कैबिनेट मंत्री अग्रवाल और महाराज ने विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा

वित्त, संसदीय कार्य, शहरी विकास व आवास, पुनर्गठन और जनगणना मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल से आज पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने शिष्टाचार भेंट की। मुलाकात में मंत्री डॉ अग्रवाल में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को उत्तराखंड को बेस्ट टूरिज्म डेस्टिनेशन अवार्ड और पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रथम पुरस्कार मिलने पर बधाई दी। डॉ अग्रवाल ने कहा कि इससे यहां के नैसर्गिक स्थलों एवं पर्यटन क्षेत्रों को देश और विश्व में पहचान मिलेगी। यह सम्मान उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है।
वहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में उत्तराखंड को 100 से कम निकाय वाले राज्यों में टॉप-3 आने सहित गंगा के निकट सबसे स्वच्छ शहरों में हरिद्वार को प्रथम स्थान मिलने तथा छह पुरस्कार मिलने पर पर्यटन मंत्री महाराज ने मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को बधाई दी। मंत्री महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के कई निकायों की स्वच्छता की रैंकिंग सुधरी है। इसका लाभ राज्य को मिलेगा।
इस मौके पर मंत्री महाराज ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में भी कूड़ा निस्तारण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। महाराज ने मंत्री डॉ अग्रवाल को बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में अवैध रूप से संचालित रिजॉर्ट की जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही इन रिजॉर्ट में अनैतिक कार्य न हो, इस पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा दोनों के बीच अन्य कई विषयों पर भी वार्ता हुई।

सतपाल महाराज पाॅजीटिव, कैबिनेट में शामिल हुए मंत्री और अधिकारी होंगे क्वारंटीन

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व उनके परिवार और स्टाफ के 23 सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। बेटे, बहुएं और पांच साल के पोते में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे का सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजा गया है। कल पूर्व मंत्री अमृता रावत कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महाराज और उनके परिवार के सभी सदस्यों के साथ ही आवास में काम करने वाले कर्मचारियों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे।
इनमें कैबिनेट मंत्री महाराज, उनके छोटे बेटे सुयश, बड़ी बहू आराध्य, छोटी बहू मोहिनी, पांच साल के पोते श्रेयांश में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे श्रद्धेय का सैंपल दोबारा से जांच के लिए भेजा जा रहा है। वहीं, महाराज के आवास में काम करने वाले 17 कर्मचारी भी संक्रमित मिले है।
महाराज और उनका परिवार कोरोना संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। महाराज की पत्नी अमृता रावत को रविवार सुबह ही एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, इसके बाद दोपहर में महाराज और अन्य लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। जिसके बाद महाराज समेत लोगों को भी एम्स ऋषिकेश में भर्ती करा दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि कैबिनेट मंत्री महाराज और उनके परिवार के सदस्यों व स्टाफ में कोरोना की पुष्टि हुई है। विभाग की ओर से 41 सैंपल जांच के लिए गए थे। इसमें 22 सैंपल कोरोना पॉजिटिव आए हैं। सभी को भर्ती कराया गया है। इन सभी के संपर्क में आए लोगों को चिन्हित करने की कोशिश की जा रही है।

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के परिवार में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर प्रशासन ने सर्कुलर रोड, डालनवाला स्थित उनके आवास के आसपास का क्षेत्र पाबंद (सील) कर दिया है। क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया है। अगले आदेश तक यहां के लोग क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे। इस दौरान क्षेत्र के बैंक, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने रविवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यटन मंत्री के सर्कुलर रोड स्थित आवास के पूरब में कर्जन रोड, पश्चिम में अब्दुल्ला खान का मकान, उत्तर में अमित अग्रवाल का मकान और दक्षिण में 13 म्यूनिसिपल रोड के क्षेत्र को पाबंद किया है। डीएम ने कहा कि इस क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति अब प्रशासन कराएगा।
परिवार का एक सदस्य खरीदारी के लिए बाहर निकल सकता है। मोबाइल वैन के जरिए पाबंद क्षेत्र में दूध की सप्लाई की जाएगी। नगर निगम को क्षेत्र की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ मुनादी कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस क्षेत्र की बैरिकेडिंग करेगी। सीएमओ को सामुदायिक स्वास्थ्य पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई इमरजेंसी है तो कंटेनमेंट जोन के लोग पुलिस के टोल फ्री नंबर 112 पर संपर्क कर सकते हैं। आदेश का पालन न करने वाले लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एहतियात बरतते हुए होंगे होम क्वारंटीन
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव आने से सरकार पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। पॉजिटिव आने से पहले महाराज मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सहित शासन के अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एहतियात बरतते हुए सभी बैठकें निरस्त कर दी हैं, जबकि कई मंत्री होम क्वारंटीन में चले गए हैं।
हालांकि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक जिस फार्मेट में होती है, वह संक्रमण के लिहाज से लो रिस्क श्रेणी में आती है। महाराज के पॉजिटिव आते ही सरकार में हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपनी सभी बैठकें निरस्त कर दी। उन्होंने किसी से मुलाकात भी नहीं की।
वहीं अधिकांश मंत्रियों ने खुद को होम क्वारंटीन कर लिया है। महाराज के साथ बैठक में मौजूद होने से कई मंत्री भी सहमे हुए हैं कि कहीं उनमें कोरोना का लक्षण न आ जाए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल में जो भी अधिकारी शामिल थे, उनमें से आधे अधिकारी होम क्वारंटीन होंगे और आधे वर्क फ्रॉम होम करेंगे।

पत्नी के पाॅजीटिव होने से एक दिन पहले कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे महाराज

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत कल कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव और अपर सचिव युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अमृता रावत की तबीयत खराब थी। शनिवार सुबह देहरादून की एक निजी लैब में उनकी कोरोना जांच की गई, देर शाम रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अमृता रावत की रिपोर्ट पाॅजीटिव आने की खबर से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। एक दिन पहले ही कैबिनेट में सतपाल महाराज शामिल हुए थे। ऐसे में राज्य की कैबिनेट और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों में चिंता होना लाजिमी है। सतपाल महाराज के कोविड टेस्ट के बाद ही कुछ स्थिति साफ हो पायेगी। क्योकि रिपोर्ट अगर पाॅजीटिव आती है तो नियमानुसार सभी को क्वारंटीन करना होगा। बता दें कि कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री भी शामिल थे। ऐसे में यह देश का पहला राज्य होगा जहां पूरी सरकार को ही क्वारंटीन होना पड़ेगा। लेकिन महाराज की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो यह सभी के लिए राहत की बात होगी।  
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली से मंत्री सतपाल महाराज से मिलने आए लोगों को मंत्री आवास में ही क्वांरटीन कर दिया गया था। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के घर के बाहर क्वारंटीन का स्टीकर भी चस्पा किया गया था। 
कुछ लोग दिल्ली से सतपाल महाराज से मिलने उनके सर्कुलर रोड स्थित घर पर आए थे। इसलिए केंद्र सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से महाराज के घर आए तीन लोगों को प्रशासन ने उनके आवास में ही होम क्वांरटीन कर दिया था। वहीं मंत्री ने अपना ऑफिस भी सरकारी आवास में शिफ्ट कर दिया था।

कांग्रेस के निशाने पर आएं महाराज
कांग्रेस पार्टी की ओर से सतपाल महाराज सहित पूरी कैबिनेट और मुख्यमंत्री को क्वारंटीन करने की मांग की गई है। साथ ही ऐसे अधिकारी जो बैठक में शामिल हुए उन्हें भी ऐतिहातन के तौर पर क्वारंटीन करने और सभी का सैंपल लेने की बात की जा रही है। सोशल मीडिया में भी महाराज की पत्नी के पाॅजीटिव पाये जाने पर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली।

मदन कौशिक पर बढ़ा दबाव
उत्तरी हरिद्वार में एक युवक के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के उपर दबाव बढ़ गया है। कारण यह कि युवक तीन दिन पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक समेत कई लोगों के संपर्क में आया था। दरअसल, युवक खड़खड़ी में मदद के लिए बांटा गया राशन लेने पहुंचा था। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मंत्री समेत अन्य को भी क्वारंटाइन किया जाएगा। दरअसल, खड़खड़ी क्षेत्र के रामलीला मैदान में गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए राशन बांटा गया था। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के अलावा एक बड़े संत, एक कथावाचक व कई पार्षद और बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए थे।

सतपाल और पांडेय ने क्यों की योगी सरकार की तारीफ, मानेंगे यूपी सरकार का फैसला!

उत्तर प्रदेश में लंबे समय से मंत्रियों का आयकर सरकार ही भर रही थी। इस पर अब योगी सरकार ने रोक लगाई है। उत्तराखंड चूंकि पहले उत्तर प्रदेश का ही अंग था इस कारण अविभाजित उत्तर प्रदेश से चली आ रही व्यवस्था यहां भी बदस्तूर जारी है। यानी मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों का आयकर सरकार ही भर रही है। उत्तराखंड में मंत्रियों को वेतन भत्ते मिलाकर प्रतिमाह 4.40 लाख रुपये दिए जाते हैं। इनमें से 90 हजार रुपये केवल वेतन है। शेष अन्य भत्ते हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के आयकर स्वयं भरने के निर्णय के बाद अब उत्तराखंड में भी इस दिशा में सकारात्मक पहल होती नजर आ रही है। त्रिवेंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और अरविंद पांडेय ने इसकी पैरवी की है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मंत्रियों को सरकारी खजाने से नहीं, बल्कि अपना आयकर स्वयं भरना चाहिए। वह अपना आयकर स्वयं भरते हैं। वह इसका परीक्षण भी करेंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि वह तो विधायक निधि के पक्ष में भी नहीं रहे हैं। इस कारण उनकी भावना को समझा जा सकता है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मंत्रियों को 1.64 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन भत्तों के रूप में दिए जाते हैं और उनका मूल वेतन 40 हजार रुपये हैं। इस लिहाज से उत्तराखंड के मंत्रियों का वेतन कहीं अधिक है। इसे देखते हुए प्रदेश में भी मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों द्वारा आयकर भरने की मांग उठने लगी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इसका परीक्षण करने की बात कर चुके हैं। अब दो मंत्रियों ने मंत्रियों के स्वयं आयकर भरने को लेकर उठ रही मांग के समर्थन में कदम आगे बढ़ाए हैं। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वह अपना टैक्स स्वयं भरते हैं। मंत्रियों को सरकारी खजाने से नहीं बल्कि स्वयं टैक्स भरना चाहिए। बाकि वह मामले का अध्ययन करेंगे।