मनमाने पैसे नही देने पर किन्नर ने प्रसूता के पेट में मारी लात

कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत बनखंडी में सोमवार की दोपहर बधाई के बदले इनाम ना देने पर एक किन्नर ने प्रसूता के पेट में लात मार दी। गुस्साए स्थानीय नागरिकों ने किन्नर की जमकर धुनाई की। मामला कोतवाली पहुंचा, जहां किन्नरों की ओर से माफी मांगने के बाद मामला शांत हुआ।
बनखंडी कुएं वाली गली ऋषिकेश निवासी विपिन सैनी ने बताया कि उनकी पत्नी ने शिशु को जन्म दिया है। आपरेशन के बाद वह अपनी पति पत्नी और नवजात को बीते रोज घर लेकर आए थे। सोमवार की सुबह वह अपने काम पर चले गए। दोपहर करीब 12 बजे किन्नरों की टोली उनके घर पहुंची और बधाई के बदले 51 हजार रुपए मांगे।
विपिन सैनी के मुताबिक चिकित्सालय में पहले ही काफी खर्च हो चुका था। इसलिए उनकी पत्नी ने इतनी बड़ी धनराशि देने में असमर्थता जताई। जिस पर वहां मौजूद किन्नर विवाद करने लगे। विवाद के दौरान ही एक किन्नर ने उनकी पत्नी के पेट पर लात मार दी। पत्नी ने फोन करके उन्हें मामले की जानकारी दी, जिस पर वह घर पहुंचे। वह इनाम के तौर पर 51 सौ रुपया देने को तैयार थे। इस बीच वहां मौजूद गुस्साए लोग ने महिला के पेट में लात मारने वाले किन्नर की जमकर धुनाई कर दी और इन सभी को लेकर कोतवाली पहुंच गए।
कोतवाली में किन्नरों की ओर से विपिन सैनी और महिला से माफी मांगी गई। जिसके बाद मामला शांत हुआ। कोतवाली में दिवस अधिकारी उप निरीक्षक शिव प्रसाद डबराल ने बताया कि दोनों पक्ष कोतवाली आए थे। मामले की लिखित शिकायत नहीं दी गई। कोतवाली के बाहर ही दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया।

बनखंडी से सटे पुराने रेलवे स्टेशन पर लगे रेलवे प्रशासन मुर्दाबाद के नारे

बनखंडी निवासी प्रदीप पाल की पुराने रेलवे स्टेशन की नई सड़क के बीचोंबीच रखे ट्रांसफार्मर से टकराकर मौत मामले में आज डीआरएम मुरादाबाद ने अजीबोगरीब बयान दिया। उनके बयान के बाद मृतक के परिजनों ने जोरदार हंगामा किया। यह बयान डीआरएम की ओर से योगनगरी रेलवे स्टेशन पर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने पुराने रेलवे स्टेशन पर जीएम की गाड़ी रोककर रेलवे प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों से हल्का बल प्रयोग किया और किसी तरह जीएम के वाहन को रवाना कराया।

दरअसल, योगनगरी रेलवे स्टेशन पर उत्तरी रेलवे के जीएम आज पहुंचे। सूचना पाकर बनखंडी निवासी मृत प्रदीप की पत्नी संगीता पाल, मां विमला देवी, बहन विजय लक्ष्मी, स्थानीय पार्षद लता तिवाड़ी, पूर्व सभासद हरीश तिवाड़ी, भाजपा नेता ज्योति सजवाण भी पहुंचे और जीएम से मृतक आश्रितों को उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही।

इसी बीच मौके पर मौजूद डीआरएम मुरादाबाद ने यह कह दिया कि सड़क पर हादसे तो होते रहते हैं। इसमें रेलवे की क्या गलती है, वह इसमें क्या कर सकता है। बस फिर क्या था, उनके इस बयान के बाद विवाद हो गया। हालांकि नए रेलवे स्टेशन पर विवाद ने ज्यादा तूल नहीं पकड़ा। इसके बाद पुराने रेलवे स्टेशन पर मृतक के परिजन और आसपास के लोग पहुंचे और डीआरएम के खिलाफ नारेबाजी की। यहां जीएम उत्तरी रेलवे अपने वाहन से जाने लगे तो गुस्साए मृतक के परिजनों ने उनकी कार रोक ली। यहां तक की एक महिला उनकी कार के आगे तक खड़ी हो गई। रेलवे पुलिस ने किसी तरह स्थिति को काबू किया।

26 अक्टूबर की रात घटी थी घटना
बनखंडी निवासी प्रदीप पाल 26 अक्तूबर की रात रेलवे की नई सड़क के बीच रखे ट्रांसफार्मर की चपेट में आ गए थे। इससे उनकी मौत हो गई थी। परिजनों व स्थानीय लोगों ने मृतक की मौत का जिम्मेदार रेलवे प्रशासन को ठहराया था। उक्त मामले में परिजनों की ओर से रेलवे के तीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है।

ट्रांसफार्मर से हुई भाजपा नेता के भाई की मौत मामले में मुकदमा दर्ज

भाजपा नेता सुभाष पाल के भाई प्रदीप पाल की मौत मामले में कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने अज्ञात रेलवे अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस में आईपीसी की धारा 304 ए में मुकदमा दर्ज किया हैं। वहीं, कोतवाल रितेश शाह ने मामले की विवेचना सब इंस्पेक्टर अरूण त्यागी को सौंपी है।

बता दें कि बीते 25 अक्टूबर की रात भाजपा नेता सुभाष पाल के 38 वर्षीय छोटे भाई प्रदीप पाल पुत्र चंद्रभान की पुराना रेलवे स्टेशन के पास सड़क के बीचों बीच बने ट्रांसफार्मर से टकराकर मौत हो गई। प्रदीप पाल ढालवाला से काम कर अपने बनखंडी स्थित घर लौट रहे थे। घटना उक्त तिथि को रात्रि करीब नौ बजे के आसपास घटी थी। घटना स्थल पर पथ प्रकाश की व्यवस्था तक नहीं थी। मौत को रेलवे की लापरवाही बता कर पीड़ित पक्ष ने कोतवाली में रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।

क्या है आईपीसी की धारा 304 ए

उच्चतम न्यायालय ने आईपीसी की धारा 304 ए के तहत लापरवाही से मौत के मामले में अधिकतम सजा को एकदम अपर्याप्त करार दिया है। इस धारा के तहत अपराध के लिए अधिकतम दो साल के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। इस मामले में यदि आरोपी पर आरोप सिद्ध हो जाता है तो उसे दो साल की जेल या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।