केंद्र सरकार के तर्ज पर चली राज्य सरकार, लोकलुभावन बजट से लोकसभा चुनाव की तैयारी

केंद्र की मोदी सरकार के एजेंडे पर कदमताल करते हुए अन्नदाता किसान को केंद्र में रखकर बजट में खेती-किसानी पर बड़ा दांव खेला गया। बीते वर्षों से किसानों को सस्ता ऋण मुहैया करा रही सरकार अब किसानों को व्यक्तिगत और स्वयं सहायता समूहों में ब्याजमुक्त ऋण देगी। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना को बड़े गेम चेंजर के तौर पर देखते हुए 150 करोड़ बजट प्रावधान किया गया है। मतदाताओं के बड़े शहरी वर्ग में नगरों, निकायों में अवस्थापना सुविधाओं के ढांचे के विस्तार की बड़ी उम्मीदें जगाई गई हैं। देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए 160 करोड़ और देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश मेट्रो ट्रेन के लिए ढांचे के निर्माण को बजट में जगह दी गई है। यही नहीं, भविष्य में यानी 2021 में होने वाले कुंभ को अविस्मरणीय बनाने के लिए बजट में 155 करोड़ की अच्छी-खासी रखी गई है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने लगातार तीसरी दफा बजट में मोदी सरकार की केंद्रपोषित योजनाओं की मदद पर ही अधिक भरोसा किया। वहीं, बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री प्रकाश पंत के दो बार अस्वस्थ होकर बेसुध हो जाने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शेष बजट भाषण प्रस्तुत किया।
विधानसभा में सत्र के पांचवें दिन वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों की गैर मौजूदगी और एकमात्र विपक्षी निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार की मौजूदगी में सूबे की भाजपा सरकार का तीसरा गुलाबी बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए कुल 48663.90 करोड़ का करमुक्त बजट पेश किया। इसमें 38932.70 करोड़ राजस्व लेखे और 9731.20 करोड़ पूंजी लेखे का व्यय अनुमानित है।
राज्य कर्मचारियों के वेतन-भत्तों पर करीब 14513.79 करोड़ और पेंशन व अन्य सेवानिवृत्तिक लाभों पर 5942.69 करोड़ का खर्च अनुमानित है। 22.79 करोड़ राजस्व सरप्लस के इस बजट में कर राजस्व 23622.11 करोड़ और करेत्तर राजस्व 15333.38 करोड़ मिलने का अनुमान है। बजट में राजस्व घाटे का अनुमान नहीं है। अलबत्ता 6798.16 करोड़ का राजकोषीय घाटा अनुमानित है, लेकिन यह राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत निर्धारित जीएसडीपी के तीन फीसद के भीतर है। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-19 की तुलना में अगले वित्तीय वर्ष का बजट प्रावधान सात फीसद अधिक है।

बजट के प्रमुख बिंदु

-गरीब किसानों को एग्रो प्रोसेसिंग व कृषि कार्यों के लिए एक लाख तक ब्याजमुक्त ऋण

-कृषि को बढ़ावा देने को कृषि संबंधी कार्यकलापों के लिए स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख तक ब्याजमुक्त ऋण

-वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने को परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 104.12 करोड़

-अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए 150 करोड़ की राशि

-महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत चार करोड़ का प्रावधान

-असिंचित क्षेत्रों में नहरों के निर्माण को 121 करोड़ का प्रावधान

-सौंग नदी पर बांध निर्माण व अवस्थापना कार्यों के निर्माण को 170 करोड़

-डोईवाला में उप जिला चिकित्सालय के निर्माण को 10 करोड़, मानसिक चिकित्सालय सेलाकुई के सुदृढ़ीकरण को 10 करोड़

-राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी एवं संबद्ध चिकित्सालयों की स्थापना को 119.33 करोड़, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को 76.85 करोड़, दून मेडिकल कॉलेज के लिए 85.65 करोड़

-समग्र शिक्षा के लिए 1073 करोड़, नाबार्ड योजना में विद्यालयों-छात्रावासों के निर्माण को 20 करोड़

-विश्वविद्यालय, सरकारी और अशासकीय डिग्री कॉलेज भवन निर्माण को 38 करोड़

-विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों को स्मार्ट कैंपस के रूप में विकसित करने को वाई-फाई जोन की स्थापना को दो करोड़

-राज्य में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना को पांच करोड़

-वनाग्नि से सुरक्षा के लिए 21.31 करोड़, कैंपा निधि के तहत पहली बार 228 करोड़ का प्रावधान

-अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति की छात्र-छात्राओं, दिव्यांगों की छात्रवृत्ति को 326 करोड़

-किशोरी बालिका के लिए 15 करोड़, नंदा गौरी योजना को 75 करोड़

-मुख्यमंत्री आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण व उच्चीकरण को सात करोड़, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना को 10 करोड़

-कौशल विकास योजना के तहत 67 करोड़, महिलाओं व कमजोर वर्गों के कौशल विकास की संकल्प योजना को 3.86 करोड़ का प्रावधान

-पर्यटन में आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को बाह्य सहायतित योजना के तहत 70 करोड़, होम स्टे विकास योजना के तहत 11.50 करोड़

-वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत 15 करोड़

-आवास व शहरी विकास योजना को 88.6 करोड़, अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के तहत 100 करोड़

-प्रदेश के मार्गों-पुलिया अनुरक्षण को 240 करोड़, लोनिवि की चालू योजना के तहत 450 करोड़ व नाबार्ड के तहत 360 करोड़ का प्रावधान

-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 900 करोड़

-रुड़की-देवबंद रेलवे लाइन निर्माण को 100 करोड़

-ग्रामीण व नगरीय स्थानीय निकायों के लिए 2182.79 करोड़

-सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण को 2053.63 करोड़

-प्रदेश में बिजली व्यवस्था में सुधार को एशियन डेवलपमेंट बैंक सहायतित 1400 करोड़ की स्वीकृति

-एडीबी से प्रदेश में अरबन सेक्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए 1500 करोड़ की सैद्धांतिक सहमति

-आईफैड योजना के तहत 175 करोड़ का प्रावधान