उच्च शिक्षा में नरेन्द्रनगर को मिलेगी नई पहचान, लॉ कॉलेज को कैबिनेट ने दी मंजूरी

नरेंद्रनगर और आसपास क्षेत्रों के विद्यार्थियों को कानून की पढ़ाई करने हेतु अब देहरादून व अन्य दूरस्थ जगहों पर नहीं जाना होगा। नरेंद्रनगर में ही लॉ (विधि संस्थान) की पढ़ाई की जा सकेगी। बीते दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में इसके निर्माण हेतु मंजूरी दी जा चुकी है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि जल्द ही शासन से वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद नरेंद्रनगर में लॉ कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। इस पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने कैबिनेट मंत्री का आभार व्यक्त किया है।
नरेंद्रनगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार ने कहा कि नरेंद्रनगर में लॉ कॉलेज का निर्माण होने से स्थानीय युवाओं हेतु रोजगार के अधिक अवसर खुलेंगे। साथ ही गढ़वाल के युवाओं को अब कानूनी पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने कहा कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की विकासपरक सोच से ही यह कार्य संभव हो पाया है, उनके नेतृत्व में नरेंद्रनगर विधानसभा में लगातार विकास हो रहे हैं। ऋषिकेश मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती व ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र भंडारी ने नरेंद्रनगर में लॉ कॉलेज के निर्माण हेतु कैबिनेट में स्वीकृति मिलने पर मंत्री सुबोध उनियाल को धन्यवाद दिया है।

सीएम की घोषणा और कैबिनेट के फैसलों पर तेजी लाने के दिए निर्देश

अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने आज सचिवालय में पेयजल, उच्च शिक्षा, ग्राम्य विकास एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री की घोषणाओं, कैबिनेट में लिये गये निर्णयों एवं कोविड-19 राहत पैकेज से सम्बन्धित घोषणाओं की समीक्षा की।
इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिये कि विभागीय स्तर पर जिन घोषणाओं एवं परियोजनाओं के संदर्भ में कार्यदायी संस्था का चयन कर लिया गया है, उनके संदर्भ में अविलम्ब आगणन गठित कर शासन को उपलब्ध कराया जाय एवं 15 दिन के अन्दर उक्त के शासनादेश निर्गत करना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर जिन घोषणाओं एवं परियोजनाओं के आगणन शासन को प्राप्त हो चुके हैं, उनके संदर्भ में एक सप्ताह के अन्दर शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। अपर मुख्य सचिव ने विभागीय स्तर पर प्रत्येक घोषणा के संदर्भ में परियोजना के टीएसी की संस्तुति का अनुश्रवण किया जाय एवं टीएसी की संस्तुति के आधार पर विभागीय स्तर पर निविदा इत्यादि आमंत्रित करने की कार्यवाही कर ली जाए, जिससे समय की बचत हो, उनके द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि विभागीय स्तर पर अनुबंध की कार्यवाही शासनादेश निर्गत होने के उपरांत कर ली जाय और यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि मुख्यमंत्री घोषणाओं के संदर्भ में प्रत्येक दशा में दिनांक 15 नवम्बर 2021 तक कार्य प्रारम्भ हो जाए।
पेयजल विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 14 घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही जल जीवन मिशन के अन्तर्गत की जा रही है। 21 घोषणाओं का क्रियान्वयन राज्य सैक्टर से किया जाना प्रस्तावित है। 3 घोषणाओं से सम्बन्धित परियोजनाएं चूॅकि बड़ी परियोजनाएं हैं अतः उनके क्रियान्वयन की कार्यवाही एडीबी के माध्यम से सुनिश्चित की जा रही हैं तथा 18 घोषणाओं हैण्डपम्प लगाये जाने से सम्बन्धित हैं, जिनके प्रस्ताव वित्त विभाग को संदर्भित हैं।
इस सम्बन्ध में भी अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिये गये कि जल जीवन मिशन तथा राज्य सैक्टर से जिन घोषणाओं का क्रियान्वयन प्रस्तावित है, उनके संदर्भ में समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए दिनॉक 15 नवम्बर, 2021 तक शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही कर दी जायेगी। ए0डी0बी0 के माध्यम से क्रियान्यन हेतु प्रस्तावित योजनाओं के संदर्भ में विभाग द्वारा प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाय। हैण्डपम्प से संबंधित मा0 मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन के संदर्भ में निर्देशित किया गया कि विभाग द्वारा वित्त विभाग की पृच्छाओं का समाधान करते हुए वित्त विभाग से समन्वय कर घोषणाओं के शासनादेश दिनांक 15 नवम्बर 2021 तक निर्गत किये जाने सुनिश्चित किये जाय।
ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि कुल 5 घोषणाओं में सभी के शासनादेश निर्गत किये जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि कोविड-19 राहत पैकेज के अन्तर्गत मुख्ममंत्री घोषणाओं के क्रम में प्रभावी रूप से लाभार्थियों को धनराशि उपलब्ध कराये जाना सुनिश्चित किया जाय एवं उक्त का प्रभावी अनुश्रवण सचिव स्तर पर किया जाय।
अपर मुख्य सचिव महोदय ने निर्देश दिये कि ’’महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु मुख्यमंत्री नारी शक्तिकरण योजना प्रारम्भ की जायेगी’’ के संदर्भ में सर्व सम्बन्धित विभागों से विचार विमर्श कर कार्ययोजना तैयार कर घोषणा का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय।
विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि ’’राज्य के राजकीय स्कूलों के कक्षा-10 और कक्षा-12 के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क मोबाईल टैबलेट प्रदान किया जायेगा। इन मोबाईल टैबलेटों में सभी शिक्षण सामग्री पहले से लोड रहेगी।’’ सम्बन्धी घोषणा के संदर्भ में विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि निविदा प्रक्रिया गतिमान है एवं 10 नवम्बर, 2021 तक निविदा आमंत्रित करने की अतिंम तिथि निर्धारित है। 15 नवम्बर, 2021 तक कार्य आदेश निर्गत कर दिया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश प्रदान किये गये कि टेबलेट का क्रय एवं आपूर्ति होने के उपरांत उनके वितरण की समुचित एवं प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। ’’600 अतिरिक्त विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की व्यवस्था की जायेगी।’’ सम्बन्धी घोषणा के संदर्भ में विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त घोषणा का क्रियान्वयन समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत प्राविधान मद में उपलब्ध धनराशि से सुनिश्चित किया जा रहा है। उक्त के अन्तर्गत देहरादून में स्टुडियो की स्थापना की जायेगी।
अपर मुख्य मुख्य सचिव द्वारा उक्त के संदर्भ में अविलम्ब शासनादेश निर्गत करते हुए घोषणा के क्रियान्वयन के निर्देश प्रदान किये गये। ’’प्रत्येक विद्यालय में बालिकाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था की जायेगी’’ में विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि सम्प्रति उक्त हेतु आगणन प्राप्त हो गया है एवं क्रियान्वयन हेतु धनराशि रू0 10.00 करोड़ की आवश्यकता है, पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि की स्वीकृति का प्रस्ताव वित्त विभाग को संदर्भित किया गया है। अपर मुख्य सचिव महोदय द्वारा निर्देशित किया गया कि वित विभाग से अनुरोध कर दिनांक 15 नवम्बर 2021 तक धनराशि स्वीकृति की कार्यवाही सुनिष्चित की जाय।
इस अवसर पर सचिव एसए मुरूगेषन, बीवीआरसी पुरूषोत्तम, सचिव (प्रभारी) दीपेन्द्र कुमार चौधरी, अपर सचिव एमएस बिष्ट, मुख्य अभियन्ता, पेयजल विभाग एसई पंत, विशेष कार्याधिकारी, आरसी शर्मा, उपसचिव हीरा सिंह बसेड़ा आदि उपस्थित रहे।

राज्य सरकार के फैसले से महंगाई बढ़ने के आसार!

केंद्र सरकार के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने पेट्रोल और डीजल महंगा कर दिया है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने पेट्रोल पर पूर्व में दी गई ढाई रुपये और डीजल एक रुपये प्रति लीटर की छूट को वापस ले लिया है। ये छूट सरकार ने अक्टूबर 2018 में दी थी। नई दरें लागू होने के बाद राजधानी देहरादून में पेट्रोल 75.08 रुपये और डीजल 66.73 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में उनके आवास पर हुई बैठक में 12 में से 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने गैरसैंण में भूमि खरीदने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है। कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि 2012 में तत्कालीन सरकार गैरसैंण में भूमि खरीदने पर रोक लगाई थी। लेकिन रोक के बावजूद वहां स्टांप पेपर पर भूमि खरीदी व बेची जा रही है, जिससे कई तरह के कानूनी वाद पैदा हो रहे हैं। इन सारी बाद पर विचार करने के बाद कैबिनेट में भूमि खरीद पर रोक हटाने का फैसला लिया। कैबिनेट ने सभी तरह के अवैध निर्माण को नियमित कराने के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना को तीन माह के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने इस योजना को एक जनवरी से छह माह के लिए लागू किया था।

मंत्रिमंडल के अन्य फैसले
1.गुर्जर परिवारों के लिए विस्थापन मार्गदर्शक नियमावली को मंजूरी। वन मंत्री की अध्यक्षता में बनाई गयी उपसमिति के आधार पर बनायी गयी यह नियमावली कार्बेट में झिरना, ढेला रेंज के 57 गुर्जर परिवारों से संबंधित है। इसके अंतर्गत प्रत्येक परिवार को पांच लाख परिवार रुपये एवं सामुदायिक कार्य के लिए सामूहिक रूप से प्रत्येक परिवार के लिए एक एकड़ के आधार पर 57 एकड़ की भूमि देने का प्रावधान किया गया है।
2. पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाया। इसके बाद अब पेट्रोल पर 2.50 रुपये और डीजल पर सेस एक रुपये बढ़ाया गया।
3. गैरसैंण तहसील के आदि बदरी, सिलबाटा, पंचाली, महाचैरी पटवारी क्षेत्र के 27 गांवों से भूमि क्रय का प्रतिबंध हटा। 2012 में विजय बहुगुणा की कांग्रेस सरकार ने भूमि की अनियंत्रित खरीद फरोख्त को रोकने का तर्क देते हुए यह प्रतिबंध लगाया था।
4. उत्तराखंड भवन निर्माण विकास निधि विनिमय 2011 में संशोधन।
5.महायोजना के अंतर्गत सड़क चैड़ीकरण के अंतर्गत नागरिक द्वारा दी गई भूमि के अनुपात में राज्य सरकार भवनों के ऊपरी तल के विस्तार की अनुमति देगी। यदि तीन मीटर भवन के अग्रभाग में सड़क के लिए छोड़ा जाता है तो उसका 125 प्रतिशत भवन के ऊपर विस्तार किया जा सकता है।
6. केंद्र के स्तर पर जीएसटी में हुए संशोधनों को मंजूरी। राज्य सरकार विधानसभा के पटल पर इन संशोधनों को रखेगी। ये संशोधन समाधान योजना, ई कामर्स रिटर्न फाइलिंग और व्यापारियों की ओर से टैक्स रिटर्न फाइल करने से संबंधित हैं।
7.उत्तराखंड सचिवालय विनियमितीकरण नियमावली में संशोधन करते हुए निगम कार्यालयों के 91 कार्मिकों को सचिवालय संवर्ग के लिए स्वीकार किया जाएगा।
8. उत्तराखंड परिवहन विभाग प्रवर्तन कर्मचारी वर्ग की सेवा नियमावली में संशोधन। प्रवर्तन सिपाही के लिए शैक्षिक अर्हता हाईस्कूल से इंटर की गई।
9.राष्ट्रीय राजमार्ग में कई स्वामित्व के लोगों की भूमि अवैध मानी गई थी। कैबिनेट ने ऐसे लोगों की ओर से 12 साल का भूमि से संबंधित रिकार्ड जमा करने पर भवन का मुआवजा देने के प्रस्ताव को संस्तुति दी।
10. उत्तराखंड निजी सुरक्षा अभिकरण नियमावली को मंजूरी। भारत सरकार की नियमावली का नियम 25 के आधार पर राज्य सरकार ने नियमावली बनाई है।
11. उत्तराखंड राजकीय प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 में शिक्षामित्र की पात्रता के संबंध में संशोधन किया गया।