पीएम के उद्घाटन के बाद पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र देश के सभी जिलों में चालू हुए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में 35 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किये। इससे देश के सभी जिलों में अब पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र चालू हो गए हैं।

नवरात्रि के प्रथम दिन देवभूमि उत्तराखण्ड आना सौभाग्यः प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि ‘आज से नवरात्रि का पावन पर्व भी शुरू हो रहा है। प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री, हिमालय पुत्री हैं। और आज के दिन मेरा यहां होना, यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना, हिमालय की इस धरती को प्रणाम करना, इससे बड़ा जीवन में कौन सा धन्य भाव हो सकता है।’

मन, कर्म, सत्व और तत्व का नाता है देवभूमि से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देव भूमि उत्तराखण्ड ऋषियों की तपस्थली रही है। योग नगरी के रूप में ये विश्व को आकर्षित करती रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उनके लिए महत्वपूर्ण है, इस भूमि से उनका मन और कर्म का नाता है तो सत्व और तत्व का भी। उत्तराखण्ड आकर उन्हें नई ऊर्जा मिलती है। उत्तराखण्ड की दिव्यधरा ने मुझ जैसे ना जानें कितने लोगों की जीवन धारा को मोड़ने में मदद की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के ही दिन 20 वर्ष पहले उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर जनता की सेवा का नया दायित्व मिला था। उन्होंने विशेष तौर पर ये बात कही कि इस यात्रा की शुरुआत उत्तराखण्ड राज्य के गठन के साथ हुई थी क्योंकि उत्तराखण्ड गठन के कुछ माह बाद गुजरात के मुख्यमंत्री का पदभार उन्होंने सम्भाला था। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर इस धरा को प्रणाम करना मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है। प्रधानमंत्री ने राज्य को ओलम्पिक और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी।

कोरोना से लड़ाई में देश का सामर्थ्य दिखा, बड़े पैमाने पर हेल्थ सुविधाएं विकसित
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि जिस धरती से योग और आयुर्वेद जैसी जीवनदायिनी शक्तियों को बल मिला, उसी धरती से आज आक्सीजन के प्लांट समर्पित किए जा रहे हैं। कहा कि कोरोना से लड़ाई में इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार की हैं, वे हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। पहले सिर्फ 1 टेस्टिंग लैब थी अब करीब 3 हजार टेस्टिंग लैबों का नेटवर्क है। मास्क और किट्स के आयातक से निर्यातक बनने का सफर किया। देश के दूर दराज वाले इलाकों में भी वेंटिलेटर्स की सुविधाएं बढ़ी हैं। मेक इन इण्डिया में कोराना वैक्सीन का तेजी से और बड़ी मात्रा में निर्माण किया गया। दुनिया का सबसे बड़ा और तेज टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है। भारत ने जो कर दिखाया वह हमारी संकल्पशक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है। भारत ने मेडिकल आक्सीजन के उत्पादन में 10 गुना से अधिक वृद्धि की है।

युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रभावी मैनेजमेंट से उत्तराखण्ड में तेजी से टीकाकरण अभियान
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएंगे। भारत ने कोविड वैक्सीन प्लेटफार्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन कैसे किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में बहुत तेजी से कोविड टीकाकरण हो रहा है। राज्य सरकार के प्रभावी मैनेजमेंट से उत्तराखंड बहुत जल्द 100 प्रतिशत पहली डोज पूरी करने वाला है।

सरकार का लक्ष्य देश के हर जिले में हो मेडिकल कॉलेज
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सरकार इस बात का इंतजार नहीं करती कि नागरिक उसके पास अपनी समस्याएं लेकर आएंगे तब कोई कदम उठाएंगे। सरकारी माइंडसेट और सिस्टम से इस भ्रांति को बाहर निकाल रहे हैं। अब सरकार नागरिक के पास जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 6-7 साल पहले तक सिर्फ कुछ राज्यों में ही एम्स की सुविधा थी, आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है। 6 एम्स से आगे बढ़कर 22 एम्स का सशक्त नेटवर्क बनाने की तरफ हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार का ये भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कालेज जरूर हो।

उत्तराखण्ड में जलजीवन मिशन में हुआ काफी काम
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण का सपना अटल जी ने पूरा किया था। अटल जी मानते थे कि कनेक्टिविटी का सीधा कनेक्शन विकास से है। उन्हीं की प्रेरणा से देश में कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अभूतपूर्व स्पीड और स्केल पर काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 में जलजीवन मिशन शुरू होने से पहले उत्तराखण्ड के सिर्फ 1 लाख 30 हजार घरों में ही नल से जल पहुंचता था। आज उत्तराखण्ड के 7 लाख 10 हजार से ज्यादा घरों में नल से जल पहुंचने लगा है।

सैनिकों के हितों को लेकर सरकार गम्भीर
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर फौजी, हर पूर्व फौजी के हितों को लेकर भी पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। ये हमारी सरकार ही है जिसने वन रैंक वन पेंशन को लागू करके अपने फौजी भाईयों की 40 साल पुरानी मांग पूरी की। उत्तराखण्ड की देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका रही है। यहां के नौजवान, भारतीय सुरक्षा बलों की आन बान व शान हैं। केदारनाथ धाम में सुविधा बढ़ाई जा रही है, चारधाम परियोजना देश दुनिया के श्रद्धालुओं को आसान बनाने के साथ ही कुमाऊं और गढ़वाल को जोड़ रही है।

केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, उत्तराखण्ड के लोगों के सपनों को पूरा करने का आधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को आगे बढ़ाने का ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास, यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का आधार है। यहां कनेक्टिविटी के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। चारधाम ऑलवेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, उड़ान में हवाई सेवाएं आदि से उत्तराखण्ड की जनता को काफी लाभ मिलने वाला है। अगले कुछ वर्ष में उत्तराखंड गठन के 25 साल में होगा। यही समय है सही समय है। यहाँ के लोगों के सपनों को नई बुलंदी देने वाला है।

प्रधानमंत्री की 20 वर्षों की यात्रा महान संकल्पों की यात्रा-धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड की सवा करोड़ जनता की ओर से देवभूमि आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की पिछले 20 वर्षों की यात्रा महान संकल्पों का उदाहरण है। प्रधानमंत्री जी ने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण मां भारती की सेवा में लगा दिया, जो हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों की सुरक्षा एवं सेवा के लिये राष्ट्रव्यापी जीवन रक्षक ऑक्सीजन प्लाण्टों को समर्पित किया है।
आज से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व जब कोरोना महामारी का प्रारंभ हुआ था तब से आज तक प्रधानमंत्री जी ने एक नेता एवं प्रशासक की भांति ही नहीं बल्कि हमारे अभिभावक की भांति हमारा हाथ थामा और मुश्किल की घड़ी में पूरे देश को हौंसला दिया। पूरा विश्व इस बात का साक्षी है कि जिस देश को लेकर विशेषज्ञ तरह-तरह की आशंका जता रहे थे उस देश ने न सिर्फ कोरोना का डटकर सामना किया बल्कि वैक्सीन बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई। सैनिकों के प्रति प्रधानमंत्री जी का सम्मान जग जाहिर है। हमने देखा है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में और अब एक प्रधानमंत्री के रूप में वे हर बार दिवाली और होली सैनिकों के साथ मनाते हैं।

आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इण्डिया युवाओं के मन में बस चुके आंदोलन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के बच्चे बच्चे की जुबां पर आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत, स्किल इण्डिया, फिट इण्डिया, मेक इन इण्डिया जैसे नारे रहते हैं। ये सिर्फ नारे नहीं है बल्कि आज, ये देश के हर नागरिक, हर युवा के मन में बस चुके आंदोलन का रूप ले चुके हैं। कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों को रोजगार और दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया है। जहां एक ओर आयुष्मान भारत योजना ने देश के हर व्यक्ति को यह भरोसा दिलाया है कि बीमारी के समय पर उन्हें उपचार अवश्य मिलेगा वहीं दूसरी ओर उज्जवला योजना ने करोड़ों गरीब माताओं-बहनों की आंख के आंसू पोछे हैं। सैंकड़ों वर्षों से अपने निर्माण की बांट जोह रहे श्रीराम मंदिर के पुर्ननिर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। कश्मीर से धारा 370 का खात्मा हो सका और कश्मीर का भारत में पूर्ण एकीकरण हो सका। चाहे औद्योगिक विकास हो, शैक्षिक विकास हो, सामाजिक विकास हो या आध्यात्मिक विकास हो, प्रधानमंत्री जी की सोच व्यापक रही है। यह नमामि गंगे, स्वच्छता अभियान, नई शिक्षा नीति, इन्द्रधनुष योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड जैसी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं से परिलक्षित होता है।

कोविड से लड़ाई में केंद्र का मिला पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम की भूमि तो है ही ये वीर भूमि भी है, जिसे प्रधानमंत्री जी ने सैन्यधाम की संज्ञा भी दी है। उत्तराखण्ड की इस भूमि से प्रधानमंत्री जी का विशेष स्नेह किसी से छुपा नहीं है। केदारनाथ की त्रासदी के समय मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब भी वह उत्तराखंड की जनता के लिए पूर्ण रूपेण साथ खड़े थे। कोरोना महामारी में उत्तराखंड जैसे भौगोलिक कठिनाइयों से घिरे राज्य में भी प्रधानमंत्री जी ने साधन संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी और व्यक्तिगत रूप से उत्तराखंड की चिंता की।

उत्तराखण्ड के विकास के लिए प्रधानमंत्री ने दी महत्वपूर्ण सौगातें
उत्तराखण्ड के लिये चारधाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की महत्वपूर्ण सौगात दी है। प्रधानमंत्री के निर्देशन में केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं। वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए क्रमशः 20 करोड़ और 34 करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके हैं। जहां एक ओर चार दशकों से लंबित तराई-भाबर की लाइफ लाइन जमरानी बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दी है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित करने के साथ-साथ उड़ान योजना व सीमांत पर्वतीय क्षेत्रों को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजनाओं द्वारा उत्तराखंड के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। टिहरी लेक डेवलेपमेण्ट हेतु 1200 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो या समेकित सहकारी विकास योजनाओं के लिये 3340 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो, प्रधानमंत्री जी ने हमेशा उत्तराखंड की दिल खोलकर सहायता की है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में दिए जा रहे कोविड राहत पैकेजों सहित विकास कार्याे की जानकारी दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार से प्राप्त हो रहे मार्गदर्शन एवं सहयोग से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखण्ड में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। जहां 24 हजार सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। वहीं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो उद्यम योजना के अन्तर्गत लाखों युवाओं को स्वरोजगार देने की प्रक्रिया गतिमान है। कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिये 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन हेतु 205 करोड़ तथा महिला सशक्तिकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज प्रदान किया जा रहा है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लोगों के खातों में भेजी जा रही हैं। आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में 44 लाख लोगों के कार्ड बन चुके हैं। इस योजना से 3 लाख 50 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं। दिसम्बर माह तक प्रदेश में प्रथम चरण के वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत पूर्ण करने का जो लक्ष्य रखा था उस लक्ष्य को हम केन्द्र सरकार के सहयोग से इसी माह पूर्ण करने की ओर अग्रसर हैं। अब तक 96 प्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। मार्च 2020 से पूर्व उत्तराखण्ड में मात्र 1 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर (गढ़वाल) में संचालित हो रहा था, जबकि आज 87 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट उपलब्ध हो चुके है, जिनमें से पी०एम० केयर फण्ड द्वारा उपलब्ध 25 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांटों ने पूर्ण रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है।

वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप विश्व के दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का मूलमंत्र दिया है। कोरोना काल में इस मंत्र की शक्ति को हम सभी ने देखा है। इससे कोरोना के खिलाफ जंग में ताकत मिली है। करोड़ों लोगों को गरीब कल्याण अन्न योजना में खाद्य सुरक्षा दी। वैक्सीन का देश में ही निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया। उन्हीं की प्रेरणा है कि पहले जहां किसी बीमारी का टीका आने में कई वर्ष लग जाते थे, आज कोविड की वैक्सीन का इतने कम समय में देश न केवल उत्पादन शुरू हुआ बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान यहां चल रहा है। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप विश्व के दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक, पूरे देश में कुल 1,224 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों को पीएम केयर्स के तहत वित्तपोषित किया गया है, जिनमें से 1,100 से अधिक संयंत्रों को चालू किया गया है, जिससे प्रतिदिन 1,750 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। यह कोविड- 19 महामारी शुरू होने के बाद से भारत की चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सकारात्मक उपायों का प्रमाण है।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री, सांसदगण, विधायकगण, केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी, एम्स के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने पीएम दौरे को लेकर व्यवस्थायें जांची, दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऋषिकेश एम्स पहुंचकर प्रधानमंत्री के दौरे संबंधी व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने आयोजन स्थल का जायजा लेते हुए एम्स प्रशासन और अधिकारियों से व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कार्यक्रम स्थल पर सभी व्यवस्थाओं को समय से पहले पूरा कर लिया जाए। प्रधानमंत्री के प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवस्था भलि-भांति चेक कर ली जाएं और कोविड प्रोटकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव सूचना पंकज पांडेय, आईजी इंटेलीजेंस संजय गुंज्याल, प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी समेत जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवभूमि से उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न ऑक्सीजन प्लांट्स का शुभारम्भ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है, इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड को ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, उडान योजना से एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने समेत केदारनाथ पुनर्निर्माण की सौग़ात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी देव भूमि आते हैं तो हम सब को जनसेवा के कार्य करने की नई ऊर्जा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा उत्तराखंड के विकास की लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।

पीएम की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस हुई सतर्क, शुरु किया सत्यापन अभियान

कोतवाली पुलिस ने सत्यापन अभियान चलाकर की गई कार्यवाही में 350 लोगों का सत्यापन करते हुए किरायेदारों का सत्यापन ना कराने पर 15 मकान मालिकों के विरुद्ध कार्यवाही कर डेढ़ लाख का जुर्माना किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पूर्व अपराध पर अंकुश लगाने व अपराधियों की धरपकड शुरू की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में किरायेदारों के सत्यापन कराने व सत्यापन ना कराने वाले मकान मालिकों पर कार्यवाही करने हेतु आदेशित किया गया है। उक्त आदेश के अनुपालन में पुलिस अधीक्षक देहात क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश द्वारा भी अपने अधीनस्थों को उक्त विषय में कार्यवाही करने हेतु आदेशित किया गया है। जिस पर महेश जोशी, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश के द्वारा आज प्रातः 6 बजे से एम्स पुलिस चौकी क्षेत्र में एम्स हॉस्पिटल से लगते हुए इलाके शिवाजी नगर, बैराज कॉलोनी, स्टर्डिया व आवास विकास में किरायेदारों के सत्यापन की जांच हेतु अभियान चला गया।
उक्त अभियान में प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश के द्वारा स्वयं उपस्थित रहकर नेतृत्व करते हुए वरिष्ठ उप निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश, चौकी प्रभारी एम्स, चौकी प्रभारी आईडीपीएल, चौकी प्रभारी त्रिवेणी घाट, चौकी प्रभारी बस अड्डा, चौकी प्रभारी श्यामपुर, उपनिरीक्षक, कांस्टेबल, महिला कॉन्स्टेबल की टीम बनाकर सत्यापन अभियान चलाया गया। अभियान से पूर्व प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश के द्वारा टीम के सभी अधिकारी/कर्मचारी गणों को को ब्रीफ कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
सत्यापन अभियान के दौरान किरायेदारों का सत्यापन करते हुए सत्यापन ना कराने वाले मकान मालिकों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। सत्यापन के दौरान 350 लोगों का सत्यापन किया गया। इसके साथ ही 15 चालान कर डेढ़ लाख का जुर्माना किया गया। इसके अतिरिक्त ऐम्स हॉस्पिटल रोड पर ठेली एवं फड़ लगाने वाले व्यक्तियों का सत्यापन करते हुए यातायात के दृष्टिगत रोड किनारे से अतिक्रमण हटाया गया।

प्रधानमंत्री 7 को ऋषिकेश एम्स में ऑक्सीजन प्लांट का करेंगे शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऋषिकेश का दौरा तकरीबन तय हो गया है, लेकिन वह बाबा केदार के दर्शन करने जाएंगे या नहीं, अभी यह तय नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय नेताओं के उत्तराखंड आने से हमें ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड आ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आएंगे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आगमन हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का सात अक्तूबर को ऋषिकेश आने का कार्यक्रम तय हो चुका है। वह ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ करेंगे और वर्चुअल माध्यम से देश भर के ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा अभी उनका कोई कार्यक्रम नहीं है। हालांकि सरकार के स्तर पर केदारनाथ में तैयारियां हो रही हैं, लेकिन अभी पीएम का बाबा केदार के दर्शन का कोई कार्यक्रम नहीं है।

एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन आठ अक्तूबर को होगा
जौलीग्रांट स्थित देहरादून हवाई अड्डे पर बने नए टर्मिनल का उद्घाटन आठ अक्तूबर को होगा। पहले यह माना जा रहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी सात अक्तूबर को इस टर्मिनल का लोकार्पण करेंगे। लेकिन अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया टर्मिनल का लोकार्पण करेंगे।

उत्तराखंड के हित में जो जरूरी होगा, वह कानून बनाएंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के हित में जो भी जरूरी होगा, सरकार वह कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि भू कानून को लेकर कमेटी का गठन कर दिया है। जनसंख्या कानून पर विस्तार से चर्चा हो रही है। जनसांख्यिकीय असंतुलन के मुद्दे पर जांच को लेकर उन्होंने फिर दोहराया कि उत्तराखंडियत को बचाने के लिए यह जरूरी है।

प्रधानमंत्री दो अक्तूबर को करेंगे भट्टा-क्यारकुली गांव के लोगों से संवाद 
प्रधानमंत्री हर घर जल, जल जीवन मिशन के तहत प्रधानमंत्री गांधी जयंती पर मसूरी के भट्टा-क्यारकुली गांव की ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति से संवाद करेंगे। वर्चुअल संवाद दो अक्तूबर को सुबह 10 से  दोपहर 12 बजे तक चलेगा। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की अध्यक्ष कौशल्या रावत ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर गांव के लोगों में काफी उत्साह है। गांव में अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं। 

महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों से सीधा संवाद करेंगे। इसमें मसूरी का क्यारकुली गांव का भी चयन किया गया है। देशभर के गांवों के साथ क्यारकुली गांव के लोगों से भी प्रधानमंत्री वर्चुअल ग्रामीणों से जल जीवन मिशन पर वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव पहुंच रहे हैं और कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं।

गुरुवार को नमामि गंगे, जल संस्थान, भारत सरकार के अधिकारी, एनआईसी की टीम गांव पहुंची और तैयारी को अंतिम रूप दिया। कार्यक्रम के लिए गांव के पंचायती चौक पर वाटरप्रूफ टेंट लगाया गया है। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की अध्यक्ष कौशल्या रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री से संवाद  हमारे लिए गर्व की बात है। गांव के लोगों में कार्यक्रम को लेकर बड़ा उत्साह है। गांव में लगे टेंट में एलसीडी आदि उपकरण लग चुके हैं। गुरुवार को जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता नमित रमोला, ईई जल संस्थान केसी पैन्यूली, एई टीएस रावत, अभय भंडारी, राकेश रावत आदि ने तैयारियों का जायजा लिया।

सीडीओ नितिका खंडेलवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री के संवाद के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत गांव में हुए कार्यों पर बात करेंगे। क्यारकुली गांव का चयन प्रधानमंत्री कार्यालय से हुआ है। 

एम्स ऋषिकेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत 51 हजार से अधिक मरीजों का हुआ उपचार

बीते तीन वर्षों के दौरान आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत एम्स ऋषिकेश में अब तक 51,120 मरीजों का निशुःल्क उपचार किया जा चुका है। यही नहीं योजना की शुरुआत से अभी तक एम्स में 10, 900 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इस उपलब्धि के लिए हाल ही में राज्य सरकार द्वारा एम्स को ’आयुष्मान सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया है। एम्स निदेशक ने आयुष्मान योजना को और अधिक प्रभावी बनाने की बात कही है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आयुष्मान योजना की शुरुआत सितम्बर- 2018 में हुई थी। इन स्वास्थ्य योजनाओं के तहत बीते तीन वर्षों में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित देश के करीब एक दर्जन राज्यों से आए 51 हजार से अधिक मरीजों को एम्स ऋषिकेश में निःशुल्क उपचार की सुविधा मिल चुकी है। योजना के सफलतम 3 वर्ष पूर्ण होने व इस योजना का बेहतर संचालन करने पर राज्य सरकार द्वारा हाल ही में एम्स संस्थान को ’आयुष्मान सम्मान पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया गया।
देहरादून में आयोजित कार्यक्रम ’आरोग्य मंथन’-3 के दौरान एम्स में आयुष्मान योजना के प्रभारी डॉ. अरुण गोयल ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के दौरान भी एम्स ऋषिकेश में मरीजों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान एम्स में उत्तराखंड के अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, केरल और जम्मू कश्मीर के मरीजों का आयुष्मान भारत योजना में इलाज किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 51 हजार 120 मरीजों का इस योजना से निःशुल्क इलाज किया जा चुका है। इनमें से 39 हजार 580 मरीज उत्तराखंड राज्य के हैं। उन्होंने बताया कि कमजोर आर्थिक स्थिति वाले इस पहाड़ी राज्य के लिए यह योजना गरीब लोगों के उपचार के लिए बेहद लाभकारी है। आयुष्मान योजना के सह प्रभारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि जिन लोगों के पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड नहीं है, वह लोग अपनी पहचान संबंधी संपूर्ण दस्तावेज दिखाकर एम्स ऋषिकेश में अपना आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं। इसके लिए ओपीडी रजिस्ट्रेशन एरिया में अलग से आयुष्मान काउंटर स्थापित किया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि उन्हें इस योजना के तहत मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेना चाहिए।
आयोजित कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने आयुष्मान योजना के सफल संचालन के लिए एम्स संस्थान को ’आयुष्मान सम्मान’ पुरस्कार से नवाजा। एम्स की ओर से यह पुरस्कार योजना के प्रभारी डॉ. अरुण गोयल और सह प्रभारी डॉ. मधुर उनियाल ने प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना के सफल संचालन के लिए एम्स ऋषिकेश को पुरस्कृत किए जाने पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अरविन्द राजवंशी ने अपने संदेश में कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित इस योजना का उद्देश्य गरीब व जरुरतमंद लोगों को निशुल्क उपचार प्रदान कराना है। एम्स ऋषिकेश आयुष्मान योजना के तहत अधिकाधिक मरीजों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने को प्रयासरत है।

एम्स ऋषिकेश में हर वर्ष होता है हिंदी पखवाड़े का आयोजन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आयोजित हिंदी पखवाड़े के समापन अवसर पर स्वरचित काव्य पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि संकायाध्यक्ष अकादमिक द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आए प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की बात की। एम्स ऋषिकेश के राजभाषा विभाग की ओर से आयोजित हिंदी पखवाड़े का विधिवत समापन हो गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में काव्य पाठ प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न रचनाकारों ने स्वरचित काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम में हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आने वाले प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता द्वारा संस्थान की ओर से नकद पुरस्कार व प्रशस्तिपत्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रति वर्ष देशभर में सितंबर माह के दूसरे पखवाड़े को हिंदी पखवाड़ा के रूप में मनाया जाता है। एम्स ऋषिकेश में इस अवसर पर अलग-अलग कार्य दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनमें हिंदी निबंध प्रतियोगिता, टंकण प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता आदि हिंदी प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा कि हिंदी भाषा विश्व की सबसे सरल भाषा है। यह भाषा हम सभी को आपस में जोड़ना भी सिखाती है। उन्होंने कहा कि संस्थान के समस्त कर्मचारियों को चाहिए कि वह अपनी राष्ट्रभाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंदी भाषा में कार्य करें और व्यवहार व आम बोलचाल में भी ​हिंदी का इस्तेमाल करें।
चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव मित्तल ने सभी लोगों से आह्वान किया कि वह राष्ट्रभाषा हिंदी से प्रेम करें और इसे आचार व्यवहार में अधिकाधिक अपनाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा के प्रति यह प्रतिबद्धता हिंदी को नए सोपान पर पहुंचाने में काफी हद तक सहायक होगी। संस्थान के वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी शशिकांत ने कहा कि हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिए भविष्य में विभिन्न हिंदी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, इसलिए इसका सम्मान तभी होगा, जब हम अपने दैनिक जीवन में इस भाषा को अधिक से अधिक बढ़ावा देंगे। उन्होंने हिंदी को सर्वमान्य भाषा बताया। कार्यक्रम में काव्य पाठ प्रस्तुत करने वाले 10 विजेता प्रतिभागियों सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के कुल सचिव राजीव चौधरी, प्रो. प्रतिमा गुप्ता, डा. रश्मि मल्होत्रा, प्राचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग जैवियर वैल्सियाल, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, संदीप सिंह, राजभाषा अधिकारी नीरा तिवाड़ी आदि मौजूद थे।

बिना बेहोश किए सफल अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी में मिली सफलता

अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने छाती में ट्यूमर की समस्या से जूझ रहे एक मरीज को बिना बेहोश किए उसकी सफल अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी करने में विशेष सफलता प्राप्त की है। चिकित्सा क्षेत्र में उत्तर भारत का यह पहला मामला है, जिसमें मरीज को बिना बेहोश किए यह बेहद जटिल सर्जरी की गई। इस मरीज का उपचार आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया। इलाज के बाद मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद स्थित चिन्यालीसौड़ निवासी 30 एक वर्षीय व्यक्ति पिछले लंबे अरसे से छाती में भारीपन और असहनीय दर्द की समस्या से जूझ रहा था। लगभग 3 महीने पहले परीक्षण कराने पर पता चला कि उसकी छाती में हृदय के ऊपर एक ट्यूमर बन चुका है। इलाज के लिए वह पहले राज्य के विभिन्न अस्पतालों में गया, लेकिन मामला जटिल होने के कारण अधिकांश अस्पतालों ने उसका इलाज करने में असमर्थता जाहिर कर दी। इसके बाद अपने उपचार के लिए मरीज एम्स ऋषिकेश पहुंचा। यहां विभिन्न जांचों के बाद एम्स के कार्डियो थोरेसिक व वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अंशुमन दरबारी जी ने पाया कि मरीज की छाती के भीतर व हार्ट के ऊपर थाइमिक ग्रंथी में संभवतः एक थायमोमा में एक ट्यूमर बन चुका है और उसका आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
इस बाबत सीटीवीएस विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ सर्जन डा. अंशुमन दरबारी ने बताया कि यदि मरीज का समय रहते इलाज नहीं किया जाता तो हार्ट के ऊपर बना ट्यूमर बाद में कैंसर का गंभीर रूप ले सकता था। उन्होंने बताया कि आसपास के महत्वपूर्ण अंगों के कारण छाती के भीतर ट्यूमर में सामान्यतरू बायोप्सी करना संभव नहीं होता है इसलिए मरीज की बीमारी के निराकरण के लिए रोगी की सहमति के बाद उसकी ’अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी’ करने का निर्णय लिया गया।
अत्याधुनिक तकनीक की बेहद जोखिम वाली इस सर्जरी में मरीज की छाती की हड्डी को काटकर मरीज को बिना बेहोश किए उसके हार्ट के ऊपर बना 10 गुना 7 सेंटीमीटर आकार का ट्यूमर पूर्णरूप से निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि इस सर्जरी में लगभग 2 घंटे का समय लगा और 4 दिन तक मरीज को अस्पताल में रखने के बाद अब उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। सर्जरी करने वाली विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम में डॉ. अंशुमन दरबारी के अलावा सीटीवीएस विभाग के डॉ. राहुल शर्मा जी और एनेस्थेसिया विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय कुमार जी शामिल थे।
एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले चिकित्सकों के कार्य की सराहना की है। उन्होंने बताया कि मरीजों के बेहतर उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम 24 घंटे तत्परता से कार्य कर रही है।

क्या है ’अवेक कार्डियो सर्जरी’
सीटीवीएस विभाग के वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ. दरबारी ने बताया कि अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी की शुरुआत वर्ष-2010 में अमेरिका में हुई थी। भारत में यह सुविधा अभी केवल चुनिंदा बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध है। इस तकनीक द्वारा मरीज की रीढ़ की हड्डी में विशेष तकनीक से इंजेक्शन लगाया जाता है। इससे उसकी गर्दन और छाती का भाग सुन्न हो जाता है। पूरी तरह से दर्द रहित होने के बाद छाती की सर्जरी की जाती है। खासबात यह है कि सर्जरी की संपूर्ण प्रक्रिया तक मरीज पूरी तरह होश में रहता है। यहां तक कि सर्जरी के दौरान मरीज से बातचीत भी की जा सकती है। सामान्यतौर पर सर्जरी प्रक्रिया के दौरान मरीज को बेहोशी दवाओं का दुष्प्रभाव हो सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह बेहोशी दवाओं के दुष्प्रभाव से भी बच जाता है। इस तकनीक से मरीज को वेन्टिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता भी नहीं होती है। साथ ही तकनीक में मरीज की रिकवरी बहुत ही सहज और तेज हो जाती है।

एम्स ऋषिकेश के नए प्रभारी निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने संभाला कार्यभार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में सोमवार को नए निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने विधिवत कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान संस्थान के अधिकारियों, फैकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों ने उनका स्वागत किया।
सोमवार को एम्स रायबरेली के निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने ऋषिकेश एम्स का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान उन्होंने संस्थान के अधिकारियों, चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों से मुलाकात की और उनसे एम्स ऋषिकेश के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने 1977 में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला (हिमाचल प्रदेश) से एमबीबीएस किया। उन्होंने 1981 में पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ से एमडी पैथोलॉजी और 1994 में रॉयल कॉलेज लंदन से एमआरसी पैथोलॉजी की डिग्री हासिल की। राजवंशी ने पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ से अपना सीनियर रेजीडेंसी किया।
साथ ही प्रो. राजवंशी वर्ष 2007 से 2019 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के प्रभारी प्रोफेसर भी थे। इसके अलावा वह 23 मार्च 2020 तक पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के डीन (अनुसंधान) और डीन (अकादमिक) भी रहे हैं। उन्हें 23 मार्च 2020 को एम्स रायबरेली का कार्यकारी निदेशक और सीईओ नियुक्त किया गया और अब उन्होंने सोमवार (20 सितंबर) को एम्स ऋषिकेश का अतिरिक्त कार्यभार संभाला है। गौरतलब है कि एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत बीती 13 सितंबर को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो गए थे। उनके स्थान पर प्रो. राजवंशी ने निदेशक का पदभार ग्रहण किया है।
इस अवसर पर संस्थान के संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता एवं अन्य संकाय सदस्य तथा अधिकारी मौजूद थे।

कर्नाटक मूल के एम्स में डॉक्टर की संदिग्ध परिस्थिति में मौत

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में स्नातकोत्तर के तृतीय वर्ष के एक चिकित्सक की मौत हो गई है एम्स के लॉ ऑफिसर प्रदीप पांडे ने बताया कि चिकित्सक ने हॉस्टल के कमरे के अंदर सुसाइड कर लिया है वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है अप पुलिस मौत के कारणों की जांच में जुट गई है।।

कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि 26 वर्षीय शिवानंद बोन पुत्र बच कांत बोर्न निवासी गंगा कॉलोनी बसवा कल्याण जिला बिदार कर्नाटक हाल निवासी जूनियर रेजिडेंट ऐम्स ऋषिकेश में रहता था। सोमवार की रात उसकी डयूटी थी। मगर डयूटी पर न आने और फ़ोन भी न उठाने पर जब हॉस्टल के कमरे में गये तो कमरा भीतर से बंद था। मौके पर पुलिस की मौजूदगी में कमरा खोला तो शिवानंद मृत मिला। उसके कमरे से पुलिस को कुछ दवाइयां और इंजेक्शन मिले हैं हत्या के कारणों की अभी जानकारी नहीं मिल पाई है फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

साइकिल यात्रा का मकसद शरीर को फिट रखना

स्वास्थ्य के प्रति जन सामान्य को जागरुक करने के उद्देश्य से रविवार को स्वास्थ्य सेवा से राष्ट्रीय सेवा के लिए समर्पित अखिल भारतीय अनुषांगिक संगठन नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन, उत्तराखंड प्रांत की एम्स ऋषिकेश इकाई द्वारा ’स्वस्थ जीवनशैली साइकिल यात्रा’ का सफल आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
साइकिल रैली को एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रवि कान्त के साथ ही डीन प्रो. मनोज गुप्ता, एनएमओ अध्यक्ष डा. मीनाक्षी धर, डा. नवनीत मैगन व एनएमओ उत्तराखंड के सचिव डा. विनोद ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस दौरान निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने जन सामान्य को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए संस्था की इस पहल को सराहनीय बताया।
लगभग 10 किलोमीटर साइकिल रैली के आयोजन में फायरफॉक्स साईकिल कंपनी का विशेष सहयोग रहा।
इस अवसर पर नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन उत्तराखंड के प्रदेश सचिव व एम्स ऋषिकेश के सीनियर रेजिडेंट डॉ. विनोद ने बताया की स्वस्थ जीवन शैली साइकिल यात्रा का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर, व स्टाफ को जागरूक करना व बढ़ती बीमारियों व मानसिक तनाव को दूर करना था।
कार्यक्रम में भाग लेने और सफल बनाने के लिए डा. प्रशांत, पी.सी मीणा, विकास, हंसराज, कौशल, संकेत, सुभम, मोहित, नवीन, सोनू, बृजेश, लोकेश, अंकुर, सुमेर के साथ ही अन्य सभी डाक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसरों और मेडिकल स्टूडेंट्स का आभार व्यक्त किया गया।

यह है आगामी योजना
साइकिल यात्रा की प्रारंभिक सफलता को देखते हुए आयोजकों द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक रविवार को एम्स के गेट नंबर-एक से ग्रुप रैली और महीने के पहले रविवार को विशाल जागरुकता रैली निकाली जाएगी।