उत्तराखंडः राष्ट्रीय खेलों को एण्टी ड्रग्स अभियान, ग्रीन नेशनल गेम्स तथा राज्य में खेल संस्कृति विकसित करने के अभियान से जोड़ेंगे

राज्य में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों के साथ ही दूरदर्शी योजना के साथ उत्तराखण्ड में लम्बी अवधि के लिए खेल इन्फा्रस्ट्रक्चर एवं खेल सुविधाओं का विकास पर विशेष बल देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में विश्व स्तरीय खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर व सुविधाएं निर्धारित समयसीमा में विकसित करने के निर्देश खेल विभाग को सचिवालय में 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए गठित उच्चाधिकार समिति (एचपीसी) की बैठक के दौरान दिए हैं। प्रस्तावित नेशनल गेम्स के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से सम्बन्धित 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखण्ड को ग्रीन स्पोर्ट्स तथा ग्रीन टूरिज्म के विश्व स्तरीय मेजबान के रूप में स्थापित करने का स्वर्णिम अवसर है। उन्होंने निर्देश दिए कि खेल सुविधाओं एवं खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास इस प्रकार किया जाना चाहिए ताकि राज्य के खिलाड़ी एवं युवा भविष्य में लम्बी अवधि तक इन सुविधाओं का लाभ उठा सके तथा राज्य में स्पोर्ट्स स्प्रिट एवं खेल संस्कृति का विकास हो।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों को एण्टी ड्रग्स अभियान, ग्रीन नेशनल गेम्स तथा राज्य में खेल संस्कृति विकसित करने के अभियान से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन नेशनल गेम्स के रूप में आयोजित करने अवधारणा पर बल देते हुए मुख्य सचिव ने रिसाइक्लड मेडल के उपयोग के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि विभिन्न अवसरों पर अधिकारियों को मिलने वाले स्मृति चिन्ह् इस कार्य के लिए दान किये जा सकते हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों के स्टेडियम एवं खेल स्थलों को ग्रीन कॉन्सेप्ट तथा सेल्फ सस्टेनबल की अवधारणा पर विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्टेडियम तथा खेल स्थलों पर उरेडा के सहयोग से सोलर लाइट आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों के दृष्टिगत सड़कों के सुधार एवं मजबूती के लिए इस सम्बन्ध में लोक निमार्ण विभाग तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ एक बैठक तत्काल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होनें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान इंटरनेट सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली सहित खेल विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने तथा राष्ट्रीय खेल ध्वज मिलने पर प्रदेशवासियों को दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल ध्वज हस्तांतरण एवं 37वें राष्ट्रीय खेल गोवा-2023 में उत्तराखंड के पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान समारोह में शामिल हुये। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन तथा राष्ट्रीय खेल ध्वज मिलने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। देवभूमि को यह उपलब्धि प्रदान करने के लिए 37वें राष्ट्रीय खेलों के समापन अवसर पर ’’राष्ट्रीय खेल ध्वज’’ उपराष्ट्रपति द्वारा राज्य की खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या के नेतृत्व में गये प्रतिनिधि मण्डल को सौंपा गया था, जिसे आज राष्ट्रीय खेल सचिवालय, उत्तराखण्ड को सौंपा जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड राज्य में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल अभूतपूर्व एवं गौरवशाली होगें और निश्चित रूप से यह खेल राज्य को खेल भूमि के रूप में पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित होगें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल संस्कृति का निरन्तर प्रसार हो रहा है, जिसका प्रतिफल आज हम सबके समक्ष है। उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में निरन्तर बेहतर प्रदर्शन करते आ रहे हैं। गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड राज्य के खिलाड़ियों द्वारा 18 पदक प्राप्त किये गये थे जबकि इस वर्ष 37वें राष्ट्रीय खेलों में हमारे खिलाड़ियों ने 24 पदक अर्जित किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के खिलाड़ी आगामी प्रतियोगिताओं में अपना वर्चस्व भी स्थापित करेंगे इसका उन्हें विश्वास है। उन्होंने कहा कि खेल से सद्भावना व आपसी एकता बढ़ती है। खिलाड़ियों में सिर्फ खेल की भावना होती है। वे जाति, धर्म व सीमा के बंधन से आजाद होते हैं। समाज के लोगों को खिलाड़ियों से सबक लेने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज नये भारत, शक्तिशाली भारत, गौरवशाली भारत का निर्माण हो रहा है साथ ही खेल सहित प्रत्येक क्षेत्र में लगातार उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। अब हमारे देश में खिलाड़ियों के सामर्थ्य का सम्मान हो रहा है। किसी देश में खेल का ‘’इको सिस्टम’’ कितना बेहतर है यह ओलंपिक में उस देश के क्वालिफाई करने वाली खिलाड़ियों की संख्या से पता चलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक के लिए भारत के 83 एथलीट ने क्वालिफाई किया था। लेकिन, मोदी सरकार के रहते हुए दो ओलंपिक रियो डी जेनेरियो 2016 और टोक्यो 2020 ओलंपिक के लिए क्रमशः 117 और 126 खिलाड़ियों ने क्वालिफाई किया। 9 साल पहले के मुकाबले खेल बजट आज तीन गुणा हो चुका है। इस साल के लिए केंद्र सरकार ने युवा और खेल मंत्रालय को करीब तीन हजार तीन सौ नब्बे करोड़ रुपए का बजट दिया है। खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएँ और प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर 2024 के पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक में प्रदर्शन और बेहतर करने में इससे मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आज देश के गली-गली से निकले टैलेंट अब विश्व स्तरीय प्रशिक्षण पाकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश को गौरवान्वित कर रहे है। और इस वर्ष भारत ने एशियाई खेलों का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रारंभ की गई नई पहल ’‘खेलो इंडिया’’ अभियान से निकले करीब सवा सौ खिलाड़ी एशियाई खेलों का हिस्सा बने, जिनमें से 36 खिलाड़ियों ने मेडल भी जीते। राज्य सरकार भी खेलों को बढावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। हमने कुछ समय पूर्व राज्य के प्रतिभाशाली और उभरते हुए खिलाड़ियों के लिए खेल छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया था, इस योजना को प्रारंभ कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के मैदान में भी उत्तराखंड अग्रणी राज्य बने और इसी के तहत राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु ’’नई खेल नीति’’ लाई गई है। खिलाड़ियों को जमीनी स्तर से खेल क्षेत्र में रूचि लाने हेतु 14 से 23 वर्ष तक के खिलाड़ियों को 2000 प्रति माह छात्रवृत्ति एवं 10 हजार रुपए प्रति वर्ष खेल के सामान आदि खरीदने हेतु ’’मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’’ के तहत धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही ’’मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना’’ में 08 से 14 वर्ष के उभरते खिलाड़ियों को 1500 रूपये प्रतिमाह की खेल छात्रवृत्ति दी जा रही है। खिलाड़ियों को नियमानुसार त्वरित वित्तीय लाभ दिये जाने हेतु ’’मुख्यमंत्री खेल विकास निधि’’ की स्थापना की गयी है।

उन्होंने कहा कि राज्य में खिलाड़ियों को प्रतियोगिता एवं प्रशिक्षण शिविरों में एवं यात्रा के दौरान दुर्घटना होने पर आर्थिक सहायता की व्यवस्था भी की है। ग्रामीण परिवेश के खिलाड़ियों के लिए ओपन जिम खोलने के लिए 10 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया है। प्रदेश सरकार विश्वविद्यालयों में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु 5 प्रतिशत स्पोर्टस कोटा की व्यवस्था करने के लिये नियमावली बनाने जा रही है। इसके साथ ही निजी खेल क्षेत्रों के माध्यम से खेल अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण हेतु अनुदान दिये जाने की भी व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य के अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सेवायोजन प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसे लागू किये जाने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। राज्याधीन सेवाओं में सेवायोजन के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू किये जाने की कार्यवाही भी अंतिम चरण में है। उन्होंने खिलाडियों से अपेक्षा की कि वे दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ मेहनत करें, राज्य सरकार उनके साथ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सफलता का एक ही मूल मंत्र है ’’विकल्प रहित संकल्प’’ खिलाड़ी अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य को पाने के लिए जी जान से जुट जाएं, जिस भी क्षेत्र में जाएं, उस क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी की अपेक्षा के अनुरुप उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र में आदर्श राज्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इस कार्य में उन्होंने सभी से सहयोग की भी अपेक्षा की।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य में खेलों के विकास हेतु मुख्यमंत्री बेहद गंभीर है। उनके द्वारा युवा खिलाडियों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। खेल मंत्री ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा लोहाघाट में गर्ल्स स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना को संस्तुति प्रदान की गई है। खिलाड़ियों के भोजन भत्ते में भी ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। उन्होंने खिलाड़ियों का आह्वान किया कि उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें।

इस अवसर पर रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, निदेशक खेल जितेंद्र कुमार सोनकर, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डी. के. सिंह आदि उपस्थित थे।

38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर हुई उच्चस्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में अगले वर्ष राज्य में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के सम्बन्ध में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में आयोजन तिथियों, आयोजन स्थलों, खेल के आयोजनों के साथ ही राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से संबंधित अवस्थापना सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में व्यापक विचार विमर्श हुआ।

बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्य, मुख्य सचिव डा. एस. एस. संधु अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, एस. एन. पाण्डेय सहित खेल विभाग तथा भारतीय एवं उत्तराखण्ड ओलंपिक संघ के पदाधिकारी मौजूद रहे। निदेशक खेल जितेन्द्र कुमार सोनकर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आयोजन व्यवस्थाओं की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में अगले वर्ष 2024 में अक्टूबर-नवंबर में 38वें राष्ट्रीय खेलों तथा देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार हल्द्वानी, नैनीताल रुद्रपुर एवं गूलरभोज में निर्धारित आयोजन स्थलों पर खेलों के आयोजन पर सहमति व्यक्त करते हुए इस आयोजन को भव्यता एवं गरिमा के साथ आयोजित किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि इसके लिए उच्चाधिकार समिति (एच.पी.सी.) का भी गठन किया जाए जो आयोजन से सम्बन्धित व्यवस्थाओं एवं जरूरतों का ध्यान में रखते हुए त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन की भांति यह आयोजन भी सफलतापूर्वक सम्पन्न हो इसका ध्यान रखा जाए इसमें राज्य की देश में बेहतर पहचान बनेगी तथा राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन में राज्य के परम्परागत खेलों को भी शामिल करने की बात कही। उन्होंने इसके लिए अभी से वातावरण के सृजन पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि गत वर्ष गुजरात एवं इस वर्ष गोवा में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों के आयोजन व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया जाए ताकि व्यवस्थायें और बेहतर हो सके पर्यटन के साथ राज्य की संस्कृति के प्रचार प्रसार का यह आयोजन माध्यम बने इस पर भी ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सके इसके लिए राज्य स्तरीय खेलों का भी आयोजन राष्ट्रीय खेलों से पहले किया जाए। राज्य के जो खिलाड़ी दूसरे राज्यों की ओर से खेल रहे है उन्हें भी राज्य की ओर से खेलने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में तैयार की गई नई खेल नीति का भी व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। यह नीति राज्य के युवा खिलाड़ियों के व्यापक हित में तैयार की गई है इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के साथ हर संभव सुविधा उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने खेल नीति से सम्बन्धित सभी सुविधाओं का लाभ खिलाड़ियों को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।

38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन को लेकर मुख्य सचिव ने समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में वर्ष 2024 में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने 38वें राष्ट्रीय खेलों से सम्बन्धित सभी निर्माण कार्यों में गति लाते हुए निर्धारित समय से पूर्व करने के निर्देश दिए। साथ ही निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए गुणवत्ता के साथ ही भव्यता के साथ आयोजित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के नाते इसे एक अवसर के तौर पर देखना चाहिए। देशभर से जो प्रतिभागी इसमें भाग लेने आएंगे, उनमें प्रदेश की अच्छी छवि जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि टॉर्च रिले कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में प्रत्येक पर्यटन शहर में आयोजित किया जाए ताकि प्रदेश के पर्यटन का प्रचार प्रसार भी हो सके। उन्होंने कहा कि सभी इवेंट के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए। इस पर आने वाले व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी। इससे कलाकारों को रोजगार भी प्राप्त होगा साथ ही प्रदेश की संस्कृति का प्रचार प्रसार भी होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण किया जा सके इसके लिए सभी कार्यों को पूर्ण करने को तिथियां निर्धारित कर ली जाएं और समय से कार्य शुरू एवं पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि बजट की किसी भी प्रकार से कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने उपकरणों की खरीद, विशेष कर जो विदेशों से आयात होने हैं, का कार्य तत्काल शुरु किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले उपकरण में कई बार अत्यधिक समय लग जाने से निर्धारित समय तक नहीं पहुंच पाते हैं।
मुख्य सचिव ने पौड़ी के हाई एल्टीट्यूड रांशी स्टेडियम को भी राष्ट्रीय खेलों से जोड़े जाने की बात कही। कहा कि राष्ट्रीय खेलों से पहले प्रदेश में प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताएं भी कराई जाएं ताकि प्रदेश में खिलाड़ी इसके लिए तैयार और जागरूक हो सकें। उन्होंने कहा कि खेलों के लिए स्वयंसेवकों की टीम भी तैयार की जाए। उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जा सकता है।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव सचिन कुर्वे, हरिचंद्र सेमवाल, अपर सचिव खेल जितेन्द्र कुमार सोनकर सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

सतपाल महाराज ने उत्तराखंड के विकास में केन्द्र का सहयोग मांगा

विज्ञान भवन नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में आयोजित “प्री-बजट कंसल्टेशन” संबंधी बैठक में उत्तराखण्ड के पर्यटन, तीर्थाटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने प्रतिभाग किया। बैठक में केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति एवं अर्थव्यवस्था से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि हरिद्वार में 2021 में आयोजित होने वाले महाकुम्भ के लिए अब लगभग 1 वर्ष 7 माह का ही समय शेष है, जिसके दृष्टिगत कुम्भ मेले के आयोजन से संबंधित स्थायी प्रकृति के कार्यों की स्वीकृतियां प्राथमिकता के आधार पर निर्गत की जानी आवश्यक होगी, ताकि कुम्भ मेले के आयोजन से पूर्व ही माह अक्टूबर/नवम्बर 2020 तक समस्त कार्य पूर्ण कराया जाना सम्भव हो सके। हरिद्वार में आगामी महाकुम्भ मेला का अयोजन माह जनवरी 2021 के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ हो जायेगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिये उन्होंने रूपये 5000 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया।
केबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन का अवसर प्रदान किया गया है। जिसे वर्ष 2021 में आयोजित किया जाना है। राष्ट्रीय खेलों में 38वें संस्करण के 39 खेल विधाओं में खेल प्रतियोगितायें आयोजित की जायेंगी। खेलों के आयोजन हेतु परिसम्पतियों के निर्माण में समय लगेगा। इसलिए राष्ट्रीय खेलों को राज्य में सफलतापूर्वक आयोजित किये जाने एवं अवस्थापना विकास हेतु रूपये 682 करोड़ की धनराशि वर्ष 2019-20 में उपलब्ध कराई जाये।

सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य की दुर्गम भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत निर्माण सामग्री को निर्माण स्थल तक पहुचाने में ढुलान आदि पर अत्याधिक व्यय होने के कारण हिमालयी राज्यों हेतु प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत आवास निर्माण हेतु प्रति लाभार्थी रूपये 1.30 लाख को बढ़ाकर प्रति लाभार्थी रूपये 2 लाख की सहायता राशि का प्रावधान किया जाय। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थी परिवार हेतु 30 अतिरिक्त मानव दिवस स्वीकृत कर युगपतिकरण के अन्तर्गत मनरेगा के तहत अकुशल श्रमांश के दिवसों को 95 दिन से बढ़ाकर 125 दिन किया जाये। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा में पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण उत्तराखण्ड में सामग्री ढुलान अत्यन्त मंहगा होता है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में पहुचने पर सामग्री की वास्तविक लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो जाती है। इस कारण महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत टिकाऊ प्रवृत्ति के कार्य कराने में कठिनाई होती है। इसलिऐ पर्वतीय राज्यों हेतु श्रम सामग्री अनुपात 60ः40 के बजाय 50ः50 किया जाना गुणवत्तापूर्ण स्थायी परिसम्पत्तियों के निर्माण में सहायक सिद्व होगा।
सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्तमान में योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार पर्वतीय राज्यों में 250 से अधिक आबादी की पात्र बसावटों को ही संयोजित किये जाने का लक्ष्य है, जबकि पर्वतीय राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जनसख्यां के विरल घनत्व को दृष्टिगत रखते हुए योजनान्तर्गत 250 के स्थान पर 150 किया जाय।
सतपाल महाराज ने यह भी सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का नाम प्रधानमंत्री सम्पर्क सड़क योजना रखा जाये जिससे रोपवे सेक्टर में भी इसका लाभ उठाया जा सके क्योंकि गर्मी के दौरान सभी पहाड़ी राज्यों में पर्यटकों की भारी आवाजाही होती है इससे लंबे टै्रफिक जाम और भारी प्रदूषण का खतरा पैदा होता है। इसके अलावा, पहाड़ियों में रोपवे लोगां को माल ढोने तथा परिवहन का बहुत अच्छा साधन हो सकता है जो यात्रा के समय को कम कर सकता है और साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी ला सकता है, उन्होंने भारत सरकार से रोपवे सैक्टर में गौरीकुण्ड से केदारनाथ, नैनीताल रोपवे, गोविन्दघाट से हेमकुण्ड के लिए एक अलग केन्द्र सहायतित योजना शुरू करने का अनुरोध किया।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में वर्तमान में कुल 7797 ग्राम पंचायतें है जिसमें 1599 ग्राम पंचायतों ऐसी हैं जिनके पास अपना कोई भी भवन नहीं है। पंचायत भवन ग्रामीण क्रियाकलापों का महत्वपूर्ण केन्द्र है। भविष्य में ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत के रूप में भी विकसित किया जाना है तथा सभी पंचायतों का डिजिटलाईजेशन भी किया जाना है। पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक पंचायत भवन की लागत रूपये 20 लाख निर्धारित की गयी है। इस प्रकार 1449 पंचायत भवनों पर रू. 28980 लाख की आवश्यकता होगी, जिसे चरणबद्व रूप से तीन चरणों में निर्मित किये जाने का प्रस्ताव है। प्रथम चरण के रूप में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 483 पंचायत भवनों का निर्माण का किया जायेगा, जिस पर एक वर्ष में रूपये 20 लाख प्रति पंचायत भवन की दर से 483 पंचायत भवनों के निर्माण हेतु कुल रूपये 9660 लाख की आवश्कता होगी।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों में जनसंख्या का घनत्व कम होता है तथा क्षेत्रफल ज्यादा है, जहां तक उत्तराखण्ड का सवाल है राज्य से नेपाल तथा चीन की अर्न्तराष्ट्रीय सीमाऐं जुड़ी हुई है, तथा इन क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास अन्य क्षेत्रों के मुकाबले कम हुआ है जिसके कारण यहां से लोगों का पलायन हो रहा है जो कि सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल नहीं है अतः हिमालयी राज्य हेतु सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अर्न्तगत भारत सरकार द्वारा दिये जाने वाले आंवटन को बढ़ाया जाये।
केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में समग्र शिक्षा योजना में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन की सम्पूर्ण धनराशि का वहन पूर्व की भांति भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 90ः10 के अनुपात में किये जाने के साथ ही भारत सरकार द्वारा वर्तमान में वृद्वावस्था पेंशन प्रति लाभार्थी रूपये 200 की दर से दिया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर अधिकतम रूपये 1000 या कम से कम 500 रूपये किये जाने का भी अनुरोध किया है।
बैठक में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर व अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वित्तमंत्री एवं केन्द्र व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।