अफवाहों पर लगी रोक, बाजार में नही आएंगे पांच और दस हजार के नोट

नई दिल्ली।
कई दिनों से बाजार में खबरे चल रही थीं कि सरकार 5000 और 10,000 रुपये का नया नोट लाने वाली है। लेकिन आज सरकार ने इन अफवाहों पर लगाम लगाते हुए कहा है कि वह 5000 और 10000 का करेंसी नोट लाने की कोई योजना नहीं बना रही है।
इस मामले पर लोकसभा में लिखित में जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस बारे में आरबीआई से सलाह ली गई है और विचार के बाद पाया गया कि 5000 और 10000 के नए नोट छापने की कोई जरूरत नहीं है। 2000 का नोट बड़ी करेंसी के लिए पर्याप्त है। वित्त राज्य मंत्री उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या नोटों की छपाई का खर्च घटाने के लिए अब सरकार 5 हजार और 10 हजार के नोट भी लाने की योजना बना रही है।
सरकार ने साफ किया है कि 5 हजार और 10 हजार का नोट फिलहात तो लाने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने ये ऐलान शायद पिछले कई दिनों से बाजार और सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के मद्देनजर किया होगा जिसमें दावा किया जा रहा था कि 2 हजार का नोट लाने के बाद अब सरकार की 5 हजार और 10 हजार जैसे बड़े करेंसी नोट लाने की भी योजना है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के साथ ही 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने का ऐलान कर दिया था और इसकी जगह 500 और 2000 रुपये का नया नोट जारी किया था। हालांकि काला धन रोकने की सरकार की मुहिम में 2000 का नोट लाने के औचित्य पर विपक्षी पार्टियों और राजनीतिक दलों ने विरोध किया और कहा कि इससे ब्लैकमनी बढ़ेगी।
आर्थिक मामलों के सचिव शशिकांत दास ने पिछले महीने कहा था कि सरकार की 1000 रुपये के नोट को फिर से लाने की कोई योजना नहीं है।