक सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विधायक आदेश चैहान, यतीश्वरानंद, सुरेश राठौर, संजय गुप्ता, प्रदीप बत्रा, ऋषिकेश मेयर अनीता मंमगई आदि उपस्थित थे।

यूपी और उत्तराखंड की बसों के अस्थाई परमिट की व्यवस्था हुई खत्म, दोनों सरकारों ने लिया फैसला

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारस्परिक परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस मौके पर सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस समझौते के बाद अब यूपी और उत्तराखंड की जनता को परिवहन में बेहतर सुविधा मिलेगी। पिछले 18 सालों से चला आ रहा इंतजार अब खत्म हो गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि दोनों राज्यों की सरकारें समाधान में विश्वास करती हैं। दोनों ही सरकारें राज्य के विकास के लिये निरंतर कार्यरत है। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा भी की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच परिवहन समझौता होने से दोनों राज्यों के बीच बसों का आवागमन बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सब साझी विरासत का हिस्सा है। इसलिए आने वाले दिनों में हमारे संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।

इस समझौते से अब यूपी परिवहन निगम की बसें उत्तराखंड में 216 मार्गों पर एक लाख 39 हजार किलोमीटर चलेंगी। वहीं उत्तराखंड की बसें यूपी में 335 मार्गों पर दो लाख 52 हजार किलोमीटर हर रोज चलेंगी।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में यूपी से उत्तराखंड जा रहीं और वहां से यूपी आ रहीं बसों का संचालन अस्थाई परमिट के आधार पर हो रहा है। परमिट की अवधि खत्म हो जाने के बाद दोनों राज्य एक-दूसरे की सीमा में प्रवेश करने वाली बसों को रोक दिया जाता है। इसके चलते बस यात्रियों को अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस समझौते के होने के बाद दोनों राज्यों को अपनी बस चलाने के लिए किसी परमिट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही अस्थाई परमिट की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व उत्तराखण्ड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य भी उपस्थित थे।

कोर्ट में पेश होने पर उमेश कुमार बोला, मेरे खिलाफ हुई साजिश

उत्तराखंड में स्टिंग के जरिये राजनेताओं और नौकरशाहों को ब्लैकमेलिंग करने के आरोप में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय रिंकी साहनी की अदालत ने समाचार प्लस चैनल के मालिक उमेश कुमार को आठ नवंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। वहीं, उमेश शर्मा पर पत्रकार आयुष गौड़ ने आरोपों को फिर से दोहराकर कई नई बातें बताई।

समाचार प्लस चैनल के सीईओ उमेश जे कुमार को रविवार को उप्र के गाजियाबाद में एटीएस एडवांटेज सोसायटी के टावर नंबर 19 से गिरफ्तार किया गया था। उमेश पर उसके ही चैनल के कर्मचारी आयुष गौड़ ने उत्तराखंड के नेताओं और नौकरशाहों का स्टिंग करने का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। मुख्य आरोपित उमेश जे कुमार को लेकर पुलिस टीम रविवार रात करीब तीन बजे देहरादून पहुंची। यहां पुलिस अधिकारियों ने उससे पांच घंटे तक पूछताछ की।

सोमवार पूर्वाह्न् करीब 11 बजे पुलिस उसे लेकर अदालत पहुंची। पुलिस ने अदालत में अभी तक की जांच रिपोर्ट रखी। इसके बाद अदालत ने आरोपित का पक्ष भी सुना। हालांकि बचाव पक्ष ने दिल्ली से अपने वकील को बुला रखा था, लेकिन अदालत में आरोपित ने खुद ही अपना पक्ष रखा। करीब चार घंटे तक दोनों पक्ष अदालत में मौजूद रहे। उनका पक्ष सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को आठ नवंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए। पेशी के दौरान कचहरी परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

उमेश कुमार ने कहा मेरे खिलाफ हुई साजिश
उमेश कुमार ने अदालत में अपनी पैरवी करते हुए साजिश के तहत फंसाये जाने की बात कही। उसने यह भी कहा कि सरकार उसके पीछे पड़ी है और उसे और उसके परिवार को जान का खतरा हो सकता है।

ये अभी भी बाहर घूम रहे
नेताओं और नौकरशाहों का स्टिंग करने की साजिश के मामले में देहरादून के राजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज है। इस मुकदमे में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र के साथ ही प्रवीण साहनी, सौरभ साहनी और राहुल भाटिया भी नामजद हैं। ये चारों अभी गिरफ्त से बाहर हैं।

समाचार प्लस के मालिक उमेश जे कुमार को पुलिस ने किया गिरफ्तार, राज्य में स्टिंग को लेकर थी ये मंशा

उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने के उद्देश्य से एक पत्रकार पर स्टिंग ऑपरेशन करने का दबाव बनाने वाले एक निजी चैनल के मालिक उमेश जे कुमार को उत्तखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजियाबाद स्थित घर से दबोच लिया। यहां से पुलिस ने 39 लाख रुपये नगदी के साथ ही विदेशी मुद्रा और स्टिंग के उपकरण भी बरामद किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस सिलसिले में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र और चैनल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है।

शिकायतकर्ता आयुष गौड़ के मुताबिक आरोपितों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और कुछ अन्य नेताओं को भी फंसाने का षडयंत्र रचा था। गिरफ्तार आरोपित ने वर्ष 2016 में उत्तराखंड में तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्ंिटग कर राजनीतिक हलचल मचा दी थी। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने की पुलिस और उत्तराखंड पुलिस ने एटीएस एडवांटेज सोसायटी के टावर नंबर 19 के टॉप फ्लोर पर स्थित आरोपित उमेश के फ्लैट पर छापा मारा। टीम की वहां तैनात सीआरपीएफ जवानों से नोकझोंक भी हुई। घर की तलाशी के बाद पुलिस टीम ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। अभी आरोपित से इंदिरापुरम थाने में पूछताछ की जा रही है।

ये सामान मिला फ्लैट से
39,73000 रुपये नगद, 116,279 अमेरिकी डालर, 11,030 थाई मुद्रा, कई मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, आईपैड, लैपटॉप, कैमरा व डीवीडी।
उक्त प्रकरण के सामने आने पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह सब जांच का विषय है और जांच के बाद देखा जाएगा कि और क्या हो सकता है। किसी भी रूप में लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किसी भी स्तर पर नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र के सभी अंगों को समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, उत्तराखंड अशोक कुमार ने कहा कि निजी चौनल के मालिक समेत साजिश में शामिल सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है।

पूरी तैयारी के साथ गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड पुलिस पूरी तैयारी के साथ रविवार सुबह गाजियाबाद पहुंची। हाईप्रोफाइल मामला होने के चलते वह अपने साथ कोर्ट से सर्च और गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट लेकर गई थी।

ऐसे आया मामला सामने
समाचार प्लस चैनल के मुलाजिम आयुष गौड़ ने बीती 10 अगस्त को देहरादून में राजपुर थाने में चैनल के सीईओ के साथ ही उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र, प्रवीण साहनी, सौरभ साहनी और राहुल भाटिया के खिलाफ तहरीर दी थी। आयुष का आरोप था कि उस पर वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं का स्टिंग करने का दबाव बनाया जा रहा है, जान से मारने की धमकी जा रही है। करीब ढाई महीने की जांच के बाद पुलिस ने रविवार को इसमें बड़ी कार्रवाई की।

वहीं शासन ने विवादित अधिकारी डॉ. मृत्युंजय कुमार मिश्र को उनका नाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत अन्य अधिकारियों के स्टिंग के प्रयास को लेकर दर्ज एफआइआर में आने के बाद निलंबित कर दिया है। हालांकि, शासन ने अधिकारिक तौर पर निलंबन का आधार उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में बतौर कुलसचिव उनके विरुद्व सतर्कता विभाग में चल रही खुली जांच व अन्य जांच को बनाया है। सचिव आयुष शैलेश बगौली द्वार जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह अंदेशा जताया है कि मृत्युंजय मिश्र के आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती है। इस कारण उन्हें तत्काल प्रभावित से निलंबित किया गया है।