मुनाफाखोरी रोकने को मोदी सरकार ने बाजार में उतारे जासूस

एक जुलाई से जीएसटी लागू करने के बाद अब मोदी सरकार ने आम आदमी के फायदे के लिए 200 जासूसों को बाजार में उतारा है। ये जासूस देश के छोटे-बड़े शहरों के साथ-साथ कस्बों में घूमेंगे और ऐसे बिजनेसमैन, होलसेलर और रीटेलर की पहचान करेंगे जो नए टैक्स ढ़ांचे का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
केन्द्र सरकार ने यह कदम बीते एक हफ्ते के दौरान देश के अलग-अलग कोने से मुनाफाखोरी की शिकायतें मिलने के बाद उठाया है। गौरतलब है कि देश के नए टैक्स ढ़ांचे के केन्द्र में मुनाफाखोरी रोकने के प्रावधान है और यदि मुनाफाखोरी पर लगाम नहीं लगाई जाएगी को जीएसटी का पूरा मकसद ही फेल हो सकता है।
केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियां और दुकानदार पूरी इमानदारी से कारोबार करेंगी तो इस कर सुधार का सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को मिलेगा। वहीं इस सुधार में कारोबारियों ने बेइमानी के नए रास्ते इजात कर लिए तो देश में महंगाई बढ़ने की आसार पैदा हो जाएंगे।

जासूस कौन है और कहां घूमेंगे?
केन्द्र सरकार की तैयारी के मुताबिक ये 200 जासूस सीनियर आईएएस, आईआरएस और आईएफएस अधिकारियों में से चुने गए हैं। इन जासूसों को सरकार ने जिम्मेदारी दी है कि वह लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में घूमकर जरूरी उत्पादों की कीमत का पूरा जाएजा लेंगे। बाजार में प्राइस ट्रेंड पर लगातार अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को देंगे। किसी भी जगह दुकानों पर बिक रहे सामान की कीमत का जायजा लेने के लिए खरीदारी कर सकते हैं।
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