टूट रहे रिकॉर्ड, आज मिले कोरोना के 2127 केस

उत्तराखंड में कोरोना के सारे रिकॉर्ड टूटने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी हेल्थ रिपोर्ट में प्रदेशभर में 2127 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 6603 हो गई है। आईआईटी रुड़की में कोरोना के 13 केस भी आए हैं। मंगलवार को दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई, जिससे राज्य में कोरोना संक्रमण के बाद मरने वाले मरीजों की कुल संख्या 7430 हो गई है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों व होम आईसोलेशन में रह रहे 416 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है जिसके बाद अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 6603 हो गई है।
हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 991 कोरोना केस राजधानी देहरादून में मिले हैं। नैनीताल 451, हरिद्वार 259, उधमसिंह नगर 189, पौड़ी 48, उतरकाशी 13, टिहरी 35, बागेश्वर 04, अलमोड़ा 43, पिथौरागढ़ 30, रुद्रप्रयाग 13, चंपावत 26 और चमोली जिले में कोरोना के 25 नए केस आए हैं। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच हेल्थ विभाग पहले से ज्यादा अलर्ट मोड पर आ गया है। संदिग्धों की पहचान करन उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

संक्रमण दर 10 फीसदी के करीब
मंगलवार को कारोना के अत्यधिक मरीज मिलने से राज्य में एक बार फिर कोरोना संक्रमण की दर दस फीसदी के करीब चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। राज्यभर की लैब से 21 हजार से अधिक सैंपलों की जांच रिपोर्ट आई जिसमें 2127 नए मरीज मिले हैं। जबकि 25 हजार 371 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। राज्य में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान पहली बार मंगलवार को 25 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। अभी तक सरकार ने एक दिन में 25 हजार जांच का लक्ष्य तय किया था लेकिन अब इसे बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस हो रही है।

संक्रमण दर में देहरादून टॉप पर
पहली और दूसरी लहर की तरह ही कोरोना की तीसरी लहर में भी देहरादून जिला कोरोना संक्रमण में सबसे आगे चल रहा है। एसडीसी फाउंडेशन की आरे से मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक सप्ताह में देहरादून संक्रमण के मामले में राज्य में पहले स्थान पर है। देहरादून में इस दौरान 11 प्रतिशत से अधिक की संक्रमण दर रही है। नैनीताल में 10 प्रतिशत, पौड़ी में पांच प्रतिशत के करीब, हरिद्वार में 3.27 प्रतिशत संक्रमण दर है। इसके अलावा राज्य के अन्य जिलों में अभी संक्रमण दर कम है। हालांकि इन जिलों में सैंपलों की जांच भी बेहद कम हो पा रही है।

80 पर्यटकों सहित रिकॉर्ड 117 लोग संक्रमित मिले
तीर्थनगरी ऋषिकेश में मंगलवार को कोरोना के रिकॉर्ड नए मामले सामने आए। लक्ष्मणझूला और ऋषिकेश क्षेत्र में 80 पर्यटकों समेत 117 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। संक्रमितों में ऋषिकेश रोडवेज डिपो का एक कर्मचारी भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी के होमआइसोलेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
लक्ष्मणझूला क्षेत्र के कोविड नोडल अधिकारी डा. राजीव कुमार ने बताया कि क्षेत्र में 80 पर्यटकों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली है। संक्रमित पर्यटक दिल्ली, गाजियाबाद, मोदीनगर, रुड़की, राजस्थान आदि इलाके के रहने वाले है। इनकी एक दिन पहले जांच की गई थी। ये सभी लोग वापस लौट चुके है। इसके साथ ही यमकेश्वर और लक्ष्मणझूला क्षेत्र के 13 स्थानीय लोगों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव मिली है। स्थानीय लोग को मिलाकर कुल 93 कोरोना के नए केस क्षेत्र में मिले हैं।
वहीं, सरकारी अस्पताल ऋषिकेश में बीते सोमवार को 126 लोगों ने आरटीपीसीआर टेस्ट कराया था। सभी के सैंपल जांच के लिए एम्स ऋषिकेश भेजे गए थे, इनकी रिपोर्ट मंगलवार को मिली। स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एसएस यादव ने बताया कि 24 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। संक्रमित बापूग्राम, 20 बीघा, आवास विकास कॉलोनी, श्यामपुर, गंगा नगर, शिवलोक कॉलोनी, इंदिरानगर, सुमन विहार, मनीराम रोड, तपोवन, हीरालाल मार्ग, ढालवाला आदि क्षेत्रों के निवासी हैं। बताया कि सभी ने बुखार, जुकाम और खांसी की शिकायत होने पर जांच करायी थी।

मुख्यमंत्री नाराज, क्वारंटीन सेंटर में आत्महत्या करने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा व आंगनबाङी कार्यकत्रियों की सहायता से सर्विलांस को बढाएं। यह सर्विलांस नियमित रूप से होना है। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। देहरादून के क्वारेंटाईन सेंटर में युवक के आत्महत्या पर संबंधित नोडल अधिकारी व डाक्टर को निलंबित किया जाए। कोविड-19 से संबंधित हर मृत्यु की ऑडिट कराई जाए।

कोविड-19 से संबंधित लक्षण पर अनिवार्य तौर पर सेम्पलिंग
सर्विलांस में जिन लोगों में कोविड-19 से संबंधित लक्षण दिखाई दें, उनकी हेल्थ टीम के माध्यम से अनिवार्य रूप से सेम्पलिंग कराई जाए। फ्रंटलाईन वर्कर्स को आवश्यकताअनुसार थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क आदि जरूर उपलब्ध कराए जाएं। इससे उनका कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है। ओपीडी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी फेस शील्ड उपलब्ध हों।

लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। इसके लिए आईईसी कार्यक्रम संचालित करें। फिजीकल डिस्टेंसिंग, मास्क का अनिवार्यता से उपयोग, नियमित रूप से हाथ धोना आदि बातों को आदत में लाना होगा। बाजारों में एक जगह पर भीड़ को सख्ती से नियंत्रित किया जाए।

कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट
मुख्यमंत्री ने देहरादून के क्वारेंटाईन सेंटर में युवक के आत्महत्या पर संबंधित नोडल अधिकारी व डाक्टर को निलंबित करते हुए जांच के निर्देश दिये। देहरादून में एक गर्भवती महिला की इलाज न मिलने पर मृत्यु की भी शीघ्र जांच की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कन्टेनमेंट जोन में पूरी सख्ती रखी जाए। कान्टेक्ट ट्रेसिंग बहुत महत्वपूर्ण है। कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट किया जाए। हर मृत्यु के कारण का विश्लेषण किया जाए। कोविड केयर सेंटर में सारी आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। क्वारेंटाईन सेंटर में भी सुविधाएं उपलब्ध हों। यह सुनिश्चित किया जाए कि होम आइसोलेशन में सारे प्रोटोकोल का पालन हो। डिस्चार्ज कर होम आइसोलेशन में भेजे जाने वालों की काउंसिल की जाए।

कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर उसके अंतिम संस्कार में विवाद न हो। लोगों को इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों की जानकारी दी जाए। मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का सम्मान बरकरार रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी व हरिद्वार में विद्युत शव-दाह गृह का कार्य शुरू करने के निर्देश देते हुए देहरादून में भी शव-दाह गृह की घोषणा की।

जिला स्तर पर अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि धन की कोई समस्या नहीं है। आवश्यकता अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं। इसी प्रकार आवश्यक चिकित्सा संबंधित उपकरणों के क्रय के लिए भी अधिकार दिए गए हैं।

होम क्वारेंटाईन में प्रोटोकॉल का पालन
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर केस को पूरी गम्भीरता से लिया जाना है। होम क्वारेंटाईन के लिए डिस्चार्ज करने से पूर्व पूरी तरह आश्वस्त हो जाएं कि घर में मानकों के अनुरूप सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध हों। सर्विलांस को बढाया जाना है।

पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट से मृत्यु दर पर नियंत्रण
सचिव अमित नेगी ने कहा कि अगले 15-20 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारी रिकवरी रेट और डबलिंग रेट में सुधार हो रहा है। एक्टिव केस लगभग स्थिरता की ओर जा रहे हैं। पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट पर अधिक ध्यान दिया जाए। कोविड-19 के अलावा सामान्य चिकित्सा भी प्रभावित नहीं हो। लोगों को सामान्य इलाज मिलता रहे।

प्रदेश में आने वालों का ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी
सचिव शैलेश बगोली ने कहा कि बाहर से प्रदेश में आने वालों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इससे भविष्य में उन्हें ट्रेक करने में आसानी होगी।

वीडियो कांफ्रेंसिग में आयुक्त कुमाऊँ अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढवाल रविनाथ रमन, सचिव डाॅ पंकज पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।