3 डी मोशन एनलिसिस और वीआर लैब से मरीजों को मिलेगी मदद

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में मंगलवार को 3 डी मोशन एनलिसिस एंड वर्चुअल रिएलिटी वीआर लैब का विधिवत शुभारंभ किया गया। एम्स प्रशासन ने बताया कि संस्थान में लैब की स्थापना से विभिन्न रोगों से ग्रसित मरीजों के उपचार में सहायता मिलेगी। जिनमें स्ट्रोक, स्पाइनल कॉर्ड इंजरी, सेरीब्रल पाल्सी, पैरों में दर्द आदि रोग शामिल हैं। मंगलवार को एम्स के भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास पीएमआर विभाग में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने 3 डी मोशन एनलिसिस एवं वीआर लैब का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने बताया कि संस्थान में स्थापित यह लैब दक्षिण एशिया में सबसे नवीनतम और आधुनिकतम लैबों में से एक है। निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि लैब में स्थापित अत्याधुनिक मशीन से मनुष्य की चाल एवं गति का विस्तृत अध्ययन किया जाता है। जिससे मेरुदंड स्पाइनल कॉर्ड इंजरी,स्ट्रोक, सेलीब्रल पाल्सी से ग्रस्त रोगियों का सर्जिकल एवं दूसरी तरह के व्यवधानों का सटीक निर्णय लिया जा सकेगा।

निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने बताया कि इसके अलावा लैब में मरीजों के पैरों के तलवे पर पड़ रहे दाब वितरण का अध्ययन किया जाता है। इससे पैरों में दर्द, कमजोरी के अलावा डाइबटिक फुट से ग्रसित मरीजों के इलाज में सहायता मिलेगी। साथ ही एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने बताया कि लैब में पैरों की कमजोरी से ग्रस्त रोगियों की रिकवरी एवं रिहेबिलिटेशन के लिए वर्चुअल रिएलिटी उपकरण भी लगाया गया है। पीएमआर विभागाध्यक्ष डा.राजकुमार यादव ने बताया कि एम्स में स्थापित आधुनिक लैब का उपयोग भविष्य में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और खेल के दौरान लगने वाली चोट के उपचार के लिए भी किया जाएगा। इस अवसर पर डीन एलूमनी प्रोफेसर बीना रवि, सब डीन कुमार सतीश रवि,डीन नर्सिंग डा.सुरेश कुमार शर्मा,डीएमएस डा.अनुभा अग्रवाल,एफएसएम विभाग के प्रमुख डा.बिनय कुमार बस्तिया, एफएनसीओ डीपी लखेड़ा,असिस्टेंट प्रोफेसर डा.ओसामा नियाज आदि मौजूद थे।