राज्य की आर्थिकी संवारने के साथ ही मूल भावना के तहत कार्य कर रही सरकार-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आईएसबीटी, देहरादून स्थित एक निजी होटल में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत सरकार नए संकल्पों को लेकर विकास की नई ऊंचाइयों को छू रही है। सरकार गंभीरता से राज्य के आमजन तक शासन-प्रशासन की प्रत्येक सुविधाएं पहुंचा रही है। धरातल में सरकार द्वारा किए गए कार्य दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड राज्य से विशेष लगाव है। उन्होंने उत्तराखंड राज्य को विकास के नवरत्न समर्पित किए हैं। उत्तराखंड का विकास यहां के शहीद राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप हो, इस पर सरकार निरंतर कार्य कर रही है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों से परिपूर्ण हमारे राज्य में विभिन्न तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों का सामना कर राज्य सरकार लगातार विकास के कदमों को आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर उत्तराखंड राज्य में सड़क, हवाई, रेलवे कनेक्टिविटी पर कार्य कर रही है। चौतरफा सड़कों का जाल बिछ रहा है, दिल्ली से देहरादून एलिवेटेड सड़क का कार्य गतिमान है। आगामी समय में बड़े शहरों की आपसी कनेक्टिविटी, सुगम और सरल होगी। गढ़वाल एवं कुमाऊं की आपसी कनेक्टिविटी को भी सुधारा गया है। उन्होंने कहा सड़क कनेक्टिविटी के सुगम होने से बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड आ रहे हैं। आज उत्तराखंड राज्य पूरे देश में आकर्षण का केंद्र बन रहा है। राज्य सरकार दीर्घकालीन नीतियां बनाकर सड़कों, बाईपास, बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस अमृत काल में उत्तराखंड देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में आगे बढ़े इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। राज्य सरकार आस्था और व्यवस्था पर संतुलन बनाकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा पिछले वर्ष कावड़ यात्रा में 4 करोड़ से अधिक कावड़िए उत्तराखंड आए। सरकार ने कावड़ यात्रा के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया। सबकी सहभागिता से इस वर्ष भी हम चार धाम यात्रा एवं कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न करवाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लाने का वादा किया था। जिस पर कार्य चल रहा है। समिति अपना फाइनल ड्राफ्ट तैयार कर रही है। हम प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने पर लगातार कार्य जारी है और आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा राज्य में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। यह अधिकार किसी को नहीं है कि कोई कानून अपने हाथों में ले।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से आज युवाओं में विश्वास पैदा हुआ है। लंबे समय से परीक्षाओं में चली आ रही नकल पर सख्ती से नकेल कसने का कार्य हुआ है। अभी तक 80 से ज्यादा नकल माफियाओं को जेल में डाला गया है। राज्य सरकार नकल विरोधी कानून लाई, जिसमें नकल करने एवं करवाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। राज्य सरकार युवाओं को रोजगार के साथ ही स्वरोजगार के लिए भी रास्ता खोल रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, स्वच्छ पर्यावरण से आच्छादित है। हमारे राज्य की यह सुंदरता बनी रहे इसके लिए राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष हरेला पर्व के उपलक्ष पर बड़े स्तर पर पौधारोपण, पर्यावरण संरक्षण का कार्य करती है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य के निर्माण में महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है। महिलाओं को नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित किया गया। राज्य सरकार विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत महिलाओं को लखपति बनाने पर भी कार्य कर रही है।

केन्द्रीय रक्षा मंत्री से कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने की मुलाकात

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान डा. अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री को चारधाम यात्रा में आने का निमंत्रण भी दिया। साथ ही ऋषिकेश विधानसभा में सेना में जाने को इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण केंद्र खोलने की मांग भी की।
नई दिल्ली में हुई मुलाकात में डा. अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री को राज्य में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार का लाभ जनता को मिल रहा है।
डा. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने ऐसा नकल विरोधी कानून लागू किया है, वह पूरे देश में नजीर पेश करेगा। बताया कि इस कानून के जरिए राज्य में अब नकल माफियाओं की कमर टुटी है।
डा. अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड सैन्य बाहुल्य राज्य है। यहां सेना में जाने के लिए युवाओं में जोश रहता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह को ऋषिकेश विधानसभा में युवाओं के लिए सेना में जाने के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोलने की मांग की। जिस पर केंद्रीय मंत्री जी ने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया।

देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद सकुशल संपन्न हो चुकी हैं तीन परीक्षाएं

देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून उत्तराखंड में धामी सरकार लागू कर चुकी है और इसके लागू होने के बाद से राज्य में तीन परीक्षाएं निर्विघ्न रूप से सम्पन्न भी हो गई हैं। ऐसे में परीक्षार्थियों को भरमाने वालों को सरकार के लगातार छात्र हितैषी कदम रास नहीं आ रहे। यही वजह है कि छात्रों पर अपना बस न चलता देख विघ्नसंतोषियों ने परीक्षाओं को लेकर तमाम तरह के भ्रम फिर से फैलाने शुरू कर दिए हैं।
ये पुष्कर सिंह धामी ही हैं जिन्होंने परीक्षाओं में विगत कई वर्षों से चल रही धांधलियों का न केवल खुलासा करने की हिम्मत जुटाई बल्कि किसी के दबाव में न आते हुए बड़े से बड़े को जेल के अंदर डाल दिया। अब तक 60 से ज्यादा लोगों को विभिन्न परीक्षाओं में जेल भेजने वाले धामी यहीं नहीं रुके उन्होंने राज्य के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करते हुए देश का सबसे कड़ा कानून भी लागू करने में देर नहीं लगाई। जब विघ्नसंतोषियों और विरोधियों को लगने लगा कि यहां उनकी अब दाल नहीं गल रही तो उन्होंने पहले तो छात्रों को सीबीआई जांच के लिए बरगलाने का काम शुरू किया लेकिन राज्य के समझदार छात्र इस बात को समझ गए कि उन्हें केवल सीबीआई जांच के नाम पर मोहरा बनाया जा रहा है। जब छात्रों को भरमाने वालों को लगा कि अब तो उनकी राजनीति नहीं चल पा रही तो अबकी बार कनिष्ट सहायक भर्ती परीक्षा को लेकर ये फैला दिया कि परीक्षा के चारों सेट एक ही थे। यहां समझने की जरूरत है कि केवल सेट ही एक से आए। इससे कहीं ये साबित नहीं हो रहा कि परीक्षा में किसी तरह की कोई नकल हुई या फिर पेपर लीक हुआ लेकिन इस मामले को बेवजह अपना उल्लू सीधा करने के लिए कल से ही हवा देने के कुप्रयास किये जा रहे हैं। बता दें कि नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद पीसीएस, कनिष्ठ सहायक व एक अन्य जो परीक्षा हुई उसमें कहीं भी कोई पेपर लीक, नकल होने जैसी बातें सामने नहीं आई। अब यही बात विघ्नसंतोषियों को हजम नहीं हो पा रही। छात्रों के बीच बैठे बेहरुपीये किसी भी तरह से अपने चेहरे को चमकाने और खुद को राजनीति में फिट करने के लिए कुछ भी करने को तैयार बैठे हैं जबकि युवा अब इनकी सारी बात समझ रहा है। वह समझ रहा है कि कौन चुनाव लड़ने की फिराक में उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है।

नकल विरोधी कानून के समर्थन में छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को राधा स्वामी सत्संग व्यास रुद्रपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों एवं विद्यार्थियों द्वारा आयोजित हस्ताक्षर अभियान में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं सुचिता को सुनिश्चित कराने के लिए राज्य में नकल विरोधी कानून लाये जाने पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों एवं विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सभी प्रतियोगी परीक्षाएं नकलविहीन होंगी, पारदर्शिता के साथ होंगी, आप अपनी परीक्षाओं की तैयारियां करें, हमारे भाई-बहनों का समय भी खराब नहीं होगा, भर्तियां कैलेण्डर के अनुसार होंगी’’ लिखकर अपने हस्ताक्षर भी किये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में भर्ती घोटाले नासूर एवं कैंसर की तरह फैल रहा था, जिसकी सरजरी करना बहुत जरूरी था। इस बार कुछ छात्र-छात्राओं द्वारा वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक होने की आशंका जताई गई थी, जिसकी कराने पर प्रारम्भिक रूप से ये लगने लगा कि इस परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। उन्होने कहा तभी से हमने तय किया कि यही नही हम पुरानी सभी भर्तियों की जांच करायेगें और हमने जांच का निर्णय लिया जिसमें जांच करने पर इस अपराध में जो संलिप्त थे वो 60 से भी ज्यादा लोग जेल जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को जड़ से खत्म करने के लिए हमने भारतवर्ष का सबसे सख्त कानून बनाया है जिसमें नकल कराने वाले व्यक्ति के लिए उम्र कैद तक का भी प्रावधान करने के साथ ही सारी सम्पत्ति जब्त करने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जो अभ्यर्थी नकल करने में एक बार पकड़ा गया तो 03 साल तक अगर वह इसमें फिर से संलिप्त पाया जाता है तो अगले 10 वर्षाे तक वह किसी परीक्षा में भाग नही ले सकता है और पूरे देश का सर्वाधिक सख्त कानून है। उन्होने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, उनके भविष्य से कोई खिलवाड़ न करे उनकी उम्मीदों को ना तोडे़, इन सभी बातों पर गहनता से विचार करते हुए हमने ये नकल विरोधी सख्त कानून बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा गरीब माता-पिता अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए अपनी सारी जमा पूँजी लगा देते है, अगर उस पर ही ऐसी डकैती हो जायेगी तो उन माता-पिता के पास क्या बचेगा। उन्होने कहा कि हमारे पास संसाधनों का आभाव होते हुए भी हमारे बच्चे और हमारे युवा बेरोजागार भाई-बहनों को मिलने वाली नौकरियों में हम कोई कटोती नही करेंगे, चाहे अन्य संसाधनों में कटौती करनी पड़े। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं का केलेण्डर जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भर्तियां पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता से नकलविहीन सम्पन्न होंगी, जिससे पात्र व्यक्तियों का चयन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों सम्पन्न हुई पटवारी एवं लेखपाल भर्ती परीक्षा में एक लाख तीन हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिनके आने-जाने हेतु मुफ्त यात्रा सुविधा दी गई थी। उन्होंने कहा कि पीसीएस की शुरू हो रही मुख्य परीक्षाओं में भी उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की व्यवस्था की है।
इस दौरान विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, भाजपा प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, सहित आईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, एसएसपी मन्जूनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, कौस्तुभ मिश्रा, सहित अमित नारंग, भारत भूषण चुघ, सुरेश कोली सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने 24 घंटे के अंदर ही धामी सरकार के अध्यादेश को दी मंजूरी

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही ये अध्यादेश प्रदेश में लागू हो गया है।
उत्तराखण्ड प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए दिनांक 09 फरवरी, 2023 को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अनुमोदन प्रदान करते हुए माननीय राज्यपाल की मंजूरी के लिए अग्रसारित किया था। इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं।
यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी।
इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।