आखिर ऐसा कौन सा बयान देकर घिर गए चैंपियन, पढ़ें

अक्सर सुर्खियों में रहने वाले खानपुर के भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने एक साथ दो नए विवादित बयान देकर अपनी ही पार्टी तथा अन्य दलों के बीच घिर गए हैं।

एक विवादित बयान में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता का दर्जा महात्मा गांधी को नहीं बल्कि बाबा साहब डॉ. भीम राव आंबेडकर को दिया जाना चाहिए था। नेहरू को प्रधानमंत्री बनाना महात्मा गांधी की सबसे बड़ी भूल थी। इतना ही नहीं, उन्होंने करेंसी से महात्मा गांधी की फोटो हटाकर डॉ. आंबेडकर की फोटो लगाए जाने की भी मांग की। उधर, रविवार को ही चौंपियन का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वह अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की कार्यशैली पर तंज कसते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा करते नजर आ रहे हैं।

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते। देश का संविधान बनाने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर राष्ट्रपिता के असली हकदार हैं। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने जवाहर लाल नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनाया, उनकी वजह से चीन से युद्ध हारे। कश्मीर की समस्या और धारा 307 नेहरू की ही देन है, जो आज गले की फांस बन गई है। अगर महात्मा गांधी नेहरू को न चाहते तो सरदार पटेल देश के प्रधानमंत्री होते। इससे बड़ी बड़ी बात यह है कि अगर जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाया जाता तो पाकिस्तान ही नहीं बनता। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डॉ. आंबेडकर को बहुत सम्मान देते हैं। उन्होंने कहा कि करेंसी से महात्मा गांधी की फोटो हटाने की मांग को विधानसभा और प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। चैंपियन का दूसरा ताजा विवाद एक वीडियो से जुड़ा है।

रविवार को कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन का एक वीडियो वायरल हुआ। इनमें उन्हें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से बात करते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो में चैंपियन यह कहते हुए दिख रहे हैं कि प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज को कुछ जानकारी नहीं रहती है। इस दौरान उन्होंने मीडिया को एक ऑडियो टेप भी सुनाया, जिसमें वह सतपाल महाराज से बजट के संबंध में बात कर रहे हैं।
इस ऑडियो में सतपाल महाराज उन्हें उनके क्षेत्र की नदियों में तटबंध बनाने के लिए स्वीकृति मिलने के संबंध में जानकारी दे रहे हैं। इसी ऑडियो में चैंपियन के फाइल के संबंध में पूछने पर महाराज कुछ समय लेते हैं। इस पर वीडियो में चैंपियन मीडिया कर्मियों से चुटकी लेते हुए कहते हैं कि पता ही नहीं कि किस के बारे में बात हो रही है, यह है मंत्रियों का हाल। ऑडियो में आगे महाराज उनके क्षेत्र के कार्यों की स्वीकृति कराने की बात कहते हैं और चैंपियन उन्हें धन्यवाद देते हैं।