नियमित समीक्षा कर पर्यटन क्षेत्र को पर्यटन उद्योग बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग द्वारा कराए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों के लिए ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस को अपने सिस्टम में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों से सीखते हुए अपने सिस्टम की कमियों को लगातार दूर किए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा में बुकिंग सिस्टम को मजबूत किए जाने की भी बात की। कहा कि चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा हेतु संचालित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को सालभर संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म की असीम संभावनाओं को देखते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। पूरे विश्व में वाटर स्पोर्ट्स में क्या-क्या चल रहा है, और उसमें यहां क्या-क्या किया जा सकता है? इसके लिए डेडिकेटेड टीम या कन्सल्टेंट लगाया जाए। उन्होंने टिहरी झील में सी-प्लेन, स्कूबा डाईविंग और अन्य एडवेंचर स्पोर्ट्स पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि प्रदेश में लैंड बैंक तैयार कर फाईव स्टार और फॉर स्टार होटेल्स के लिए स्थान चयनित कर निवेशकों को आकर्षित करने पर फोकस किया जाए। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश की आर्थिकी के लिए भी लाभप्रद होंगें। उन्होंने प्रदेश में रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस एवं अन्य आपत्तियों का निस्तारण प्रतिदिन और वीकली मॉनिटरिंग कर के किया जाए।
मुख्य सचिव ने होमस्टे योजना के सरलीकरण के भी निर्देश दिए। कहा कि होमस्टे योजना का स्थानीय लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें इसके लिए सरलीकरण आवश्यक है। साथ ही, इस योजना का फीडबैक भी लिया जाना जरूरी है। यदि योजना में सुधार की गुंजाईश है तो उसे भी किया जाए। उन्होंने नए उद्यमियों के लिए मार्केटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से स्थानीय लोगों ने होमस्टे खोले हैं, परन्तु मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग के लिए उनके पास धन एवं संसाधनों की कमी है। इसके लिए लोगों को नॉमिनल चार्ज पर एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को वेटर, टूर गाईड आदि की फ्री ऑनलाईन ट्रेनिंग की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ट्रेनिंग इसलिए नहीं कर पाते कि उन्हें ट्रेनिंग के दौरान रोजगार और सैलरी का नुकसान होगा। कहा कि छोटे-छोटे वीडियोज के माध्यम से गाईड और वेटर आदि की सर्विस देते समय क्या करें, क्या न करें, जैसे वीडियोज के माध्यम से निशुल्क ट्रेनिंग उपलब्ध कराए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। इसके लिए सिस्टम विकसित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पूर्णागिरी क्षेत्र के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए। कहा कि यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता एवं शुद्धता ऐस्ट्रो टूरिज्म के अनुकूल है। सम्भावनाओं को तलाशते हुए हर डेस्टीनेशन में ऐस्ट्रो टूरिज्म पर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने उत्तराखण्ड में पर्यटन की दृष्टि से युवाओं को आकर्षित करने के लिए नई से नई तकनीक के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में आयुष, योगा और पंचकर्म महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आयुष, योगा और पंचकर्म विभिन्न बीमारियों को जड़ से दूर करने में सक्षम हैं। उत्तराखण्ड योगा कैपिटल के रूप में विश्वविख्यात है। हमारे वेलनेस सेंटर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों को आकर्षित कर पर्यटन और रोजगार दृष्टि से प्रदेश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश की योजनाओं में शामिल किए जाने की भी बात कही।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्यटन गतिविधियों से रोजगार बढ़ाने को मुख्य सचिव ने की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि माउंटेनियर्स और ट्रैकर्स के लिए रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए, ताकि उन्हें सैटेलाईट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके। सर्च ऑपरेशन्स में इससे काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्वतारोहियों एवं ट्रैकर्स की सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है, परन्तु ऑफ सीजन टूरिज्म की व्यापक सम्भावनाएं है। इन्हें तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए। हेलीपैड्स एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किया जाए। पर्यटन स्थलों में हेलीपैड्स विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं, परन्तु कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे हैं, उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर फोकस किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों पर हर 20-30 किलोमीटर पर पानी व टॉयलेट आदि की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं, ताकि यात्रियों और आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए सुचारू संचालन के लिए छोटी-छोटी शॉप्स आदि की व्यवस्था की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर सभी उम्र के पर्यटकों के अनुसार सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। युवा वर्ग टेक्नोलॉजी का बहुत प्रयोग करता है। युवाओं को प्रत्येक जानकारी फोन पर चाहिए इसके लिए ऐसी ऐप और वेबसाईट तैयार की जाए जिस पर हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो, परन्तु वृद्धों के लिए ऑफलाईन जानकारियों की व्यवस्था भी रखी जाए। ऐप और वेबसाईट को सिटीजन फ्रेंडली एवं ईज़ी टू यूज बनाया जाए। पर्यटन स्थलों को बच्चों के सैर-सपाटे के अनुरूप भी विकसित किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन की सम्भावना होने के बावजूद, सुविधाओं के अभाव के कारण यह सब सम्भव नहीं हो पा रहा है, वहां रिसोर्ट विकसित किए जा सकते हैं, जिन्हें शुरुआत में जीएमवीएन एवं केएमवीएन के माध्यम से चलाकर प्रॉफिट गेनिंग होने पर बेचा जा सकता है और उस पैसे से नई जगह डेवेलप की जा सकती हैं। इससे प्रदेश में अनेक पर्यटन स्थल विकसित हो जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी कार्य योजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। प्रत्येक कार्य के लिए समयसीमा पूर्व में ही निर्धारित की जाएं। प्रत्येक योजना को साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए, ताकि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण हो सके। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकस किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत एवं सीईओ युकाडा स्वाति भदौरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पर्यटन मंत्रालय के तहत ईकोटूरिज्म विंग का गठन-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर सॉलिटेयर फार्म मालसी, देहरादून में उत्तराखण्ड एडवेंचर फेस्ट में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने पर्यटन पर आधारित लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पर्यटन परियोजनाओं के विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक पर्यटन सुविधा एवं निवेश प्रकोष्ठ का निर्माण किया जायेगा। पर्यटन उद्योगों से संबंधी सभी प्रस्तावों पर विशेष रूप से पर्यटन विभाग द्वारा ही कार्यवाही की जायेगी, न कि उद्योग विभाग के द्वारा। शहरी विकास विभाग और आवास विभाग विशेष रूप से उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों के लिए बहुस्तरीय कार-लिफ्ट स्थान स्थापित करने के लिए एक परियोजना शुरू की जायेगी। नवंबर, 2021 में कुमाऊं के रामनगर में साहसिक कार्य पर निवेश सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। खेल विभाग की ओर से पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान पर्यटन विभाग को सौंपा जाएगा। उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को एक स्थायी, पर्यावरण के अनुकूल उद्योग के रूप में विकसित करने के मार्ग तलाशने के लिए पर्यटन मंत्रालय के तहत एक समर्पित ईकोटूरिज्म विंग का गठन किया जाएगा। ईकोटूरिज्म विंग का उद्देश्य दीर्घकालिक विचारों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक सहभागिता व सामाजिक नेतृत्व की भागीदारी के साथ ईकोटूरिज्म का विकास सुनिश्चित करना होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए जाना जाता है। उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। हर साल करोड़ों में पर्यटक यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं से उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन जैसे निर्माण कार्य आज उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे हैं। राज्य में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ी है। विभिन्न क्षेत्रों में नई पॉलिसी लाई जा रही है एवं उनका सरलीकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चार धाम यात्रा प्रारंभ हो चुकी है, इस दौरान यात्रियों को किसी तरह की तकलीफ ना हो इसके लिए हरसंभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान पर्यटन से जुड़े लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा ऐसे लोगों को सरकार ने 200 करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया। जो धनराशि सीधे लाभार्थियों के खातों में जा रही है। उत्तराखंड को आने वाले दस वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में नंबर वन राज्य बनाने का प्रयास किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन एवं ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हमार मूल मंत्र है कि हम सर्विस प्रोवाइडर बनें। पर्यटकों को जितनी अधिक सुविधाएं मिलेंगी एवं पर्यटन आधारित गतिविधियां जितनी अधिक बढ़ेगी। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को उतना ही फायदा होगा। पर्यटन रोजगार को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हवाई, सड़क एवं रेल कनेक्टिविटी में तेजी से सुधार हो रहे हैं सरकार का प्रयास है कि राज्य में कनेक्टिविटी को बढ़ाकर पर्यटन एवं तीर्थाटन को बढ़ावा दिया जाय। हम पर्यटन के साथ ही प्रदूषण रहित पर्यटन पर भी ध्यान दे रहे हैं। राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने पर कार्य किया जा रहा है।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में अनेक सराहनीय कार्य हुए हैं। अनेक नये टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित हो रहे हैं।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आयोजित इस दो दिवसीय उत्तराखण्ड एडवेंचर फेस्ट में पर्यटन एवं उससे संबंधित गतिविधियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का सभी तक लाभ पहुंचे इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। विश्व पर्यटन दिवस की इस वर्ष की थीम ‘‘समावेशी विकास के लिए पर्यटन‘‘ है। पिछले दो साल में कोरोना के कारण विश्वभर में पर्यटन से जुड़े लोगों के कार्य प्रभावित हुए हैं। राज्य में पर्यटन के साथ ही साहसिक गतिविधयों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर फिक्की के टूरिज्म विंग की राज्य संयोजक डॉ. नेहा शर्मा, किरन टोडरिया एवं पर्यटन गतिविधियों से जुड़े लोग उपस्थित थे।

राफ्ट संचालकों में खुशी, साहसिक रोमांच का सफर हुआ शुरु

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े 15 हजार लोगों को पर्यटन विभाग की ओर से अब तक 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है। उक्त बात गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति द्वारा साहसिक पर्यटन राफ्टिंग सीजन समारोह के शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अपने संबोधन में कहीं।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने रविवार को मुनिकीरेती स्थित खारास्रोत में गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति द्वारा साहसिक पर्यटन राफ्टिंग सीजन समारोह का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राफ्टिंग, एयरो स्पोर्ट्स सेवा प्रदाताओं सहित समस्त पर्यटन कारोबारियों को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि साहसिक पर्यटन राफ्टिंग सीजन समारोह का शुभारंभ करते हुए उन्हें अपार प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने आयोजन कर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना काल के पश्चात साहसिक पर्यटन राफ्टिंग का प्रारंभ होना पर्यटन व्यवसायियों के लिए बेहद ही सुखद है।
पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि कोविड संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। पर्यटन विभाग की ओर से अब तक पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लगभग 15 हजार लोगों को 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है।
महाराज ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा विशेष क्षेत्र एवं गतिविधियों हेतु बनाई गई समितियों के पास अपने संसाधन से पर्यटन विभाग द्वारा स्वीकृत 631 राफ्टिंग प्रति गाइड के हिसाब से 10 हजार रूपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता दी गई है। जिस पर 63 लाख 10 हजार की धनराशि व्यय की गयी।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी पंजीकृत 301 राफ्टिंग, एयरो स्पोर्टस सेवा प्रदाताओं को राहत देते हुए उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा लिए जाने वाले लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में भी छूट प्रदान की है। इस पर 65 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई।
महाराज ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को भी बड़ी राहत देते हुए 30 लाख 30 हजार रूपये का आर्थिक पैकेज दिया गया है। इसके तहत 303 एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10 हजार रूपये प्रति फर्म के हिसाब से एकमुश्त आर्थिक सहायता दी गई है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, मुनिकीरेती नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, एसीईओ पर्यटन कर्नल अश्वनी पुंडीर, संयुक्त निदेशक पर्यटन विवेक चौहान, जिला साहसिक खेल अधिकारी सोवत राणा, दिनेश भट्ट, विकास भंडारी, हुकम सिंह रावत, रामपाल भंडारी, मदन बडोनी, धनवीर भंडारी, हेमंत चौहान, अनुराग रावत, राजेश पुंडीर, राजेंद्र भंडारी, अजय धमान्दा, लेखराज भंडारी, वीरेंद्र गुसाईं और पंकज भट्ट आदि उपस्थित थे।

युवाओं के चेहरे पर मुस्कुराहट से ही देश के चेहरे पर मुस्कुराहट

अल्मोड़ा स्थित उदयशंकर नृत्य एवं संगीत अकादमी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय युवा एवं खेल राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने दीप प्रजवल्लित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड सरकार में केबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, अरविंद पाण्डे, उत्तराखण्ड विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में देश विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे युवाओं के साथ उत्तराखंड की भावी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। विभिन्न क्षेत्रों में काम कर चुके युवाओं के अनुभव भी साझा किये गए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने कहा है कि दक्षता व विश्वसनीयता उत्तराखण्ड के युवाओं की विशेषता है। जरूरत है उनमें उद्यमिता का गुण विकसित करने की। युवा देश का कल हैं। उन्हें अपनी शक्ति को पहचानना होगा और नई सोच के के साथ बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री, राज्य स्थापना सप्ताह के अंतर्गत अल्मोडा में आयोजित युवा सम्मेलन में सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सोच है कि युवाओं की आकांक्षाओं को जानकर सरकार के बजट व योजनाओं में इन आकांक्षाओं को स्थान दिया जाए। युवाओं के चेहरे पर मुस्कुराहट से ही देश के चेहरे पर मुस्कुराहट आयेगी। देश में एवियेशन का क्षेत्र काफी बढ़ रहा है। इसमें रोजगार की काफी सम्भावनाएं हैं। आने वाले समय में उत्तराखण्ड एडवेंचर टूरिज्म का बेस्ट डेस्टीनेशन बनने जा रहा है। हम साहसिक पर्यटन का अलग निदेशालय बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें वैकल्पिक खेती की ओर जाना होगा। एरोमेटिक, अदरक, हल्दी आदि की खेती को जंगली जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में तमाम बाधाएं हैं परंतु इन्हें नई सोच के साथ दूर किया जा सकता है। उत्तराखण्ड में फाईबर पर आधारित छोटे उद्यम स्थापित किए जा सकते हैं। यहां इंडस्ट्रियल हेम्प और सिसौण की काफी सम्भावनाएं हैं। इनसे सैंकडों तरह के उत्पाद बनाए जा सकते हैं जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत अच्छी कीमत मिलती है।

पिरूल व सौर ऊर्जा बन रहे विकास का आधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पिरूल को भी विकास से जोड़ा जा सकता है। इसमें बड़ी पहल की गई है। पिरूल से बिजली बनाने के लिए प्रोजेक्ट आवंटित किए गए हैं। इसी प्रकार सोलर नीति के तहत भी परियोजनाओं के आवंटन-पत्र सौंपे जा चुके हैं।

फिल्म शूटिंग के बेस्ट डेस्टीनेशन बना उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड फिल्म शूटिंग के बेस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर उभर रहा है। इसका बड़ा कारण यहां के लोगों की प्रकृति है। सभी फिल्मकार कहते हैं कि उत्तराखण्ड के लोग शांति से रहते हैं और अनुशासनप्रिय हैं। फिल्म शूटिंग के समय कभी भी यहां व्यवधान नहीं आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक फिल्म की शूटिंग में सैंकडों लोगों का क्रू यहां आता है और दो-तीन माह तक रहता है। इससे यहां की अर्थव्यवस्था को फायदा होता है और हमारे बच्चों को भी अवसर मिलता है। उत्तराखण्ड को बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड मिला है।

ग्रोथ सेंटरों से सुधरेगी ग्रामीण आर्थिकी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी हिमालयी राज्यों की एक जैसी परिस्थितियां हैं। हमें एक दूसरे के अनुभवों और विशेषज्ञता को साझा करना चाहिए। इसी सोच के साथ मसूरी में हिमालयन कान्क्लेव आयोजित किया गया था। विकास एक सतत प्रक्रिया होती है। सरकार की कोशिश है कि संतुलित विकास हो और विकास का लाभ दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचे। इसी सोच के साथ सभी न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना पर काम किया जा रहा है। 62 ग्रोथ सेंटर को मंजूरी भी दी जा चुकी है। नए टूरिस्ट डेस्टीनेशन विकसित करने के लिए 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टीनेशन पर काम कर रहे हैं।

भारत-भारती उत्सव में दिखेंगे कलर्स ऑफ इण्डिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में तमाम प्रदेशों के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में इनका भी योगदान है। राज्य स्थापना दिवस पर भारत-भारती का आयोजन किया जा रहा है। इसे कलर्स ऑफ इण्डिया का नाम दिया गया है। इसमें भारत की संस्कृति के विभिन्न रंग देखने को मिलेंगे।

भारत को खेलों में टॉप 10 में लाने की कोशिश
केंद्रीय युवा एवं खेल राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2028 में भारत को खेलों में टॉप 10 में लाने का प्रयास है। खेल में सबसे अच्छा करना हमारा लक्ष्य है। खेलों इंडिया के तहत खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का लक्ष्य है। खिलाड़ियों को और बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि मैं हर खिलाड़ी से पर्सनली मिलता हूं। खेल और खुराक, हम हर खिलाड़ी को पूरा देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी खेल का सक्सेस ट्रेनिंग है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओलंपिक में हमारा झंडा लहराएगा। जब मेडल जीतते हैं तो भारत का झंडा जब फहराता है तो खिलाड़ी रोते हैं। अगर कोई खिलाड़ी देश के लिए खेला है और बीमार है तो उनके लिए हमने राशि रखी है। अगर हमसे नहीं मिल सकते हैं तो सोशल मीडिया पर टैग कर दें तो उसका खर्चा सरकार उठाएगी। लगातार मदद मिल रही है। जिन्होंने देश के लिए खेला है उसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए इसलिए सरकार जिम्मेदारी ले रही है। हर स्कीम युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

यह युवा हुए सम्मानित
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं का सम्मान भी किया गया। दीपक डोबरियाल, फिल्म अभिनेता, द्वारिका प्रसाद रतूड़ी, चीन में होटल कारोबारी, पायल आर्य, अंटार्कटिका में सर्वेयर, विनय साह, अंतरराष्ट्रीय धावक, पायल सागर, भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर, पूनम, पर्वतारोही, प्रज्ञा जोशी, कराटे चौंपियन, रिद्धिमा पांडे, बाल पर्यावरण एक्टिविस्ट, देवयानी सेमवाल, माउंटेनियर, नैना अधिकारी, कयाकर, शीतल, पर्वतारोही, गौरव मनकोटी, रैपर, ईशान डोभाल, गायक-संगीतकार, संकल्प खेतवाल, गायक-संगीतकार, योगेश गर्ब्याल, पर्वतारोही, मनोज सरकार, अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी और डा. भुवन जोशी, अंतरिक्ष वैज्ञानिक को सम्मानित किया गया।