देश की आजादी के नायकों को देश कर रहा याद-कैबिनेट मंत्री अग्रवाल

आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज गांधी पार्क पर मेरी माटी मेरा देश अभियान में शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता महापौर देहरादून सुनील उनियाल गामा ने की।
शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने सर्वप्रथम झण्डा रोहण, राष्ट्रगान के उपरांत शिला फालकम का उद्घाटन किया। साथ ही इस अवसर पर पवित्र मिट्टी व दीयो को हाथ में लेकर सभी को पंच प्रण शपथ दिलाई गई। इसके बाद कार्यक्रम मे आए हुए सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके परिजनों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
गांधी पार्क के खुले प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि 15 अगस्त 1947 भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भाग्यशाली और महत्वपूर्ण दिन था। जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिए आजादी हासिल की। आज हम उनकी महान सेनानियों की याद में एवं उनके सम्मान में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। भारत को आजाद हुए 77 साल हो गए हैं और हम सभी 140 करोड़ देशवासी हमारे सेनानियों के इस बलिदान को कभी भूल नहीं सकते। मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन, मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के अंतर्गत हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों को सम्मानित करने का अवसर आज प्राप्त हुआ है।
महापौर सुनील उनियाल गामा द्वारा कहा गया कि आजादी के लिए जिन्होंने अपना योगदान दिया ,बलिदान दिया, त्याग किया है, तपस्या की है, उन सभी का आज के कार्यक्रम में आदरपूर्वक में नमन करता हूं। स्वतंत्रता के आंदोलन में हमारी नारी शक्ति, देश की युवा शक्ति, देश के किसान, गांव के लोग, हमारे सिपाही, ऐसे अनेकजनों ने अपना योगदान दिया है, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल कर, हमारा देश पंच प्रण को समर्पित होकर एक नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।
कार्यक्रम में नगर आयुक्त मनुज गोयल, सहायक निदेशक शहरी विकास विनोद, नगर निगम ब्रांड एम्बेसडर, पार्षद गण, अपर नगर आयुक्त जगदीश लाल, उप नगर आयुक्त रोहिताश शर्मा, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आदि मौजूद रही।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को किया संबोधित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, अमर शहीदों, वीर वीरागंनाओं, राज्य आंदोलनकारियों सहित राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान करने वाले शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश और राज्य की प्रगति एवं विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले उत्तराखण्ड वासियों का भी अभिनन्दन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। हमें अपनी सैनिक परम्परा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। सैनिक परम्परा वाले वीरभूमि उत्तराखण्ड में पीढ़ियों से लगभग हर परिवार से वीर व वीरांगनाएं देश की रक्षा में अपना योगदान दे रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य में पांचवे धाम के रूप में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य का सरकारी नौकरी में समायोजन का निर्णय लिया है। उत्तराखण्ड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीर वीरागंनाओं की पेंशन वृद्धि के साथ ही वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों के अनुदान में भी बढ़ोतरी की गई है। हिम प्रहरी योजना के तहत राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को सीमाओं में बसने के लिए आवश्यक मदद दी जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान हमारी परम्परा रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन तथा इसके बाद प्रदेश के विकास व प्रगति में राज्य की महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज भी राज्य की मातृ शक्ति ग्रामीण जनजीवन, आर्थिकी, सामाजिक व सांस्कृतिक ताने बाने की रीढ़ हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु लखपति दीदी योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। 2025 तक 1.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। आंगनबाड़ी बहनों का मानदेय 7500 रूपए से बढ़ाकर 9300 रूपए, मिनी आंगनबाड़ी का मानदेय 4500 रूपए से बढ़ाकर 6250 रूपए और सहायिकाओं का मानदेय 3550 रूपए से बढ़ाकर 5250 रूपए किया गया है। इसी प्रकार आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1500 रूपए की वृद्धि की है। अब उन्हें मिलने वाली धनराशि 4500 रूपए से बढ़कर 6000 रूपये हो गई है। राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में क्षैतिज आरक्षण के लिए कानून बना दिया गया है। अन्त्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत वर्ष में 3 गैस सिलैण्डर रिफिल मुफ्त दिये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के व्यापक हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गये हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून सीमित समय में लागू कर प्रदेश के लाखों युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा भर्तियों में घोटाले करने वाले दोषियों के खिलाफ प्रदेश में पहली बार इतने बड़े स्तर पर सख्त कार्यवाही की गई है। राज्य में नकल माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए की गई पहल पूरे देश में एक नजीर बन गई है। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा जारी कैलेण्डर के अनुसार पारदर्शिता के साथ भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। समूह ’ग’ की परीक्षाओं में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने की पहल की जा रही है। स्वरोजगार के आवेदकों की सुविधा के लिए कैम्प लगाकर एक ही स्थान पर सारी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। राज्य के युवाओं को देश से बाहर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिये राज्य में विदेश रोजगार प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ का वेंचर फण्ड तैयार करने जा रही है। इससे युवा उद्यमियों को सरकारी स्तर पर फण्ड मिल सकेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग, एन.डी.ए, सी.डी.एस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत हर महीने 600 से 1200 रूपये तक की छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने में सौर ऊर्जा का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान होगा। राज्य में सोलर पॉवर उत्पादन को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट लगाने वालों को बड़े पैमाने पर छूट तथा सुविधाएं दे रही है। नई सौर ऊर्जा नीति को लागू कर दिया गया है। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक प्रदेश में 2500 मेगावाट सोलर पॉवर का उत्पादन हो। इससे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जैविक कृषि तथा बागवानी की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार द्वारा बागवानी के क्षेत्र में सेब की खेती को विशेषरूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। हमारी सरकार ने मिशन एप्पल शुरू किया है। जिसके तहत राज्य में सेब के 500 बगीचों की स्थापना का लक्ष्य है। हमने मिशन एप्पल का बजट दुगुना कर दिया है, ताकि कम खर्च में बागवानी के जरिए किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। अब सेब के बगीचों की स्थापना के लिए किसानों को 80 प्रतिशन अनुदान दिया जा रहा है। देश दुनिया में उत्तराखण्ड के सेब को पहचान मिले इसके लिए प्रयास करने होंगे। राज्य में नई तकनीकी के बल पर सेब के उन्नत किस्म के पेड़ लगाने से हम जम्मू कश्मीर तथा हिमाचल से अच्छी क्वालिटी के सेब उत्पादन कर अच्छे निर्यातक बन सकते हैं। एप्पल मिशन से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही राज्य के किसानों के लिए 304 करोड़ रूपये की पॉलीहाउस योजना शुरू किया है। योजना के तहत प्रदेशभर में लगभग 18000 पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिनके माध्यम से राज्य के एक लाख से अधिक कृषकों को रोजगार मिलेगा। किसानों को पॉलीहाउस बनाने के लिए सरकार द्वारा 70 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। राज्य के पर्वतीय जिलों में खेती और बागवानी से किसानों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए जनता के लिए 1064 वेब एप लॉच किया गया है। अपणि सरकार पोर्टल, ई-केबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाईन 1905, सेवा का अधिकार और ट्रांसफर एक्ट की पारदर्शी व्यवस्था अपनाकर राज्य में भ्रष्टाचार केे समूल नाश का प्रयास किया है। जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा चौपाल लगाकर जन समस्याएं सुनने तथा उनका त्वरित निवारण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का आमजन को लाभ मिले इसके लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण, समाधान और संतुष्टि के भाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। यूसीसी सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। आमजन का दृष्टिकोण भी इस विषय पर सकारात्मक है। हमारा ड्राफ्ट अन्य राज्यों को भी पसंद आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी राज्य बनाने का हमारा संकल्प है। हम एक समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए कार्य कर रहे है। आज अनुकूल औद्योगिक नीति, दक्ष मानव संसाधन और उदार कर लाभों से उत्पन्न पूंजी निवेश में भारी वृद्धि के कारण उत्तराखंड भारत में सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक बन गया है। आगामी नवम्बर-दिसम्बर में राज्य में ग्लोबल इनवेस्टर समिट होने जा रहा है। इसमें भारी संख्या में दुनियाभर के निवेशक उत्तराखण्ड में निवेश का निर्णय लेंगे। इसके साथ ही उत्तराखण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम नीति 2023 के तहत एम.एस.एम.ई. क्षेत्र में समावेशी विकास, अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के दृष्टिगत प्रदेश में 50 कलस्टर विकसित किये गये हैं। पूंजीगत उपादान के रूप में एमएसएमई को श्रेणीवार जनपदों हेतु 20 लाख से 4 करोड़ की उपादान सहायता दिये जाने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड में एक लाख पचास हजार करोड़ की योजनाओं पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखण्ड पर्यटन हब, ऐडवेंचर टूरिज्म हब, फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड तैयार होने तथा वंदे भारत एक्सप्रेस से देहरादून जल्द ही दिल्ली एनसीआर का हिस्सा बन जाएगा, जिससे यहाँ निवेश, उद्योगों के विकास, रोजगार, के नए-नए अवसर उपलब्ध होंगे। 1930 करोड़ रूपये की टिहरी लेक डेवलपमेंट परियोजना से टिहरी झील प्रमुख टूरिस्ट डेस्टीनेशन बन रही है। केदारनाथ धाम में 750 करोड़ रूपये से पुनर्निर्माण कार्य, बदरीनाथ धाम में 550 करोड़ रूपये से पुनर्विकास कार्य, 2430 करोड लागत के़ गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास हो चुका है। 16 हजार 216 करोड़ रूपए की 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे प्रदेश में कनेक्टिविटी को मजबूती मिलने के साथ विकास के नये आधार तैयार करने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समावेशी विकास के मूलमंत्र के साथ प्रदेश के सभी क्षेत्रों के सतुंलित एवं समान विकास के साथ कार्य कर रही है। केदारनाथ व बद्रीनाथ की तर्ज पर कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की कार्ययोजना पर कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को जी-20 की तीन बैठकों के आयोजन का सुअवसर मिलना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तथा केन्द्र सरकार का देवभूमि उत्तराखण्ड की सरकार, प्रशासनिक अमले एवं लोगों की क्षमता व प्रतिभा पर अटूट विश्वास का प्रतीक है। राज्य में जी-20 के सम्मेलनों का आयोजन हमारे लिए नए अवसर, नए अनुभव, अपनी पारम्परिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत, पर्यटन की क्षमताओं को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड को विश्व की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित करने का सपना है। भविष्य में पूरी दुनिया से लोग यहाँ आत्मिक शांति के लिए आंएगे। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का होगा। यह हम हर उत्तराखण्डवासी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों से अपने कर्तव्य एवं दायित्वों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करने के साथ एक उन्नत, श्रेष्ठ और प्रगतिशील उत्तराखण्ड बनाने में मददगार बनने की भी अपेक्षा की है।

आज की युवा पीढ़ी को हमारे महापुरुषों की जानकारी होनी जरुरी है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर रेंजर्स ग्राउण्ड देहरादून में केन्द्रीय संचार ब्यूरो क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव आयोजित ‘गणतंत्र नमन’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया एवं चित्र प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हस्तकला पर आधारित विभिन्न स्टालों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश की आजादी के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महापुरुषों एवं क्रांतिकारियों की स्मृति में देश में अनेक कार्यक्रमों के आयोजन किये गये। इनके माध्यम से हमारी युवा पीढ़ी को हमारे इन महापुरूषों के जीवन दर्शन एवं उनके द्वारा किये गये कार्यों से भलिभांति परिचित होने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरूषों द्वारा किये गये कार्यों एवं उनके जीवन दर्शन का अनुसरण कर हमें आगे बढ़ना होगा।

शहीदों के सपनों का राज्य बनाना ही मेरा लक्ष्य-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गढ़ी कैंट स्थित शहीद दुर्गामल्ल पार्क में आजाद हिंद फौज के शहीद मेजर दुर्गामल्ल की मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांललि दी। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के समय शहीद दुर्गामल्ल के नाम पर डाक टिकट जारी किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद दुर्गामल्ल के नाम पर डाक टिकट जारी किया जाना सम्मान की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद दुर्गामल्ल द्वारा देश की आजादी के लिए दिया गया महत्वपूर्ण योगदान हमारी स्मृति में हमेशा रहेगा। हमारी आने वाली पीढ़ी हमारे ऐसे महाननायकों के बारे में जान सके, इसके लिए आजादी के अमृत महोत्सव में ऐसे महानायकों की याद में देश में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। भारत की आजादी के लिए हमारे अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। हमारे अमर सेनानियों का बलिदान हमें सदैव प्रेरणा देने का कार्य करेगा। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी भी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापरक मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में अग्रसर होना है-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में 36 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। समारोह में वर्ष 2021 के स्नातक, परास्नातक एवं पी.एच.डी के 669 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 36 विद्यार्थियों में 24 छात्राएं शामिल थीं। जिन्होंने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की थीम ‘उभरती नारी शक्ति’ को चरितार्थ किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देवभूमि उत्तराखंड को नमन करते हुए कहा कि आज दून विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेकर उन्हें बहुत खुशी हो रही है। डिग्री और मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इस दिन की स्मृति इन विद्यार्थियों के जीवन-यात्रा के सबसे यादगार अनुभव में से एक रहेगी। आज इन विद्यार्थियों का एक सपना साकार हो रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा के विभिन्न मानकों पर एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति, उसके मानव संसाधन की गुणवत्ता पर निर्भर होती है। मानव संसाधन की गुणवत्ता, शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। आज का युवा, कल का भविष्य है, इस सूत्र वाक्य को अंगीकार करते हुए, दून विश्वविद्यालय को सिर्फ राज्य स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापरक मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में कार्यरत रहना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि दून विश्वविद्यालय युवाओं को सक्षम बनाने हेतु उन्हें कौशल प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। विश्वविद्यालय द्वारा पांच विदेशी भाषाओं और तीन स्थानीय भाषाओं का भी अध्ययन व अध्यापन कार्य किया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करना हमारी लोक संस्कृति की संरक्षण का सराहनीय प्रयास है। हमारी लोक भाषाएं हमारी संस्कृति की अमूर्त धरोहर हैं। विश्वविद्यालय ने वर्तमान सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया है। भारत को नॉलेज सुपर पावर बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में यह उपयोगी कदम है। उन्होंने कहा कि हम स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य है कि देश को अगले पच्चीस वर्षाे के अमृत- काल में विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल करें। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवा शक्ति का सहयोग अधिक महत्वपूर्ण होगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि विश्वविद्यालय में ’सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी चेयर स्थापित की गई है, जो राज्य के विकास के लिए नीति-निर्माण और क्षमता विकास के लिए समर्पित है। डॉ. नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केन्द्र भी स्थापित किया गया है, जिसमें राज्य के भौगोलिक, ईकोलॉजिकल, आर्थिक और सामाजिक विकास से जुड़े विभिन्न विषयों में शोध और अध्ययन को प्रोत्साहित किया जायेगा। उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय स्तर के अनेक संस्थान भारतीय सैन्य अकादमी, भारतीय वन्य जीव संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री अकादमी, वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय पेट्रोलियम अनुसंधान संस्थान तथा गोविंद वल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय विद्यमान हैं जिनकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दून विश्वविद्यालय भी इन संस्थानों की तरह ख्याति प्राप्त करेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है जो पूरे राष्ट्र में बदलाव ला सकता है। शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि छात्र तकनीकी कौशल से और अधिक सम्पन्न हां और स्वयं रोजगार की तलाश करने के बजाए दूसरों को रोजगार उपलब्ध करवाएं। विश्वविद्यालय में डेमोग्राफिक रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किये गये डाटा सेंटर से राज्य की डेमोग्राफिक इंफोर्मेशन सहज उपलब्ध होगी, और डेमोग्राफिक रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी बेटियां जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रही हैं। इसका साक्षात उदाहरण आज के इस दीक्षांत समारोह में देखने को मिला 36 गोल्ड मेडल्स में से 24 मेडल छात्राओं को प्राप्त हुए हैं, जबकि सोलह शोधार्थियों में से आठ बेटियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है। इससे यह सिद्ध होता है कि संस्थान में महिलाओं को शिक्षा के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं और उनको प्रोत्साहित करने के लिए संस्थान प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय में तकनीकी शिक्षा को विशेष रूप से बढ़ावा देने के लिए, तीन तकनीकी स्कूल-स्कूल ऑफ बायोलोजिकल साइंस, स्कूल ऑफ डिजाइन और स्कूल आफ एनवायरमेंट एंड नेचुरल रिसोर्सेज कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हमारी बेटियां विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे विषयों में और अधिक उत्कृष्टता प्राप्त करेंगी तो महिला सशक्तीकरण को और अधिक बल मिलेगा। आज उपाधि और पदक प्राप्त करने के बाद, इन विद्यार्थियों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि ये विद्यार्थी जिस भी क्षेत्र में जाएं, उस कार्य को बहुत निष्ठा से और सर्वाेत्तम रूप से करें, तभी शिक्षा कारगर और सार्थक होगी।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि आज एक सुखद अनुभूति रही है। आज दून विश्वविद्यालय में सर्वाेच्च मातृशक्ति के रूप में माननीय राष्ट्रपति जी हम सभी को आशीर्वाद प्रदान करने हेतु उपस्थित हुई हैं। विश्वविद्यालय ने पूरे वर्ष के लिए ‘उभरती नारी शक्ति’ थीम को आत्मसात किया है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमारे सामने है, आज विश्वविद्यालय की मीडिया एवं एन.सी.सी की टीम में बड़ी तादात में हमारी बेटियां भाग ले रही हैं। राज्यपाल ने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन इन विद्यार्थियों के लिए एक उत्सव का दिन है, लेकिन आज का दिन मनन का भी है। कुछ साल पहले जब इन विद्यार्थियों ने इस ज्ञान के मन्दिर के अन्दर कदम रखा था, तो इनके ज्ञान के सच्चे साधक होने का प्रशिक्षण, आपके आलोचनात्मक सोच के क्षितिज को व्यापक बनाने का प्रशिक्षण शुरु हुआ था। दीक्षांत समारोह औपचारिक रूप से उस दीक्षा के पूरा होने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि डिग्री हासिल करने का यह अर्थ नहीं है कि हमारी सीखने एवं ज्ञान अर्जन की प्रक्रिया पूरी हो गयी, उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये विद्यार्थी पूरे जीवन ज्ञान और विद्या के शिक्षार्थी बनें रहेंगे। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि ये विद्यार्थी अपनी शिक्षा और ज्ञान का उपयोग न केवल अपनी भौतिक समृद्धि के लिए करेंगे, बल्कि अपनी आध्यात्मिक समृद्धि के लिए भी करेंगे। जीवन की सफलताओं में विनम्र बने रहेंगे, एक जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी के संघर्षमय जीवन का फलक अत्यंत व्यापक रहा है। उनकी प्रगतिशील चेतना ही थी जिसने इन भीषण संघर्षों की ज्वाला में तपाकर उनको विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की राष्ट्रपति होने का गरिमामय आसन प्रदान किया। राष्ट्रपति का जीवन संघर्ष के साथ साथ महिला सशक्तिकरण की भी प्रेरणादाई मिसाल है। उनका सरल स्वभाव, धैर्यशीलता एवं विनम्र आचरण सभी के लिए अनुकरणीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य प्राचीन काल से ही धर्म, आध्यात्म और संस्कृति की महान परम्परा का ध्वजवाहक रहा है। देवभूमि उत्तराखंड सच्चे अर्थों में वसुधैव कुटुम्बकम की समृद्ध विचारधारा का पुण्य स्त्रोत है, जहां से “चिपको“ जैसा जनआंदोलन प्रारंभ हुआ जिसने प्रकृति की महत्ता को विश्व पटल पर पुनः रेखांकित किया और विश्व को गौरा देवी जी जैसी जुझारू महिला के व्यक्तित्व से परिचित होने का मौका दिया। उत्तराखण्ड के शैक्षणिक संस्थान भारत ही नहीं अपितु विश्वभर में विद्या के प्रचार प्रसार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उत्तराखंड की समृद्ध ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाते हुये दून विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को राज्य में लागू करने का निर्णय लिया जा चुका है। दून विश्वविद्यालय के लिये नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसलिये भी प्रासंगिक हो जाती है क्योंकि दून विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड का एकमात्र विश्वविद्यालय है जहाँ विदेशी भाषाओं जैसे जापानी, फ्रेंच, जर्मन, चीनी तथा स्पेनिश में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट एवं पीएच०डी० कोर्स संचालित किये जा रहे हैं, जिससे छात्रों को न केवल अंतराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों की भाषा एवं संस्कृति को समझने में मदद मिल रही है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामना देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करना वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। राज्य में उच्च शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में 05 लाख से अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिसमें से 65 प्रतिशत बालिकाएं हैं। 2025 तक राज्य को पूर्ण साक्षर बनाने, क्षय रोग मुक्त उत्तराखण्ड, नशा मुक्त उत्तराखण्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर वैज्ञानिक, पद्म विभूषण डॉ० के. कस्तूरीरंगन, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, सुबोध उनियाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधायकगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

शहरी विकास मंत्री डा. अग्रवाल को राष्ट्रपति मुर्मू ने किया पुरस्कृत

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में 100 से कम निकाय वाले राज्यों में उत्तराखंड का स्थान टॉप 3 में आने पर शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया। बता दे कि उत्तराखंड के 5 शहरों (हरिद्वार, लंढोर कैंट, डोईवाला, नरेंद्रनगर और रामनगर) का भी चयन स्वच्छ भारत मिशन में होने पर सम्मानित किया गया।

नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से कार्यक्रम किया गया। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहरी विकास मंत्री उत्तराखंड डॉक्टर प्रेमचंद अग्रवाल को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया।

इसमें उत्तराखंड के चार निकाय जिनमें लंढोर कैंट, डोईवाला, नरेंद्रनगर और रामनगर शामिल हैं, का चयन स्वच्छ भारत मिशन में किया गया है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत चयनित 4 शहरों का आकलन ओडीएफ, गार्बेज फ्री सिटी स्टार रेटिंग, साल भर में किए गए डॉक्यूमेंटेशन, स्वच्छता विशेषज्ञों के आकलन व नागरिकों की प्रतिक्रिया के आधार पर किया गया है।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम हरिद्वार निकाय का चयन देशभर के करीब 62 गंगा नदी के समीपवर्ती निकायों की सूची में प्रथम स्थान पर किया गया है। बताया कि पूर्व में बनारस को प्रथम स्थान मिला था।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में देशभर के लगभग 18 और कुछ केंद्र शासित प्रदेश जिनमें 100 से कम निकायों की संख्या है, उनमें उत्तराखंड ने टॉप 3 में जगह बनाई है।

मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि कड़े मुकाबले के बीच उत्तराखंड के पांच निकाय अपना स्थान बनाने में सफल रहे हैं। शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने महामहिम राष्ट्रपति का अभिवादन किया और इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और चयनित निकायों सहित जनता को बधाई दी है।

इस मौके पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी, शहरी राज्य मंत्री कौशल किशोर जी भी उपस्थित रहे।

आजादी के नायकों को हमेशा याद किया जायेगा-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु ने सचिवालय में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण करते हुए सभी को 76वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर हम कुछ न कुछ प्रण जरूर करते हैं, शहीदों को याद करते हैं साथ ही उन महापुरूषों को भी याद करते हैं जिन्होंने काफी संघर्ष करते हुए हमें आजादी दिलाई, उनसे हमें प्रेरणा भी मिलती है कि उन लोगों ने हमारे लिए इतना कुछ सहन किया एवं बलिदान दिया। हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम भी देश के लिए कुछ करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ’हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत पूरे देश में ऐसा माहौल बन गया है कि तिरंगा सिर्फ हर घर में ही नहीं बल्कि हर हाथ में है और मैं यह मानता हूँ कि हर दिल में भी तिरंगा है। 75 वर्ष किसी भी देश की आजादी के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। प्रधानमंत्री ने अगले 25 सालों को अमृतकाल का समय बताया है, वर्तमान से लेकर 2047 तक इस देश को हमें कहां ले जाना है, उसकी योजना बनानी है एवं उस योजना को हमें धरातल पर उतारना है। केवल योजना बनाने से काम नहीं होता, जब तक हम उसे धरातल पर नही उतारते। इसके लिए सचिवालय परिवार के हर एक सदस्य का योगदान अपेक्षित है।
मुख्य सचिव ने सचिवालय परिवार की कार्यक्षमता पर विश्वास प्रकट करते हुए कहा कि हम सभी एक टीम के रूप में उसे पूर्ण अवश्य करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में हर तरफ तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा है, चाहे सड़के हो, टीवी हो या फिर आपका मोबाईल हो चारो ओर तिरंगा है, पूरा देश इस तिरंगे के जश्न में तथा इस आजादी के जश्न में डूब गया है। क्या हर वर्ष की तरह हम केवल विशेष अवसर पर ही तिरंगा फहरायेंगे और फिर उसे भूल जायेंगे। इस जश्न में हम कुछ न कुछ प्रण लें कि अपने देश को और अच्छा बनाने के लिए कुछ विशेष कार्य करेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि हम सभी ने बचपन से तिरंगे के विषय में पढ़ा है जाना है, परन्तु आज जब सुनामी की तरह पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान चल रहा है, तो फिर से तिरंगे के विषय में जानने की आवश्यकता है। तिरंगे का केसरिया रंग हिम्मत का, बलिदान का एवं जोश का प्रतीक है। आजादी से पहले इसका काफी महत्व था, क्योकि अंग्रेजी हुकूमत का अत्याचार चारो तरफ था और हर तरफ आजादी के लिए आंदोलन हो रहे थे। परन्तु आजादी के बाद आज भी केसरिया का महत्व कम नहीं हुआ है। आज भी देश को बलिदान की जरूरत है पर बलिदान की परिभाषा बदल गई है। आज भी हमें उतनी ही हिम्मत चाहिए। सचिवालय के संदर्भ पर बात की जाए तो आज भी कई निर्णयों पर बहुत हिम्मत की आवश्यकता है, क्योंकि कुछ स्वार्थी लोग अपने पक्ष में निर्णय करने हेतु काफी दबाव डलवाते हैं। हर निर्णय में हमें भारत प्रथम, उत्तराखण्ड प्रथम का मंत्र याद रखना चाहिए। दूसरा रंग सफेद शांति एवं सत्य का प्रतीक है। आज के दौर में सचिवालय के संदर्भ में शांति से अभिप्राय यह है कि जो समाज का निचला तबका है उन सब के मन की शांति एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए हम क्या अच्छा से अच्छा कार्य कर सकते हैं। शासन में उचित निर्णय लेने में देरी, गरीब वंचितों के लिए प्रताड़ित करने जैसा ही है। हमें हमेंशा सतर्क होने की आवश्यकता है। हम सभी शासन के उच्च स्तर में है हम सभी का कर्तव्य है कि पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें, जिससे पिछड़ा समाज परेशान न हो। तिरंगे का हरा रंग खुशहाली का प्रतीक है। वर्तमान में भी हमें शासन के तौर पर यह देखना चाहिए कि हमारा निर्णय ऐसा होना चाहिए कि गरीबों की मदद हो सके और उनके जीवन में खुशहाली आ सके। हमारे तिरंगे का अशोक चक्र जिसे धर्म चक्र भी कहते हैं। इससे तात्पर्य है कि हमें हर कार्य में धर्म को अवश्य याद रखना चाहिए। धर्म क्या है यह आप सभी जानते हैं, क्या सही है क्या गलत यह जानना ही सही मायने में धर्म है।
मुख्य सचिव ने कहा कि हमें समय एवं परिवर्तन के साथ खुद को भी बदलना है। अगले 25 सालों के लिए देश के लिए योजना बन रही है। प्रदेश के लिए भी हमें योजना बनानी है। केवल विजन ही नही चाहिए, मिशन भी चाहिए। विजन में हमने यह देखना है कि अगले 25 सालों में प्रदेश को कहां ले जाना है मिशन में हमें दिल दिमाग और आत्मा के साथ काम करना है, तभी यह तिरंगे का सच्चा सम्मान होगा। केवल यह लम्बा इवेंट बनकर न रह जाए। हम सभी मिलकर कार्य करेंगे अपने तन मन धन से इस देश को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा सचिवालय एथलीट व फिटनेस क्लब के 42 सदस्यों को जिन्होंने 15 कि0मी0 दौड़ पूरी की थी उनका आभार व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी। इसके साथ ही 28 से 30 मार्च 2022 को गुड़गांव हरियाणा में आयोजित अखिल भारतीय सिविल सर्विसेज एथलेक्टिस प्रतियोगिता में 800 मी0 रेस में कांस्य पदक जीत कर सचिवालय के लिए पहला पदक लाने वाले अनुभाग अधिकारी एवं अध्यक्ष सचिवालय एथलीट व फिटनेस क्लब ललित चन्द्र जोशी को भी बधाई दी।
इस दौरान ध्वजारोहण के अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु व एल.फेनई सहित सभी सचिव, प्रभारी सचिव सहित सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी एवं अन्य नागरिक उपस्थित रहे।

मंत्री डा. अग्रवाल ने फ़्लाइट में यात्रियों को बांटे तिरंगा झंडा

प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मनाये जा रहे आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव के अंतर्गत “हर घर तिरंगा अभियान” को आगे बढ़ाते हुए फ़्लाइट इंडिगो 6म्-852 में यात्रा कर रहे यात्रियों को राष्ट्रीय ध्वज वितरित किये और सभी से अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज लगाने का अनुरोध किया।

वित्त व संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने यात्रियों को तिरंगा वितरित कर कहा कि पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव 75 वीं वर्षगांठ पर मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 13, 14 व 15 अगस्त को हर घर तिरंगा फहराने का आवाहन किया है।

डॉ अग्रवाल ने यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि अपने घरों में तिरंगा फहराकर आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं। इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने फ्लाइट में यात्रियों, एयर होस्टेस आदि को तिरंगा वितरित किया। इस दौरान सभी यात्रियों में तिरंगा को लेकर उत्साह देखा गया।

इस अवसर पर तिरंगा वितरण के दौरान फ्लाइट में डॉ अग्रवाल की धर्मपत्नी शशि प्रभा अग्रवाल, पुत्र पीयूष अग्रवाल भी मौजूद रहे।

पूर्व सैनिकों को सम्मानित कर कैबिनेट मंत्री ने कार्यकर्ताओं को समर्पित किए तिरंगे

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान के क्रम में भाजपा ऋषिकेश मंडल की ओर से कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। इस मौके पर कैबीनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दो पूर्व सैनिक रमेश प्रसाद डिमरी और जसराम कश्यप को सम्मानित किया। साथ ही 500 तिरंगा झंडा ऋषिकेश मण्डल को सौपे।
रेलवे रोड स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की जनता से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को व्यापक स्तर पर चलाने की अपील की है। इस अभियान में प्रदेश के गैर सरकारी संगठनों व संस्थाओं को भी साथ लिया जा रहा है। उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारत की आजादी के लिए जिन वीर सेनानियों ने अपना सर्वस्व अर्पित किया, उनका सदैव स्मरण रहे। हमारी नई पीढ़ी को ऐसे बलिदानियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हो। आजादी के अमृत महोत्सव में देश के इन वीर बलिदानियों का देश स्मरण कर रहा है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि यह देशभक्ति की भावना का कार्यक्रम है। यह केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यह एक जन आंदोलन है जिसमें सभी की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश की आजादी के लिए शहीद हुए क्रान्तिकारियों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण एवं स्वच्छता अभियान भी चलाया जायेगा। अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ें इसके लिये व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए।
इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने रमेश प्रसाद डिमरी और जसराम कश्यप को तिरंगा देकर सम्मानित किया। साथ ही ऋषिकेश मण्डल को 500 तिरंगा भी दिए।
इस अवसर पर मण्डल अध्यक्ष दिनेश सती, महामंत्री सुमित पंवार, जयंत शर्मा, पार्षद शिव कुमार गौतम, विकास तेवतिया, राजेश दिवाकर, प्रदीप कोहली, संजीव पाल, महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष उषा जोशी, हरीश तिवाड़ी, राकेश चंद, कविता शाह, अजय गुप्ता, दीपक बिष्ट, सचिन अग्रवाल, शम्भू पासवान, मोनिका गर्ग, माधवी गुप्ता, रुपेश गुप्ता, सिमरन गाबा, जगावर सिंह, संजीव सिलस्वाल आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हुई माउन्टेन साइकिल रैली का सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत 10500 फिट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी धारचूला में आयोजित साहसिक एमटीबी साइकिल रैली टूर द कैलाश को हरी झण्डी दिखाकर ज्यौलीकांग और नभीढांग के लिए रवाना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कुटी और यांगती नदी में राफ्टिंग करने वाले दल को भी रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने माउन्टेन साईकिल रैली में प्रतिभाग कर रहे विभिन्न राज्यों से आए सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रतिभागियों को उत्तराखण्ड के नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य एवं संस्कृति से परिचित होने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजना बेहद सराहनीय कदम है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अन्य राज्यों से आए हुए लोगों को भी प्रदेश और सीमान्त क्षेत्र को जानने का भी अवसर मिलेगा तथा स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सीमान्त एवं ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने एवं पलायन रोकने हेतु निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया है। राज्य के समग्र विकास के लिये हम इस दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में प्रदेश में करोड़ों रुपये की योजनाएं चल रही हैं। हमारा प्रयास है कि उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा होम स्टे बनें, इससे स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को भी हमारी संस्कृति जानने का अवसर मिलेगा। आज केंद्र और राज्य में बनने वाली नीतियां समाज के अंतिम छोऱ पर खड़े लोगों तक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से बनाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में चारधाम यात्रा चरम पर चल रही हैं। होटल, टैक्सी व यात्रा से जुड़े अन्य संसाधन पूरी तरह से बुक हैं। उन्होंने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपेक्षा कि यदि उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई समस्या है तो अभी यात्रा पर न आयें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि साहसिक खेलों के आयोजन से सीमांत क्षेत्रों में चहल-पहल रहेगी पर्यटकों के आने से होम स्टे, टैक्सी, होटल, गाइड व ढाबें वालों की आय में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत माला प्रोजेक्ट से राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी का कार्य संभव हो पाया। इससे सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन की सुगमता होगी तथा इन क्षेत्रों के समग्र विकास की राह प्रशस्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक पर्यटन का यह आयोजन सराहनीय प्रयास है। इसमें सीमान्त क्षेत्र के इन सुरम्य स्थलों की पहचान देश व दुनिया तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा पलायन रोकने में भी मददगार होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एसएसबी, आईटीबीपी और सेना के जवानों का हौसला बढा़या।
कार्यक्रम में गुंजी ग्राम प्रधान सुरेश गुंज्याल, डीएम डा, आशीष चौहान, डीएफओ कोको रोसे, एसडीएम धारचूला नंदन कुमार, एसएसबी के पाटिल राकेश सहित कई अन्य विभागीय अधिकारी और स्थानीय लोग मौजूद रहे।