योग महोत्सव पर वित्त मंत्री ने किया योगाभ्यास

त्रिवेणी घाट में आयोजित योग महोत्सव में कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि योग भारतीय सभ्यता, संस्कृति तथा जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिए गर्व की बात है। योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मनुष्यता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।

कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सेतु भी है। योग जोड़ने का कार्य करता है। इसी का प्रतिफल है कि आज दुनिया योग को अपना रही है तथा योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। हमारे योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है।

उन्होंने योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताते हुए कहा कि योग में मन और चित्त की मलिनता को दूर करने की ताकत है। योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है जिसमें योग की बड़ी भूमिका है।

इस मौके पर हस्त मुद्रा, ज्ञानमुद्रा, वायु मुद्रा, आकाश मुद्रा, शून्य मुद्रा, प्राणायाम आदि योग क्रियाएं की गई। इस मौके पर पर्यावरण को संरक्षित करने का भी संकल्प लिया गया। मौके पर डॉ अग्रवाल ने योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में अपनाने का आवाहन किया।

इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश शैलेन्द्र सिंह नेगी, वन क्षेत्राधिकारी ललित नेगी, एसडीओ सिंचाई विभाग अनुभव नौटियाल, अधिशासी अभियंता सीवर विंग हरीश बंसल, मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, मंडल अध्यक्ष महिला मोर्चा उषा जोशी, पूर्व दर्जाधारी सन्दीप गुप्ता, संजय शास्त्री, कपिल गुप्ता, जयंत किशोर शर्मा, संजय व्यास, प्रदीप कोहली, राम कृपाल गौतम, पूर्व प्रधानाचार्य आईडी जोशी, प्रधानाचार्य धीरेंद्र जोशी, प्रधानाचार्य केंद्रीय विद्यालय सुधा गुप्ता, राजपाल ठाकुर, दीपक बिष्ट, माधवी गुप्ता, विनोद भट्ट, पर्यावरण विद विनोद जुगरान, राकेश चंद, सीमा रानी सहित स्कूली बच्चें आदि सैकड़ो योग अभ्यर्थी मौजूद रहे।