मत्स्य पालन को मिला कृषि का दर्जा, विद्युत दरों भी कृषि दरों पर होंगी निर्धारित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मत्स्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने मत्स्य निदेशालय, बड़ासी ग्रांट, देहरादून में स्थापित होने वाले मत्स्य प्रसंस्करण यूनिट का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की जायेगी।
मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देते हुए मत्स्य पालन में लगने वाली विद्युत दरों को कृषि दरों पर निर्धारित किया जायेगा। गढ़वाल एवं कुमाऊं में मत्स्य पालकों की सुविधा हेतु मत्स्य मंडी की स्थापना किए जाने की घोषणा भी मुख्यमंत्री द्वारा की गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मत्स्य विभाग से संबंधित सभी स्टालों का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 2 लाभार्थियों को मोटरसाइकिल और आइस बॉक्स भेंट किया। जनपद उधमसिंहनगर एवं हरिद्वार के ग्राम समाज के तालाबों के पट्टों का आवंटन एवं मत्स्य पालन के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक जिले से दो व्यक्तियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मत्स्य पालन दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में प्रदेश में लोगों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। उत्पादों को अच्छा बाजार मिले इसके लिए सरकार प्रयासरत है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में मत्स्य पालन के बढ़ते प्रभाव पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह स्वरोजगार के लिए एक नई उम्मीद है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रत्येक क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत योजना एवं केन्द्र सरकार की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को आगे लाने का कार्य किया जा रहा है।

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड में मत्स्य पालन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। सरकार द्वारा मत्स्यिकी के दृष्टिकोण से उपलब्ध जल संसाधनों के उपयोग हेतु किये जा रहे कार्यों के तहत लगभग 11 हजार व्यक्ति प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से मत्स्य पालन से जुड़े हैं। केन्द्र सरकार द्वारा भी मत्स्य विकास के कार्यों हेतु प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना संचालित की जा रही है। लगभग 336 व्यक्तिगत लाभार्थियों एवं 17 सहकारी समितियों को लाभान्वित किया जा चुका है। सरकार द्वारा अधिक ऊँचाई के सुदूर क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर साधन के रूप में स्थापित करने हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फार्मिंग परियोजना संचालित करायी जा रही है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, विधायक बृज भूषण गैरोला, विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरूषोत्तम, विभिन्न जनपदों से आये मत्स्य पालक एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

पशु पालन को आर्थिकी का जरिया बनाने के निर्देश

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मंगलवार को सचिवालय में मत्स्य, डेयरी विकास एवं पशुपालन विभाग की समीक्षा की। इस बैठक में सभी जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने प्रदेश में व्यावसायिक बकरी पालन हेतु बकरी घाटियां तैयार किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बकरियों के उत्पादन, परिवहन व विपणन आदि में सुगमता हेतु वर्तमान में चल रही इससे सम्बन्धित सभी योजनाओं के लिये विशेष क्षेत्र चिह्नित कर उस क्षेत्र को बकरी घाटी कलस्टर के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक बकरी पालन के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे ग्रामीण आर्थिकी और मजबूत होगी।
कैबिनेट मंत्री ने डेयरी विकास विभाग के अंतर्गत आँचल के दूध एवं दुग्ध पदार्थों की बिक्री हेतु मिल्क बूथों की स्थापना में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों को तकनीकी निवेश सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से आंचल दुग्ध उत्पादक सेवा केन्द्रों की स्थापना की जाय। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को जनपदों में आँचल मिल्क बूथ स्थापित किये जाने हेतु सरकारी कार्यालयों एवं शहरी स्थानों में भूमि का चयन करते हुए उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने माह सितम्बर तक चारधाम यात्रा मार्गों में उक्त मिल्क बूथ एवं कैफे को स्थापित करने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मत्स्य पालन विकास विभाग के अंतर्गत प्रत्येक जनपद में अमृत सरोवरों के निर्माण संबंधी कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, जिला योजना एवं राज्य योजना के अन्तर्गत मात्स्यिकी विकास हेतु कन्वर्जन्स कर कार्यक्रमों का संचालन किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने रोजगार की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत मात्स्यिकी क्षेत्र के विकास हेतु सभी जनपदों के अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से रूचि लेकर इस योजना को आगे बढ़ने पर बल दिया।
बैठक में सचिव डा वी0बी0आर0सी0 पुरुषोत्तम एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।