एम्स के सिक्योरिटी गार्ड ने ही चुराये थे सीसीटीवी कैमरे

कोतवाली पुलिस के मुताबिक 13 नवंबर को ऋषिकेश एम्स अस्पताल के प्रशासनिक कार्यालय की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई। जिसमें बताया किी संस्थान से स्टील फोटोग्राफी कैमरा सहित अन्य सामान चोरी हो गए हैं। जिनकी कीमत आठ लाख रूपये बताई गई। पुलिस ने मामले में चोरी का मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। मामले के खुलासे के लिए संस्थान में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। साथ मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया गया। सीसीटीवी कैमरे की मदद से कैमरा चुराने वाले की पहचान की गई। पुलिस टीम ने आरोपी को एम्स संस्थान के अंदर से ही मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। कोतवाल महेश जोशी ने बताया की आरोपी पहचान भानु पंवार पुत्र रतन सिंह निवासी सर्वहारा नगर, काले की ढाल, ऋषिकेश के रूप में हुई है। चोरी का माल बरामद होने पर मामले में धारा 411 की बढ़ोत्तरी की गई है।

चोरी करने के बाद पार्किंग के पास बूथ में छिपाये कैमरे
पुलिस पूछताछ में आरोपी सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि वह 9 नवंबर की रात को उसकी डयूटी थी। रात के समय सुरक्षा डैशबोर्ड पर रखी चाबी को उठाकर सीढ़ियों के रास्ते जाकर कमरे का दरवाजा खोला।जहां से उसने कैमरे व अन्य सामान को चोरी कर लिया। चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद चाबी फिर से सुरक्षा डैशबोर्ड पर रख दी थी। पकड़े जाने के डर से उसने कैमरों को पीजी पार्किंग के पास बने एक बूथ पर छुपा दिया। उसके बाद मौका देखकर कैमरों को बाहर जाकर बेच सके।

अफवाह न फैलायें, देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का पर्याप्त भंडार है

दुनिया में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के उत्पादन और निर्यात में भारत का शीर्ष स्थान है। वैश्विक आपूर्ति में भारत की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। फार्मास्क्युटिकल्स विभाग ने बताया कि देश में एपीआई का पर्याप्त भंडार है और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की उत्पादन क्षमता देश की आवश्यकता और निर्यात की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इस बीच, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने नई दिल्ली में कहा कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन एक रोग प्रतिरोधक है और यह इलाज नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के इलाज में इसकी आम जनता के लिए कभी भी सिफारिश नहीं की गई।