अब उत्तराखंड बोर्ड की राह पर चले मदरसे

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने अहम निर्णय लेते हुये यह फैसला लिया है कि मदरसों में दसवीं और बारहवीं की परीक्षायें उत्तराखंड बोर्ड पैटर्न की तर्ज पर होंगी। अब यह कहा जा सकता है कि मदरसे भी सरकारी व निजी स्कूलों की राह पर चलेंगे।

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड कार्यालय में हुई बैठक में मदरसों की बोर्ड परीक्षा को सरल बनाने पर चर्चा की गई। लंबे विचार-विमर्श के बाद सदस्यों ने उत्तराखंड के मदरसों की परीक्षाओं में भी उत्तराखंड बोर्ड के समान परीक्षा पैटर्न लागू करने का फैसला लिया। बोर्ड के डिप्टी रजिस्ट्रार अहमद अखलाक अंसारी ने बताया कि मदरसों में बोर्ड की परीक्षा का पैटर्न बहुत जटिल था। इसके कारण बच्चों को कई तरह की परेशानियां भी होती थीं।

इसलिए बोर्ड ने पैटर्न को सरल बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने मदरसों के पुराने पैटर्न का जिक्र करते हुए बताया कि 10वीं कक्षा में 10, जबकि 12वीं में नौ पेपर होते थे। लेकिन अब उत्तराखंड बोर्ड की भांति 10वीं में छह और 12वीं में पांच ही परीक्षा होंगीं। इसके अलावा अभी तक मदरसों में 10वीं की परीक्षा में एक हजार अंकों से मूल्यांकन होता था। लेकिन, अब 10वीं में पांच सौ और 12वीं बोर्ड की परीक्षा में छह सौ अंकों से मूल्यांकन होगा। बताया कि इस दिशा में अन्य संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है। जल्द ही कुछ निर्णय भी लिए जा सकते हैं।