चारधाम यात्रा शुरु, तीर्थयात्रियों के साथ ही कारेाबारियों के खिले चेहरे

केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चार धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेश में यात्रा का श्रीगणेश हो गया। पहले दिन बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री धाम में 700 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यात्रा शुरू होने से श्रद्धालुओं में उत्साह है तो दूसरी ओर, चारधाम रूट के पर्यटन और परिवहन कारोबारी भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए दोपहर 12 बजे तक 352 तीर्थयात्री प्रस्थान कर चुके थे। केदारधाम में प्रतिदिन 800 लोगों को ही जाने की अनुमति दी गई है।
देवस्थानम बोर्ड के अनुसार, केदारनाथ में गर्भ गृह में भी व्यवस्थाएं बहाल कर दी गई हैं। गर्भ गृह में किसी को प्रवेश की अनुमति नही हैं। सभी यात्रियों को सभा मंडप से ही दर्शन की अनुमति दी गई है। बदरीनाथ में ब्रह़्म मुर्हुत में भगवान बदरी विशाल का पूजन अभिषेक शुरू हुआ। मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने नियमानुसार भगवान का स्नान, श्रृंगार, अभिषेक किया। धर्माधिकारी भुवन उनियाल अपर धर्माधिकारियों ने वेद ऋचाओं का वाचन किया। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश किया। दोपहर तक 250 श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर चुके थे। अभी सिलसिला जारी है। उधर, उत्तरकाशी में दोपहर तक गंगोत्री धाम में 73 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं ने मां यमुना की पूजा अर्चना की। दोनों धामों में शाम तक 302 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना की।

कोविड जांच के लिए सख्त इंतजाम
भगवान बदरीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य जांच के लिये जिले के प्रवेश द्वार गौचर, मोहन खाल, मेहलचौरी से ही बैरियर पर कोविड जांच की व्यवस्था की गई है। पांडुकेश्वर में भी कोविड जांच यात्रियों की जांच हो रही है । हेमकुंड जाने वाले यात्रियों की भी कोविड जांच की जा रही है। बदरीनाथ आने वाले यात्रियों कोविड प्रपत्रों की जांच देवदर्शनी में भी हो रही है। उधर,केदारनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले महाराष्ट्र, केरल और आंध्रप्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए सोनप्रयाग में आरटीपीसीआर कोविड टेस्ट की अलग से व्यवस्था की है।

चारधाम यात्राः विजयादशमी के मौके पर धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित

उत्तराखंड के चारधाम यानी (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) के कपाट शीतकाल में किस तिथि को बंद होंगे। इसका ऐलान आज किया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को तीसरे पहर तीन बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। इसी तरह गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को दोपहर 12.35 मिनट पर बंद होंगे। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर 16 नवंबर को प्रातः 8.30 बजे बंद होंगे। साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट 16 नवंबर और गंगोत्री के कपाट अन्नकूट पर्व पर 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे।

अंबानी परिवार ने बढ़ाया हाथ, देवस्थानम बोर्ड के लिए किए पांच करोड़ रूपये अनुदान

उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे मुकेश अंबानी ने पांच करोड़ रूपये का दान उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम एवं प्रबंधन बोर्ड के लिए किया है। इससे 650 कर्मचारियों का वेतन में समस्या नहीं आड़े नहीं आएगी।

बता दें कि प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मगर, कोरोना के चलते इस वर्ष कुल 60 हजार के करीब श्रद्धालु आए। इस कम संख्या का असर सीधे बोर्ड के राजस्व पर भी पड़ा है। इन मुश्किल हालात में अंबानी परिवार से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को मिले पांच करोड़ को बड़ी राहत माना जा रहा है।

बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह के अनुरोध पर अनंत अंबानी ने देवस्थानम बोर्ड को पांच करोड़ दिए। अनंत अंबानी पूर्व में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं। बीडी सिंह ने बताया कि मुकेश अंबानी सहित पूरे अंबानी परिवार की श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ सहित चारों धामों में अपार आस्था है।

बोर्ड कर्मचारियों ने उद्योगपति अनंत अंबानी सहित प्रदेश सरकार, देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन तथा अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह का आभार व्यक्त किया है

दूसरे दिन 600 ई-पास जारी, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में स्क्रीनिंग के बाद मिल रहा प्रवेश

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने प्रदेश के लोगों के लिए चार धाम यात्रा का आगाज कर दिया गया है। इस क्रम में दूसरे दिन उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट से 600 लोगों ने ई पास बुक कराए। इसमें बदरीनाथ धाम के लिए 216, केदारनाथ धाम के लिए 280, गंगोत्री 56 और यमुनोत्री धाम को 48 लोगों ने ई पास बुक कराये हैं।

उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमन रविनाथन ने बताया कि थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजेशन के पश्चात ही मंदिरों में तीर्थ यात्रियों को प्रवेश दिया जा रहा है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है मंदिर में मूर्तियों को छूना, प्रसाद वितरण पर रोक है तथा घंटियों को पहले ही कपड़ो से ढका गया है। देवस्थानम बोर्ड के यात्रा मार्गो पर यात्री विश्राम गृहों को यात्रियों के आवासीय प्रयोजन हेतु खोला जा चुका है। तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके। यह कोशिश रहे कि दर्शन के पश्चात तीर्थ यात्री निकटवर्ती स्टेशनों तक वापस आ जाये।

प्रदेश सरकार का प्रयास है कि चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थ यात्रियों की आमद हो ताकि पर्यटन एवं तीर्थाटन को गति मिल सके। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा कल तथा आज दो दिन में 1022 ई पास जारी किये जा चुके हैं। देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि ब्यवस्थाओं हेतु जिला प्रशासनों से भी समन्वय स्थापित है। 11 जून से 1 जुलाई तक 1419 तीर्थ यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। जिसमें 943 बद्रीनाथ 135, केदारनाथ, 341 गंगोत्री पहुंचे हैं।

धनिष्ठा नक्षत्र में सुबह साढ़े चार बजे खुले बदरीनाथ धाम के कपाट

शुक्रवार सुबह विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद सुबह 4.30 बजे धनिष्ठा नक्षत्र में बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन मे मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु, हकहकूकधारियो सहित केवल 11 लोग ही शामिल हुए।

भगवान बदरी विशाल के गर्भ गृह के द्वार खुलते ही सबसे पहले बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने गर्भ गृह में सबसे पहले प्रवेश किया। शीतकाल में जिस ऊनी घृत कम्बल को भगवान ओढ़ाया गया था उसे रावल जी ने श्रद्धा पूर्वक निकाला। इसके बाद रावल ने पवित्र जलों से भगवान का स्नान करवाया और भव्य अभिषेक किया। इस दौराना सभा मंडप में धर्माधिकारी और अपर धर्माधिकारी वेद पाठी मंत्रोच्चार करते रहे।

मंदिर परिसर को किया सैनिटाइज
कपाट खोलने से पहले बदरीनाथ सिंह द्वार, मंदिर परिसर, परिक्रमा स्थल, तप्त कुंड के साथ ही विभिन्न स्थानों को सैनिटाइज किया गया। योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में कुबेर जी, उद्धव जी और गरुड़ जी की विशेष पूजाएं हुईं। हक-हकूकधारियों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भगवान श्री बदरीनाथ की पूजा अर्चना की और पुष्प अर्पित किए। 

ऋषिकेश पुष्प सेवा समिति ने सजाया बदरीनाथ मंदिर
बदरीनाथ धाम को 10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से मंदिर को सजाया गया। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से मंदिर को सजाया गया है।

चारों धामों को श्राइन बोर्ड से जोड़ने पर गाडू घड़ा का होगा विरोध

राज्य सरकार के राज्य के चारों धामों को श्राइन बोर्ड (देवस्थानम अधिनियम) से जोड़ने के फैसले का देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी का विरोध करेगी। तीर्थ पुरोहितों ने बैठक कर गाडू घड़ा यात्रा का पूर्ण रूप से विरोध दर्ज करने का निर्णय लिया है।

रविवार को हरिद्वार रोड स्थित भगवान भवन आश्रम में देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत की बैठक आयोजित की गई। बैठक में महा पंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि गाडू घड़ा यात्रा के आयोजन का पंचायत पूर्ण रूप से विरोध करेगी। इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में देश के प्रमुख संतों के सानिध्य में अखिल भारतीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। संयोजक सुरेश सेमवाल ने बताया कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में देवस्थानम अधिनियम के विरोध में अखिल भारतीय महापंचायत का आयोजन हरिद्वार में किया जाएगा। इसके अलावा महापंचायत का प्रतिनिधिमंडल प्रयागराज में देश के चारों पीठों के शंकराचार्य, अखाड़ा परिषद, भारत साधु समाज के अलावा अन्य सभी धार्मिक संगठनों के लोगों से मिलेगा। बैठक में महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी, महेश सेमवाल, आलोक सेमवाल, जगमोहन उनियाल, विनोद शुक्ला, उमेश सती, सतेंद्र सेमवाल, डा. बृजेश सती आदि मौजूद रहे।

मौसम विभाग का अलर्ट, तेज आंधी के आसार

अगले 12 घंटों के दौरान प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश होने का अनुमान है। पहाड़ी इलाकों में ओले गिरने और तेज बौछारें पड़ने के आसार हैं। मैदानी इलाकों में 70 किमी की गति से आंधी चल सकती है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार बुधवार से 12 घंटे तक प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाये रहने का अनुमान है। अधिकांश इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश की भी संभावना है। पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश की संभावना ज्यादा है। राज्य के लगभग सभी पहाड़ी इलाकों में बारिश होगी।
कुछ इलाकों में ओले भी गिर सकते हैं। दूसरी ओर मैदानी इलाकों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से आंधी चलेगी। आंधी की अधिकतम रफ्तार 70 किमी प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।

बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब की चोटियों पर हुई बर्फबारी
राजधानी दून में बादल छाये रहने का अनुमान है। दिनभर में कुछ दौर की बारिश और तेज रफ्तार आंधी चल सकती है। मौसम केंद्र के अनुसार अगले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की कमी हो सकती है। इससे अधिकतम तापमान सामान्य से कम हो जाएगा।
बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की ऊंची चोटियों पर मंगलवार को तड़के बर्फबारी हुई। जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश होने से मौसम में ठंडक आ गई है। सोमवार को देर रात बारिश शुरु हो गई थी, जो मंगलवार को सुबह पांच बजे थमी। बदरीनाथ धाम में भी बारिश होने से ठंड बढ़ गई है। मौसम में आए परिवर्तन से स्थानीय लोगों के साथ ही तीर्थयात्रियों को गरमी से राहत मिल गई है।
बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना निर्माण से उड़ रही धूल भी फिलहाल थम गई है। मंगलवार को दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। हालांकि शाम पांच बजे धूप खिलने के साथ ही मौसम सामान्य हो गया।