मुख्य सचिव ने फर्जी बिल लगाने वाले अस्पतालों पर शिकंजा कसने के दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखण्ड की द्वितीय शासकीय सभा की बैठक आयोजित हुयी। बैठक में विभिन्न प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि आयुष्मान भारत, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अंतर्गत 100 प्रतिशत सैचुरेशन किया जाए। राशन कार्ड न होने के कारण जिनके आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहे हैं, उनके लिए आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड आदि सरकारी पहचान पत्रों को अनुमन्य किया जाए। उन्होंने इसके लिए जनता की शिकायतों के निवारण के लिए प्रभावी प्रणाली तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने फर्जी बिल लगाने वाले अस्पतालों पर लगातार जुर्माना लगाने और अस्पतालों की सूचीबद्धता समाप्त किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन अस्पतालों की सूचीबद्धता समाप्त की जा रही है, उन अस्पतालों की सूची समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को ओपीडी को पूर्ण कम्प्यूटरीकृत किए जाने के भी निर्देश दिए। साथ ही, कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में अस्पतालों को बढ़ावा देने हेतु पॉलिसी तैयार की जाए।
इस अवसर पर अध्यक्ष राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण डी. के. कोटिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

त्रिवेन्द्र का दम, राज्य के लिये लिए है 11 बड़े फैसले, जो बदलेंगे राज्य की दशा और दिशा

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने बताया कि त्रिवेन्द्र सरकार ने तीन वर्षों में कई ऐसे फैसले लिए है जो जनता के हित के साथ ही जनभावनाओं के लिए बेहद जरुरी थे। इनमें 11 फैसले तो सीधे जनता से जुड़े हुए है। जिनका लाभ बड़ी संख्या में राज्य के लोगों को मिल रहा है या आने वाले समय में मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सक्रिय रहते है। रोजगार और स्वास्थ्य के विषय में मुख्यमंत्री ने बड़े और दूरगामी फैसले लिए है।
मीडिया सलाहकार इन 11 बड़े फैसलों की दे रहे है जानकारी-

’11 बड़े फैसले’

’1. जनभावनाओं की राजधानी’: गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को राज्य जी ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करके जनभावनाओं का ख्याल रखा।

’2. चारधाम देवस्थानम बोर्ड गठित’: चार धाम यात्रा के सफल व बेहतर प्रबंधन के लिए चार धाम देवस्थानम बर्ड का गठन किया गया। इससे बद्री केदार, गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा 51 बड़े मंदिरों के रखरखाव व प्रबंधन की जिम्मेदारी सरकार को मिली।

’3 अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’: आयुष्मान भारत की तर्ज पर प्रदेश के समस्त परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने हेतु अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना लागू की गई। अपने राज्य के समस्त परिवारों को सुरक्षा कवच देने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य बना। अब तक 2 लाख से ज्यादा लोग मुफ्त उपचार करवा चुके हैं।

’4. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार’ : साल 2017 में प्रदेश में 1031 डॉक्टर थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 2600 के करीब हो गई है। 400 डॉक्टरों को केवल कोरोना काल मे ही नियुक्ति दी गई है। हर जिला अस्पताल में प्ब्न् की सुविधा है। दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को लाभ देने के लिए 35 अस्पतालोंध्केन्द्रों में टेली मेडिसिन सुविधा शुरू की गई है।

’5. ग्रोथ सेंटर’: ग्रामीण संसाधनों से लोकल इकोनॉमी जुटाने का तथा स्वरोजगार से जोड़ने के लिए करीब 100 ग्रोथ सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।

’6. सभी 13 जिलों में 13 नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन’ : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। टिहरी झील, गूलरभोज जलाशय, ट्यूलिप गार्डन प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।

’7. होम स्टे’: ग्रामीण पर्यटन को मजबूत करने के लिए राज्य में 5000 होमस्टे बनाने का लक्ष्य है, जिसमे से अभी तक 2100 होमस्टे बनाये जा चुके हैं।

’8. इन्वेस्टर्स समिट’ : राज्य में उद्योगों और निवेश को विस्तार देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुविधा लागू है। 2018 में राज्य में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ जिसमें सवा लाख करोड़ के डवन् साइन हुए। इनमें से भी अब तक 21 हजार करोड़ के निवेश प्रोजेक्ट ग्राउंडेड हो चुके हैं।

’9. फिल्म पॉलिसी’: उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माण की संभावनाओं को देखते हुए फिल्म नीति लाई गई। इससे फिल्मकारों को कई तरह की रियायतें दी जा रही हैं। पिछले 3 साल में राज्य में 250 से अधिक फिल्मों व सीरियल्स की शूटिंग हो चुकी है। इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है।

’10. कोरोना से लड़ाई’ : उत्तराखण्ड सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। लॉकडाउन पीरियड में कोई भूखा नहीं रहे इसका ख्याल रखा, प्रदेश में रह रहे अन्य प्रदेशों के मजदूरों को कभी भूखा नहीं सोने दिया, उनको उनके घर तक पहुंचाने के पर्याप्त इंतजाम किए। अन्य राज्यों से प्रवासी उत्तराखण्डियों को लाने के लिए भी सभी व्यवस्थायें की।

कोरोना काल मे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। आज राज्य में कोरोना मरीजों की देखभाल व इलाज के लिए 5 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, 10 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर व 94 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं।

राज्य में आईसीयू की संख्या को 62 से बढ़ाकर 251 किया गया है। वेंटीलेटर्स कि संख्या को 37 से बढ़ाकर 113 किया गया है। बाइपैप मशीनों की संख्या 4 से बढ़कर 33 की गई है।

’11. मुख्यमन्त्री स्वरोजगार योजना’ : कोरोना के कारण घर लौटे प्रवासियों को घर मे काम देना हमारी प्राथमिकता है। हम राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना चाहते हैं इसलिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसके तहत अपना कोई भी काम शुरू करने के लिए ऋण लेने पर 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है।

स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति सीएम का विशेष ध्यानः गणेश जोशी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना की प्रथम वर्षगांठ समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत सराहनीय कार्य करने वाले सरकारी एवं निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इनमें एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज, सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज, स्वामीराम हिमालयन अस्पताल, महन्त इन्दिरेश अस्पताल, मेट्रो हॉस्पिटल एवं हार्ट इंस्ट्टीयूट हरिद्वार, उजाला हैल्थ केयर ऊधमसिंह नगर के प्रतिनिधि शामिल थे। इस योजना के तहत अच्छा कार्य करने वाले आरोग्य मित्रों एवं आशा कोर्डिनेटर को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस योजना से लाभान्वित लोगों से बातचीत भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितम्बर 2018 को देश को विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत योजना’ दी। इस योजना से 10 करोड़ बी.पी.एल परिवार लाभान्वित हुए हैं। इससे प्रेरित होकर 25 दिसम्बर 2018 को प्रदेश में ‘अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’ का शुभारम्भ किया गया। इस योजना से राज्य के सभी परिवारों को आच्छादित किया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश में 01 करोड़ 10 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो, इसके लिए प्रत्येक जनपद में आईसीयू की शुरूआत की गई है। अभी तक आठ जनपदों में आईसीयू बन चुके हैं, शेष में एक वर्ष के अन्दर बनकर तैयार हो जायेंगे। पर्वतीय क्षेत्रों को दूरस्थ गांवों तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक प्रकार की जांच की सुविधा हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को विशेष प्रयास करने होंगे।

विधायक मसूरी गणेश जोशी ने कहा कि ‘अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’ प्रदेशवासियों के लिए वरदान साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले साल प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया। स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति मुख्यमंत्री का विशेष ध्यान है।

अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के चेयरमेन डीके कोटिया ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जहां प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष 05 लाख रूपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलबध कराई जा रही है। अटल आयुष्मान योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हुई है। अभी तक इस योजना के तहत 34 लाख 70 हजार गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं। सबसे अधिक गोल्डन कार्ड बनाने में उत्तराखण्ड का केरल के बाद दूसरा स्थान है। इस योजना के तहत 175 अस्पताल सूचिबद्ध किये गये हैं। योजना के तहत उपचार कर रहे लाभार्थियों पर हुए खर्च का भुगतान एक सप्ताह के अन्दर किया जा रहा है। अगले छः माह में शत प्रतिशत गोल्डन कार्ड बन जायेंगे। इस योजना के तहत एक साल में 01 लाख 10 हजार से अधिक लोग निःशुल्क उपचार करा चुके हैं, जिसमें 105 करोड़ रूपये का खर्च हुआ है।

सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने कहा कि उत्तराखण्ड में ‘अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’ से 14.50 लाख परिवार आच्छादित हैं। यह योजना 12 हजार से अधिक लाभार्थियों के लिए जीवन दायनी साबित हुई है। प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। हरिद्वार में 100 बैड के अस्पताल के लिए स्वीकृति मिली है।