5555 करोड़ की योजनाओं से उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग का होगा कायाकल्प

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास, पोत परिवहन, गंगा संरक्षण व सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चण्डीघाट, हरिद्वार में 5555 करोड़ रूपये की 291.19 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग की विभिन्न परियोजनाओं व नमामि गंगे परियोजना के तहत विभिन्न कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया।
राष्ट्रीय राजमार्ग में शिलान्यास की गई योजनाएं
राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत जिन कार्यों का शिलान्यास किया गया उनमें हरिद्वार से लालतपड़ तक 350 करोड़ रूपये के 14.95 किमीे का कार्य, लालतप्पड़ से मोहकमपुर तक 244 करोड़ रूपये के 22.20 किमी के का कार्य, पुरकारजी-लक्सर-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर 93 करोड़ के 2 लेन, पेव्ड शौल्डर में चौड़ीकरण का 46 किमी का कार्य, हरिद्वार में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर 45 करोड़ की लागत के 1.05 किमी के मायापुरी स्कैप चैनेल के ऊपर मुख्य पुल सहित एलिवेटेड संरचना का निर्माण, हरिद्वार नगीना राष्ट्रीय राजमार्ग 74 पर 827 करोड़ रूपये के 71.61 किमी पर चारलेन चैड़ीकरण का कार्य, रूड़की से गणेशपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग 73 एवं 72ए पर 942 करोड़ रूपये की लागत के 53.30 किमी का कार्य व हरिद्वार शहर में प्रस्तावित 3 हजार करोड़ की सम्भावित लागत के 49.4 किमी रिंग रोड के निर्माण हेतु परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के कार्य का शुभारम्भ शामिल हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग में लोकार्पित की गई योजनाएं
जिन कार्यों का लोकार्पण किया गया उनमें रोशनाबाद-बिहारीगढ़ में 13 .97 करोड़ रूपये की लागत के 32.30 किमी मोटर मार्ग का सुदृढ़ीकरण व जौली ग्रान्ट-थानो-रायपुर-सहस्त्रधारा मार्ग पर 40.10 करोड़ की लागत के तीन पुलों के निर्माण कार्य शामिल हैं।
नमामि गंगे
नमामि गंगे के तहत कुल 1354 करोड रूपए की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। जिसमें चण्डीघाट रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना, 36 घाटों, 14 नये एसटीपी व 04 एसटीपी उच्चीकरण तथा 60 करोड़ की लागत से रिस्पना एवं बिन्दाल नदियों के आई. एण्ड डी. कार्य शामिल है।
नमामि गंगे के लोकार्पित की गई योजनाएं
जिन कार्यों का लोकार्पण किया गया उनमें हरिद्वार में 20.68 करोड़ के सीवरेज पम्पिंग स्टेशन कास्वान एवं पी.ब्ल्यू.डी. का निर्माण, 9.88 करोड़ के संयुक्त राईजिंग मेनजोन के कार्य, 31.44 करोड़ रूपये की लागत के 16 सीवरेज पम्पिंग स्टेशनों की क्षमता वृद्धि व उच्चीकरण के कार्य 2.86 करोड़ की लागत के अरिहन्त विहार सीवर लाईन व अन्य कार्य शामिल हैं। इसके अलावा स्वर्गाश्रम में 4.16 करोड़, तपोवन में 2.2 करोड़, श्रीनगर में 7.3 करोड़ व उत्तरकाशी में 4 करोड़ रुपये के सीवेज शोधन संयत्र के उच्चीकरण व कीर्तिनगर में 1.9 करोड़, श्रीनगर में 8.1 करोड़, रूद्रप्रयाग में 3.5 करोड़, कर्णप्रयाग में 3.1 करोड़, नन्दप्रयाग में 2.1 करोड़ एवं गोपेश्वर में 11.1 करोड़ रुपये के सीवेज शोधन संयत्र के निर्माण कार्य शामिल हैं। हरिद्वार में 69.18 करोड़ की चण्डीघाट रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना के लोकार्पण व उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, चमोली में 83.40 करोड़ रुपये के कुल 38 स्नान व मोक्ष घाटों के निर्माण कार्य व कार्य शामिल हैं।
नमामि गंगे के तहत जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 60 करोड़ की लागत के रिस्पना व बिन्दाल नदियों के आई. एण्ड डी. कार्य व हरिद्वार शहर में गंगा नदी के किनारे स्थित 72 घाटों के सफाई कार्य शामिल हैं।

महत्वपूर्ण घोषणाएं-
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।
हरिद्वार में इकबालपुर नहर के निर्माण की घोषणा की जिससे हरिद्वार के 74 गांव व सहारनपुर के 85 गांव कुल 33 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा।
हरिद्वार की सोलानी नदी की सफाई करना।
हरिद्वार की बाणगंगा का पुनर्जीवीकरण करना।
हरिद्वार के आस्था पथ का निर्माण करना।
40 करोड़ रूपये की लागत से हरकी पौड़ी का सौंदर्यीकरण किया जायेगा।
देहरादून व हल्द्वानी में रिंग रोड बनाई जायेगी।
मेरठ-नजीबाबाद फोरलेन को कोटद्वार से जोड़ा जायेगा।
एनजीटी की स्वीकृति मिलने पर कोटद्वार-कालागढ़-रामनगर कंडी मार्ग का निर्माण भी किया जायेगा।
नगर निगम कोटद्वार में सीवर लाईन की स्वीकृति।

नमामि गंगा में हो जनता की भागीदारी
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा जी के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, परंतु कम से कम 1 करोड़ लोग अगर अंशदान करें तो उनका गंगा की अविरलता व निर्मलता से सीधा जुड़ाव हो सकेगा। उन्होंने आम जनों से भी अनुरोध किया कि गंगा को स्वच्छ रखने में सहयोग करें। गंगा में सीधे गंदा पानी डालने वालों को रोकना होगा।

गंगोत्री से गंगासागर जल मार्ग का हो विकास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका सपना है कि वे गंगोत्री से गंगासागर तक जलमार्ग से जा सकें और ऐसा करना असम्भव नहीं है। उत्तराखण्ड में नदियों को जलमार्ग के रूप में विकसित किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रिवर पोर्ट की सम्भावनाओं पर काम किया जाना चाहिए। उत्तराखण्ड में पर्यावरण व विकास के लिए ट्रांसपोर्ट के नए कंसेप्ट पर विचार किया जाना चाहिए। राज्य को बायो फ्यूल एवियेशन का हब बनाया जा सकता है। वेस्ट टू वेल्थ की ओर बढ़ना होगा।
उत्तराखण्ड में चल रहे हैं लगभग 50 हजार करोड़ के काम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में उनके मंत्रालय के अंतर्गत लगभग 50 हजार करोड़ के काम चल रहे हैं। वर्ष 2014 में 2522 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग था जबकि अब 3 हजार किमी हो गया है। चारधाम योजना में 11700 करोड़ की लागत से 889 किमी का निर्माण होगा। भारतमाला योजना के तहत 11400 करोड़ के काम हो रहे हैं। केंद्रीय सड़क निधि से उत्तराखण्ड को 580 करोड़ की राशि दी गई है।

उत्तराखण्ड में वाॅटर काॅरपस पर होगा काम- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि नमामि गंगे व राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तराखण्ड में तेजी से कार्य हो रहा है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, घाट निर्माण व अन्य कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही देहरादून-मसूरी रोपवे का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा। नीलकंठ, केदारनाथ, यमुनोत्री व मुक्तेश्वर में रोपवे निर्माण के लिये योजना बनाई जा रही है। इसके लिए वैप्कोस के अधिकारियों के साथ सचिव समिति की बैठक की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झाील में सी-प्लेन उतारने के लिए सर्वे किया जा चुका है। अधिकारियों को वाॅटर काॅरपस पर कार्य करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए सबका सहयोग जरूरी है। मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे ट्रस्ट को अपने वेतन से एक लाख रूपये देने की बात कही। विधायक सुरेश राठौर ने भी ट्रस्ट को 51 हजार रूपये देने की बात कही।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. सत्यपाल सिंह, हरिद्वार सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सतपाल महाराज, डाॅ. हरक सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, विधायक आदेश चैहान, यतीश्वरानंद, सुरेश राठौर, संजय गुप्ता, प्रदीप बत्रा, ऋषिकेश मेयर अनीता मंमगई आदि उपस्थित थे।

गंगा की निर्मलता और स्वच्छता बनाए रखने के सभी कार्य गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में नमामि गंगे, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन व देहरादून स्मार्ट सिटी लि. की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सचिवों व विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये कि सभी कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया जाए। जिससे कार्यों की गुणवत्ता व प्रगति की पूरी जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि कि जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनकी वीडियो रिकाॅर्डिंग भी की जाए। केन्द्र सरकार द्वारा सहायतित योजनाओं की समय-समय पर प्रगति की जानकारी केन्द्र सरकार को भी दी जाए। सभी कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिए जांए। इसके लिए रिसोर्स बढ़ाने की जरूरत हो तो बढ़ाएं लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्य निर्धारित समय में पूर्ण हो जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए जो भी कार्य किये जा रहे हैं उनका होर्डिंग व अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाए। जो कार्य प्रगति पर हैं उनकी जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि गंगा आस्था का प्रतीक होने के साथ ही हमारी अमूल्य धरोहर भी है। नमामि गंगे के तहत हो रहे महत्वपूर्ण कार्यों की रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट एवं प्रमुख स्थानों पर भी होर्डिंग, बैनर व फ्लैक्स के माध्यम से प्रचारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे के तहत जो वृक्षारोपण किये जा रहे हैं, उनमें फलदार वृक्ष और मेडिसनल प्लांट अधिक लगाये जाएं। स्वच्छता अभियान में अच्छा कार्य करने वाली पालिकाओं को सम्मानित भी किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी के तहत ऐसी कार्य योजना बनाई जाए जिससे देहरादून को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त शहर बनाया जा सके। इसके अलावा जनसुविधाओं के दृष्टिगत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाई जाए।
नमामि गंगे में 66 कार्यों में से 41 कार्य पूर्ण व 24 पर कार्य गतिमान
बैठक में बताया गया कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम की सभी 13 सीवरेज योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। नमामि गंगे के तहत 66 कार्यों में जिसमें स्नान एवं शमशान घाटों का निर्माण, घाटों की सफाई, नदी तट की सफाई शामिल है, में से 41 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 24 पर कार्य प्रगति पर है जबकि एक की निविदा प्रक्रिया चल रही है। नमामि गंगे के तहत 135 नालों में से 91 नाले टेप किये जा चुके हैं, शेष पर कार्य गतिमान है। सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना के तहत स्वीकृत 19 परियोजनाओं में से 05 परियोजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं, 13 परियोजनाओं पर कार्य गतिमान है व एक परियोजना पर मूल्यांकन चल रहा है। गंगा नदी के किनारे सभी 15 नगरों व देहरादून में रिस्पना व बिन्दाल पर एस.टी.पी. इन 19 परियोजनाओं में शामिल हैं। हरिद्वार के सराय में 14 एमएलडी एसटीपी का कार्य मार्च 2019 तक व जगजीतपुर में 68 एमएलडी एसटीपी का कार्य जून तक पूर्ण कर लिया जायेगा। नमामि गंगे के तहत वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण, चैक डेम, गंगा वाटिका व वृक्षारोपण हेतु वर्कशाॅप भी कराये जा रहे हैं। वृक्षारोपण के तहत 40 प्रतिशत फलदार वृक्ष व 20 प्रतिशत मेडिसनल प्लांट लगाये जा रहे हैं।
शहरों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अमृत मिशन के तहत शौचालय निर्माण शत प्रतिशत जलापूर्ति का लक्ष्य जल्द किया जायेगा पूरा
प्रदेश के सात शहरों देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रूड़की, रूद्रपुर, काशीपुर व नैनीताल को अमृत मिशन के अन्तर्गत शामिल किया गया है। इसका उद्ेश्य इन शहरों में बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, हरित क्षेत्र व शहरी परिवहन की सुविधा मुहैया कराना है। अमृत मिशन का प्राथमिक उद्देश्य सभी परिवारों को जलापूर्ति कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इस मिशन के प्रारम्भ होने से पूर्व 57 प्रतिशत जलापूर्ति कनेक्शन थे, जो अब बढ़कर 88 प्रतिशत हो गये हैं। शौचालय निर्माण शत प्रतिशत किया जा चुका है। इस मिशन के तहत अभी तक लगभग 445 करोड़ रूपये के 101 स्वीकृत कार्यों में से 16 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 72 पर कार्य प्रगति पर है, शेष पर निविदा प्रक्रिया गतिमान है।
वार्डों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का डोर टू डोर एकत्रीकरण का वेरिफिकेशन किया जाए
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत खुले में शौच की प्रवृत्ति के उन्मूलन, आधुनिक और वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता हेतु जागरूकता व नगर निकायों की क्षमता वृद्धि से संबंधित कार्य किये जा रहे हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि सभी 100 निकायों को खुले में शौच से मुक्त किया जा चुका है। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए 1162 वार्डों में से 914 वार्डों में डोर टू डोर एकत्रीकरण किया किया जा रहा है। 278 वार्डों में सोर्स सेग्रिगेशन का कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भी सुनिश्चित किया जाए कि जो भी वृक्षारोपण हो रहा है, उन वृक्षों की सुरक्षा भी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्डों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का जो डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण किया जा रहा है, इसकी वास्तविक स्थिति जानने के लिए वेरिफिकेशन किया जाए।
देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के लिए ठोस कार्य योजना बनाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि अवस्थापना विकास, स्वच्छ वतावरण व बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर से देहरादून स्मार्ट सिटी बनाई जायेगी। स्मार्ट सिटी के लिए कुल 1407.5 करोड़ रूपये के फण्डिंग की योजना है, जिसमें से 500 करोड़ केन्द्र सरकार, 500 करोड़ राज्य सरकार व 407.50 करोड़ पीपीपी मोड व अन्य से किये जाने की योजना है। इसके तहत 7 वाटर एटीएम, 7 स्मार्ट टाॅयलेट, 3 स्मार्ट स्कूल जीजीआईसी राजपुर रोड, जीआईसी खुड़बुड़ा, राजकीय जूनियर बालिका हाई स्कूल खुडबुड़ा बनाये जाने की योजना है। इसके अलावा दून इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेंटर, शहर के प्रमुख मार्गों पर स्मार्ट रोड, जलापूर्ति व निकासी की योजना, परेड ग्राउण्ड का पुनरोद्धार, डीबीएस व डीएबी काॅलेज क्षेत्रों का पुनरोद्धार, सिटी ट्रासंपोर्ट के लिए इलेक्ट्रिक बस की सुविधा, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट व कलक्ट्रेट कैम्पस ग्रीन बिल्डिंग से सबंधित कार्य स्मार्ट सिटी के तहत किये जायेंगे।
बैठक में वित्त व पेयजल मंत्री प्रकाश पंत, सचिव राधिका झा, अरविंद सिंह ह्ंयाकी, शैलेस बगोली, अपर सचिव एच.सी. सेमवाल व संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।