कोरोना कालः एम्स के विशेषज्ञों ने स्कूल खुलने पर बच्चों के लिए जारी किए सुझाव

दो नवंबर से उत्तराखंड के कक्षा दस से 12वीं के विद्यालय खुल रहे है। ऐसे में बच्चों के समक्ष कई तरह की दिक्कतें हो सकती है। इसके लिए एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रवि कांत ने सुझाव दिया है। बताया है कि कोविड-19 ने अभिभावकों में बच्चों के प्रति व्यापक चिंता पैदा की है। लिहाजा इस बीमारी के दुष्प्रभावों को लेकर माता-पिता द्वारा आशंकित होना और बच्चों की सुरक्षा के बारे में चिंता करना स्वाभाविक है। बच्चों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए उन्हें साबुन से बार-बार हाथ धोने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। बच्चों में विटामिन-डी की कमी नहीं हो, इसलिए धूप में थोड़ी देर परस्पर 1 से 2 मीटर की दूरी बनाते हुए और मास्क पहनकर खेलने दें। साथ ही स्क्रीन टाइम कम करने के लिए उन्हें किताबें पढ़ने, व्यायाम करने और परिवार के साथ समय बिताने के लिए उनमें रुचि पैदा करनी चाहिए।

कम्यूनिटी एंड मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. मीनाक्षी खापरे ने इस बारे में बताया कि बच्चों की शारीरिक ऊर्जा को चैनलाईज करने की आवश्यकता है। इसके लिए बच्चों को विभिन्न खेलों, ड्राईंग, पेंटिंग, अभिनय, बागवानी, खाना बनाने और घर की साफ-सफाई में शामिल किया जा सकता है।

सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग की डा. रुचिका गुप्ता और डा. श्रेया अग्रवाल ने बताया कि बच्चों को स्वस्थ आहार उपलब्ध कराना, नियमित व्यायाम के लिए प्रेरित करना, बच्चों में कौशल विकास की रुचि विकसित करना और उन्हें रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रखना चाहिए। उनमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पैदा करने के लिए हमें उन्हें टीम भावना से कार्य करना सिखाना होगा।