एमडीडीए की कार्रवाई, सरकारी मुकदमा दर्ज

विवादित जूता घर प्रकरण ने अब एक नया मोड़ आया है, एमडीडीए ने अज्ञात के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने तहरीर के आधार पर लोक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वही मौके पर जूता घर को तोड़ने के दौरान जो भी व्यक्ति, संस्थाएं और राजनीति व्यक्ति मौजूद रहा है, उनकी जांच करने की बात सामने आ रही है। इस कार्रवाई के बाद नगर के कुछ लोगों में खलबली मची रही। सूत्रों के मुताबिक उन्हें अब पुलिस कार्रवाई का डर सताने लगा है।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में विवादित जूता घर को तोड़ने में जितनी तेजी दिखाई गई उतनी ही तेजी से एमडीडीए ने भी एक्शन ले लिया है। एमडीडीए के अवर अभियंता अनुज कुमार पांडे की तहरीर पर कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि यह मुकदमा अभी अज्ञात के खिलाफ हुआ है, मगर पुलिस जल्द ही सीसीटीवी फुटेज व आसपास के लोगों से पूछताछ के आधार पर नाम का खुलासा कर सकती है।

गौरतलब है कि एक कार्यक्रम में त्रिवेणी घाट जूता घर को लेकर एमडीडीए के अधिकारियों को चेतावनी दी गई थी। इसके बाद स्थानीय पार्षद रीना शर्मा ने एमडीडीए, विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसको तोड़ने के बजाय लॉकर के रूप में परिवर्तित करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि लाखों रुपये की लागत से बने सरकारी निर्माण को एकाएक ध्वस्त करना उचित नही है। ऐसे में इसका सदुपयोग अन्य कार्य में किया जा सकता है। मगर स्थानीय लोगों का आरोप है कि एकाएक रात्रि के समय इस जूता घर को अपनी सस्ती लोकप्रियता के चलते जेसीबी की मदद से तुड़वा दिया गया। जिसके बाद इस मामले में एमडीडीए की ओर से कड़ी नाराजगी जताई गई थी। बीते रोज एमडीडीए के अवर अभियंता अनुज कुमार पांडे ने कोतवाली ऋषिकेश में तहरीर दी, वही पुलिस ने भी अज्ञात के खिलाफ लोक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब जूता घर तोड़ने के दौरान जो भी व्यक्ति वहां मौजूद रहा, उस पर पुलिस की क्या कार्रवाई होती है, इस पर सबकी नजर बनी हुई है।