सभी विभागों को सितम्बर माह तक 50 प्रतिशत पूंजीगत परिव्यय के लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव आनंदवर्धन ने सभी विभागों को पूँजीगत परिव्यय में वृद्धि के निर्देश दिए हैं। एसीएस ने राज्य सरकार के सभी विभागों को सितम्बर माह तक 50 प्रतिशत व्यय के लक्ष्य को पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूँजीगत परिव्यय की नियमित समीक्षा की जाएगी। सचिवालय में पूँजीगत परिव्यय की समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने कृषि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पशुपालन विभाग, राज्य सम्पति विभाग, आपदा प्रबन्धन विभाग, न्याय विभाग, मत्सय पालन विभाग, पंचायती राज विभाग, गन्ना विकास विभाग, राजस्व विभाग, कोषागार, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, वित्त विभाग तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग तथा पुलिस एवं कारागार विभाग के पूंजी परिव्यय तथा पूँजीगत योजनाओं की समीक्षा की। इसके साथ ही एसीएस ने विभिन्न विभागों में केन्द्र पोषित योजनाओं (सीएसएस), ईएपी तथा नाबार्ड पोषित योजनाओं के पूंजीगत परिव्यय की भी समीक्षा की।
एसीएस ने सचिव वित्त को निर्देश दिए की जिन विभागों का अपने बजट प्रावधान के सापेक्ष शून्य प्रतिशत जारी राशि तथा परिव्यय रहा है उनकों शीघ्र कार्यवाही हेतु पत्र भेजे जाए। एसीएस ने सभी विभागों को अपने रिलीज बजट तथा परिव्यय का प्रतिमाह का लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव वित्त दिलीप जावलकर, सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव पशुपालन डा0 बी वी आर सी पुरूषोतम तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

विजेताओं के पुरस्कार पाकर खिले चेहरे, सरकार की पहल को बताया सराहनीय

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बिल लाओ, इनाम पाओ योजना के प्रथम व द्वितीय लकी ड्रा के विजेताओं को मोबाइल फोन, स्मार्ट वाच, एयर बड्स वितरित किये। इस दौरान सबसे ज्यादा बिल अपलोड करने वालों को भी सराहा गया। इस मौके पर विजेताओं ने सरकार की जीएसटी बिल जागरूकता को लेकर की जा रही इस योजना की प्रशंसा की।
रिंग रोड स्थित राज्य कर मुख्यालय में बिल लाओ इनाम पाओ योजना के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान करीब 100 लोगों को मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने पुरस्कार देकर शुभकामनाएं दी और आगे भी इसी तरह सामान खरीदने के बाद बिल लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जीएसटी की चोरी ना करने वाले व्यापारियों और राज्य कर विभाग के अधिकारियों को भी जल्द सम्मानित करेंगे।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि अब तक 18,655 उपभोक्ता पंजीकृत हुये हैं, जिनके द्वारा 28,893 बिल अपलोड किये गये हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के भीतर इस योजना को लेकर जागरूकता बढ़ी है, उन्होंने कहा कि विजेताओं को पुरस्कार देने के बाद इसमें और बढ़ोतरी होगी।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि पंजीकृत उपभोक्ताओं में सर्वाधिक बिल अपलोड करने वालों में हरी राम टम्टा 91 बिल, साहिल शाह 83 बिल, हर्षित पाण्डे 82 बिल, राजन सिंह के 77 बिल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विक्रेता व्यापारियों में से रिलायंस रिटेल लि0 के 1664 बिल, अशोक अनिल इन्टरप्राइसेस के 1166 बिल, एयर प्लाजा रिटेल होलडिंग प्रा.लि. के 916 बिल अपलोड किये गये हैं।
इस अवसर पर डॉ. अहमद इकबाल, आयुक्त राज्य कर, आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त (विशेष वेतनमान) राज्य कर, अनिल सिंह, अपर आयुक्त राज्य कर, अमित गुप्ता, अपर आयुक्त राज्य कर, राकेश वर्मा, संयुक्त आयुक्त राज्य कर, डॉ0 सुनीता पाण्डेय, संयुक्त आयुक्त राज्य कर, प्रवीण गुप्ता, संयुक्त आयुक्त राज्य कर, अनुराग मिश्रा, संयुक्त आयुक्त राज्य कर, एसएस तिरुवा, उपायुक्त राज्य कर सहित अन्य विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।

’राजस्व में हुई वृद्धि’
वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि गत वर्ष 2021-22 (माह जनवरी तक) रुपए 4625 करोड़ राजस्व की तुलना में संगत वर्ष 2022-23 (माह जनवरी तक) में रुपए 6236 करोड़ राजस्व प्राप्त किया गया है, जो कि लगभग 35 प्रतिशत अधिक है। माह जनवरी, 2022 में प्राप्त राजस्व रुपए 526 करोड़ की तुलना में माह जनवरी, 2023 में प्राप्त राजस्व रुपए 640 करोड़ है, जो कि लगभग 22 प्रतिशत अधिक है।

’पुरस्कार के लिए इन नंबरों पर करें संपर्क’
वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विजेताओं को पुरस्कार प्राप्ति के सम्बन्ध में कोई भी सहायता तथा जानकारी हेतु विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1800-120-122-277, 7618111270 तथा 7618111271 जारी किया गया है, जिस पर पुरस्कार प्राप्ति के सम्बन्ध में किसी भी समस्या के निराकरण के प्रयोजन से संपर्क किया जा सकता है।

सीएस ने आंवटित बजट को कम खर्च करने पर जताई नाराजगी

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सभी विभागों को आवंटित बजट व्यय के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने विभागों द्वारा खर्च की मॉनिटरिंग के लिए परफोर्मा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो सके इसके लिए पाक्षिक रिपोर्ट विभागों द्वारा इस परफोर्मा में ली जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभाग आवंटित बजट को 31 मार्च, 2023 तक 100 प्रतिशत खर्च करने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि विभागों की पुरानी देयताओं अथवा अच्छे प्रस्ताव आने पर पूर्व में स्वीकृत बजट से अधिक भी स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समय बचाने के लिए विभागों द्वारा जो काम होने ही होने हैं, उनके टेंडर लगा लिए जाएं, कहा कि प्रोजेक्ट सेंक्शन होने उपरान्त ही अवार्ड किए जाएंगे। उन्होंने सभी सचिवों को अपने विभाग के प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रस्तावों में देरी न हो इसके लिए प्रस्ताव से पूर्व सभी प्रकार की औपचारिकताओं को पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं उद्यान विभाग को अपनी सभी प्रकार की छोटी-बड़ी योजनाओं पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। कहा कि इन विभागों की छोटी-बड़ी योजनाएं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सबसे ज्यादा उपयोगी हैं।
मुख्य सचिव ने नाबार्ड से सम्बन्धित योजनाओं के लिए भी सभी विभागों को प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वीकृति हेतु प्रस्तावों को अनावश्यक रूप से अपने उच्चस्थ अधिकारियों को फॉवर्ड करने की टेंडेंसी को समाप्त करने की आवश्यकता है। कितने बजट के लिए किस स्तर तक फाईल का जाना है, यह पूर्व से ही निर्धारित है। किसी प्रकार के कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए उन्होंने वित्त विभाग को इसके लिए सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, हरि चन्द्र सेमवाल सहित सभी विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

बजटः तीसरे मंडल के रूप में गैरसैंण को मिली नई पहचान, चार जिले, कमिश्नरी सहित एक डीआईजी होंगे तैनात

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण-गैरसैंण में आज 57 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमने उत्तराखंड स्थापना के बीस साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर मैं सभी सेना के जवानों, पुलिस के जवानों, कोरोना योद्धाओं और जनता को शुभकामना देता हूं। इसके बाद उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने गैरसेंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा भी की। गैरसेंण कमिश्नरी में चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा व बागेश्वर जिले शामिल होंगे। बजट में निम्न प्राविधान किए गए हैं-

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के संचालन के लिए 150 करोड़ का प्रावधान है। चिकित्सा एवं परिवार कल्याण हेतु 3319 करोड़ 63 लाख रुपए का प्रावधान है।

पलायन रोकथाम योजना के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रावधान
बजट में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और राज्य सेक्टर के अन्तर्गत इस आय व्यय में पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 49 करोड़ 86 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन के लिए 954 करोड़ 75 लाख रुपये और भूमि क्रय के लिए 129 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, मुजफ्फरनगर रेल लाइन निर्माण परियोजना के लिए 70 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है।

रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से कार्य किया। आज पेश हुए 57 हजार 400 करोड़ रुपये के बजट में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है।

कुल 57400.32 करोड़ का व्यय अनुमानित
वर्ष 2021-22 में कुल 57400.32 करोड़ का व्यय अनुमानित है। इसमें कुल व्यय में 44036.31 करोड़ राजस्व लेखे का व्यय और 13364.01 करोड़ पूंजी लेखे का व्यय अनुमानित है।

परिसंपत्तियों पर निवेश को हमारी सरकार ने जरूरी समझा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के विकास के लिए परिसंपत्तियों पर निवेश को हमारी सरकार ने जरूरी समझा। कहा कि कृषि के जुड़ी समस्याओं और सभी प्रश्नों को समझने का प्रयास किया गया।

गैरसैंण के विकास के लिए कई कार्य तथा घोषणाएं की गई जिनमें आगामी दस वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से समूचे राजधानी क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने हेतु एक बड़ी योजना बनाने पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण में की तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं
-गैरसैंण को बनाया राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी)। चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को किया शामिल।
-भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में होगी टाउन प्लानर की की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू
-नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने की 1-1 करोड़ धन राशि की घोषणा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में बजट पेश करने के दौरान कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की।

➡️गैरसैंण को उत्तराखण्ड में एक नई कमिश्नरी बनाया जायेगा। इसमें चमोली, रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को शामिल किया जायेगा। गैरसैंण कमिश्नरी में कमिश्नर एवं डीआईजी की नियुक्ति की जायेगी।

➡️नई बनाई गई नगर पंचायतों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 01-01 करोड़ रूपये दिये जायेंगे।

➡️भराड़ीसैंण (गैरसैंण) ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के नियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान का टेंडर एक माह के भीतर किया जाएगा।

➡️गैरसैंण ग्रीष्माकालीन राजधानी परिक्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की जायेगी।

➡️गैरसैंण ग्रीष्माकालीन राजधानी परिक्षेत्र में 20 हजार फलदार पेड़ लगाये जायेंगे।

➡️राज्य के प्रत्येक महाविद्यालयों को 20-20 कम्यूटर दिये जायेंगे।

जानिए त्रिवेन्द्र सरकार के बजट में किसको क्या मिला

त्रिवेंद्र रावत की सरकार ने बजट में राजस्व बढ़ाने के प्रयास किये है। जैविक खेती और किसानों की आय दोगुनी करने के वायदे को सरकार ने बजट के माध्यम से आगे बढाया है। पर्यटन में सरकार को केंद्र से खासी मदद मिलती रही है। इस सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए एडवेंचर टूरिज्म विभाग खोलने की तैयारी में है। इससे जुड़ी नई योजनाएं त्रिवेंद्र सिंह रावत के बजट में हैं।

विधेयक जो अधिनियम बन गए
– वर्ष 2019-20 का बजट
– माल एवं सेवा कर संशोधन अधिनियम
– उत्तराखंड शारीरिक रूप से विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रित और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण अधिनियम
– उत्तराखंड मंत्री वेतन, वेतन, भत्ता 2019 अधिनियम
– उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद संशोधन अधिनियम
– उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम
– उत्तराखंड भूतपूर्व मुख्यमंत्री आवासीय एवं अन्य सुविधाएं
– उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम
– उत्तराखंड जैविक कृषि अधिनियम
– उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन अधिनियम
– कृषि उत्पाद मंडी संशोधन अधिनियम
– फल पौधशाला अधिनियम

सदन में पेश हुए ये विधेयक
– संयुक्त प्रांत आबकारी अधिनियम 1910 संशोधन विधेयक
– यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रुड़की विधेयक
– उत्तराखंड-उत्तरप्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 संशोधन अधिनियम (संशोधन विधेयक)
– उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1959 संशोधन अधिनियम (संशोधन विधेयक)
– उत्तराखंड साक्षी संरक्षण विधेयक
– उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक
– उच्च शिक्षा परिषद अधिनियम, 1995 संशोधन विधेयक
– उत्तराखंड उपकर संशोधन विधेयक
– ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक

किस मद के लिए कितना बजट…
राजस्व प्राप्तियां- 42439.33 करोड़ रुपये
कर्मचारियों के वेतन, भत्तों पर खर्च- 14673.96 करोड़
योजनाओं के लिए बजट- 11137.30 करोड़
घाटे को पूरा किया 460 करोड़ रुपये,पब्लिक अकाउंट से लेकर राजस्व घाटा पूरा

रिवर्स पलायन- 18 करोड़ रुपये
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन- 76 करोड़
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना- 53 करेड़
गन्ना भुगतान- 240 करोड़
पैक्स कम्प्यूटराइजेशन- 10 करोड़
पशुपालन- 414.35 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना- 20 करोड़ रुपये

बुनियादी ढांचा
मुजफ्फरनगर रुड़की रेल मार्ग- 70 करोड़
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- 1072 करोड़
सौंग पेयजल बांध परियोजना- 130 करोड़
नाबार्ड के सहयोग से पेयजल की 22 नई योजनाओं के लिए 190 करोड़

स्मार्ट सिटी-123 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी- 95 करोड़
शहरी विकास एडीबी योजना- 103 करेड़
राज्य वित्त आयोग से शहरी निकायों के लिएरू774.24 करोड़
जिला योजना के तहत 665 करोड़

स्वास्थ्य
हैल्थ एवं वेलनेस सेंटर- 380.50 करोड़
मेडिकल कालेज हल्द्वानी एवं संबद्ध अस्पताल- 110 करोड़
दून मेडिकल कालेज- 96.79 करोड़

समाज कल्याण
आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण- 48.60 करोड़
नंदा गौरा योजना- 80 करोड़
बाल पोषण योजना- 25 करोड़

विद्यालयी शिक्षा- 7867.99 करोड़
एअरोस्पेसे व रक्षा उद्योग- 50 करोड़
एमएसएमई सहायता योजना- 35 करोड़
वनों को आग से बचाने के लिए- 19.92 करोड़
जायका- 110 करोड़

होम स्टे- 11.50 करोड़
पर्यटन विकास बाह्य सहायता- 119 करोड़

सड़क सुरक्षा कोष- 06 करोड़
लोक निर्माण विभाग को सड़क सुरक्षा के लिए- 7 करोड़

जौलीग्रांट विस्तार- 295 करोड़
खेल एवं युवा कल्याण- 239.94
राष्ट्रीय खेल- 90 करोड़
विश्व बैँक की नई योजना- 315 करोड़

2019-20 में जीडीपी की रैंकिंग में उत्तराखंड को दूसरा स्थान
-केदारनाथ में 32 लाख श्रद्धालु आए

बजट के प्रावधान
-जमरानी बांध के अंतर्गत आ रहे लोगों के पुनर्वास के लिए 220 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-हर घर नल से जल के लिए 134 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
-हरिपुरा और तुमड़िया जलाशय के लिए पावर प्रोजेक्ट पर 20-21 में काम शुरू हो जाएगा।
-जंगली जानवरों द्वारा किए गए नुकसान प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल।
-गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित।
-मंडुवा, उड़द, गहत, मसूर, आदि के लिए लिए कृषि उत्पादन सर्वेक्षण योजना
-कौशल विकास के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा।
-युवाओं को हुनर विशेष सिखाने लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना के तहत निश्चित राशि दी जाएगी।
-राज्य के 67 गांवों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य।
-2021 में 3063 शिक्षा विभाग में नियुक्तियां की जाएगी।
-बाल विकास में 1224 कर्मियों की भर्ती की जाएगी।
-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 76 करोड़ की धनराशि का प्रावधान
-निवेशक सम्मेलन में 22 हजार करोड़ की पूंजी निवेश से 57314 रोजगार के अवसर मिलेंगे।
-विदेशों में बसे लोगों को निवेश से जोड़ने के लिए अलग से विभाग बनेगा।
-पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 2174 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की गई है।
-रबी खरीफ के लिए 23 करोड़ा का प्रावधान किया गया है।
-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 53 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित
-मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकनाइजेशन के तहत 500 फार्म मशीनरी बैंक, 800 कस्टम हायरिंग
सिस्टम स्थापित होंगे।
-किसानों के अवशेष गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 240 करोड़
की धनराशि की व्यवस्था।
-राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के लिए 100 करोड़ की धनराशि।
-दुग्ध सहकारिताओं के विकास के लिए 444.62 करोड़ का प्रावधान।
-सहकारी समिति में कंप्यूटराइजेशन के लिए 10 करोड़ का प्रावधान।
-दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान योजना के तहत 27 करोड़ का प्रावधान।

नई योजनाएं
– हल्द्वानी-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के लिए हेली सेवा शुरू की जाएगी।
-दिव्यांग, वृद्धावस्था, विधवा पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये प्रतिमाह करा दी गई है।
-स्कूलों में 3 लाख से अधिक छात्रों को फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा।
-सबके लिए स्वास्थ्य- शीघ्र ही 314 डाक्टरों के पदों को भरने के लिए चिकित्सक चयन आयोग
बना लिया जाएगा।
-जायका परियोजना (वन पंचायतों के वन आवरण में वृद्धि, वनों के निक टवर्ती गांववालों की
-आजीविका में सुधार तथा वनों पर निर्भरता कम करने के लिए 110 करोड़ का प्रावधान।
-ईको टूरिज्म नीति जल्द लागू होगी।
-वीरचंद्र गढ़वाली योजना के लिए 17.50 करोड़ प्रावधान।
-पशुपालन विभाग के लिए 414.35 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-नरेगा के लिए 266.70 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
-सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से डेढ़ सौ से अधिक जनसंख्या वाले सीमावर्ती गांवों में सड़क पहुंचाई जाएगी।