वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024ः गांधी नगर में मंत्री अग्रवाल ने किया प्रतिभाग

गुजरात के गांधीनगर में आयोजित वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 में उत्तराखंड से वित्त व संसदीय कार्य, शहरी विकास व आवास, पुनर्गठन व जनगणना मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रतिभाग किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अपने सपने और इंडियन इकोनॉमी के तेज रफ्तार से आगे बढ़ने का जिक्र किया। उन्होंने अपने बीते 10 साल के कार्यकाल में हुए बड़े बदलावों को रखा। कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाने का काम किया है और ग्लोबल सप्लाई चेन की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। भारत का कैपेक्स 5 गुना ज्यादा हो गया है। कहा कि आज भारत में तीसरे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गए हैं। कहा कि 10 साल पहले देश में स्टार्टअप्स 100 से बढ़कर 1.15 लाख तक पहुंच गए हैं।

उन्होंने बताया कि पीएम ने दुनियाभर के निवेशकों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की विकास यात्रा से जुड़िये, हमारे साथ चलिए। पीएम ने कहा कि भारत के कोने-कोने में निवेशकों के लिए नई संभावनाएं हैं, आप भारत में इन्वेस्टमेंट ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि यंग क्रिएटर और कंज्यूमर्स की नई जेनरेशन को खड़ा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपके सपने मोदी का संकल्प है। जितने बड़े आपके सपने होंगे, मेरा संकल्प भी और बढ़ा होगा।

इस दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव-2024 का भी लुत्फ लिया। इस दौरान अपर सचिव औद्योगिक विकास उत्तराखंड श्री उमेश नारायण पांडेय, उप निदेशक उद्योग उत्तराखंड उत्तम तिवारी भी उपस्थित रहे।

इस दौरान देशभर के कारोबारियों के अलावा ब्रिटेन, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, चेक रिपब्लिक, मिस्र, एस्टोनिया, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, केन्या, नीदरलैंड, मलेशिया, माल्टा, मोरक्को, नेपाल, नॉर्वे, पोलैंड, वियतनाम, साउथ कोरिया, रवांडा, सिंगापुर, थाईलैंड, उरुग्वे, घाना, तंजानिया और मोजाम्बिक से दिग्गज कारोबारी समिट में शामिल रहे।

डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड एनर्जी कॉन्क्लेवः 40 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू सीएम की मौजूदगी में हुए

डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत सचिवालय में आयोजित उत्तराखण्ड एनर्जी कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थित में 40 हजार 4 सौ 23 करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड राज्य की अवधारणा में ऊर्जा सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों के सुझावों के आधार पर 27 नई नीतियां बनाई गई हैं और अनेक नीतियों को सरल बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 08 और 09 दिसम्बर 2023 को एफआरआई में डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राज्य को लगातार मार्गदर्शन मिल रहा है। उनके वाइब्रेंट गुजरात की प्रेरणा से ही प्रदेश में डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आज कॉन्क्लेव में प्राप्त सभी सुझावों पर गंभीरता से अमल किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को भी निर्देश दिये गये हैं, कि औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ समय-समय पर बैठक की जाए और उनकी समस्याओं का उचित समाधान भी निकाला जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योग स्थापित करने वाले लोगों के साथ राज्य सरकार सहयोगी के रूप में कार्य करेगी। उन्होंने कॉन्क्लेव में आये सभी लोगों को इन्वेस्टर्स समिट के लिए भी आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में कार्य करने की अनेक संभावनाएं हैं, सबको संभावनाओं का सदुपयोग करना है।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने की काफी संभावनाएं हैं, इसके लिए तीनों निगमों को एकजुटता से कार्य करने हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ने से स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में निवेश करने वालों के लिए हर संभव मदद मिल सके, इसके लिए नियमित समीक्षा बैठकें की जायेंगी।

सचिव ऊर्जा डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि उत्तराखण्ड को ऊर्जा आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में निरन्तर प्रयास हो रहे हैं। जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से निवेश एवं रोजगार को प्रोत्साहन दिये जाने के उद्देश्य से राज्य में जल विद्युत नीति लागू की गई है। उन्होंने कहा कि निवेश से संबंधित सभी क्षेत्रों में कार्य करने के लिए ऊर्जा का बहुत महत्व है। राज्य में नई सौर ऊर्जा नीति भी लागू की गई है।

अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरू ने कहा कि राज्य में हरित ऊर्जा के विकास एवं कार्बन उत्सर्जन में कमी लाये जाने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा नीति बनाई गई है, जिसमें वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट सौर परियोजनाओं का लक्ष्य निर्धारित है। नीति में भूमि उपयोग परिवर्तन शुल्क में छूट, एम०एस०एम०ई० नीतियों के लाभ, ऑफ पीक आवर्स के दौरान अतिरिक्त उत्पादन में डीम्ड परचेज का प्राविधान, हरित टैरिफ की शुरूआत और अन्य सुविधाएं दी गई हैं।

इस अवसर पर प्रबंध निदेशक यूजेवीएन लि. संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी. ध्यानी एवं उर्जा क्षेत्र से जुड़े निवेशक थे।

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिटः मुंबई में हुए 30200 करोड़ रुपए के एमओयू

उत्तराखंड सरकार तथा राज्य में निवेश हेतु उत्साहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग समूहों के मध्य मुंबई रोड शो में 30200 करोड़ के एमओयू किए गए हैं। जिन बड़ी कंपनियों से एमओयू किए गए उनमें से कुछ प्रमुख है, इमेजिका (थीम पार्क) आत्मन्तनः(रिजॉर्ट), एसीएमई (सौर सेल विनिर्माण), (डेटा सेंटर) पर्फ़ेटी (नवीकरणीय ऊर्जा), लॉसंग अमेरिका (आईटी), क्रोमा एटोर, क्लीन मैक्स एनवाइरो (नवीकरणीय ऊर्जा), साइनस (हेल्थ केयर)

इसके साथ ही कुछ अन्य महत्वपूर्ण फर्मों से बातचीत हुई जिनमें जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स, गोदरेज केमिकल्स, एस्टार भोजन, वी अर्जुन लॉजिस्टिक्स पार्क प्रमुख हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अब तक देश से बाहर लंदन, बर्मिघम, अबुधाबी, दुबई में 4 इंटरनेशनल रोड शो हो चुके हैं जबकि देशभर में प्रदेश सरकार दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और मुंबई में रोड शो कर चुकी है। बीते 14 सितंबर और 4 अक्टूबर को धामी सरकार दिल्ली में ₹26575 करोड़, 26 और 27 सितंबर को ब्रिटेन में 12500 करोड़, 17 और 18 अक्टूबर को यूएई में 15475 करोड़ के निवेश का करार कर चुकी है। इसके अलावा 26 अक्टूबर को चेन्नई में 10150 करोड़, 28 अक्टूबर को बेंगलुरु में 4600 करोड़ और 1 नवंबर को अहमदाबाद में 24000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव का करार हुआ है। अब मुंबई रोड शो में 30200 करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं।

अब तक प्रदेश सरकार द्वारा जिन निवेशकों से इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए गए हैं उनमें प्रमुखतः टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, आयुष वेलनेस सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, फार्मा सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, रियल एस्टेट-इंफ्रा, पंप्ड स्टोरेज सेक्टर, ग्रीन एंड रिन्यूएबल एनर्जी एवं ऑटोमोबाइल सेक्टर शामिल हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ0 एस.एस सन्धु, सचिव डॉ0 आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी समेत विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

सीएम धामी ने मॉर्निंग वॉक के दौरान गुजराती लोगों से की मुलाकात

दो दिवसीय अहमदाबाद दौरे पर आज प्रातः काल मॉर्निंग वॉक पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साबरमती रिवर फ्रंट क्षेत्र का भ्रमण किया। सुनियोजित रूप से विकसित किया गया यह रिवर फ्रंट गुजरात के विभिन्न पर्यटन स्थलों में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश-विदेश से इस रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को लगभग 20 से अधिक पुरस्कार मिले हैं।

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय लोगों से बातचीत कर गुजरात के विकास पर उनके विचार एवं अनुभव को सुना और उन्हें देवभूमि उत्तराखंड आने के लिए आमंत्रित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साबरमती रिवर फ्रंट को बहुआयामी रूप से विकसित कर पर्यटन केंद्र बनाने का अभूतपूर्व कार्य गुजरात प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में हुआ है। यह फ्रंट इकोलॉजी और इकॉनमी के अद्भुत समन्वय का प्रतीक है।

निवेशकों के भूमि एवं आवास सम्बन्धित मामलों के त्वरित क्लीयरेन्स के लिए कमिश्नर गढ़वाल और कुमाऊँ नोडल

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निवेशकों के भूमि एवं आवास सम्बन्धित मामलों के त्वरित क्लीयरेन्स के लिए कमीशनर गढ़वाल और कुमाऊँ को नोडल बनाने के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर गढ़वाल और कुमाऊँ लैण्ड क्लीयरेन्स सम्बन्धित मामलों की नियमित समीक्षा के साथ ही हर 15 दिन में इसकी रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री को देंगे। इसके साथ ही उन्होनें फॉरेस्ट तथा पोल्यूशन क्लीयरेन्स सम्बन्धित मामलों के लिए प्रमुख सचिव वन तथा फायर क्लीयरेन्स के लिए डीआईजी फायर को नोडल बनाने के निर्देश जारी किये हैं। एसीएस ने प्रत्येक इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट के डेडिकेटेड फॉलोअप के लिए एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति के भी आदेश दिए हैं। यह नोडल अधिकारी उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु किये गए एमओयू के तहत हर प्रोजेक्ट का पटवारी स्तर से सचिव स्तर तक विभिन्न स्तरों एवं विभिन्न विभागों में त्वरित क्लीयरेन्स को सुनिश्चित करेंगे। इस कार्य हेतु पूर्णतः प्रशिक्षित करने के लिए एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी के निर्देश पर 30 नवम्बर को विभिन्न विभागों के इन नोडल अधिकारियों हेतु एक इन्वेस्टमेंट ट्रैकिंग पोटर्ल वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। एसीएस ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले सभी एमओयू की शत प्रतिशत ग्राउडिंग की चुनौती का सामना सभी विभागों को कलेक्टिव ऑनरशिप के साथ करना होगा।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु किए गए 500 करोड़ रूपये या उससे अधिक के 25 विभिन्न एमओयू की ग्राउण्डिग की समीक्षा की। उत्तराखण्ड सरकार एवं विभिन्न कम्पनियों के मध्य अभी तक 500 करोड़ या उससे अधिक के 25 एमओयू किये जा चुके हैं। अभी तक हुए कुल एमओयू में से 50 प्रतिशत से अधिक एमओयू पयर्टन के क्षेत्र में किये गए हैं, अतः एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने पर्यटन विभाग को सबसे अधिक सक्रियता के साथ प्रोजेक्ट्स की ग्राउडिंग पर कार्य करने की हिदायत दी है। उन्होंने सभी विभागों को नसीहत दी है कि किसी भी प्रोजेक्ट्स पर एमओयू होने के बाद से ग्राउडिंग के लिए एक-एक दिन बेहद मूल्यवान हैं, इसलिए सभी सम्बन्धित अधिकारी सरकारी कार्यशैली की जगह कॉरपोरेट कार्यशैली को अपनाते हुए प्रोजेक्ट्स की ग्राउडिंग पर मिशन मोड पर कार्य करें। उन्होंने विभागों को एमओयू की शत् प्रतिशत ग्राउडिंग के लिए अलग-अलग रहकर कार्य करने स्थान पर कलेक्टिव ऑनरशिप के साथ कार्य करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि विभागों को आइसोलेशन में कार्य करने की कार्य संस्कृति को समाप्त करना होगा। उन्होंने इन्वेस्टमेंट प्रोजेक्ट्स की ग्राउडिंग के लिए प्रत्येक स्तर पर फास्ट ट्रैक पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।

एसीएस राधा रतूड़ी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए एमओयू की प्रभावी ग्राउडिंग से उत्तराखण्ड को मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की संभावनाएं बढ़ेगी।

बैठक में अपर मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को पब्लिक ट्रांसपोर्ट व इलैक्ट्रिक बसों के क्षेत्र में रूचि दिखाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा विशेषकर देहरादून जैसे भीड़ वाले शहरों में ट्रैफिक की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पब्लिक टांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने परिवहन विभाग को राज्य के निवासियों एवं महिलाओं को ही ई रिक्शा के आवंटन की संभावनाओं के आंकलन के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव उद्योग विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव पूजा गर्ब्याल, रंजना राजगुरु, नितिका खण्डेलवाल एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

आढ़त बाजार को लेकर मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आढ़त बाजार के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियो को आढ़त बाजार निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने एमडीडीए से कार्य शुरू होने से पूर्ण होने तक प्रत्येक स्तर पर कार्य पूर्ण होने की समयसारणी की भी मांग की।

मुख्य सचिव ने कहा कि क्षेत्र का विकास करते समय सभी बुनियादी आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा जाए। अग्निशमन आदि के लिए उचित स्थान निर्धारित किया जाए। चयनित भूमि का अधिक से अधिक एवं बेहतर तरीके से उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्यां की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि हितधारकों से परामर्श लेते हुए दुकानों का आबंटन पूर्व में ही कर लिया जाए, ताकि व्यापारी को पता हो कि उसे कौन सी दुकान आवंटित है। व्यापारी को आवंटित दुकान का डिजाईन उसके कार्य के अनुरूप हो इसके लिए उनसे सुझाव अवश्य लिए जाएं। उन्होंने कहा कि दुकान आवंटित हो जाने के बाद व्यापारी स्वयं भी कार्यों की गुणवत्ता का ध्यान रख सकेंगे।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव एस.एन. पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, उपाध्यक्ष मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव विनीत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम धामी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए वेबसाइट को किया लांच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लोगो और वेबसाईट को लांच किया। देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने समिट के लोगो और वेबसाईट को लांच करते हुए कहा कि इस बार इन्वेस्टर्स समिट में 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।राज्य सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में सुधार भी किये हैं और नई नीतियों को भी लागू किया है। विभिन्न क्षेत्रों के लिये 27 नीतियां प्रख्यापित की गई हैं। राज्य में 6 हजार एकड़ का लैंड बैंक भी तैयार किया गया है। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट देहरादून में दिसम्बर माह में होने जा रहा है। राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं।

उद्योग जगत से लगातार संवाद कर रही सरकार

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो और वेबसाईट के अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, उद्योग जगत और प्रमुख औद्योगिक संगठनों से लगातार सम्पर्क में है। इसी क्रम में 17 अगस्त को देहरादून में और 21 अगस्त को दिल्ली में प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद किया गया। उद्योग जगत से मिल रहे सुझावों को बहुत ही प्रमुखता से लिया गया है। उसी आधार पर एमएसएमई नीति, सेवा क्षेत्र नीति, लॉजिस्टिक नीति, सोलर नीति, आदि में सुधार किया गया है।

पीस डेस्टिनेशन के साथ इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन भी बना उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों और निवेश के अनुकूल बने माहौल से उद्योगपतियों में बहुत उत्साह है। देवभूमि उत्तराखण्ड में सदियों से लोग शांति के लिए आते रहे हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, अब निवेशक भी यहां आने के लिये उत्साहित हैं। शांति और पर्यटन के डेस्टीनेशन के साथ ही उत्तराखण्ड प्रमुख इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन भी बना है। देश विदेश के लोग यहां से जुड़ना चाहते हैं। यहां के प्राकृतिक वातावरण, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश अनुकूल नीतियों, राष्ट्रीय राजधानी से निकटता, इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण उत्तराखण्ड निवेश के लिये प्रमुख केंद्र बन रहा है। ईज आफॅ डूंईंग बिजनेस में उत्तराखण्ड एचीवर्स श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड हिमालयी राज्यो प्रथम स्थान पर जबकि सम्पूर्ण देश में 9 वें स्थान पर है।

इंवेस्टमेंट सम्मिट पूरे उत्तराखंड का

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उद्योग पहले से उत्तराखण्ड में स्थापित हैं, उन्होंने भी अपना विस्तार करने की बात कही है। इन्वेस्टर्स समिट केवल उद्योग विभाग का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सभी विभाग इससे जुड़े हैं। वस्तुतः यह समिट उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों का है। राज्य में निवेश से रोजगार सृजन होगा, लोगों की आय में वृद्धि होगी और देश के विकास में उत्तराखण्ड प्रभावी भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभवों से सीखते हुए बहुत से सुधार किये गये हैं। राज्य में अधिक से अधिक निवेश आए इसके लिये हम ठोस तरीके से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। इन्वेस्टर्स समिट इसी दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

मुख्य सचिव डा. एस.एस. संधु ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो में उत्तराखण्ड की विशिष्टताओं को प्रदर्शित किया गया है। पहले लोग यहां शांति के लिए आते थे, अब पर्यटन और निवेश के लिये आ रहे हैं। पर्यटन, योग, वैलनेस, सर्विस सेक्टर, कृषि और हॉर्टीकल्चर पर राज्य सरकार फोकस कर रही है। प्रदेश में बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिये निवेश महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार राज्य के नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाईफ में सुधार करने का प्रयास कर रही है। कृषि और हॉर्टीकल्चर को प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश की जीडीपी में 40 प्रतिशत योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र के लिये भी नई नीति बनाई गई है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वागत सम्बोधन और सचिव विनय शंकर पाण्डे ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, सचिव शैलेश बगोली, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

विशेषः

डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड- ग्लोबल समिट 2023 का लोगो राज्य की भावनाओं का प्रतिबिम्ब है। लोगो में दो पर्वत श्रृंखलाएं निरंतरता के साथ प्रगति के परिचायक तीर का सृजन करता है, जो न केवल असीमित प्रगति का प्रतीक है, बल्कि विकास और सतत विकास की निरंतरता का द्योतक है। दोनों पर्वत श्रृंखलाएं दो महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रदर्शित करती है- उत्तराखण्ड के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और कुशल श्रम शक्ति की अनवरत श्रृंखला।
लोगो में हरा रंग राज्य की प्राकृतिक सुन्दरता और प्रकृति के साथ सामन्जस्य का प्रतीक है। नीला रंग अवसरों, आकांक्षाओं और नये विचारों के लिये असीमित आकाश का प्रतिनिधित्व करता है।

समिट की टैग लाईन पीस टू प्रोस्पेरिटी है।

निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति के लिये राज्य में ऑनलाईन सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in बनाई गई है।

व्यापारी बोले, जीएसटी संग्रह बढ़ाने के नाम पर उत्पीड़न बंद हो

नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र के नेतृत्व में प्रदेश में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर जीएसटी सर्वे करने का विरोध किया गया। इस बावत ज्ञापन मुख्यमंत्री को उपजिलाधिकारी ऋषिकेश के माध्यम से प्रेषित किया गया।

ज्ञापन के जरिए कहा गया कि व्यापारियों का जीएसटी संग्रह बढ़ाने के नाम पर उत्पीड़न बंद किया जाना चाहिए। व्यापारी समाज सरकार का हर कदम पर साथ देता आया है, लेकिन आज टेक्स् संग्रह बढ़ाने के लिए व्यापारी को परेशान किया जा रहा है।

ज्ञापन में मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया है कि, टैक्स में हेराफेरी करने वाली फर्म को विभाग अपने कार्यालय से नोटिस जारी करें, क्योंकि विभाग के पास पूरा रिकॉर्ड होता है लेकिन ऐसा करने के बजाय विभागीय अधिकारी बाजार में व्यापारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं, जिसका संगठन पुरजोर विरोध करेगा।

व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष नरेश अग्रवाल ने कहा कि हम किसी भी सूरत में इस प्रकार से छापामारी करने आए अधिकारियों को बाजार में प्रवेश नहीं करने देंगे ,पूरे प्रदेश की इकाई ने यह निर्णय लिया है कि, इस प्रकार से व्यापारियों का उत्पीड़न करने के लिए अधिकारियों को छूट नहीं दी जाएगी और यदि अधिकारी ऐसा करेंगे तो उनका सड़क पर विरोध किया जाएगा।

ज्ञापन देने वालों में व्यापार मंडल के प्रदेश संगठन मंत्री हरगोपाल अग्रवाल, वरिष्ठ व्यापारी नेता अरविंद जैन, रवि कुमार जैन, युवा इकाई के जिलाध्यक्ष आशु डंग, व्यापार मंडल के जिला उपाध्यक्ष दीपक तायल, सुनील तिवारी, संजय भारद्वाज, सुरेंद्र कक्कड़, मोतीराम टुटेजा, पवन शर्मा, अमरीश गर्ग, राजकुमार तलवार, गोपाल अग्रवाल, शिवम टुटेजा, राजीव खुराना, अभिषेक शर्मा, पंकज चावला, अनुज जैन, राजेश मनचंदा, जितेंद्र खुराना आदि व्यापारी गण उपस्थित थे।

व्यापार महासंघ ने व्यापारी चंद्रमोहन नारंग को बनाया कोषाध्यक्ष

नगर उद्योग व्यापार महासंघ ऋषिकेश की कोर कमेटी की बैठक हुई। जिसमें नगर के व्यापारी हितों को लेकर चर्चा की गई साथ ही शहर के वरिष्ठ व्यापारी चन्द्रमोहन नारंग को महासंघ का कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया ।

महासंघ के अध्यक्ष राजेश भट्ट ने बताया कि महासंघ गठन के बाद से ही व्यापारी हितों के लिये सक्रिय हैं। चाहे वह लॉक डाउन में दुकानें खुलवाने को लेकर सड़क में प्रदर्शन हो या मुख्यमंत्री से वार्ता कर बाजार खुलवाने में ढील दिलवाने को लेकर किया गया संघर्ष हो हम हमेशा व्यापारियों के लिये खड़े हैं।

नवनियुक्त कोषाध्यक्ष चन्द्रमोहन नारंग ने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे। पूर्व की भाँति व्यापारी हितों के लिये अग्रसर रहकर कार्य करूँगा ।

महासंघ के महामंत्री अखिलेश मित्तल ने बताया कि बैठक में कई विषयों पर चर्चा की गई व शीघ्र ही महासंघ व्यापारियों के लिये ऑनलाइन एप लॉंच किया जायेगा। जिसमें हर स्तर के व्यापारी को लोकल स्तर से अन्य जगहों पर व्यापार करने में आसानी होगी और जल्द ही महासंघ की कार्यकारिणी की भी घोषणा हो जायेगी।

बैठक में महासंघ के संयोजक राजीव मोहन अग्रवाल, सह संयोजक नवल कपूर, विनोद शर्मा, सूरज गुल्हाटी, जयेन्द्र रमोला, प्रवीन अग्रवाल आदि मौजूद थे।

स्थानीय बाजार से शाॅपिंग कर निभाएं जिम्मेदार नागरिक की भूमिकाः प्रतीक कालिया


युवा व्यापारी व नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ऋषिकेश के महामंत्री प्रतीक कालिया ने नगर की सम्मानित जनता से स्थानीय व्यापारियों की दुकान से ही शाॅपिंग करने का आह्वान किया है। उन्होंने इसके फायदे भी गिनाए हैं।

प्रतीक कालिया इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने पर जोर दे रहे है। उनका कहना है कि आॅनलाइन खरीददारी में लोगों के साथ ठगी हो रही है, वर्तमान में आॅनलाइन लूट की खबरें ज्यादा प्रचलन हैं। ऐसे में हमें अपने स्थानीय दुकानों से ही सामान खरीदना चाहिए। इससे आपको बेहतर दाम, क्वालिटी और पसंद न आने पर बदलने की भी च्वाइस मिलती है। वहीं, कोविड काल में आर्थिक दौर से जूझ रहे व्यापारियों को उबरने में मदद मिलेगी।

कालिया ने ‘‘आओ एक वादा करें’’ का नारा देकर स्थानीय दुकानदारों से ही सामान खरीदने की पैरवी की है। उनका मानना है कि इससे आपका पैसा नगर में ही रहेगा। लाॅकडाउन के बाद लोकल व्यापारी की मदद होगी और जिम्मेदार नागरिक की भूमिका भी निभाई जा सकती है।