ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने की कोई सीमा नहीं

देहरादून।
उत्तराखण्ड ऊर्जा कामगार संगठन के 27 वें द्विवार्षिक महाधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि टीम वर्क से ही विकास सम्भव है। मेनेजमेंट व कर्मचारियों में बेहतर तालमेल जरूरी है। ऊर्जा निगम अपने लाभ का एक हिस्सा कर्मचारियों को हस्तांतरित करें। ट्रांसमिशन लॉस कम करने के लिए इन्सेंटिव की योजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हम पहले राज्य हैं जिसने सातवें वेतन आयोग के लिए न केवल समिति बना दी है बल्कि बजट में इसका प्राविधान भी कर दिया गया है। उत्तराखण्ड तेजी से बढ़ते 6 राज्यों में शामिल है। हमारी वृद्धि दर 13 प्रतिशत है। इस वृद्धि को समावेशी रूप देने के लिए तमाम तरह की पेंशन योजनाएं व महिला सशक्तिकरण की योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं।
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मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने की कोई सीमा नहीं है। सम्भावनाएं बहुत अधिक हैं। ऊर्जा के उपभोग में बढ़ोतरी विकास का परिचायक है। वर्ष 2017 या 2018 तक कानून बनाकर बिजली उपलब्ध करवाने की बाध्यता लागू की जाएगी। ऊर्जा निगमों में पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। इस अवसर पर विधायक हीरासिंह बिष्ट, एमडी यूपीसीएल एसएस यादव, एमडी यूजेवीएनएल एसएन वर्मा, यूपी विद्युत मजदूर संगठन के अध्यक्ष आरएस राय, उत्तराखण्ड ऊर्जा कामगार संगठन के अध्यक्ष राकेश शर्मा आदि उपस्थित थे।