चुनाव से पूर्व ही कांग्रेस को लगा धीरे से जोर का झटका

देहरादून।
उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में करारी शिक्स्त खाने के बाद कांग्रेस की राज्य सहकारी बैंक के चुनाव में भी हार लगभग तय हो गयी है। राज्य सहकारी बैंक चुनाव से पहले कांग्रेस खेमे के 4 डायरेक्टरों ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है जिनमे से राज्य सहकारी के डायरेक्टर हल्द्वानी से किरन नेगी, हरिद्वार से देवेन्द्र रावत, उत्तरकाशी से बर्फी भक्ति, और अल्मोड़ा से रमेश राम ने शामिल है। आज भाजपा कार्यालय में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विशन सिंह चुफाल ने माला पहनाकर भाजपा की सदस्यता दिलाई इसके बाद अब संख्याबल के आधार पर भाजपा की राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद पर जीत तय हो गयी है।
राज्य में विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक कांग्रेस को झटके दर झटके लग रहे हैं। इसी क्रम में अब राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। इधर कांग्रेस का दामन छोड हरक सिंह रावत के साथ भाजपा में शामिल हुए पूर्व मण्डी समिति अध्यक्ष संजय चोपडा ने कहा कि कि कुछ चुनिदा कांग्रेसी जो सत्ता के सुख भोग रहे थे उन लोगों का सत्ता से मोह अभी तक भंग नहीं हुआ है उन्होंने कहा कि जिन मण्डी समितियों के अध्यक्षों द्वारा जनता को गुमराह कर स्टे लिया है उनके खिलाफ पुन: विचार याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए की पूर्व की कांग्रेस कार्यकाल में सरकारी समितियों कारपोरेशन आयोग भंग किए जाने चाहिए। क्योंकि सरकार का स्वतंत्र अधिकार है कि सरकार समितियों व कार्पोरेशन आयोग सरकारी जनप्रतिनिधियों के पदों पर किसे जिम्मेदारी सौंपे।