चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से पहली बार प्रदेश को मिले 1376 नर्सिंग अधिकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित, मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चयनित नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। कार्यक्रम के दौरान चयनित 1376 अभ्यर्थियों में से 200 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किये। शेष सभी अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले नर्सिंग अधिकारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि चयनित सभी नर्सिंग अधिकारी लगन व कड़ी मेहनत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और राज्य के विकास व जनसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग अधिकारी का दायित्व बहुत महत्वपूर्ण है। ग्राउंड लेवल पर समाज में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मुद्दों पर जनता को शिक्षित करने का दायित्व भी नर्सिंग अधिकारियों पर है। आपातकालीन स्थितियों में आपकी तत्परता और उत्कृष्टता लोगों के लिए जीवन रक्षा का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ’आयुष्मान भारत योजना’ प्रदेशवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। राज्य में सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले,इसके लिए राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवाएं सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई हैं। सरकार जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए ’’जननी सुरक्षा योजना’’ संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भारत को क्षय मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य के सापेक्ष राज्य सरकार द्वारा 2024 तक उत्तराखण्ड को क्षय मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें भी नर्सिंग अधिकारियों को अहम भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दो-दो वैक्सीनों द्वारा देश की जनता की ही नहीं बल्कि अन्य देशों की भी मदद की। हमें अभी भी कोरोना के प्रति सावधानी रखनी है और लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाए रखने हेतु कार्य करना है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को 13 वर्ष के उपरांत 1376 नर्सिंग अधिकारी मिले हैं। उन्होंने कहा कि सभी चयनित नर्सिंग अधिकारियों के पहले पांच साल राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं देनी होगी, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को जेआरडी टाटा मेमोरियल अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड 42 स्वास्थ्य सूचकांकों में बेहतर प्रदर्शन पर राज्य को मिला। उन्होंने कहा कि टाटा रिसर्च सेंटर के सर्वे के अनुसार उत्तराखण्ड में क्रिटिकल मरीजों के लिए हवाई सेवा उपलब्ध कराने, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना, 276 प्रकार की निःशुल्क जांच और 90 प्रतिशत से अधिक संस्थागत प्रसव कराने का सराहनीय प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, खजानदास, सविता कपूर, राजकुमार पोरी, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, कुलपति उत्तराखण्ड चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द्र, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

नई दिल्ली में दो दिवसीय आरोग्य मंथन कार्यक्रम का समापन, उत्तराखंड को आयुष्मान उत्कृष्ठ अवार्ड-2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा गया

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जय) के पांच साल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इस दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया। इस दौरान दोनों योजनाओं से संबंधित चुनौतियों, रुझानों और सर्वाेत्तम प्रथाओं पर चर्चा और विचार-विमर्श किया गया। आरोग्य मंथन 2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने समापन सत्र को संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल, सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण), सुधांश पंत और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भी उपस्थित रहे।

वहीं ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम में बेहत्तर कार्य करने वाले राज्यों को सम्मानित भी किया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को आयुष्मान उत्तराखंड अवार्ड 2023 के दो पुरस्कारों से नवाजा। यह राष्ट्रीय पुरस्कार राज्य को आयुष्मान क्लेम सेटलमेंट औऱ डेली क्विक ऑडिट सिस्टम के सफल किर्यान्वयन के क्षेत्र में बेहत्तर कार्य करने के लिए दिया गया है।

आपको बता दें उत्तराखंडवासियों के लिए आयुष्मान योजना वरदान साबित हो रही है। समाज का कमजोर व मध्यम वर्ग परिजन की बीमारी में अपने जेवर व मकान बेचने की स्थिति में आ जाता था। उपचार बेहद महंगे होने के कारण गरीब तबके के मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। लेकिन अब वो समय है कि बीमार होते ही गरीब पूरे अधिकार के साथ सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अपना उपचार करा सकते हैं, वो भी पूरी तरह मुफ्त में। ऐसा संभव किया जरूरतमंदो का सहारा बनी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र की भाजपा सरकार ने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना ने समाज के कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों में उत्तराखंड में आयुष्मान योजना की प्रगति अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे बेहत्तर है। इसी का नतीजा है कि केन्द्र सरकार ने क्लेम सेटलमेंट में उत्तराखंड को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। नई दिल्ली में आज राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। उत्तराखंड समूचे भारतवर्ष में एकमात्र ऐसा राज्य है जो अपने प्रदेश के समस्त नागरिकों (लगभग 25 लाख परिवार) को ‘अटल आयुष्मान योजना’ के तहत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दे रहा है। तमाम गंभीर रोगों से ग्रस्त लोगों को इस योजना के लाभ से नई जिंदगी मिली है। ऐसा कोई गांव, कस्बा या शहर नहीं जहां इस योजना का लाभान्वित व्यक्ति आपको न मिले।

आयुष्मान क्लेम में उत्तराखंड का बेहतर काम
उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में क्लेम भुगतान में बेहतर काम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। आयुष्मान योजना में कार्ड धारकों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज के लिए प्रदेश में 248 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इसमें 102 सरकारी और 146 निजी अस्पताल शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से क्लेम भुगतान करने के लिए 15 दिन के मानक निर्धारित किए हैं। लेकिन उत्तराखंड में सात दिन के भीतर अस्पतालों को क्लेम का भुगतान किया जा रहा है। अस्पताल कार्ड धारक मरीज के इलाज पर आने वाले खर्च का क्लेम राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजते हैं। प्राधिकरण की ओर से क्लेम का ऑडिट किया जाता है। जिसके बाद अस्पतालों को भुगतान किया जाता है। बता दें कि 2022 में उत्तराखंड को आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया था।

उत्तराखंड मॉडल अपनायें अन्य राज्य
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इलाज के बिलों में फर्जीवाड़ा करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। साथ ही गलत तरीके से प्राप्त क्लेम राशि की वसूली कर योजना से बाहर किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी फर्जीवाड़े रोकने पर राज्य की सराहना की थी। साथ ही सभी राज्यों को उत्तराखंड के मॉडल को अपनाने को कहा था।

52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड
प्रदेश में 52 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। इसमें अब तक 8.28 लाख कार्ड धारक मरीजों को निशुल्क इलाज पर सरकार ने 1554 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेई की स्मृति में शुरू की गई इस योजना को आज दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम माना जाता है। पूरे देश में 25 दिसंबर 2018 को इस योजना की जब शुरूआत हुई तो उत्तराखंड के गरीब तबके के करीब 5.25 लाख लोगों को इसमें शामिल किया गया। उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना की अहमियत को समझते हुए हर उत्तराखंडी को इसका लाभ देने का फैसला लिया। योजना का नतीजा यह हुआ कि उत्तराखंड के सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में कहीं भी लोग पांच लाख रुपये तक अपना और परिजनों का मुफ्त में इलाज करा सकते हैं। आज इस योजना में लोग कैंसर, हार्ट, गुर्दा रोग जैसी जटिल बीमारियों का मुफ्त इलाज करा रहे हैं।

हर जरुरतमंद को सुलभ ईलाज पहुंचे सरकार कर रही प्रयास-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जौलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में चिकित्सा शिक्षा पर 13 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कौशल व अनुरूपण उत्कृष्टता केंद्र का लोकार्पण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयन इन्स्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट के संस्थापक स्वामी राम एक महान मानवतावादी, दार्शनिक, शिक्षक एवं श्रेष्ठ योगी थे। स्वास्थ्य देखभाल और आजीविका कौशल प्रदान करके इस पहाड़ी राज्य में अवसरों की कमी को दूर करने के उद्देश्य से उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट की स्थापना की थी। उनका मत था कि मानव शरीर भगवान का मंदिर है और अपने साथी प्राणियों की निस्वार्थ सेवा करना ही प्रार्थना का सर्वाेच्च रूप है। उनकी प्रेरणा से ही यह संस्थान देश को कई वर्षों से अपनी उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करता रहा है। आज हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य में निःशुल्क जांच योजना प्रारम्भ की है। जिसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा दी जा रही है। आज प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। प्रत्येक जिले में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं। उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के अन्तर्गंत 42 लाख 90 हजार से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 5 लाख 83 हजार से अधिक मरीज मुफ्त में उपचार करा चुके हैं। इस कल्याणकारी योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के उपचार पर अब तक 1020 करोड़ खर्च किये जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड महामारी के दौरान आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व पर्यावरण मित्रों को पांच माह तक 2-2 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से उत्तराखंड रक्तदान में देश भर में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि योग्यता आधारित चिकित्सा पाठ्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना रहा है। अगर हमें आगे बढ़ना है तो अपने छात्रों को सही ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण से सज्जित करना होगा। यह आज के समय की मांग भी है। कोविड महामारी ने सिखाया है कि हम सभी को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। हमारे मेडिकल कॉलेज को नियमित शिक्षण के साथ-साथ ई-शिक्षण के लिए तैयार रहना चाहिए तथा ई-मॉड्यूल और टेलीमेडिसिन से सुसज्जित रहना चाहिए। ताकि आने वाले समय में हम हर प्रकार से चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट बनें रहें और भविष्य की समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मेडिकल छात्र ही भविष्य के भारत में उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं का निर्धारण करेंगें। इसलिए चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता पर हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। रोगियों के कल्याण के लिए चिकित्सा शिक्षा से जुड़े छात्रों के कौशल और व्यवहार को परिष्कृत करने पर लगातार ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों से को चिकित्सा शिक्षा, ई-लर्निंग और सिमुलेशन लैब के लिए मजबूत मॉड्यूल विकसित करने हेतु आपस में सहयोग और समन्वय से कार्य करना होगा। उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया का नाम रोशन करें। इसके लिये सरकार हरसंभव सहयोग और सहायता प्रदान करेगी।
इस अवसर पर नीति आयोग दिल्ली के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विजय धस्माना, प्रतिकुलपति डॉ. विजेन्द्र चौहान, हिमालयन आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक देवराड़ी, एसोसिएशन ऑफ हैल्थ प्रोफेशन एजुकेशन की अध्यक्ष डॉ. अंशु मौजूद रहे।

आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों का भुगतान एक सप्ताह के अंदर-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आई.एस.बी.टी देहरादून स्थित एक होटल में आयुष्मान भारत योजना के 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित आरोग्य मंथन 3 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष्मान योजना के तहत अच्छा कार्य कर रहे 12 अस्पतालों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि आयुष्मान कार्ड बनाने का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। सरकार द्वारा इस शुल्क का भुगतान किया जायेगा। आयुष्मान योजना के तहत सभी अस्पतालों का भुगतान एक सप्ताह के अंदर किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण योजना को लाने के लिए मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की जनता की ओर से उनका आभार व्यक्त किया। इस योजना का आम जनमानस सीधा लाभ मिल रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में देश में सराहनीय कार्य हुए हैं। आज भारत में मेगा कोविड वैक्सीनेशन अभियान तो चल ही रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद्चिन्हों पर चलकर राज्य में विकास के कार्य आगे बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश के सभी परिवारों को राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से आच्छादित किया गया है। इस योजना के तहत अभी तक प्रदेश में लगभग 3.5 लाख लोग अपना उपचार करा चुके हैं, जिस पर 460 करोड़ रूपये का खर्च हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले यदि परिवार में कोई बीमार होता था तो कई परिवार बिलों का भुगतान करने में असमर्थ होते थे। इसलिए मरीज इलाज करवाने में असहज महसूस करते थे। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में जहां कमी है उन कमियों को दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत जो कमियां सामने आ रही हैं, उनका निराकरण किया जा रहा है।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पताल खोलने पर सरकार मानकों में शिथिलता प्रदान करने के साथ ही आर्थिक सहयोग भी करेगी। जबकि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में योजना संबंधी जानकारी के बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाने होंगे। ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। आयुष्मान कार्ड से वंचित लोगों के लिए विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ सभी प्रदेशवासियों को देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही ब्लॉक स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाने के शिविर आयोजित किये जायेंगे।
इस अवसर पर आयुष्मान भारत योजना एवं अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड से लाभान्वित लोगों ने इस योजना से उनको कैसे जीवनदान मिला, के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डी.के. कोटिया, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ अरूणेन्द्र चौहान एवं आयुष्मान योजना से लाभान्वित हुए लोग मौजूद थे।

उत्कृष्ट सेवा योगदान सम्मान से एम्स ऋषिकेश को सीएम ने किया सम्मानित

उत्तराखंड सरकार की ओर से आयोजित समारोह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश को अटल आयुष्मान योजनाध्आयुष्मान भारत योजना के सफल संचालन के लिए उत्कृष्ट सेवा योगदान सम्मान से नवाजा गया है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए एम्स ऋषिकेश की प्रशंसा की और संस्थान को आगे भी मरीजों की सेवा के लिए इसी तरह से सतत प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
देहरादून स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य सरकार की ओर से उत्कृष्ट सेवा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान योजना के बेहतर ढंग से संचालन के लिए एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत को उत्कृष्ट सेवा योगदान पुरस्कार प्रदान किया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एम्स ऋषिकेश महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जो कि प्रशंसनीय कार्य है। उन्होंने कहा ​कि जन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए यदि एम्स प्रशासन की ओर से कभी कोई परामर्श अथवा योजना का प्रस्ताव दिया जाता है तो राज्य सरकार उस पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करेगी और उसके क्रियान्वयन के लिए हरसंभव सहयोग किया जाएगा।

इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने अटल आयुष्मान योजना के रूप में उत्तराखंड के लोगों को हैल्थ इंश्योरेंस प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया, कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने जनस्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्धता के साथ इस तरह के प्रगतिशील कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री व सरकार को बधाई दी। कहा ​कि देश के अन्य राज्यों को भी जनस्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मामले में उत्तराखंड सरकार का अनुसरण करना चाहिए। बताया कि किसी भी देश की जीडीपी वहां के लोगों के हैल्थ स्टेटस पर निर्भर होती है। लिहाजा एम्स स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।

निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत उपचार कराने के लिए एम्स आने वाले मरीजों को संस्थान द्वारा हरसंभव सहयोग किया जाता है,जिससे मरीजों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

गौरतलब है कि संस्थान में अब तक आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कुल 35,229 मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया जा चुका है। जिसमें अटल आयुष्मान योजना के तहत 28,911 मरीजों और आयुष्मान भारत योजना में 6,318 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। समारोह में एम्स के आयुष्मान भारत योजना के प्रभारी डा. अरुण गोयल, डा. पूर्वी कुलश्रेष्ठा आदि मौजूद थे।

रामनगर गर्जिया में पर्यटन जोन अति शीघ्र अस्तित्व में आएगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रामनगर स्थित धनगढ़ी गेट पहुंचकर लगभग 01 करोड़ की लागत से निर्मित अत्याधुनिक तकनीकि से युक्त कार्बेट परिचय केंद्र, नेचर शॉप, कैंटीन का लोकार्पण किया। सीएम ने कार्बेट टाइगर रिजर्व की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के स्मारक पर दीप जलाकर व पुष्प चक्र एवं पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कार्बेट परिचय केंद्र के खुलने से पर्यावरण एवं वन्य जीव प्रेमियों को कार्बेट पार्क की जैव विविधता को जानने एवं समझने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र वन एवं वन्य जीव संरक्षण के साथ ही पर्यावरण व वन्यजीव प्रेमियों को प्रेरित करने का कार्य करेगा। उन्होंने आयोजित हो रहे वन्य जीव सप्ताह में सभी से जैव विविधता के संरक्षण एंव महत्व के बारे में जागरूक होने को कहा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पार्क का आकर्षण बढ़ने के साथ ही जिम्मेदारियां भी बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिरूल जिसे संकट एवं समस्या माना जाता है उसके रेजिन एवं लीसा से मलेशिया में 127 किस्म के उत्पाद बनाए जा रहे हैं, बैजनाथ में लीसा एवं रेजिन से 7 से 8 प्रकार के उत्पाद बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीड़ की पत्तियों से चारकोल, बिजली उत्पादन हो रहा है। सीएम ने कहा कि पीरुल से 25 किलो वाट की विद्युत उत्पादन यूनिट में 207 लोगों को पहले फेज में एक यूनिट द्वारा काम दिया गया है। यूनिट की क्षमता बढ़ने के साथ ही रोजगार में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अटल आयुष्मान योजना बहुत अधिक कारगर सिद्ध हुई है। अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत राज्य के दो लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला है, जिसमें 192 करोड़ रुपये खर्च हुए है। योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा संबंधित अस्पतालों को 1 सप्ताह के भीतर भुगतान भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 175 अस्पतालों के स्थान पर अब देश के 22 हजार से अधिक चिन्हित अस्पतालों में जाकर गोल्डन कार्ड दिखाकर मरीज अपना इलाज करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्जिया में पर्यटन जोन अति शीघ्र अस्तित्व में आएगा, जिसमें 50 जिप्सी तथा 50 नेचर गाइड को रोजगार के अवसर मिलने के साथ ही क्षेत्रीय जनता को भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने चोपड़ा, लेटी, रामपुर गांव को राजस्व ग्राम बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कार्बेट पार्क बाघों के संरक्षण के साथ ही इस बात के लिए भी जाना जाएगा कि यह वही पार्क है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले का बदला एवं प्रतिकार लेने के लिए दृढ़ निश्चय एवं संकल्प लिया था जिसका प्रतिकार सेना द्वारा लिया गया।

कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की जनगणना का डाटा जारी करते हुए बताया गया कि वर्ष 2018 में कार्बेट टाइगर रिजर्व में टाइगर रॉकी संख्या 231 थी जो कि वर्ष 2020 में 252 से अधिक हो चुकी है।

किसी भी पंजीकृत अस्पताल में बिना रेफर के असीमित खर्चे पर इलाज की सुविधा

उत्तराखंड के तीन लाख राजकीय कर्मचारी-पेंशनरों को एक सितंबर से असीमित खर्चे पर कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अटल आयुष्मान योजना के तहत अगस्त में इनके गोल्डन कार्ड बनाने की तैयारी कर ली है। अगस्त के वेतन और पेंशन से उनके अंशदान की कटौती होगी, जो राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के खाते में जमा होगी।
कोरोना महामारी के बीच अगर सब कुछ सामान्य रहा तो प्रदेश के कर्मचारी-पेंशनरों को एक सितंबर से अटल आयुष्मान योजना में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। इस योजना का लाभ कर्मचारी-पेंशनरों के परिवार के सदस्यों को भी मिलेगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने 31 जुलाई 2020 तक सभी कर्मचारी-पेंशनरों से गोल्डन कार्ड बनाने के लिए परिवार के सदस्यों का ब्योरा मांगा गया है। इसके बाद अगस्त में गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे। कार्ड बनाने के लिए प्राधिकरण की ओर से गाइडलाइन जारी की जाएगी। प्राधिकरण की ओर कार्ड बनाने के लिए निजी कंपनी को भी अधिकृत किया जाएगा, जिससे कर्मचारी-पेंशनरों के कार्ड आसानी से बन सकें।
योजना के तहत कर्मचारी, पेंशनर और उनके परिजनों को किसी भी पंजीकृत अस्पताल में बिना रेफर के असीमित खर्चे पर इलाज की सुविधा मिलेगी। इलाज पर व्यय होने वाली राशि के लिए कोई सीमा तय नहीं है। ओपीडी और आईपीडी दोनों में इलाज उपलब्ध होगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि अटल आयुष्मान योजना में कर्मचारी-पेंशनरों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू करने को एक सितंबर की तारीख प्रस्तावित की गई है। अगस्त में कार्ड बनाए जाएंगे और अगस्त के वेतन से ही अंशदान लिया जाएगा।

खुशखबरीः अटल आयुष्मान के तहत अब मिलेगा इन्हें असीमित मेडिकल सुविधा

उत्तराखंड में सेवारत राजकीय कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के 15 लाख गोल्डन कार्ड बनेंगे। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कर्मचारियों और उनके आश्रितों का डाटा तैयार किया है। सेवारत कर्मचारियों के कार्ड विभागीय डीडीओ (आहरण वितरण अधिकारी) और पेंशनरों के कार्ड कोषाधिकारी कार्यालय से बनेंगे।
राज्य सरकार ने प्रदेश के तीन लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को अटल आयुष्मान योजना के तहत असीमित खर्च तक कैशलेस इलाज की सुविधा दी है। इसमें आईपीडी और ओपीडी इलाज दोनों ही शामिल हैं। वहीं, कर्मचारियों और पेंशनरों को इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पताल से रेफर करने की शर्त नहीं रहेगी। योजना में इलाज के लिए कर्मचारियों और पेंशनरों को प्रति माह के हिसाब से अंशदान लिया जाएगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कर्मचारियों और पेंशनरों का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए डाटा तैयार कर लिया है। सभी को मिला कर 15 लाख कार्ड बनाए जाएंगे। योजना में कर्मचारी व पेंशनर के माता-पिता, 25 वर्ष की आयु के बेटा-बेटी, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को भी योजना का लाभ मिलेेगा।
राज्य अटल आयुष्मान योजना के निदेशक (प्रशासन) डॉ. अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि प्रदेश के सभी राजकीय कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों का डाटा तैयार है। कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में डाटा को योजना में ऑनलाइन अपडेट किया जा रहा है। जल्द ही कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के गोल्डन कार्ड बनाने का काम शुरू किया जाएगा।

प्रत्येक तीसरी लोकसभा में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्यः अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नंबर वन बनाने के लिए मोदी सरकार लगातार कार्य कर रही है। केंद्र सरकार ने देश के प्रत्येक राज्य में एम्स खोलने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तीसरी लोकसभा में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य हम वर्ष 2024 तक पूरा करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के द्वितीय दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में उपाधि प्राप्त करने वाले चिकित्सकों एवं उनके परिजनों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश एम्स ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम समय में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत से कदम उठाए हैं, जिनमें अटल आयुष्मान योजना एवं प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के साथ ही देश में एम्स की संख्या को बढ़ाकर 22 करना जैसे कार्य शामिल हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के अनुसार अपनी जगह दूसरे के सुख का विचार करने वाला ही सच्चा ज्ञानी है। देश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। देश के नागरिक स्वस्थ हों, दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें, इसके लिए आप सभी को अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, जिससे अब तक लगभग एक करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में एम्स की स्थापना हुई। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुषमा स्वराज ने इस काम को आगे बढ़ाया। ऋषिकेश में एम्स की स्थापना उन्हीं के कार्यकाल में हुई थी, मुझे खुशी है इस बात की कि तेजी के साथ विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां से उपाधि लेने वालों सम्मानित करने का मौका मिल रहा है यह भी हमारे लिए गौरव की बात है। कहा कि यहां स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसका लाभ सिर्फ उत्तराखंड कोई नहीं मिल रहा है, बल्कि देश के पश्चिम क्षेत्र को भी इसका लाभ मिल रहा है। आने वाले समय में देश को 22 और एम्स मिलने वाले हैं। अटल बिहारी वाजपेई ने छह एम्स से शुरुआत की थी। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस काम को तेजी के साथ आगे बढ़ाया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि ऋषिकेश पूरे विश्व में योग की राजधानी है। अध्यात्म के शिखर का यह स्थान है। यहां दीक्षा समारोह का होना गौरव की बात है। उपाधि ग्रहण करने वालों को समाज में जाकर लोगों के जीवन की रक्षा करनी है। देश के विराट व्यक्तित्व गृह मंत्री अमित शाह के हाथों आप सभी को उपाधि मिल रही है, यह बड़े गौरव की बात है।

एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने युवा चिकित्सकों को दुनिया से सीखो और दुनिया को भी सिखाओ की सीख दी। उन्होंने कहा कि युवा चिकित्सकों को सदा स्मरण रखना चाहिए कि चिकित्सा व्यवसाय में रोगियों के लिए हर समय उपलब्ध होना, अपने कार्य में दक्ष होना और मिलनसार होना अनिवार्य है। एक डॉक्टर के कार्य की कुशलता इतनी ही नहीं है कि वह मरीज को कितनी जल्दी ठीक करता है, बल्कि मरीज का ठीक होना बहुत हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि डॉक्टर का मरीज के साथ कैसा व्यवहार है। उन्होंने युवा चिकित्सकों से कहा कि प्रारंभिक वर्षों में आपका व्यवहार ही आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रोगी से बातचीत आपकी क्षमताओं का परीक्षण और सीखने का अनुभव प्रदान करेगी। उन्होंने युवा चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे वंचित तबके के लोगों पर विशेष ध्यान दें। अपकी डॉक्टरी तभी सभी सफल होगी, जब आपकी उत्कृष्टता का लाभ समाज के निचले तबके तक पहुंचेगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, डॉ. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, राज्य मंत्री धन सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी, विधायक एवं अध्यक्ष एम्स ऋषिकेश पद्मश्री डॉ. समीरन नंदी भी उपस्थित थे।

दूसरा दीक्षांत समारोह हुआ सम्पन्न
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 13 पीएचडी, पीजी, एमबीबीएस 2013, 2014, बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग के विद्यार्थियों को डिग्री और मेडल देकर सम्मानित करेंगे। उन्होंने बताया कि कुल 252 विद्यार्थियों को डिग्री दी जानी है। साथ ही 132 विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र भी दिए जाने हैं। एम्स के प्रथम दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की थी।

त्रिवेन्द्र सरकार ने दी राहत, अब सीधे करा सकेंगे प्राइवेट अस्पताल में इलाज

उत्तराखंड सरकार ने राज्य अटल आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ा दिया है। प्रदेश के चार लाख सरकारी कर्मचारियों को इस योजना के अधीन लाया गया है। मामूली शुल्क देकर सरकार कर्मचारी, पेंशनर और उनके परिजन असीमित धनराशि के मेडिकल कवर के दायरे में आएंगे। यही नहीं, अन्य गोल्डन कार्ड धारक भी देश में कहीं भी पांच लाख रुपये तक का निशुल्क कैशलेस इलाज करा सकेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में 14 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। सूत्रों के अनुसार आयुष्मान योजना के तहत सरकारी अस्पताल से रेफर करवाने की व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया गया है। अब मरीज सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ एनएबीएच (नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हास्पिटल्स एंड हेल्थ केयर) से मान्य अस्पतालों में सीधे जाकर इलाज करवा सकेगा। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए कर्मचारियों के अंश को एक समान कर दिया गया है।
ओपीडी का नकद भुगतान, आईपीडी कैशलेस
त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश के तीन लाख कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को अटल आयुष्मान योजना अनलिमिटेड कैशलेस इलाज की सुविधा दे दी है। ओपीडी इलाज के खर्च का कर्मचारियों को नकद भुगतान किया जाएगा। वहीं आईपीडी इलाज में कैशलेस की सुविधा मिलेगी। एक अप्रैल से कर्मचारियों के लिए यह स्कीम शुरू होगी। कर्मचारियों, पेंशनरों व उनके आश्रितों के लिए 15 लाख गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे।
अटल आयुष्मान योजना में अनलिमिटेड कैशलेस इलाज के लिए कर्मचारियों व पेंशनरों को प्रतिमाह के हिसाब से प्रीमियम देना होगा। इसके लिए सरकार ने पे स्केल के आधार पर केंद्रीय हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की तरह प्रीमियम की दरें निर्धारित की है। पेंशनरों के लिए वन टाइम प्रीमियम जमा करने का विकल्प भी दिया है।
कर्मचारियों व पेंशनरों के गोल्डन कार्ड आल इंडिया पोर्टेबिलिटी होने से देश के किसी भी पंजीकृत अस्पताल में इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके लिए रेफर की शर्त नहीं रहेगी। ओपीडी में इलाज कराने के लिए कर्मचारियों को पैसा देना पड़ेगा। मेडिकल बिल विभाग से मंजूर कराने के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से कर्मचारियों को भुगतान किया जाएगा।
निगम और बोर्ड कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
सरकारी क्षेत्र के निगम व बोर्डों में कार्यरत 40 हजार से अधिक कर्मचारियों को भी कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। पहले निगम व बोर्ड को प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजना होगा। लंबे समय से निगम के कर्मचारी राजकीय सेवा के कर्मचारियों की तर्ज पर कैशलेस की सुविधा देने की मांग कर रहे थे।
मेडिकल कालेज और एनएएचबी मान्य प्राप्त अस्पतालों में रेफर व्यवस्था खत्म
केंद्र व राज्य सरकार की अटल आयुष्मान योजना को मर्ज किया है। प्रदेश के सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कालेजों के साथ राष्ट्रीय हेल्थ एवं केयर बोर्ड से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में गोल्डन कार्ड मरीज सीधे इलाज करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें रेफर होने की शर्त नहीं रहेगी। प्रदेश के गोल्डन कार्ड केंद्र योजना से जुड़ जाने से देश के किसी भी पंजीकृत अस्पताल में पांच लाख तक सीमा तक इलाज करा सकेंगे।

श्रेणी के अनुसार कर्मचारियों और पेंशनरों का प्रतिमाह अशंदान
स्तर अंशदान रुपये में
1 से 5 स्तर (चतुर्थ श्रेणी) 250
6 स्तर (तृतीय श्रेणी) 450
6 से 11 श्रेणी(द्वितीय श्रेणी) 650
12 से श्रेणी से ऊपर (अधिकारी) 1000