राष्ट्र विरोध गतिविधियों में संलिप्त 12 अधिकारी बर्खास्‍त

श्रीनगर/नई दिल्‍ली।
कश्मीर घाटी में चल रही अशांति के बीच, जम्मू कश्मीर सरकार ने राष्ट्र विरोध गतिविधियों में कथित तौर पर संलिप्त 12 अधिकारियों को सेवा से बर्खास्‍त कर दिया है। इससे पहले उनके खिलाफ डोजियर तैयार किया गया था।
जानकारी के अनुसार, जम्‍मू-कश्‍मीर के जिन 12 अफसरों को बर्खास्‍त किया गया है, उनके खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। इस तरह के मामले में संलिप्‍तता की बात पता चलने पर राज्‍य की पुलिस ने तहकीकात शुरू की थी। पुलिस ने इन अफसरों को लेकर एक अहम जांच रिपोर्ट तैयार की थी। इन अफसरों पर पुलिस की रिपोर्ट सामने आने के बाद राज्‍य के मुख्‍य सचिव के आदेश पर इन अधिकारियों को बर्खास्‍त कर दिया गया। कर्मचारियों पर आरोप है कि राज्य में अशांति फैलाने में उन्होंने भी भूमिका निभाई है। सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से कई अन्य अधिकारियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। बर्खास्तगी का यह आदेश बुधवार शाम को दिया गया।
बताया जा रहा है कि बर्खास्‍त हुए कुछ अफसर अब भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। बर्खास्‍त किए गए कई अफसरों पर पब्लिक सेफ्टी एक्‍ट के तहत केस दर्ज किया गया है।सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकारी सेवा से बर्खास्‍त किए गए अधिकारी-कर्मचारी राजस्व, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, ग्रामीण विकास और शिक्षा विभाग सहित विभिन्न महकमों से हैं। अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने इन कर्मचारियों को बर्खास्‍त करने के लिए जम्मू कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 126 को लागू किया है। उन्होंने कहा कि इन में से कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था जबकि अन्य या तो जमानत पर बाहर हैं या गिरफ्तारी से बच रहे हैं। राज्य पुलिस की खुफिया इकाई ने गड़बड़ी पैदा करने और युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने के लिए पिछले महीने 36 कर्मचारियों के खिलाफ एक डोजियर तैयार किया था। डोजियर को आगे की कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव के दफ्तर भेजा गया था।
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राज्य सरकार के कर्मचारी पहले भी कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं और उनमें से कुछ को सेवा से बर्खास्‍त किया गया है। मौजूदा शिक्षा मंत्री नईम अख्तर उन पांच सरकारी कर्मचारियों में से एक थे जिन्हें 1990 में राज्य सरकार ने सेवा से बर्खास्‍त कर दिया था। उन पर कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। उनकी सेवाएं बाद में बहाल कर दी गई थीं क्योंकि कर्मचारियों ने तीन महीने की हड़ताल की थी।
जम्‍मू कश्‍मीर बीजेपी ने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को सही बताया है। बीजेपी नेता खालिद जहांगीर ने कहा कि इन नेताओं को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उन्‍होंने कहा कि अफसरों को चाहिए कि वे लोगों की भलाई के लिए काम करें। घाटी में 9 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद हुए प्रदर्शन में अब तक करीब 91 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 104 दिनों से जारी प्रदर्शनों में हजारों लोग घायल हो चुके हैं।