अहमद पटेल का रास्ता रोकने में भाजपा को मिली कामयाबी

बिहार में गठबंधन सरकार गिरने के बाद गुजरात में कांग्रेस को एक बडा झटका लगा है। विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक बलवंत सिंह राजपूत समेत दो अन्य विधायक तेजश्री पटेल और पी आई पटेल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह शंकरसिंह वाघेला के समधी हैं और भाजपा की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार बन सकते हैं। कांग्रेस वाघेला के बुने जाल में फंसती जा रही है जिसके चलते राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल को हार का सामना भी करना पड सकता है।
गुजरात कांग्रेस में पिछले कुछ माह से उथल पुथल के हालात हैं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी से नाराज वाघेला पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं अब उनके समर्थक व समधी विधायक बलवंतसिंह व विधायक जयश्री पटेल ने भी पार्टी व विधानसभा से इस्तीफा सौंप दिया है। राजपूत पिछले कुछ दिनों से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व अन्य वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में थे। दिल्ली में फाइनल मुलाकात के बाद गुरुवार दोपहर कांग्रेस को अलविदा कह दिया। भविष्य में और कई विधायकों के कांग्रेस छोडने की आशंका है। राष्ट्रपति चुनाव के बाद राज्यसभा में भी कांग्रेस को क्रॉसवोटिंग का सामना करना पड सकता है जिससे अहमद पटेल की जीत पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं।
राजपूत शुक्रवार को भाजपा के तीसरे उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए नामांकन भरेंगे। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने घोषणा भी कर दी है कि भाजपा विधायक चौथे उम्मीदवार के रूप में राजपूत को मत देंगे। पटेल ने यह भी कहा कि कांग्रेस में कुछ लोगों के हाथ में नेतागिरी है, अहमद पटेल लंबे समय से गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने जा रहे हैं इस बार किसी दूसरे वरिष्ठ नेता को मौका मिलने के उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिससे कांग्रेस नेताओं में नाराजगी बढ रही है।
इस्तीफा देने के बाद राजपूत व तेजश्री ने कहा कि कांग्रेस नेता किसी की सुन नहीं रहे हैं, कुछ नेता मिलकर पार्टी को चला रहे हैं तथा अपने ही विधायकों के टिकट कटाने व हरवाने की योजना करते हैं जिससे कई विधायकों में नाराजगी है। उन्होंने काह कि पार्टी में वे लंबे समय से व्यथित थे 25 से 30 साल पार्टी के साथ रहने के बाद अब छोड रहे हैं।

राज्यसभा से नई राजनीति पारी की शुरुआत करेंगे अमित शाह

गुजरात में 8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को उतारने का फैसला किया है। वरिष्ठ बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद यह घोषणा की है। इसके साथ ही पार्टी ने संपतिया उइके को मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया है।
बता दें कि राज्य से कुल 11 राज्यसभा सदस्यों में से तीन, स्मृति ईरानी और दिलीप भाई पंड्या दोनों बीजेपी के और कांग्रेस के अहमद पटेल का कार्यकाल आगामी 18 अगस्त को खत्म हो रहा है। दरअसल राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में बीजेपी संसदीय बोर्ड का यह कदम राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बताए जा रहे अमित शाह को राज्य की राजनीति से दूर करने के स्पष्ट संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार एवं राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल ने भी राज्यसभा चुनावों के लिए बुधवार को नामांकन दाखिल किया। उनकी कोशिश लगातार पांचवी बार गुजरात से राज्यसभा पहुंचने की है और इसके लिए उन्होंने कांग्रेस से हाल ही बगावत कर चुके शंकर सिंह वाघेला से भी समर्थन मांगा है. हालांकि यहां कयास लगाए जा रहे हैं कि वाघेला गुट के 11 कांग्रेसी विधायक शायद ही कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दें।
गौर करने वाली बात यह भी है कि गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 57 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 121 विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों की जीत पक्की मानी जा रही है। वहीं कांग्रेस को जीत के लिए 47 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। उसे एनसीपी के दो और जेडीयू के एक विधायक से भी समर्थन का भरोसा है। हालांकि यहां देखना होगा कि अगर 11 बागी विधायक का बगावती तेवर बरकरार रहा तो कांग्रेस के लिए मामला कांटे का बन जाएगा।