तीन तलाक पीढ़िता को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा देने की तैयारी

-योगी सरकार रानी लक्ष्मीबाई योजना सम्मान कोष के तहत आर्थिक सहारा उपलब्ध करायेगी

लखनऊ।
प्रदेश में तीन तलाक पीडि़ताओं के आश्रय की व्यवस्था करने के साथ ही साथ योगी आदित्यनाथ अब उनको आर्थिक मजबूती भी देने की तैयारी में है। तीन तलाक के मुद्दे पर गंभीर राज्य सरकार उत्पीडऩ की शिकार महिलाओं और परित्यक्ताओं को आर्थिक सुरक्षा देने की तैयारी कर रही है। इसके तहत एक वर्ष में दो लाख से कम आय वाली महिलाओं को रानी लक्ष्मीबाई योजना सम्मान कोष के तहत आर्थिक सहारा उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश का परिवार एवं महिला कल्याण मंत्रालय इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। रानी लक्ष्मीबाई योजना सम्मान कोष के जरिए एसिड अटैक और उत्पीडऩ की शिकार महिलाओं की मदद की जाती है। इस कोष में एक हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं।
अब इसका दायरा बढ़ाते हुए तीन तलाक से प्रभावित महिलाओं को भी शामिल किए जाने की योजना है। प्रस्ताव में यह भी शामिल किया गया है कि दो लाख से कम आय वाली बेसहारा महिलाओं के पुनर्वास के साथ ही उनके बच्चों की शिक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। कोष के जरिए ही बच्चों को स्कूल भेजने के साथ ही उनके लिए ड्रेस व किताबों की व्यवस्था भी की जाएगी। इस योजना को आगे चलकर कैबिनेट में रखा जा सकता है।
गौरतलब है कि इससे पहले राष्ट्रवादी मुस्लिम महिला संघ की अध्यक्ष फरहा फैज के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने डा. रीता बहुगुणा जोशी से मुलाकात की थी और उनसे तीन तलाक की शिकार महिलाओं को आर्थिक सहारा दिए जाने की बात उठाई थी। रीता जोशी ने आश्वस्त किया था कि इस बारे में प्रस्ताव बनाया जाएगा। अपने विभागीय प्रजेंटेशन में भी उन्होंने परित्यक्ता, बेसहारा और उत्पीडऩ की शिकार महिलाओं तथा एसिड अटैक की शिकार महिलाओं के लिए योजना का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि तीन तलाक के मुद्दे पर रायशुमारी के बाद मसौदा तैयार किया जाएगा।