आंबेडर यूनिवर्सिटी के एडमिशन में भारी गिरावट, कटआफ भी गिरी

दिल्ली की आंबेडर यूनिवर्सिटी में शहर के स्टूडेंट्स को मैथमैटिक्स (ऑनर्स) में ऐडमिशन लेना अब आसान हो गया है क्योंकि यहां का कटऑफ 3.25 फीसदी गिर गया है। शुक्रवार को इसकी सेकंड लिस्ट जारी होने के बाद यह बात सामने आई। सिर्फ शहर के ही नहीं शहर के बाहर रहने वाले स्टूडेंट्स को भी 2.5 फीसदी तक कटऑफ गिरने का फायदा मिला है। दूसरी लिस्ट स्टूडेंट्स को राहत देने वाली है क्योंकि पहली लिस्ट का कटऑफ काफी हाई था। कटऑफ नीचे जाने पर आंबेडर यूनिवर्सिटी दिल्ली ने बताया, हम सिर्फ चैंपियन्स की यूनिवर्सिटी नहीं हैं बल्कि सबको लेकर चलना चाहते हैं। हालांकि सॉइकॉलजी ऑनर्स का कटऑफ अभी भी दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए 96.5 फीसदी है और बाहरी स्टूडेंट्स के लिए 97.75 फीसदी है।
दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए बीए सस्टेनेबल अर्बनिज्म में सबसे ज्यादा 6 फीसदी गिरावट देखी गई, इसका कटऑफ अब 79.5 फीसदी हो गया है। यहां तक कि ग्लोबल स्टडी कोर्स में 5 फीसदी गिरावट देखी गई। इसी तरह लॉ कोर्स का कटऑफ भी 4 फीसदी गिरा है। पहली कटऑफ में मैथ्स को छोड़कर सभी ट्रडिशनल कोर्सेज 95 फीसदी से ज्यादा थे। अब सिर्फ साइकॉलजी 95 फीसदी से ऊपर है। एयूडी डीन ऑफ स्टूडेंट्स सर्विसेज के डीन संतोष सिंह ने बताया, एयूडी में हम चाहते हैं कि अलग-अलग तरह के स्टूडेंट्स आएं। जिनके 88 फीसदी नंबर हैं उनको भी लगना चाहिए कि उनके लिए मौका है। क्योंकि हम स्टेट यूनिवर्सिटी हैं इसलिए सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दिल्ली के रहने वाले सभी सेक्शन के लोगों को यहां मौका मिले।
दिल्ली ने दिल्ली में रहने वाले और बाहर रहने वाले लोगों के लिए अलग-अलग कटऑफ जारी किया है। स्टेट यूनिवर्सिटी होने के नाते एयूडी की 85 फीसदी सीटें दिल्ली के स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व हैं। जिनकी फैमिली इनकम 6 लाख से कम है उनको ट्यूशन फीस में भी राहत मिलेगी।

छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर बागी शिवम ने लहराया परचम, पूर्व में रह चूके हैं विवि प्रतिनिधि

मैं ईश्वर की शपथ खाकर कहता हूं कि मैं अपने कर्तव्यों व जिम्मेदारियों का पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन करूंगा। साथ ही राजकीय ऑटोनॉमस महाविद्यालय में शिक्षा को आगे ले जाने के लिये हर संभव तत्पर रहंूगा। कुछ इसी पंक्ति के साथ राजकीय महाविद्यालय के विजयी उम्मीदवारों ने शपथ ग्रहण समारोह में पद की मर्यादा की कसम खायी। इस वर्ष मतदान का प्रतिशत 79 रहा। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत आगे रहा।
उत्तराखंड राज्य के एकमात्र ऑटोनॉमस कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के सर्मिर्थत व एबीवीपी के बागी प्रत्याशी ने अध्यक्ष पद पर कब्जा कर अपने प्रतिद्वंद्वी व एबीवीपी के प्रत्याशी विजय जुगरान को 328 मतो के अंतर से हरा कर एबीवीपी को सबक सिखाया है। वहीं महासचिव पद पर पहली बार मुस्लिम समुदाय से आने वाले व एनएसयूआई के प्रत्याशी इमरान खान ने ऑर्यन के शिखर भंडारी को 101 मतों से पराजित किया। इसी प्रकार उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के प्रत्याशी अजय कुमार जायसवाल 1522 मतो के साथ विजयी रहे। वहीं सह-सचिव पद एबीवीपी के प्रत्याशी कार्तिक शर्मा को 1423 मतो के साथ विजयी घोषित किया गया। कोषाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की निकिता पंत को 1238 मतों के साथ सफल उम्मीदवार बनाया गया। विश्व विद्यालय पद पर एबीवीपी के रवि कुमार 1256 मतों के साथ विजयी करार दिये गये। वहीं शाम सात बजे सफल उम्मीदवारों को शपथ ग्रहण दिलवायी गयी।
बारिश के दौरान भी कम नहीं हुआ छात्रों का उत्साह
सुबह आठ बजे से मतदान के शुरू होने के दो घंटे यानी दस बजे से बारिश ने अपनी दस्तक दे डाली। बावजूद छात्र-छात्राओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बारिश के दौरान ही छात्रसंघ चुनाव में लड़ रहे उम्मीदवारों के प्रशंसक कॉलेज परिसर के बाहर नारेबाजी कर समर्थन हासिल करते दिखे।
किसी ने दीदी कहा, तो किसी ने जोड़े हाथ
छात्रसंघ चुनाव के दौरान सभी उम्मीदवार कॉलेज के प्रवेश द्वार के आगे एक पंक्ति में खड़े थे। इस दौरान वह अपने-अपने पक्ष में मत डालने के लिये अपने से छोटी उम्र की लड़कियों को दीदी तक कह रहे थे, तो कोई मतदान को अपने पक्ष में खींचने की कोशिश में हाथ जोड़ता भी दिखा।
चुनाव के दौरान समर्थकों में टकराव की स्थिति भी रही
छात्रसंघ चुनाव में अपने-अपने समर्थकों के पक्ष में नारेबाजी कर रहे छात्र गुटों में टकराव की स्थिति भी बनी। ऑर्यन गुट के समर्थक वोटर को अपने पाले में वोट डलवाने के लिये एक घेरा बनाकर चल रहे थे। इस पर दूसरे गुट के समर्थकों ने घेरा तोड़ना चाहा तो इस दौरान हल्की धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस बल ने भीड़ को मौक्े पर ही अलग-थलग कर मोर्चा संभाला।
नहीं रहा स्वच्छता का ध्यान
एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम चला रहे है, तो दूसरी ओर छात्रसंघ चुनाव में समर्थकों ने पोस्टर व पंपलेट से पूरी सड़कों में मानों एक चादर सी बिछा दी हांे।
चुनाव में दिखे बाहरी युवक
छात्रसंघ में भीड़ जुटाने के लिये शहर व आस-पास क्षेत्र के इंटर कॉलेजों व प्राइवेट संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी शामिल किया गया था।
शपथ-ग्रहण के बाद जुलुस का मौका दिया
सफल उम्मीदवारों को क्षेत्राधिकारी मंजूनाथ टीसी ने कॉलेज के प्रवेश द्वार से लेकर बड़ी मंडी के समीप लगे बैरिकैडिंग तक जुलुस निकालने की अनुमति दी।
उम्मीदवारों को पुलिस ने गाड़ी में बिठा, छुड़वाया घर
बैरिकैडिंग तक जुलुस निकालने के बाद सीओ मंजूनाथ टीसी के आदेश पर सभी सफल उम्मीदवारों को पुलिस की गाड़ी में बिठा कर सम्मान पूर्वक घर पहुंचाया गया।

ऑटोनॉमस कॉलेज के भौतिक के तीन छात्रों ने गेट परीक्षा उत्तीर्ण की

ऋषिकेश।
ऑटोनॉमस कॉलेज में भौतिकी विज्ञान की एसोसिएट्स प्रोफेसर डॉ. सुमिता ने बताया कि 2016 में भौतिकी से एमएससी करने वाली पूजा भट्ट, ध्रिति मौर्या और शोभित ने गेट परीक्षा उत्तीर्ण की है। पूजा भट्ट ने ऑल इडिया में 33वां स्थान पाया है। पूजा और शोभित को भारत सरकार की ओर से इंस्पायर छात्रवृति भी मिलती रही है। शोभित ने जीईएसटी परीक्षा में देश में 120वां स्थान प्राप्त किया है।
बताया कि गेट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्र राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों में सीधे एमटेक में एडमिशन ले सकते हैं। गेट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को वैज्ञानिक पद व पीएचडी के लिए सीधे साक्षात्कार में सम्मिलित होने का का मौका भी मिलेगा। डॉ. सुमिता ने बताया कि भौतिक विभाग छात्रों के लिए विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन करता आ रहा है जिसका उद्देश्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं का लाभ दिलाना है। विभाग के प्राध्यापकों के द्वारा राष्ट्रीय व अन्तर राष्ट्रीय स्तर पर शोध प्रकाशित किए जाते हैं। छात्रों को भी शोध के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
छात्रों की उपलब्धि पर प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल, विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी भट्ट, डॉ. बीपी बहुगुणा, डॉ. मृत्युजंय शर्मा, डॉ. विजेन्द्र लिंगवाल, डॉ. हेमन्त परमार ने हर्ष जताया है। वहीं, छात्रों में भी अपने सीनियर्स के गेट परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उत्साह का माहौल है।

ऑटोनॉमस कॉलेज में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम

ऋषिकेश।
जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ देहरादून की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मनोवैज्ञानिक डॉ. अनुराधा ने तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। वीडियो फिल्म दिखाकर भी छात्रों को जागरूक किया गया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से तंबाकू से शारीर को होने वाले नुकसान के बारे में समझाया गया। नाटक में रिम्पी प्रसाद, कमल सोनू, शिवम चौधरी, हिमांशु लूकर, रोहित शर्मा ने भाग लिया। इस दौरान पोस्टर प्रतियोगिता में मनविंदर कौर ने पहला, सेफाली विश्वास ने दूसरा एवं हर्ष कुमार ने तीसरा स्थान पाया। कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पुनीत चंद्रा, सामाजिक कार्यकत्री रेखा उनियाल, डीईओ अनुराग उनियाल, एनएसएस की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अंजू भट्ट, एनसीसी इंचार्ज डॉ. सतेन्द्र कुमार, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अंजना श्रीवास्तव, डॉ. दयाधर दीक्षित आदि उपस्थित थे।

ऑटोनॉमस कॉलेज में कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी

मॉडलों में नजर आयी छात्रों की रचनात्मकता

ऋषिकेश।
ऑटोनॉमस महाविद्यालय में आयोजित विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी में विभिन्न विभाग के छात्र-छात्राओं ने आकर्षक मॉडल प्रस्तुत कर अपने विचारों को उजागर किया। इस दौरान पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन में इनोवेटर्स व स्पंदन ग्रुप ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
बुधवार को बीएमएलटी संकाय में विज्ञान एवं कला वर्ग में मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिता भाग लिया। प्रदर्शनी में अब्दुल कलाम ग्रुप को जियो थर्मल एनर्जी एवं ऊं शान्ति ग्रुप को खराब वस्तुओं से घरेलू सामान बनाने की तकनीक के लिए प्रथम पुरस्कार दिया गया। वहीं स्त्रियों के रोजगार को बढ़ावा देने की तकनीक पर मॉडल तैयार करने वाले ग्रुप विजय लक्ष्मी ग्रुप ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। जबकि दूध दही मक्खन की जांच के लिए बनाई गई तकनीक पर आधारित मॉडल बनाने वाले रोशनी ग्रुप ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। 105वहीं पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन में इनोवेटर्स और स्पंदन ग्रुप ने प्रथम व श्रीदेव सुमन और कलाम ग्रुप ने द्वितीय स्थान पाया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल, डॉ. दयाधर दिक्षित, डॉ. विजय लक्ष्मी, डॉ. शकुंज राजपूत, डॉ. मृत्युंजय शर्मा आदि उपस्थित थे।

कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर हाईवे पर लगाया जाम

कॉलेज के प्रोफेसरों को अन्य स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजने से भड़के छात्रसंघ के नेता

ऋषिकेश।
मंगलवार को ऑटोनॉमस कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर हरिद्वार हाईवे पर जाम लगा दिया। छात्र नेता कॉलेज से विभिन्न विषयों के प्रोफेसरों को अन्यत्र डिग्री कॉलेजों में संबद्ध किए जाने से नाराज थे। सुबह करीब साढ़े नौ बजे करीब छात्रों ने जाम लगा दिया और कॉलेज के दोनों गेट नहीं खुलने दिए। एक घंटे तक कॉलेज के प्राचार्य सहित प्रोफेसर और कई छात्र-छात्राएं गेट के बाहर ही खड़े रहे। हंगामा काट रहे छात्रों के प्रदर्शन से हाईवे पर दोनों ओर वाहनों के पहिए थम गए। इससे सैकड़ों लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। छात्रसंघ अध्यक्ष अमित पंवार ने कहा कि ऑटोनॉमस महाविद्यालय में पहले से ही प्रोफेसरों की कमी है। ऐसे में उन्हें अन्यत्र भेजना छात्र-छात्राओं के साथ नाइंसाफी है। छात्र नेताओं ने कॉलेज प्रशासन से प्रोफेसरों की अन्यत्र संबद्धता समाप्त करवाने की मांग की। प्राचार्य के आश्वासन पर करीब एक घंटे बाद छात्र नेताओं ने जाम और महाविद्यालय के गेट खुलने दिए। इसके बाद करीब 11 बजे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई शुरू हो सकी। मौके पर छात्रसंघ उपाध्यक्ष शुभम गौड, महासचिव दीपक रावत, रेनू पंवार, शौरभ वर्मा, अमनदीप नेगी, अमित गांधी, नरेन्द्र गौतम, विपिन कुमार, आयुष नेगी, हर्ष कुमार, कार्तिक, आशीष गौरोला और अंकित कंडियाल समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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14 प्रोफेसर देंगे अन्यत्र सेवाएं
ऑटोनॉमस महाविद्यालय से रसायनविज्ञान और जंतुविज्ञान के 14 प्रोफेसरों को व्यवस्था स्वरूप पढ़ाने के लिए रुद्रप्रयाग स्थित जखोली महाविद्यालय और जोशीमठ महाविद्यालय में उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश पर संबद्ध किया गया है। जिसके तहत प्रत्येक प्रोफेसर इन कॉलेजों में 10 से 15 दिनों तक अपनी सेवाएं देंगे। लेकिन ऑटोनॉमस महाविद्यालय में पहले से ही प्रोफेसरों की भारी कमी चल रही है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को पाठ्यक्रम पूरा न होने का भय सता रहा है।

प्राध्यापकों को चेकिंग करते देख कई छात्र बैरंग ही वापस लौटे

आईकार्ड मांगे तो छात्रों में मची अफरा-तफरी
बाहरी छात्रों के चलते कॉलेज प्रशासन ने उठाया कदम

ऋषिकेश।
गुरुवार को ऑटोनॉमस कॉलेज में प्राचार्य ने प्राध्यापकों के साथ मिलकर छात्रों के आईकार्ड की जांच की। अचानक कॉलेज प्रशासन के द्वारा आईकार्ड जांचने से कॉलेज के छात्रों में हड़कंप मच गया। कुछ छात्र तो डर के चलते मुख्य गेट से ही बैरंग लौट गये। वहीं, कुछ छात्रों ने आइकार्ड नही होने की बात कही। टीम के सदस्यों ने छात्रों से कॉलेज आते समय आइकार्ड अपने साथ लाने के निर्देश दिये। गौरतलब है कि कॉलेज की दिवार बीते छह माह से क्षतिग्रस्त है। ऐसे में बाहरी लोग भी कॉलेज में आसानी से आ जा रहे है।
ऑटोनॉमस कॉलेज में छात्राओं की संख्या अधिक है। बाहरी लोगो से कॉलेज का माहौल खराब होने का खतरा बना रहता है। प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल व अन्य प्राध्यापकों ने खेल मैदान में बैठे छात्रों से क्लास की जानकारी भी ली। कई छात्र क्लास छोड़ खेल मैदान में खाली बैठे मिले। टीम ने क्लास पढ़ने को चेताया। कहाकि 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। ऐसे में छात्रों को क्लास नही छोडनी चाहिये।
105टीम ने अलग-अलग गेट व कॉलेज परिसर में लगातार दो घंटे तक अभियान जारी रखा। टीम में प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल, डॉ. वीपी अग्रवाल, डॉ. एमपी नगवाल, डॉ. अंजू भटट, डॉ. पूनम रावत आदि मौजूद थे।

ऑटोनॉमस कॉलेज को हंस कल्चरल सेंटर की सौगात

बीए, बीकॉम संकाय को पुस्तकें और फर्नीचर बांटा

ऋषिकेश।
हंस कल्चरल सेंटर ने ऑटोनॉमस कॉलेज को पाठ्य पुस्तकें और फर्नीचर की सौगात दी है। गौरतलब है कि छात्र संघ पदाधिकारियों की मांग पर पिछले वर्ष की गई घोषणा सोमवार को पूरी हो गई।
सोमवार को महाविद्यालय के रुषा हॉल में आयोजित कार्यक्रम में हंस कल्चरल सेंटर के प्रभारी प्रदीप राणा ने बीए व बीकॉम की छात्रों को पाठ्य पुस्तकें बांटी। अपनी पूर्व घोषणा के आधार पर उन्होंने ढ़ाई लाख रुपये की पुस्तकें और फर्नीचर महाविद्यालय को सौंपा। गौरतलब है कि हंस कल्चरल सेंटर द्वारा ऑटोनॉमस कॉलेज में पाठ्य पुस्तकों और फर्नीचर की कमी को देखते हुए सहयोग का वादा किया गया था।
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हंस कल्चरल सेंटर के प्रभारी प्रदीप राणा ने कहाकि गर्मी के सीजन में बीए और बीकॉम संकाय में दो वाटर कूलर भी लगाये जायेंगे। उन्होंने महाविद्यालय के विकास में आगे भी मदद का भरोसा दिलाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. दयाधर दीक्षित ने किया। छात्र संघ महासचिव दीपक रावत व पूर्व अध्यक्ष विवेक शर्मा ने हंस कल्चरल सेंटर का धन्यवाद दिया।
मौके पर विशाल सजवाण, अक्षय मल्होत्रा, विवेक तिवारी, नितिन सक्सैना, शिवम भारद्वाज, अंकित कड़ियाल, सौरभ वर्मा, रोहित राणा, सागर सिंह, विवेक बलूनी, रिषभ करनवाल, आशीष गैरोला आदि मौजूद थे।

इंस्पायर फैलोशिप से मिल रही छात्रों को बड़ी राहत

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार मेधावी छात्रों को दे रही 80 हजार सालाना की छात्रवृत्ति

ऋषिकेश।
अगर आप उत्तराखंड के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड व संस्थान से इंटरमीडिएट है और आपके अंक 80 प्रतिशत है। ऑटोनॉमस कॉलेज में अध्ययनरत है, तो आप शीघ्र ही इंस्पायर फैलोशिप के लिए आवेदन करे। इंस्पायर फैलोशिप भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से मेधावी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृति है। इसमें न्यूनतम 80 हजार रुपये प्रतिवर्ष छात्र को मिलेंगे। बशर्ते उच्च शिक्षा में भी छात्र को न्यूनतम 80 प्रतिशत अंक लाने होंगे। इसके पीछे एक मकसद छात्र के अंक प्रतिशत को बरकरार रखना भी है।
इंस्पायर फैलोशिप को बीए, एमए व पीएचडी अध्यनरत छात्र भी आवेदन कर सकते है। 113ऑटोनॉमस कॉलेज के 22 मेधावी छात्रों ने फैलोशिप के लिए आवेदन भी कर दिया है, जिसमें एक पीएचडी का छात्र भी शामिल है। प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल ने बताया जिन छात्रों के 80 प्रतिशत अंक है, वह किसी भी कार्य दिवस में मुझसे संपर्क कर सकते है। बताया कि विश्वविद्यालयों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित सेमिनार व कार्यक्रमों में भी इन छात्रों को बुलाया जाता है। नए आइडिया डेवलप करने पर छात्रों को प्रोत्साहन भी मिलता है।

विचारों से चुनें आर्थिक तरक्की का रास्ता

यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने छात्रों को दिए सफलता का टिप्स
ऑटोनॉमस कॉलेज में बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन

ऋषिकेश।
ऑटोनॉमस कॉलेज में शुक्रवार को बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने छात्रों को बौद्धिक संपदा की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विचारों से आर्थिक तरक्की का रास्ता चुनने की सीख दी।

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उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल, प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल और बीएससी एमएलटी विभाग के समन्वयक डॉ. गुलशन ढींगरा ने दीप जलाकर कार्यशाला का शुभारंभ किया। कांफ्रेंस हॉल में आयोजित कार्यशाला में डॉ. डोभाल ने कहा कि वर्तमान समय में आर्थिक प्रगति पाने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार की जानकारी होनी जरूरी है। उन्होंने छात्रों को खोज, रचना और अविष्कार का पेटेंट कराने की सलाह दी। उन्होंने उदाहरण दिया कि एमपी थ्री गाने पेटेंट से मिलने वाली धनराशि से एक विश्वविद्यालय चल रहा है। कहा कि भारत विश्व में युवा शक्ति के संपन्न देश है। हमें अपनी बौद्धिक संपदा का सदुपयोग करना चाहिए। ताकि इससे हम आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। डॉ. डोभाल ने कहा कि दैनिक जीवन में हमें वस्तुओं का उपयोग करने पर अप्रत्यक्ष रूप से पेटेंट का शुल्क भरना पड़ता है। एक मोबाइल में 200 चीजों का पेटेंट इस्तेमाल होता है। ऐसे में इन सभी शुल्क भी मोबाइल खरीदने के साथ वहन करते हैं।

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यूकोस्ट की वैज्ञानिक डॉ. अंजू रावत ने ट्रेडमार्क और पेटेंट के नियमों और सीमाओं के विषय में बताया। छात्रों के सवालों का जवाब दिया। वैज्ञानिक आकांक्षा चंदोला ने कॉपीराइट पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हमारी मौलिक रचनाओं पर हमारा कॉपीराइट है। वैज्ञानिक हिमांशु गोयल ने पेटेंट की प्रकिया समझायी। संचालन डॉ. पूजा कुकरेती ने किया। डॉ. दयाधर दीक्षित ने अतिथियों का धन्यवाद दिया। इस मौके पर डॉ. डीपी भट्ट, डॉ. विनोद प्रकाश अग्रवाल, डॉ. वीएन गुप्ता, डॉ. वंदना शर्मा, डॉ. सुमिता श्रीवास्तव, डॉ. विजयलक्ष्मी आदि उपस्थित थे।