उत्तराखंड की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम का शानदार प्रदर्शन

देवभूमि की बेटियों ने क्रिकेट जगत में इतिहास रचा है। राज्य को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद उत्तराखंड को पहली ट्रॉफी नसीब हुई है। उत्तराखंड की अंडर 19 महिला क्रिकेट टीम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए अंडर-19 वनडे ट्रॉफी अपने नाम की है। फाइलन मुकाबले में (UTTARAKHAND WON FIRST EVER BCCI TROPHY AFTER RECOGNITION FROM BCCI) उत्तराखंड ने मध्य प्रदेश को 8 विकेट से रौंदकर ये इतिहास रचा।
जयपुर के सवाईमान सिंह स्टेडियम में खेले गए फाइलन मुकाबले में उत्तराखंड ने शुरुआत से ही मैच पर पकड़ बनाकर रखी। उत्तराखंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। मध्य प्रदेश के सलामी बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 46 रन की साझेदारी की। लेकिन बाद में एमपी की टीम लड़खड़ा गई। 48.2 ओवर में एमपी की टीम मात्र 102 रन पर सिमट गई। उत्तराखंड की कप्तान पूजा राज ने 9 ओवर में 15 रन देकर 3 विकेट लिए।
जवाब में उत्तराखंड ने शुरुआत खराब रही और 18 रन पर 2 विकेट गिर गए। इसके बाद नीलम भारद्वाज ने ज्योति गिरी के साथ मिलकर टीम को 34वें ओवर में जीत दिला दी। नीलम 56 और ज्योति 26 रन बनाकर नाबाद रहीं। नीलम भारद्वाज ने सेमीफाइलन में भी अर्धशतकीय पारी खेली थी। उत्तराखंड को पहली ट्रॉफी मिलने पर सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता जारी है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी देवभूमि की बेटियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

लोक संस्कृति और लोक कलाकार हमारी पहचान है-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नालापानी चौक में प्रीतम भरतवाण जागर ढोल सागर इंटर नेशनल अकादमी का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अकादमी को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की ताकि इस अकादमी के माध्यम से हमारी संस्कृति को संरक्षित करने हेतु प्रयास सफल हो सके। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोक कलाकारों को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा की लोक संस्कृति हमारी पहचान है, हमें नहीं भूलना चाहिए की हमारी जड़े कहां है। जड़े कट जाए तो हरा भरा पेड़ भी धीरे धीरे सुख जाता है। जड़ सुरक्षित रहेगी तो पेड़ भी सुरक्षित रहेगा, इसी तरह हमारी संस्कृति सुरक्षित रहेगी तो हम भी सुरक्षित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी संस्कृति को संरक्षित रखने हेतु हम सबको अपने अपने स्तर से प्रयास करना होगा। इस क्षेत्र में पद्मश्री प्रीतम भरतवाण का यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा की आज हमने एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है, उत्तराखण्ड राज्य, पूर्ण रूप से पात्र लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा की सभी प्रदेशवासियों इसके लिये बधाई के पात्र हैं। नियत समय से पहले ही इस लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। इसमें स्वास्थ्य, पुलिस विभागों सहित अन्य विभागों के कार्मिकों, विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं, मीडिया और सभी प्रदेशवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पहली डोज लेने वाले लोगों से दूसरी डोज भी समय पर लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि जैसे ही 18 वर्ष से कम आयु वालों के लिए वैक्सीनेशन की अनुमति मिलेगी, राज्य सरकार इनका वैक्सीनेशन भी जल्द करवाने का प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारत का मान सम्मान बढा है। शक्तिशाली, गौरवशाली भारत के रूप मे देश आगे बढ रहा है। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक शासन प्रशासन पहुंचे और विकास का लाभ मिले, इस पर काम किया जा रहा है।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रसिद्ध जागर गायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण को बधाई देते हुए कहा की लोक संस्कृति को संरक्षित करने का उनका यह प्रयास सराहनीय है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, प्रसिद्ध जागर गायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, चार धाम अस्पताल के एमडी डॉ. केपी जोशी, शेर दास विद्वान, संजय कुमोला, गजेंद्र नौटियाल, प्रेम सिंह पयाल आदि गणमान्य उपस्थित थे।

राज्य सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हमेश खड़ी है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सूबेदार अजय सिंह और नायक हरेंद्र सिंह के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उनकी शहादत को नमन करते हुए कहा कि राज्य सरकार शहीदों के परिजनों के साथ हर समय खड़ी है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानंद ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

फरार आरोपी को बिरला घाट हरिपुरकलां से किया गिरफ्तार

रामझूला स्थित नाव घाट में संत के बैग के चोरी के मामले में फरार चल रहे पांचवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। इससे में चार लोगों पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
लक्ष्मणझूला थाना पुलिस के मुताबिक संत दिलीप ब्रह्मचारी निवासी संत श्री आश्रम, तपोवन 23 सितंबर को रामझूला स्थित नावघाट पर स्नान कर रहे थे। इसीबीच चोरों ने घाट से उनका बैग चोरी कर लिया था। जिसमें उनके कपड़े और 60 हजार रूपये की नकदी रखी थी। संत की तहरीर मिलने पर पुलिस ने मुकदमा चार लोगों को पहले ही पकड़ लिया था। जिसमे पांचवां आरोपी फरार चल रहा था। जिसे रविवार को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बिरला घाट, हरिपुरकलां से गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान विशाल शर्मा पुत्र सूरज प्रकाश शर्मा निवासी शिवनगर, काशीपुर, ऊधम सिंह नगर के रूप में हुई है। बताया आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे जेल भेजा गया है।

छात्र जीवन में तो कई बार लेकिन आज मुख्यसेवक बनकर आया हुं अयोध्या-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अयोध्या पहुंचकर रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन कर उत्तराखण्ड राज्य की खुशहाली की प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर निर्माण कार्य का अवलोकन किया और साधू संतों का आशीर्वाद भी लिया। राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अयोध्या 2 दिन के दौरे पर हैं। अपराह्न लगभग 3 बजे मुख्यमंत्री अयोध्या के नाका एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें उत्तरप्रदेश पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद वह नया घाट स्थित यात्री निवास सरयू होटल पहुंचकर उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। शाम को 4ः30 बजे नया घाट से चलकर हनुमानगढ़ी राम जन्मभूमि तक जाने वाली राम बारात में शामिल होते हुए पुष्कर सिंह धामी हनुमानगढ़ी पहुंचे। हनुमानगढ़ी में उन्होंने विधिविधान के साथ दर्शन पूजन किया। हनुमानगढ़ी पीठ के महंत राजूदास की अगुवाई में पूजन कार्यक्रम संपन्न किया गया। इसके बाद वह सीधे रामलला के दरबार में पहुंचे। उन्होंने पहले रामजन्म भूमि में रामलला की पूजा अर्चना की और फिर उस स्थान को देखने गए जहां रामलला का भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण हो रहा है। इससे पहले यात्री निवास में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उच्च शिक्षा लखनऊ से ग्रहण की है। छात्र जीवन में कई बार उनका अयोध्या आना हुआ, लेकिन उत्तराखण्ड के मुख्यसेवक के रूप में पहली बार उन्हें अयोध्या आने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड महादेव की भूमि है और उत्तर प्रदेश भगवान श्रीराम की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत देश तेजी से विकास कर रहा है और दुनिया में हमारे देश का मान सम्मान बढ़ा है। उनके दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश की तरह उत्तराखण्ड में भी विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। कर्णप्रयाग ऋषिकेश रेलवे लाइन, चारधाम ऑल वेदर, केदारनाथ पुनर्निर्माण, बदरीनाथ सौंदर्यीकरण महायोजना समेत तमाम परियोजनाओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारा जा रहा है। इस दौरान राज्यसभा सांसद नरेश बंसल भी मौजूद रहे।

रविवार को धर्मशाला के भूमि पूजन में शामिल होंगे धामी
रविवार की सुबह 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री दिल्ली सेवा धाम ट्रस्ट की धर्मशाला के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान यज्ञ में बैठ कर वह आहुति देंगे। मुख्यमंत्री ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मणिराम छावनी में मुलाकात करेंगे। इसके बाद सुबह 11ः30 बजे वह अयोध्या के नाका एयरपोर्ट से देहरादून रवाना होंगे।

संजय झील से पर्यटन की अपार संभावनाएं, युवाओं को मिलेगा रोजगार-अग्रवाल

हरिद्वार मार्ग पर काले की ढाल के समीप प्रस्तावित संजय झील के सौंदर्यीकरण को लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने वन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान अग्रवाल ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन क्षेत्र से सटे संपर्क मार्गों का कैंपा योजना के माध्यम से निर्माण किए जाने के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
शनिवार को बैराज स्थित विधानसभा अध्यक्ष के कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में अग्रवाल ने अधिकारियों से संजय झील के सौंदर्यीकरण एवं विस्तारीकरण के संबंध में बनाई गई कार्ययोजना के संबंध में प्रगति आख्या ली।इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों पर नाराजगी भी व्यक्त करते हुए कहा कि संजय झील के सौंदर्यीकरण के संबंध में पहले भी अधिकारियों को इस पर शीघ्रता से कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया था।
इस अवसर पर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि उनके द्वारा संजय झील का निरीक्षण किया गया है साथ ही कई कार्य मौके पर प्रारंभ कर दिए गए हैं। उन्होंने अवगत किया कि संजय झील में प्रारंभिक कार्यों हेतु राज्य सेक्टर योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपए की धनराशि प्रभाग को प्राप्त हो गई है जिससे झील के आसपास उगी खरपतवार को साफ किया जा चुका है ट्रेल का निर्माण कार्य, प्रवेश गेट का निर्माण, फेंसिंग कार्य प्रारंभ कराए जा रहे हैं।वर्तमान समय में संजय झील में वर्ड वाचिंग के कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए जा चुके हैं।
इस अवसर पर डीएफओ राजीव धीमान ने विधानसभा अध्यक्ष को अवगत किया कि संजय झील के सौंदर्यीकरण कार्य हेतु तकनीकी विशेषज्ञता को देखते हुए विस्तृत प्राकल्लन/आगणन तथा कार्ययोजना तैयार करने हेतु विशेषज्ञों की सेवाएं ली जानी प्रस्तावित है जिस पर 10 लाख रुपए की धनराशि का व्यय भी प्रस्तावित है। डीएफओ ने बताया कि 5 लाख रुपये की धनराशि प्रभाग को प्राप्त हो चुकी है इस धनराशि से संजय झील के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए डीपीआर तैयार करने की कार्यवाही गतिमान है शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर इसका प्रस्तुतिकरण किया जाना है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संजय झील प्राकृतिक रूप से अत्यंत सुंदर है व शहर के बीच में इस प्रकार के स्थान को विकसित करने से तीर्थाटन एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही अध्यात्म के साथ-साथ पर्यटक भी इस स्थान का लुफ्त उठा सकेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शीघ्र ही संजय झील के सौंदर्यकरण का कार्य प्रारंभ किया जाए जिससे लंबित इस योजना का लाभ स्थानीय लोगों को मिल सके। इस दौरान अग्रवाल ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन क्षेत्र से सटे संपर्क मार्गों का कैंपा योजना के माध्यम से निर्माण किए जाने के संबंध में भी अधिकारियों से चर्चा की। अग्रवाल ने कहा कि वन क्षेत्र से सटे इन सभी संपर्क मार्गों का पक्का निर्माण करना अति आवश्यक है, क्योंकि संपर्क मार्ग पक्के ना होने के कारण स्थानीय लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बैठक में वन विभाग के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी, राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक डीके सिंह, डीएफओ राजीव धीमान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

युवा सरकार के निर्णय से मिलने लगा रोजगार, बेराजगारी दर में दर्ज की गई गिरावट

उत्तराखंड में पिछले एक महीने में बेरोजगारी की दर में कमी आई है। सितंबर माह में राज्य की बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल इसी महीने बेरोजगारी दर 22.3 प्रतिशत थी। बेरोजगारी दर के मामले में उत्तराखंड देश में नौंवे स्थान पर है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्रा लि (सीएमआईई) के सर्वे में यह खुलासा हुआ है।
सर्वे के ऑनलाइन आंकड़ों के मुताबिक, पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा समेत 17 राज्यों में बेरोजगारी उत्तराखंड से अधिक है। उत्तराखंड में पिछले महीने की तुलना में सितंबर माह में बेरोजगारी दर में 2.1 प्रतिशत की गिरावट रही है। 

आर्थिक गतिविधियों में तेजी का असर
कोविड की दूसरी लहर के तकरीबन थम जाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी बेरोजगारी दर में गिरावट की एक प्रमुख वजह मानी जा रही है। जानकारों के मुताबिक, पिछले दो महीनों के दौरान राज्य में पूरी तरह से अनलॉक हो गया है। बाहरी राज्यों के लोगों के राज्य में प्रवेश की बंदिश में ढील, अंतरराज्यीय परिवहन के संचालन और व्यावसायिक गतिविधियों को खोलने से आजीविका और रोजगार के अवसर खुले हैं।
 
सितंबर 2020 में थी 22 फीसदी से ज्यादा बेरोजगारी दर
कोरोनाकाल के दौरान सितंबर 2020 में उत्तराखंड की बेरोजगारी दर पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक 22.3 फीसदी थी। जनवरी 2021 की तुलना में 2020 में बेरोजगारी दर केवल एक फीसदी कम थी। सितंबर 2020 में बेरोजगारी दर बढ़कर 22.3 फीसदी तक पहुंच गई।
 
कुछ प्रमुख राज्यों में बेरोजगारी दर 
प्रदेश-बेरोजगारी दर
उत्तरप्रदेश-5.0
हिमाचल-8.7
जम्मू कश्मीर-21.6
हरियाणा-20.3
गुजरात-1.3
दिल्ली-16.8
पंजाब-9.3
राजस्थान-17.9
असम-3.5
स्रोत-सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआई) प्रा. लि.

फिल्म निर्माण के लिए 24 गांवों को होगा कायाकल्प

उत्तराखंड में पलायन के कारण खाली हो रहे नैनीताल जिले के वीरान गांवों में होम स्टे विकसित किए जा रहे हैं। अहमदाबाद की एक फर्म के साथ मिलकर उत्तराखंड के पर्यटन विभाग ने यह योजना शुरू की है। इसके तहत विभाग ने नैनीताल के पास कुंजखड़क गांव के आसपास के इलाकों को चिह्नित किया है, जहां कम्युनिटी बेस होम स्टे शुरू करने की तैयारी है। विभाग इन गांवों में खंडहर हो चुके मकानों को ठीक कर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देगा। योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन विकास के साथ ही खाली गांवों का इस्तेमाल फिल्म निर्माण के लिए करने की भी योजना है।
पर्यटन विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत नैनीताल जिले में करीब 24 गांव चिह्नित किए हैं। इनमें कुछ की पौराणिक व रोचक कहानियां हैं। कुछ बेहद अच्छी लोकेशंस पर स्थित हैं। फिल्म निर्माण के लिए भी योजना अच्छी साबित हो सकती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। पर्यटन विभाग ऐसे गांवों को स्थानीय लोगों के साथ ही निवेशकों की मदद से विकसित करेगा।

इटली के गांवों को देख कर बनाई योजना
उत्तराखंड पर्यटन विभाग को यह विचार विदेशों में इस तरह की पहल को देखकर आया है। इटली में कई पुराने खाली हो चुके गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जहां प्रतिवर्ष विश्वभर से बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं। इसी तर्ज पर पर्यटन विभाग ने प्रदेश के ऐसे कुछ गांवों को चिह्नित करना शुरू किया है। उत्तरकाशी की नेलांग घाटी के जादूंग गांव और गर्तातोली की सीढ़ियों को इसी तर्ज पर विकसित किया गया है। यह गांव 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद खाली करा दिए गए थे।
वहीं, नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने बताया कि पलायन रोकने को होम स्टे योजना काफी कारगर है। खाली हो चुके कई गांव बहुत अच्छी लोकेशन्स और इलाकों में स्थित हैं। इन्हें सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह राज्य की आर्थिकी के साथ स्वरोजगार का सबसे अच्छा माध्यम बन सकते हैं। इस तरह लोग उत्तराखंड की कला संस्कृति से भी जुड़ पाएंगे।

सीएम धामी की घोषणा का शासनादेश जारी

युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के अन्तर्गत युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दल को स्वावलम्बन के लिए छः माह आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के अन्तर्गत युवक मंगल दलों और महिला मंगल दलों को स्वावलम्बन के लिए 22 करोड़ 24 लाख 50 हजार रूपये की स्वीकृति का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस राशि से प्रदेश के युवक मंगल दलों और महिला मंगल दलों को छः माह आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में युवक मंगल दलों और महिला मंगल दलों के सराहनीय कार्य को देखते हुए छः माह आर्थिक सहायता की घोषणा की थी।

पर्यटन गतिविधियों से रोजगार बढ़ाने को मुख्य सचिव ने की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि माउंटेनियर्स और ट्रैकर्स के लिए रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए, ताकि उन्हें सैटेलाईट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके। सर्च ऑपरेशन्स में इससे काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्वतारोहियों एवं ट्रैकर्स की सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है, परन्तु ऑफ सीजन टूरिज्म की व्यापक सम्भावनाएं है। इन्हें तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए। हेलीपैड्स एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किया जाए। पर्यटन स्थलों में हेलीपैड्स विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं, परन्तु कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे हैं, उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर फोकस किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों पर हर 20-30 किलोमीटर पर पानी व टॉयलेट आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं, ताकि यात्रियों और आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए सुचारू संचालन के लिए छोटी-छोटी शॉप्स आदि की व्यवस्था की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर सभी उम्र के पर्यटकों के अनुसार सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। युवा वर्ग टेक्नोलॉजी का बहुत प्रयोग करता है। युवाओं को प्रत्येक जानकारी फोन पर चाहिए इसके लिए ऐसी ऐप और वेबसाईट तैयार की जाए जिस पर हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो, परन्तु वृद्धों के लिए ऑफलाईन जानकारियों की व्यवस्था भी रखी जाए। ऐप और वेबसाईट को सिटीजन फ्रेंडली एवं ईज़ी टू यूज बनाया जाए। पर्यटन स्थलों को बच्चों के सैर-सपाटे के अनुरूप भी विकसित किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन की सम्भावना होने के बावजूद, सुविधाओं के अभाव के कारण यह सब सम्भव नहीं हो पा रहा है, वहां रिसोर्ट विकसित किए जा सकते हैं, जिन्हें शुरुआत में जीएमवीएन एवं केएमवीएन के माध्यम से चलाकर प्रॉफिट गेनिंग होने पर बेचा जा सकता है और उस पैसे से नई जगह डेवेलप की जा सकती हैं। इससे प्रदेश में अनेक पर्यटन स्थल विकसित हो जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी कार्य योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। प्रत्येक कार्य के लिए समयसीमा पूर्व में ही निर्धारित की जाएं। प्रत्येक योजना को साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए, ताकि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण हो सके। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकस किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत एवं सीईओ युकाडा स्वाति भदौरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।