बागेश्वर उपचुनाव-पहाड़ में सीधे मुकाबले में कम बड़ी नहीं है 2405 वोटो की जीत

बागेश्वर उपचुनाव का नतीजा बहुत कुछ दर्शा गया। भाजपा प्रत्याशी पार्वती देवी 2405 वोटों से चुनाव जीत चुकी है। भाजपा प्रत्याशी की ये जीत पार्टी के भीतर ही कई लोगों को हजम नहीं हो रही है। जबकि 2022 का मुख्य चुनाव और 2023 के उपचुनाव के नतीजों के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। उपचुनाव के सीधे मुकाबले में 2405 वोटों की जीत मामूली नहीं है। भाजपा प्रत्याशी को पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 1036 वोटो की बढ़त भी मिली है। आंकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि किस तरह बागेश्वर उपचुनाव में सीएम पुष्कर सिंह धामी का जादू चला। किस तरह सीएम धामी के दो दिन के चुनावी दौरे ने पूरे चुनाव की तस्वीर ही पलट दी।
बागेश्वर उपचुनाव 2023 कई मायनों में मुख्य चुनाव 2022 से बिल्कुल अलग रहा। 2022 में जहां मुकाबला त्रिकोणीय था, वहीं 2023 में सीधा मुकाबला था। कांग्रेस के मौजूदा प्रत्याशी रहे बसंत कुमार 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी से प्रत्याशी थे और चुनाव में 16100 वोट हासिल करने में सफल रहे थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 20100 वोट मिले थे। भाजपा से चुनाव जीते चंदनराम दास को 32 हजार वोट मिले थे। इस तरह यदि 2022 में कांग्रेस और आप के वोट मिला दिए जाते, तो भाजपा 2022 में करीब चार हजार वोट पीछे थे। इस बार बसंत कुमार कांग्रेस के ही टिकट से चुनाव मैदान में थे। इस तरह वो 2022 के चुनाव को देखते हुए 36 हजार वोट की मनोवैज्ञानिक बढ़त में थे। क्योंकि आप के टिकट पर 16 हजार वोट हासिल करके उन्होंने साबित कर दिया था कि ये 16 हजार वोट उनका अपना वोट बैंक है। इस वोट में कांग्रेस के 20 हजार वोट जुड़ने से आंकड़ा 36 हजार के पास पहुंच गया था।
2023 के उपचुनाव में सीधा मुकाबला होने से ये साफ था कि चुनाव कांटे का रहेगा। भाजपा को न सिर्फ कांग्रेस, आप के 36 हजार वोट के हिसाब से अपनी फिल्डिंग सजानी थी, बल्कि जीत का मार्जिन भी बढ़ाना था। 2022 के मुकाबले देखा जाए तो बसंत कुमार के रूप में कांग्रेस को साढ़े पांच हजार वोट कम मिला है। जबकि भाजपा उपचुनाव में पांच प्रतिशत कम वोटिंग होने के बावजूद अपना वोटबैंक 2022 के मुकाबले बढ़ाने में कामयाब रही। 2022 में स्व. चंदनराम दास को 32 हजार वोट मिले थे, जबकि इस बार पार्वती देवी को 33247 वोट मिले। जबकि वोटिंग पिछले चुनाव के मुकाबले कम रही। यूकेडी, सपा, परिवर्तन पार्टी नाममात्र के वोटों में ही सिमट कर रह गई।
इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी ने कुछ कारणों से पूरे क्षेत्र में अपने लिए सहानुभूति का ग्राफ बहुत बढ़ा दिया था। जो लोग मान कर चल रहे थे कि चंदनराम दास के निधन के बाद सहानुभूति पार्वती देवी को मिलेगी, लेकिन वो सहानुभूति कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में रही। भाजपा के भीतर भी एक गुट को चुनाव नतीजे विपरीत आने का ज्यादा इंतजार था। अंदरखाने फिल्डिंग इस तरह सजाई जा रही थी कि चुनाव नतीजे विपरीत आते ही दिल्ली दौड़ लगाई जाए और राज्य को फिर अस्थिरता की ओर धकेल दिया जाए।
इन तमाम लोगों के मंसूबों पर पानी फेरते हुए बागेश्वर उपचुनाव के अंतिम दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कमान अपने हाथ में ली। धुंआधार प्रचार करते हुए रोड शो निकाल माहौल बनाया। सीएम के प्रचार अभियान, दौरों, रोड शो में स्वतस्फूर्त उमड़ी भीड़ ने कहानी बयां कर दी थी कि नतीजे कहीं नहीं बदलने वाले, जीत पक्की है। पीएम मोदी के विकास कार्यों, केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्यों से जनता को जोड़ने वाले सीएम धामी ने जनता में विश्वास जगाया। लैंड जेहाद, लव जेहाद, सरकारी जमीनों पर बने अवैध धर्मस्थलों पर धामी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जगाया। जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून बना कर धर्मरक्षक धामी के रूप में धर्म, संस्कृति की रक्षा का संकल्प दोहराया। सख्त नकल विरोधी कानून बना कर राज्य के युवाओं में विश्वास जगाया।
बागेश्वर की जनता ने भी सीएम धामी के कार्यों पर मुहर लगा कर भाजपा प्रत्याशी की जीत पक्की की। ये जीत भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी कितनी अहम है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि देश में हुए उपचुनाव में छह सीटों पर भाजपा को तीन में ही जीत मिली। यूपी की घोसी विधानसभा चुनाव में पार्टी को 24 हजार वोटों से करारी हार मिली। इन हालात में बागेश्वर की जीत बहुत बड़ी और बेहद अहम है। जिसे पार्टी के भीतर के ही कुछ 24 घंटे सपने में सीएम की कुर्सी का सपना देखने वाले हजम नहीं कर पा रहे हैं। न ही उन नेताओं से जुड़ी खबरनवीसों की टोली इस जीत को पचा पा रही है। इन तमाम दांवपेंच चलने वालों को नजरअंदाज करते हुए सीएम अपने कार्यों के दम पर लगातार राज्य और देश की राजनीति में अपना कद ऊंचा करते जा रहे हैं।

कैलाश गहतोड़ी को राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी चंपावत सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी को भाजपा ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा ने गहतोड़ी को राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया है। ऐसे कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि सीएम धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी को इनाम मिल सकता है। सियासी जानकारों का मानना था कि विधायकी छोड़ने के बाद कैलाश गहतोड़ी का राजनीतिक ग्राफ ऊंचा होगा। इसका कारण यह है कि साल 2002 से अब तक मुख्यमंत्री के लिए जितने भी विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उनमें से सभी को पार्टी और सरकार ने सम्मान दिया।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने दी बधाई
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने आज उत्तराखंड वन विकास निगम के नवनियुक्त चैयरमेन कैलाश चंद गहतोड़ी के स्वागत कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। साथ ही उत्तराखंड वन विकास निगम के नवनियुक्त चैयरमेन कैलाश चंद गहतोड़ी को कार्यभार ग्रहण करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके नेतृत्व में वन विकास निगम लगातार ऊंचाई के पथ पर बढ़ता रहेगा। इस अवसर पर रायपुर से भाजपा के विधायक उमेश शर्मा काऊ, वन विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ धनंजय मोहन, अपर प्रबंध निदेशक के.एम.राव, महाप्रबंधक निशांत वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक (टिहरी क्षेत्र) आकाश वर्मा सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

14 फरवरी भाजपा सरकार की विदाई का दिन-खरोला

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने चुनाव आयोग की ओर से 14 फरवरी को मतदान का दिन तय किए जाने का स्वागत किया और दावा किया कि उत्तराखंड की जनता इस दिन भाजपा सरकार की विदाई करेगी।
खरोला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चुनाव की तिथियों का राज्य की जनता उत्साहपूर्वक प्रतीक्षा कर रही थी। राज्य की जनता में चुनाव को लेकर भारी जोश है। यही जोश और उत्सुकता इस बात का द्योतक है कि राज्य में परिवर्तन की बयार बह रही है।
खरोला ने स्थानीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि 5 साल वे सत्ता की मलाई खाने में लगे रहे और आखरी समय चुनाव आने से पूर्व ऋषिकेश विधानसभा की जनता को बरगलाने के लिए घोषणा पर घोषणा करते रहे, पर वे इस बात से अनजान है कि ऋषिकेश विधानसभा की जनता उनकी इस राजनितिक चाल को समझ चुकी है और कई बार देख चुकी है और आगामी विधानसभा चुनाव में अपने वोट की चोट से विधायक का अहंकार दूर करेगी।
खरोला ने कहा कि 15 साल में जो भाजपा के स्थानीय विधायक ऋषिकेश विधानसभा का विकास ना कर पाए आचार संहिता लगने के 2 घंटे पूर्व करोड़ो रूपये की कोरी घोषणाये करके उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति का परिचय दे दिया।
2012-2017 चुनाव के भांति इस बार 2022 के चुनाव से पूर्व जिस तरह की बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने का काम प्रेमचंद्र अग्रवाल ने किया है उससे स्पष्ट होता है यहां घोषणाएं भी पिछली घोषणाओं के जैसी साबित होगी। जहां ऋषिकेश में नया डिग्री कॉलेज, मल्टी स्टोरी पार्किंग, ऋषिकेश को जिला बनाना, संजय झील का निर्माण, गंगा की धारा को त्रिवेणी घाट तक लाना, ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण, आढ़त बाजार का निर्माण करना जैसी घोषणा है। पिछले वर्षों में भी उनके द्वारा की जा चुकी है जिसमें से एक भी घोषणा आज तक पूरी नहीं हुई। उन्होंने दावा किया कि ऋषिकेश विधानसभा में परिवर्तन की बयार बह रही है और 10 मार्च के बाद 11 मार्च को ऋषिकेश विधानसभा के विकास के लिए नया सूर्याेदय होगा।

ऋषिकेश के विकास से विधायक का कोई लेना देना नही-रमोला

एआईसीसी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने विधानसभा ऋषिकेश की ग्रामसभा हरिपुरकलां के भगत सिंह कॉलोनी में घर-घर जाकर जनसंपर्क किया। साथ ही ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर क्षेत्र की समस्याएं भी सुनी।
ग्रामसभा हरिपुर कला के भगत सिंह कॉलोनी में जयेन्द्र रमोला ने घर-घर जाकर चुनावी भ्रमण कर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए समर्थन जुटाया। ग्रामीणों को नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ जनसंपर्क किया।
जयेन्द्र रमोला ने बताया कि ऋषिकेश विधानसभा की अंतिम ग्राम सभा हरिपुर कला में स्थानीय विधायक ने विकास के नाम पर सिर्फ ग्रामीणों को ठगा है। फर्जी घोषणाएं और मालाएं पहनने के अलावा स्थानीय विधायक ने क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किया है। क्षेत्र के लोग विधायक के प्रति काफी नाखुश हैं। वे अब कंग्रेस को सत्ता में लाने के लिए तैयार हैं। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। हरिपुर कला क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हालत में है। यहां के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हरिद्वार जाना पड़ता है। ये स्थानीय विधायक के 15 सालो के विकास की परकाष्ठा को बयां करता है। क्षेत्र में आवारा पशुओं, स्ट्रीट लाइटों, सड़कों पर गड्डे जैसी विभिन्न समस्याएं हैं जिन्हें स्थानीय विधायक द्वारा ठीक किया जाना था परंतु वे सत्ता का सुख भोगने में लीन है।
रमोला ने बताया कि भाजपा सरकार की महंगाई, बेरोजगारी भ्रष्टाचार से प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी है। वह प्रदेश में बदलाव के लिए तैयार है और कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए निर्णय कर चुकी है। जनसंपर्क के दौरान क्षेत्र की जनता से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है जोकि कांग्रेस का मनोबल बढ़ा रही है। भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूती मिल रही हो।
जनसम्पर्क में इकाई अध्यक्ष मुकेश मनोडी, आलोक ध्यानी, प्रमोद गिरी, अभिषेक गिरी, गजेन्द्र शाही, शिल्पी सिंह, आदित्य, हिमांशु, प्रवेश बहुगुणा, आशीष टम्टा आदि मौजूद रहे।

उत्तराखंड में बढ़ी युवा मतदाताओं की संख्या, कल मुख्य चुनाव आयुक्त राज्य के दौरे पर

23 दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा पूरी टीम के साथ उत्तराखंड के दो दिनी दौरे पर आएंगे। वह जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक कर चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे। साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे। निर्वाचन आयोग की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के उत्तराखंड का दो दिवसीय दौरा तय किया गया है।
23 दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त शाम चार बजे देहरादून पहुंचेंगे। इसी दिन शाम पांच बजे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद प्रदेश के सभी डीएम और एसएसपी समेत मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ बैठक करेंगे। 24 दिसंबर को मतदाता जागरूकता प्रदर्शनी कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद चुनाव व्यय निगरानी अधिकारी, मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठक करेंगे। फिर प्रेस वार्ता कर वापस दिल्ली लौटेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने उनके दौरे की पुष्टि की है।

उत्तराखंड में बढ़ी युवा मतदाताओं की संख्या
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में और अधिक संख्या में युवा मताधिकार का प्रयोग करेंगे। निर्वाचन विभाग की ओर से नवंबर में चलाई गई विशेष मुहिम में बड़ी संख्या में युवाओं ने पंजीकरण कराकर अपना वोट बनवाया है। दरअसल अक्तूबर में निर्वाचन विभाग ने मतदाता सूची का प्रकाशन किया था। इसके साथ ही 1 नवंबर से 30 नवंबर के बीच विशेष अभियान चलाने की घोषणा की गई थी। निर्वाचन विभाग ने विशेष अभियान चलाने के साथ ही करीब ढाई लाख नए युवा मतदाता जोड़ने पर भी फोकस किया।
विभाग के मुताबिक इस एक माह में करीब चार लाख एंट्री हुई हैं, जिसमें नए मतदाता जोड़ने के साथ ही मतदाता डिलीट होने और पते आदि के संशोधन शामिल हैं। माना जा रहा है कि इन चार लाख में करीब डेढ़ लाख के बीच युवा मतदाता हो सकते हैं। हालांकि निर्वाचन विभाग की ओर से जनवरी में मतदाता सूची प्रकाशन होने के बाद ही असल युवा मतदाताओं की संख्या स्पष्ट हो पाएगी। पुरानी मतदाता सूची के मुताबिक, उत्तराखंड में कुल 78,46,000 मतदाता थे। माना जा रहा है कि नई सूची में इनकी संख्या 80 लाख के आसपास हो सकती है।

सीएस ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरूवार को सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि चुनाव हेतु प्रत्येक बूथ कनेक्टेड हो इसके लिए सभी सड़कों एवं ट्रैकिंग रूटों की मरम्मत 31 दिसम्बर तक कर ली जाए, ताकि पोलिंग टीम और मतदाताओं को कोई परेशानी न हो।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि रिटर्निंग ऑफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर और नोडल ऑफिसर की तैनाती 12 दिसम्बर तक सुनिश्चित कर ली जाए, इसके साथ ही जिन अधिकारियों की तैनाती गृह जनपदों में है या जिन्हें एक ही स्थान पर 3 वर्ष से अधिक हो गए हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से शीघ्रअतिशीघ्र स्थानान्तरित कर लिया जाए।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक बूथ में एश्योर्ड मिनिमन फैसिलिटी (रैंप, बिजली, पेयजल, टॉयलेट आदि) की उपलब्धता 21 दिसम्बर, 2021 तक सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव की दृष्टि से संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर लिया जाए। इसके साथ ही अन्य राज्यों से लगे जनपद सहयोग हेतु 20 दिसम्बर तक बॉर्डर कॉर्डिनेशन मीटिंग्स आयोजित कर लें। इस अवसर पर मुख्य चुनाव अधिकारी सौजन्या सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी भी उपस्थित थे।

साहस का परिचय दे रहे धामी ने दमदार फैसलों से अपने को औरों से अलग साबित किया

यूं तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने साढ़े चार महीने के कार्यकाल में 500 से अधिक फैसले ले चुके हैं पर देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लेना उनके लिए आसान काम नहीं था। तमाम वजहों से यह मुद्दा धामी सरकार के लिए पेचीदा बना हुआ था। एक तो अपनी ही पार्टी की पूर्व सरकार के फैसले पर उन्हें पुनर्निर्णय करना था। दूसरा, यह निर्णय इतने सलीके से लिया जाना था जिससे पार्टी पर उसका नकारात्मक प्रभाव ना पड़े और नाराज वर्ग भी संतुष्ट हो जाए। धामी अपने व्यक्तित्व के अनुरूप सभी पक्षों से सहजता से मिले, सरलता से उनको सुना और फिर उन्होंने सूझबूझ के साथ कदम आगे बढ़ाए। अंततः युवा नेतृत्व ने जिस बुद्धिमत्ता के साथ निर्णय लिया उसकी चौतरफा न केवल चर्चा है बल्कि प्रशंसा भी हो रही है। यह फैसला उनकी सियासी परिपक्वता और दूरदर्शिता को भी दर्शाता है।
देवस्थानम बोर्ड का गठन जनवरी 2020 में तब के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था। बोर्ड के गठन के जरिए 51 मंदिरों का नियंत्रण राज्य सरकार के पास आ गया था, जिनमें केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चार धामों मंदिर भी शामिल थे। तब से ही तीर्थ-पुरोहित, हक-हकूकधारी और मंदिरों से जुड़ा हर पक्ष इस फैसले को वापस लेने की मांग पर अड़ा था। जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री पद से त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अचानक विदाई में देवस्थानम बोर्ड के गठन को भी एक कारण माना गया। उनके बाद तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की कमान सौंपी गई तो उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में पुर्नर्विचार किया जाएगा। सियासी परिस्थितियां बदलीं और इसी साल जुलाई में पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने तीर्थ-पुरोहितों की मांग पर एक कमेटी का गठन किया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेने का टाइम बाउण्ड वादा किया। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी तो सीएम धामी ने फिर अपने सहयोगी मंत्रियों की एक कमेटी (पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अगुवाई में) गठित कर रिपोर्ट का अध्ययन करने और उस पर अपना सुझाव देने को कहा। बीते सोमवार को मंत्रियों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट संस्तुति समेत मुख्यमंत्री को सौंपी। धामी ने बिना कोई देर किए 30 नवंबर की सुबह देवस्थानम बोर्ड को भंग करने और इस एक्ट को वापस लेने का फैसला सुना दिया।
दरअसल, देवस्थानम बोर्ड छोटा मुद्दा नहीं था। सनातनी संस्कृति और परम्पराओं से जुड़े होने के कारण यह बेहद संवेदनशील बन गया था। खासतौर से भाजपा के लिए जो खुद को सनातन संस्कृति और परम्पराओं का संवाहक मानती है। मामले को इसलिए भी व्यापकता मिली क्योंकि उत्तराखण्ड में स्थित चारधामों से देश और दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। देवस्थानम बोर्ड के गठित होते ही श्रृद्धा के केन्द्र बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे मंदिरों की देखभाल, रखरखाव और उनकी व्यवस्थाओं के प्रबंधन से जुड़ी सदियों पुरानी परम्पराओं को बदलने के औचित्य पर चर्चा शुरू हो गई थी। एक पक्ष देवस्थानम बोर्ड की वकालत तो दूसरा इसके विरोध में खड़ा हो गया। मामला सिर्फ सोशल मीडिया में बहस तक सीमित नहीं रहा बल्कि हाईकोर्ट से होते हुए देश की सर्वाेच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। यही एकमात्र ऐसा मुद्दा था जिसे सुलझाने में धामी को अपनी सियासी परिपक्वता साबित करनी थी। चूंकि देवथानम बोर्ड का गठन भाजपा सरकार ने किया था लिहाजा दलगत मजबूरी के चलते धामी इसे एक झटके में वापस नहीं ले सकते थे, वरना इसके दुष्प्रभाव सामने आ जाते। बहुत ही समझदारी के साथ धामी ने स्वच्छ छवि के भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई। कमेटी ने चारधाम के तीर्थ पुरोहितों, विद्वान पण्डितों, हक-हकूकधारियों और मंदिरों से जुड़े भी वर्गों से सिलसिलेवार बात की। एक नहीं कई दौर की बातचीत में सबकी राय ली गई। तसल्ली के साथ सभी पक्षों को सुना गया। कमेटी ने जब अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी तो उस पर संस्तुति देने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने फिर एक और कमेटी गठित की जिसमें उन्होंने अपने तीन सहयोगी मंत्रियों सतपाल महाराज, अरविन्द पाण्डेय और सुबोध उनियाल को शामिल किया। मंत्रियों की कमेटी की रिपोर्ट मिलने पहले धामी ने दिल्ली जाकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर उनसे इस पर निर्णय को लेकर सहमति ले ली। फिर मंगलवार की सुबह उन्होंने देवस्थानम बोर्ड पर वो फैसला सुनाया जिसका सभी को इंतजार था। अपने इस फैसले से पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव से ऐन पहले एक तीर से कई निशाने साध दिए हैं। उन्होंने एक ऐसा विषय जो चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता था उसे सुलझा लिया, साथ ही नाराज पंडा-पुरोहितों और हकदृहकूकधारियों को भी मना लिया। इस मुद्दे पर विपक्ष की हर रणनीति अब धरी की धरी रह गई है और पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर खुद को उत्तराखण्ड के भविष्य का नेता साबित कर दिया है।

उत्तराखंडवासियों की जनभावना के अनुरूप बनेगा घोषणापत्र-भाजपा

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में शंखनाद करने के बाद भाजपा अबकी बार 60 पार नारे के साथ मैदान में है। केन्द्रीय नेताओं के लगातार कार्यक्रम लग रहे हैं। वहीं प्रचंड जीत के लिए जिन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है उन्होंने राज्य में डेरा डाल दिया है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने चुनाव प्रबंधन समिति, संसाधन, विशेष कार्य व घोषणा पत्र की बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव पर चर्चा की। आगामी विधानसभा चुनाव दृष्टिगत चुनाव घोषणा पत्र को लेकर रणनीति पर चर्चा गई। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक में घोषणा पत्र के विषय में कहा कि वह उत्तराखंड की सामाजिक और भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप बनाया जाएगा।

श्रीनगर में पौड़ी, रूद्रप्रयाग और चमोली के विस कोर कमेटी के साथ बैठक
इसके अलावा पूर्व निर्धारित कार्यक्रमो के धरतलीय क्रियान्वयन, महा जनसम्पर्क अभियान तथा प्रधानमंत्री के आगामी उतराखंड दौरे के तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई। प्रदेश प्रभारी ने श्रीनगर में भी पौड़ी, चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों की विधानसभा की कोर कमेटी की बैठक में ग्रास रूट पर चल रहे कार्य और महा जनसम्पर्क अभियान सहित भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई।
मीडिया से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक ने कहा कि चुनावों में प्रत्याशियों के चयन से पहले हर विधानसभा में टीमें भेजी जाएंगी जो प्रत्याशियों का आंकलन करेगी। सभी टीमें प्रत्येक विधानसभा में पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों विधानसभा में निर्वाचित वरिष्ठ व प्रमुख जनों से संभावित प्रत्याशियों के बारे में चर्चा करेंगे और पार्टी कार्यालय में सौंपेंगे, जिसे चयन समिति के रखा जाएगा। इसके बाद प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा।
चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, आरपी सिंह और लॉकेट चटर्जी सहित कैबिनेट मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मौजूद रहे। यहां बैठक करने के बाद प्रभारी जोशी श्रीनगर गढ़वाल पहुंचे। यहां उन्होंने भाजपा की कोर ग्रुप बैठक में भाग लिया। इसके बाद वह रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी जिले की कोर कमेटी की बैठक लेंगे। इन बैठकों में वह चुनावी रणनीति पर मंथन करेंगे। भाजपा की कोर ग्रुप बैठक में भाग लेने प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी सहित प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, संगठन मंत्री अजय कुमार, कैबिनेट मंत्री धन सिंह समेत विधायक पहुंचे हैं।

जन संवाद कार्यक्रम में विस अध्यक्ष ने विकास कार्यों को साझा किया

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत खदरी खड़कमाफ में रविवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने जनता से संवाद कार्यक्रम के दौरान खदरी खड़कमाफ ग्राम पंचायत के लिए विधायक निधि से आंतरिक मोटर मार्गों के लिए आठ लाख रुपए की घोषणा की है।
इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा है कि खदरी खड़क माफ में 12 करोड रुपए की लागत से जल संस्थान द्वारा खड़कमाफ पेयजल योजना का कार्य प्रगति पर है। 13 लाख रुपए की लागत से खदरी खडकमाफ पाइप लाइन का कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग द्वारा 15 लाख रुपए की लागत से राजकीय इंटर कॉलेज खदरी मे सभागार एवं कक्ष का निर्माण किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सिंचाई विभाग के माध्यम से राजकीय पॉलिटेक्निक खदरी के पास सुरक्षा दीवार का कार्य 20 लाख रुपए की लागत से पूर्ण किया गया। विधायक निधि से 80 लाख रुपए की लागत से ग्राम सभा के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में आंतरिक सीसी रोड निर्माण, विद्यालय में रसोईघर, दुर्गा मंदिर में निर्माण कार्य, जबकि 250 से अधिक एलईडी स्ट्रीट लाइट लगवाई गई है जिससे क्षेत्र में रात्रि के समय लोगों को आवागमन में सुविधा हो रही है। उन्होंने कहा है कि विद्यालय कंप्यूटर सेट, फर्नीचर, विद्यालय कक्ष आदि कार्य करवाए गए है।
उन्होंने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से 300 से अधिक लोगों को 15 लाख से अधिक की धनराशि केवल खड़क माफ खदरी ग्राम पंचायत के जरूरतमंदों को दी गई है। क्षेत्र का विकास अनवरत चलने वाली प्रक्रिया और जो निरंतर चलती रहेगी। अग्रवाल ने कहा है कि कार्य की गुणवत्ता के लिए हमेशा अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है साथ ही स्थानीय जनमानस भी सजग प्रहरी की तरह अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा।
इस अवसर पर स्थानीय जनता ने विकास कार्यों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का सम्मान भी किया जबकि अनेक समस्याओं का श्री अग्रवाल ने मौके पर ही निस्तारण भी किया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के श्यामपुर के मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, पूर्व प्रधान स्वरूप सिंह पुंडीर, राम रतन रतुडी, मानवेंद्र कंडारी, राजेंद्र चौहान, मुन्ना रावत, गौतम राणा, आशा पंवार, सरोज भटट, कृष्णा बिष्ट, ज्योति राणा आदि सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में आप चला रही डोर टू डोर अभियान

मिशन 2022 की तैयारियों को रफ्तार देते हुए आम आदमी पार्टी डोर टू डोर अभियान भी शुरू कर दिया है। आम आदमी पार्टी इस अभियान के माध्यम से जनता तक पहुंच कर उनसे चुनाव में “आप” को वोट देने का आग्रह कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता को भाजपा के भ्रष्टाचार और अवरुद्ध विकास से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कमर कस ली है। अभियान के दौरान डांडी ग्राम सभा रायवाला की पंचायत सदस्य ज्योति कंडवाल समेत दर्जनों लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली।
ऋषिकेश विधानसभा के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लगातार अभियान के माध्यम से लोगों के घरों में पार्टी कार्यकर्ता दस्तक दे रहे हैं। पार्टी के ऋषिकेश विधानसभा प्रभारी राजे सिंह नेगी ने इस डोर टू डोर अभियान पर बात करते हुए बताया आगामी विधानसभा चुनाव के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। इसी के तहत हमने जनता के बीच डोर टू डोर अभियान शुरू किया। इस डोर टू डोर अभियान में हमें आम आदमी पार्टी के लिए तगड़े रुझान देखने को मिल रहे हैं। हमने जनता से आम आदमी पार्टी को वोट करने की अपील कर रहे हैं ताकि हम उन्हें वह उत्तराखंड दे सकें जिसके वे हकदार है। उन्होंने कहा उत्तराखंड की जनता भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का मन बना चुकी है। इस मौके पर संगठन मंत्री दिनेश असवाल, देवराज नेगी, विक्रांत भारद्वाज, प्रभात झा, हिमांशु नेगी, अश्वनी सिंह, विजय लक्ष्मी कंडवाल, मनमोहन नेगी, अजय रावत, पंकज गुसाईं उपस्थित रहे।