भारत और कनाडा आंतक के विरूद्ध एक साथ

भारत और कनाडा आतंकवाद और अलगाववादी ताकतों से साथ मिलकर लड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की बातचीत के बाद दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयान में ये प्रतिबद्धता जताई गई।

साझा बयान में कहा गया है कि आतंकवाद पर काबू पाने के लिए जरूरी है कि आतंकी संगठन में भर्ती रोकी जाए, उनके पास पैसा पहुंचने के रास्ते बंद किए जाए। उनके ठिकानों को ध्वस्त किया जाए और उन्हें कहीं पनाह न मिले, इसका इंतजाम किया जाए।

साझा बयान में भारत और कनाडा ने जिन आतंकवादी संगठनों से लड़ने की बात कही है उनमें अलकायदा, आईएसआईएस, हक्कानी नेटवर्क, एलईटी, जैश-ए-मोहम्मद, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन शामिल है। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो की मुंबई यात्रा के दौरान जिस जसपाल अटवाल की तस्वीर ने तूल पकड़ा था वो इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन से ही जुड़ा रहा है।

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों को लेकर वहां की सरकार के नरम रवैये की वजह से जस्टिन ट्रूडो की यात्रा को लेकर भारत सरकार ने पहले से ही कोई ज्यादा जोश नहीं दिखाया था। बात तब और बिगड़ गई जब पता चला कि ट्रुडो की यात्रा के दौरान खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल न सिर्फ भारत आ गया है बल्कि मुंबई के एक कार्यक्रम में ट्रूडो की पत्नी के साथ फोटो भी खिंचवा चुका है। उसे कनाडा के उच्चायुक्त के घर डिनर में आने का निमंत्रण भी मिल चुका था जिसमें ट्रूडो को शामिल होना था, लेकिन जब भारत ने इसका जोरदार विरोध कराया तब जाकर उसका निमंत्रण रद्द किया गया।

अपनी भारत यात्रा के छठे दिन शुक्रवार को ट्रुडो की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। इस मौके पर मोदी और ट्रुडो गले भी मिले, लेकिन हैदराबाद हाउस में जब दोनों नेता द्विपक्षीय बातचीत का नतीजा बताने के लिए प्रेस से मुखातिब हुए तो साफ दिखा कि उनकी मुलाकात में गर्मजोशी नहीं है।

कनाडा के प्रधानमंत्री की बातों से ऐसा लग रहा था कि वो बोल तो दिल्ली में रहे हैं लेकिन उनका ध्यान कनाडा के लोगों पर ही है और वो उन्हीं को खुश करने में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में मजबूती से आतंकवाद और कनाडा में खालिस्तान समर्थकों पर लगाम लगाने का मामला उठाया।

मोदी ने कहा, आतंकवाद और उग्रवाद भारत और कनाडा जैसे लोकतांत्रिक, बहुलवादी समाजों के लिए खतरा हैं। इन ताकतों का मुकाबला करने के लिए हमारा साथ आना महत्वपूर्ण है। संप्रदाय का राजनीतिक उद्देश्य के लिए दुरूपयोग करने वालों और बंटवारे की खाई खोदने वालें के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। हमारे देशों की संप्रभुता, एकता और अखंडता को चुनौती देने वालों को भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

ट्रूडो ने मोदी को कनाडा आने का न्यौता भी दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो सपरिवार भारत की एक हफ्ते लंबी यात्रा के दौरान कई मौकों पर भारतीय परिधान पहने ही दिखे।