गरीब सवर्णों को मिला 10 प्रतिशत आरक्षण

गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा मिल सकेगी। केंद्र सरकार ने यह ऐतिहासिक बिल लोकसभा में पास कराने के बाद बुधवार की देर रात राज्यसभा में भी पास हो गया है।

राज्यसभा ने 7 के मुकाबले 165 मतों से विधेयक को पारित किया। यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत किया गया है। इसीलिए इसे राज्यों की विधानसभा से पारित कराने की जरूरत नहीं होगी। अब केवल राष्ट्रपति की मंजूरी की औपचारिकता रह गई है। इसके बाद 10 फीसद आरक्षण की यह व्यवस्था अब तक अनारक्षित हर जाति और धर्म के जरूरतमंदों के लिए लागू हो जाएगी।

बिल पास होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। अब संसद का शीतकालीन सत्र खत्म हो चुका है। 10 घंटे की मैराथन चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने 10 फीसद आरक्षण में बड़ी आबादी के आने को लेकर उठाए गए सदस्यों के सवालों और आंकड़ों को गैरवाजिब बताते हुए स्पष्ट किया कि केवल सामान्य वर्ग के गरीबों को ही यह आरक्षण मिलेगा। सरकार की नीयत और इरादे दोनों अच्छे हैं।

इन दस्तावेजों के आधार पर ही मिलेगा आरक्षण
सर्वप्रथम आधार कार्ड भारतीय नागरिक होने की पहचान है। इसलिए यह नौकरी में अनिवार्य है। पेन कार्ड भी सभी नौकरी और सेवाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। आय प्रमाण पत्र आरक्षण आर्थिक आधार पर है इसलिए माता-पिता की आय का प्रमाण-पत्र बनवाना होगा।