मैंने हमेशा जातिवाद क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर केवल क्षेत्र के विकास को सर्वाेपरि मानाः प्रेमचंद


ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लाल पानी, खांड गांव विस्थापित क्षेत्र में 2 करोड 67 लाख रुपए की लागत से 4.17 किलोमीटर सड़क एवं नाली निर्माण कार्य का आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा विधिवत मंत्रोच्चार के बीच नारियल फोड़ कर लोकार्पण किया गया।

लाल पानी, खांड गांव में राज्य योजना के अंतर्गत 4.17 किलोमीटर लंबाई की सड़क एवं नाली निर्माण का कार्य पूर्ण हुआ है। जिसमें की 2 करोड 67 लाख 30 हजार रुपए की धनराशि द्वारा निर्मित सड़क के लोकार्पण अवसर पर क्षेत्रवासियों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। साथ ही विगत कई वर्षों से सड़क निर्माण की मांग पूरी होने पर विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया गया।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने क्षेत्र के कई अन्य समस्या को भी सुना एवं मौके पर ही कई समस्याओं का समाधान भी किया। इस अवसर पर स्पीकर ने कहा कि उन्होंने जातिवाद क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर केवल क्षेत्र के विकास को सर्वाेपरि माना है, उन्होंने कहा कि जनता का आशीर्वाद उन्हें लगातार मिलता रहा है एवं आगे भी मिलता रहेगा। कहा कि विकास के नाम पर वह राजनीति को कदापि स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर क्षेत्र के विकास में एकजुट होना पड़ेगा।

ंकहा कि ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार का व्यक्ति मानते हैं एवं प्रत्येक व्यक्ति की समस्या का समाधान करने का भरसक प्रयास करते हैं। कहा कि कुछ दलों के लोग चुनाव नजदीक आता देख क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के प्रपंच रचने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें वह कभी भी सफल नहीं होंगे। जनता आगामी चुनावों में उन सभी लोगों को सबक सिखाएगी जिनका जनता की समस्याओं से कभी भी कोई सरोकार नहीं रहा है।

इस अवसर पर खांड गांव विकास समिति के अध्यक्ष निर्मल बहुगुणा, सचिव हरीश पंत, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार, सहायक अभियंता आरसी कैलकुला, अपर सहायक अभियंता छबीलदास सैनी, पूर्णनंद व्यास, रोशन ध्यानी, रतनलाल बिजलवान, शोभाराम भट्ट, विकास मित्तल, पी एस पटेल, संगीता भट्ट, उषा चौहान, शशि नौटियाल, प्रिया भट्ट, सुनीता बहुगुणा, नेहा मित्तल, पंकज भट्ट सहित अन्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व प्रधानाचार्य सजवाण जी ने किया।