प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने के निर्देश

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा बुधवार को सचिवालय में डी.बी.टी. (डायेरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना) की समीक्षा की गयी। मुख्य सचिव द्वारा इस पोर्टल की उपयोगिता के दृष्टिगत अन्य विभागों द्वारा भी इसका उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2019 से समस्त लाभार्थियों के डेटा को डिजिटाइज करने के लिए पोर्टल की उपयोगिता को सराहा गया है। उन्होंने विजन 2020 के अन्तर्गत राज्य की समस्त डी.बी.टी. स्कीमों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण निर्धारित समय सीमा में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। in-kind स्कीमों में प्रत्यक्ष लाभान्तरण सुनिश्चित करने हेतु प्राथमिकता के आधार पर विभागीय स्तर पर आवश्यक तैयारी करने के भी निर्देश मुख्य सचिव ने दिए है।
सचिव, वित्त अमित नेगी द्वारा अवगत कराया गया कि डी.बी.टी. मिशन, पर भारत सरकार की अपेक्षा अनुरूप राज्य में प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में स्टेट डी.बी.टी. पोर्टल का निर्माण किया गया है, उसे भारत डी.बी.टी. पोर्टल से इन्टिग्रेट किया गया है। राज्य सरकार द्वारा अपना आधार एक्ट भी बनाया गया है। भारत सरकार द्वारा चिन्हित व राज्य में लागू समस्त सी.एस.एस. की डी.बी.टी. स्कीमों को आॅन बोर्ड किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त राज्य सेक्टर की 122 योजनाओं को भी आॅन बोर्ड किया जा चुका है। एन.आई.सी. ने रूट लेवल पर लाभार्थियों को विवरण को संचित करने हेतु एम.आई.एस. पोर्टल को विकसित किया है। आई.सी.डी.एस., कृषि व पशुपालन आदि विभागों द्वारा इस पोर्टल का प्रयोग प्रारम्भ कर दिया गया है।
उन्होंने इस सम्बन्ध में आवश्यक मार्ग निर्देशन एवं सहयोग हेतु विभागों को मनमोहन मैनाली, उप-सचिव, इरला, उत्तराखण्ड शासन एवं एन.एस. नेगी, निदेशक, एन.आई.सी. से संपर्क कर यथाशीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव डी.सेन्थिल पाण्डियन, शैलेश बगोली, नोडल, डी.बी.टी. उर्वरक अनिरूद्व सक्सेना एवं डी.बी.टी के नोडल अधिकारी आदि उपस्थित थे।