मुख्यमंत्री ने गोपेश्वर में आयोजित लाभार्थी सम्मान समारोह में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चमोली के पुलिस मैदान गोपेश्वर में आयोजित ‘‘लाभार्थी सम्मान समारोह’’ में प्रतिभाग करते हुए 229.3 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकापर्ण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 44.13 करोड़ की योजनाओं का लोकापर्ण एवं 185.17 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने जनपद के विकास के लिए कई घोषणाएं भी की जिसमें हापला-धोतीधार मोटर मार्ग निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा किए जाने, दशोली ब्लाक में गोपेश्वर मंदिर मार्ग से बैतरणी – सिरखोमा- सेंटुणा – बैरागणा मोटर मार्ग के किलोमीटर एक से लेकर सेटुणा तक मोटर मार्ग का निर्माण हेतु शासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाने, कर्णप्रयाग में लामबगड के अंतर्गत गंगानगर माई मंदिर से भैरव तोक तक रामगंगा नदी पर झूला पुल का निर्माण किए जाने, थराली विधानसभा में चार विकास खंडों में गौ-संरक्षण सेवा की स्थापना किए जाने एवं थराली कुलसारी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की जनहित में स्वीकृति दी जाने की घोषणा शामिल है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अटल आवास योजना के अंतर्गत निर्मित भवनों के 02 लाभार्थियों को घर की चाबी सौंपी। जिसमें मथुरा लाल और मुकेश लाल शामिल है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत नीलम देवी को द्वितीय किश्त के तहत 60 हजार का चेक प्रदान किया। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत संगीता देवी और गुड्डी देवी को घर की चाबी प्रदान की। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत राजेश्वरी देवी और नरेन्द्र सिंह को 50-50 हजार रुपये का अंशदान धनराशि के चेक प्रदान किए। महिला सशक्तिकरण के तहत मन्दोदरी देवी को महालक्ष्मी किट प्रदान किया। उल्लेखनीय कार्य के लिए युवक मंगल दल बूरा को 75 हजार और महिला मंगल दल आला जोखना 37 हजार 500 की प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए। देवभूमि मत्स्य जीवी सहकारिता समिति को 20 लाख का चेक प्रदान किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान गोपीनाथ की पवित्र धरा गोपेश्वर को नमन करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों का जनसैलाब, मेरे लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। आम जन के आशीर्वाद, उत्साह और उमंग से उन्हें और अधिक काम करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा सीमांत क्षेत्र चमोली का विकास केंद्र एवं राज्य सरकार की प्राथमिकता है। हमारे राज्य एवं देश का विकास सीमांत क्षेत्रों के विकास से ही संभव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार समाज के अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति तक हर योजना का लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, निःशुल्क खाद्यान्न, निःशुल्क इलाज, किसानों के विकास, गरीबों को आवास, सेना के आधुनिकीकरण, सीमाओं की सुरक्षा, प्रत्येक नागरिक को वैक्सीन पहुंचाने से लेकर हथियार और मोबाइल उत्पादन तक हर क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किये हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने जैसा ऐतिहासिक कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व नौ करोड़ से अधिक उज्ज्वला गैस कनेक्शन गरीबों को दिए गए हैं। विभिन्न रोजगार मेलों का आयोजन कर दस लाख लोगों को रोजगार देने का कार्य भी प्रारंभ किया है। आज राज्य एवं देश में चौतरफा विकास देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है, देश में प्रत्येक दिन 38 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है। मिशन इन्द्रधनुष योजना के तहत बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है देश में हर साल एक नए आईआईटी का निर्माण हुआ है। धारा 370 का खात्मा और अयोध्या में दिव्य और भव्य राम मन्दिर का निर्माण भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संभव हो सका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाना। सरकार चमोली एवं उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास के लिए निरंतर समर्पित भाव से कार्य कर रही है। प्रदेश के लोगों को सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के मंत्र से योजनाओं का पूर्ण लाभ मिल रहा है। प्रदेश की जनता के हित में कई ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता, सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू , धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून जैसे बड़े एवं कड़े फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गाे के हित में लगातार कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हम उत्तराखंड के अंतिम छोर पर खडे़ व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए दिनरात प्रयासरत हैं। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से हमारे नागरिक अनेक तरह से लाभान्वित हुए हैं और पिछले 10 वर्षाे में देश का ऐसा कोई भी नागरिक ऐसा नही होगा जो किसी न किसी योजना से लाभान्वित न हुआ हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगभग 4 करोड़ लोगों को आवास योजना का लाभ दिया जा चुका है। 80 करोड़ से अधिक लोगों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। 10 करोड़ से अधिक उज्जवला गैस कनेक्शन दिए हैं। उन्होंने कहा कि 370 हटाने से लेकर सेना के आधुनिकीकरण, सीमाओं की सुरक्षा, हथियार निर्यातकों के रूप में पहचान बनाते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से सबका साथ, सबका विकास तथा एक राष्ट्र, एक विधान को साकार किया है। प्रधानमंत्री के ही प्रयासों से आज हमारे प्रवासी नागरिक भी गर्व महसूस करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार द्वारा केवल फैसले ही नहीं लिए जा रहे है, बल्कि सभी योजनाओं को धरातल पर भी उतारा जा रहा है। सरकार द्वारा जिन योजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है समयावधि के भीतर उन योजनाओं को पूर्ण कर लोकार्पण भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा हमेशा से ये लक्ष्य रहा है कि उत्तराखण्ड का सर्वांगीण विकास हो और उत्तराखंड प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने का जो ’’विकल्प रहित संकल्प’’ हमने लिया है। उत्तराखंड की देवतुल्य जनता के विश्वास और सहयोग से हम निश्चित रूप से सफल होंगे।

राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट ने कहा कि प्रदेश में विकास की लहर चल रही है और प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। देश के प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए अनेक विकास कार्यों का जो संकल्प लिया है, वो धरातल पर उतरने लगे है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से ही कोविड काल जैसी विकट परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हुए और न केवल भारत की जनता को टीकाकरण और राशन उपलब्ध करवाया बल्कि विदेश तक भी कोविड वैक्सीन पहुंचाई। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देवभूमि के हर घर में बिजली, पानी, खाद्यान्न, गैस चूल्हा और नेटवर्क पहुंचाने काम किया है। उन्होंने कहा देश और प्रदेश के विकास के लिए जो भी आवश्यक होगा उसके लिए हमारी सरकार प्रयासरत रहेगी।

गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि देश प्रधानमंत्री वसुधैव कुटुम्बकम् की परिकल्पना के साथ रात-दिन समाज के हर वर्ग के लिए काम करने में जुटे है।

थराली विधायक भूपाल राम टम्टा और कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने मुख्यमंत्री का जनपद आगमन पर स्वागत करते हुए जनपद के विकास के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, राज्यमंत्री रेमश गडिया, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश मैखुरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी, एसडीएम आरके पांडेय आदि सहित बडी संख्या में स्थानीय जनता एवं विभिन्न योजनाओं से आच्छादित लाभार्थी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने 44.13 करोड़ (रूपया चवालीस करोड़ तेरह लाख) की योजनाओं का किया लोकापर्ण।
विधानसभा बद्रीनाथ के अतंर्गत विभिन्न विभागों की राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित तथा सीएसआर मद के अतंर्गत 43.61 करोड़ की योजनाओं का लोकापर्ण हुआ। जबकि थराली विधानसभा के अंतर्गत 0.52 करोड़ की योजनाओं का लोकापर्ण किया।

मुख्यमंत्री ने 185.17 करोड़ (रूपया एक अरब पिचासी करोड़ सत्रह लाख) की योजनाओं का किया शिलान्यास।
विधानसभा बद्रीनाथ के अतंर्गत विभिन्न विभागों की राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित एवं सीएसआर मद के अंतर्गत 177.41 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास हुआ। जबकि थराली विधानसभा में 7.76 करोड़़ की योजनाओं का शिलान्यास किया।

केंद्रीय मंत्री सहित सीएम ने किया 460 किमी लंबी कार रैली को रवाना

केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढावा देने के लिए ‘सॉल ऑफ स्टील’ अल्पाइन चैलेंज का विधिवत शुभारंभ किया। चमोली जनपद के नीती गांव के लिए 460 किलोमीटर लंबी कार रैली ‘रोड़ टू द एंड’ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जसवंत ग्राउण्ड में आयोजित 7वां सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

केंद्रीय रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान उत्तराखंड राज्य के सैनिकों ने दुश्मन के खिलाफ मजबूती से खड़े होकर और अडिग भावना के साथ देश की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सशस्त्र बलों के जवानों के साहस और बलिदान के कारण, हमारे नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं और अपना सिर ऊंचा करके चलते हैं। “हमारे बहादुर सैनिकों ने दुनिया भर में भारत की छवि को एक शक्तिशाली और सम्मानित राष्ट्र के रूप में बदलने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। हमारे जवान हमारी एकता और अखंडता के रक्षक हैं। हम चौन से सोते हैं क्योंकि हमारे जवान सीमा पर रात दिन चौकस हैं।

केंद्रीय रक्षामंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों को प्रदान की जा रही पेंशन, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं उनके द्वारा किए गए बलिदान और प्रतिबद्धता के प्रति देश के सम्मान का एक छोटा सा प्रतीक हैं। पूर्व सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, केंद्रीय रक्षामंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए रक्षा पेंशन शिकायत निवारण पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। कहा कि लोग पोर्टल के जरिए सशस्त्र सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष में योगदान कर सकते हैं। उन्होंने इसे पूर्व सैनिकों के कल्याणकारी प्रयासों से नागरिकों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों और सशस्त्र सेना के सेवारत कर्मियों को उनके समर्पण और वीरता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सैन्यधाम का रक्षामंत्री जी ने विधिवत् रूप से शिलान्यास किया था, जिस पर तेजी से कार्य चल रहा है। इस वर्ष दिसम्बर माह तक सैन्यधाम का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र सर्वाेपरि की भावना से ओतप्रोत वीर सैनिकों ने देश की आनबान और शान को हमेशा अक्षुण रखने का कार्य किया है। भारत की सेना हमेशा विश्व की शक्तिशाली सेनाओं में से एक रही है। हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हुए प्रत्येक संघर्ष में अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए दुश्मन के छक्के छुड़ाने का काम किया है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने अपने वीर सपूत देश को दिए हैं, जिन्होंने अदम्य साहस विश्व को दिखाया है। शान्ति का उपदेश देने वाली भारत की पुण्यभूमि समय आने पर शौर्य एवं पराक्रम द्वारा दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखती है। आज सम्पूर्ण विश्व भारत की शक्ति एवं सामर्थ्य से परिचित है, जिसका परिणाम है कि कोई भी दुश्मन हमारी ओर उंगली उठाने का साहस नहीं करता है। आज सैनिक दुश्मनों की गोली का जवाब गोलों से दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व एवं अथक प्रयासों से आज सैनिकों को सैन्य साजो की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। आज सेना को लगातार अच्छे साजो-सामान मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री एवं रक्षामंत्री लगातार सैनिकों का मनोबल बढाने का कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि सैन्य पुत्र होने के नाते राष्ट्र सेवा के प्रति वीर जवानों के समर्पण को नजदीक से देखा है। सैनिकों के लिए उनकी यूनिट ही उनका परिवार है। परिवार से अधिक समय वे इनके साथ बिताते हैं यही कारण है एक सैनिक का दूसरे सैनिक के साथ भाई-भाई जैसा नाता होता है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सेना के अधिकारियों का अपने अधीनस्थों के साथ प्रेमवत व्यवहार एवं सम्मान होता है, तथा उनका नाम आदर से लिया जाता है जो सभी के लिए अनुकरणीय है।

उन्होंने कहा कि सैनिकों के कल्याण के लिए जितने भी मामले आते हैं उस पर निरंतर कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार द्वारा गैलेंटरी अवार्ड विजेताओं की सम्मान राशि बढाने का काम किया है। उन्होंने कैन्टोमेंट बोर्ड की वेस्ट टू वैन्डर पहल कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल राजधानी को सुन्दर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। सरकार का प्रयास रहा है कि आने वाली पीढ़ी सेना के पराक्रम वीरता से भली भांति परिचित हो सके इसको ध्यान में रखते हुए आज शौर्य स्थल का विधिवत् उद्घाटन हुआ है।

इसके उपरान्त रक्षामंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य ने परिसर में उपस्थित पूर्व सैनिकों के पास जाकर उनके मुलाकात की तथा उनके साथ जलपान किया।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी, टिहरी गढ़वाल के सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, उत्तर भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल जे पी मैथ्यू, उत्तराखंड सब एरिया, मेजर जनरल संजीव खत्री, उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर जनरल मोहन लाल असवाल (सेवानिवृत्त), सहित अन्य गणमान्य एवं पूर्व सैनिक एवं उनके परिजन व सैनिक शामिल थे।

कांग्रेस के लिए जोशीमठ बन रहा डिजास्टर टूरिज्मः भाजपा

भाजपा ने भू धँसाव ग्रस्त जोशीमठ को कांग्रेस के लिए आपदा पर्यटन बताते हुए कहा कि बेहतर होता कि वह आरोप लगाने से पहले जवाबदेही स्वीकार कर लेती।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इस समय प्रभावित क्षेत्र मे पहली प्राथमिकता लोगो को सुरक्षित स्थल मुहैया कराना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रभावितों को बाजार दर पर मुआवजा तथा किसी भी भवन को न तोड़ने का अश्वासन लोगों को दे चुके है। महज जो दो होटल जो कि अन्य भवनों के लिए खतरा बने हुए है उनको भी डिसमेंटल करने की कार्यवाही की जा रही है। सरकार डेढ़ लाख की अंतरिम सहायता दे रही है जिसमे 50 हजार घर शिफ्ट करने तथा एक लाख आपदा राहत मद से एडवांस मे उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं जो लोग किराये पर जा रहे है उन्हे 4 हजार रुपये प्रति माह 6 माह तक दिये जायेंगे।

भट्ट ने कहा कि प्रभावित मकानों का सर्वे किया जा रहा है। सरकार प्रभावितों को को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस जोशीमठ को सैर सपाटे की जगह मान रही है और उसे पीड़ितों के दुख से कोई लेना देना नही है। कांग्रेस पीड़ितों के हितो को लेकर संघर्ष का दिखावा भी कर रही है, लेकिन उसके मूल मे राजनीति ही है। एक और कांग्रेसी पीड़ितों की समस्या को लेकर सीएम से भेंट कर रहे है तो सुबह उपवास पर बैठ रहे है। मुआवजे की समस्या के समाधान के बाद अब वह नये जोशीमठ का राग अलाप रहे है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक अवसर के रूप मे देख रही कांग्रेस अति उत्साह मे अनाप शनाप बयांबाजी कर रही है।

भट्ट ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति यह है कि पूर्व की आध्यन रिपोर्ट को लेकर उदासीन रहने और जब जवाबदेही की स्थिति बनी तो वह दूसरे मामलों को लेकर राजनीति पर उतर आये। उन्होंने कहा कि जोर की आवाज मे कोई असत्य सत्य नही बन सकता। कांग्रेस को अपनी नीति और नीयत पर मंथन की जरूरत है।

जोशीमठ में प्रभावित परिवारों को तात्कालिक तौर पर दी जा रही है 1.5 लाख रूपये की अंतरिम सहायता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नगरपालिका क्षेत्र जोशीमठ के भू-स्खलन एवं भू- धसाव प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावितों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जायेगा। बाजार की दर हितधारकों के सुझाव लेकर और जनहित में जारी की जाएगी। 03 हजार प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है। तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रूपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में भूधसाव के कारण प्रभावित भू-भवन स्वामियों/परिवारों को स्थाई अध्यासन विस्थापन नीति तैयार होने से पूर्व 01 लाख रूपये की अग्रिम धनराशि दी गई है। प्रभावित भू-भवन स्वामियों / परिवारों को अपने भवन के सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोजय एकमुश्त विशेष ग्रान्ट के रूप में 50 हजार रूपये की धनराशि दी गई है। यह धनराशि उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा जारी की गई। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में कुल खर्चे का पूरा आकलन कर सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु अपने एक माह का वेतन दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में जिन मकानों में दरारें आयी हैं, उन मकानों को ध्वस्त करने की अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने सभी से अपील की है कि इन अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र में दरार वाले मकानों को तब तक ध्वस्त न कराया जाय, जब तक अपरिहार्य न हो। मुख्यमंत्री जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र की सभी व्यवस्थाओं की अधिकारियों से नियमित रिपोर्ट ले रहे हैं। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जोशीमठ क्षेत्र में प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी हर समस्याओं का शीघ्रता से निदान किया जाय। सुरक्षा की दृष्टि से जिन परिवारों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट कराया जा रहा है उनको वहां सभी बेहतर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जाय कि यह पूरे देश के लिए नजीर बने। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के इस दुःख-दर्द में सरकार द्वारा उनको हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र में शासन के उच्चाधिकारी क्षेत्र में प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम मौके पर प्रशासन के अधिकारियों के साथ सभी व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। जोशीमठ के भू-स्खलन एवं भू- धसाव प्रभावित क्षेत्र में भूगर्भीय तथा अन्य आवश्यक जांचें संबंधित संस्थाओं द्वारा की जा रही है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की टीम भी मौके पर मौजूद है।

जोशीमठ में एसडीआरएफ की टीम बढ़ा रही लोगों का मनोबल

जोशीमठ में हो रहे हैं भू धंसाव की वजह से घरों में दरारों के दृष्टिगत एसडीआरएफ टीमें अलर्ट मोड़ पर है। पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल के दिशा निर्देशन में एसडीआरएफ की आठ टीमों को प्रथम चरण में जोशीमठ में तैनात किया गया है। एसडीआरएफ की यह टीमें अन्य इकाईयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जहां एक ओर भूधंसाव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रही है वहीं दूसरी ओर दिन व रात प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी नजर रखते हुए प्रभावित लोगों का मनोबल बढ़ाने में भी प्रयासरत है।

सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा द्वारा स्वयं मौके पर पहुंचकर सम्पूर्ण स्थिति का जायज़ा लिया गया व जोशीमठ में ही कैम्प कर ग्राउंड जीरो पर एसडीआरएफ की कमान संभाली जा रही है। वस्तुस्थिति देखने के उपरान्त स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल एसडीआरएफ टीमों को प्रभावित क्षेत्र में दिन के साथ साथ रात्रि में भी कड़ी निगरानी रखने हेतु निर्देशित किया गया। जिसके अनुपालन में रात्रि में भी एसडीआरएफ टीमों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावी गश्त के माध्यम से निगरानी करते हुए स्थिति पर नजर रखी जा रही है और आकस्मिक स्थिति होने पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने में सहायता भी प्रदान की जा रही है। साथ ही वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट से एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें मय आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों के जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्र पहुंच गई है,जिससे किसी भी आकस्मिक स्थिति में कम से कम समय में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके।
इसके साथ ही आसपास की अन्य पोस्टों पर भी एसडीआरएफ के जवानों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी अकस्मात स्थिति के उतपन्न होने पर सभी टीमें कम से कम समय मे त्वरित राहत और बचाव कार्य कर सके।
वाहिनीं मुख्यालय, जॉलीग्रांट में भी समस्त फ़ोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी प्रकार के बैक अप की आवश्यकता पड़ने पर टीमें त्वरित रिस्पांस हेतु पूर्णतः तैयारी हालत में है। समस्त रेस्क्यू उपकरणों की भी क्रियाशीलता को जांचकर तैयारी हालत में रखा गया है।
एसडीआरएफ कंट्रोल रूम भी हाई अलर्ट पर है व समस्त स्टाफ को निर्देशित किया गया है कि समस्त सूचनाओं का आदान प्रदान त्वरित हो व प्रत्येक सूचना को गम्भीरता से लिया जाए और किसी भी अक्समात स्थिति पर त्वरित रिस्पांस सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने जोशीमठ भू धंसाव के संबंध में ली उच्चाधिकारियों की बैठक

जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को देखते हुए हमारे लिए एक-एक मिनट बहुत महत्त्वपूर्ण है। प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को अविलम्ब सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के सम्बन्ध में शासन में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्र को अविलम्ब खाली कराए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, लोगों को जिस स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पेयजल आदि की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल विभाग को भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में टूटी पेयजल लाईनों, सीवर एवं विद्युत लाईनों आदि को भी दुरूस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि भू-धंसाव के कारण पेयजल की टूटी लाइनों से भू-धंसाव बढ़ने और विद्युत लाईनों से प्रभावित क्षेत्र में जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए लगातार क्षेत्र पर नजर बनाए रखते हुए उच्चाधिकारियों को भी क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने भू-धंसाव क्षेत्र में टॉ इरोजन को रोकने के लिए आज से ही कार्य शुरू किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन भवनों में दरारें आ चुकी हैं और जर्जर हो चुके हैं, उन्हें शीघ्र ध्वस्त किया जाए ताकि वे भवन और अधिक नुकसान न करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेषज्ञों आदि को प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में समय न लगे इसके लिए चॉपर से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने मैन पावर को बढ़ाकर कार्यां को शीघ्र पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव नितेश झा एवं डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा सहित अन्य सभी सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

देश के विशेषज्ञों की टीम भूधंसाव के कारणों का पता लगा रहीः सीएस

मुख्य सचिव डा. सुखवीर सिंह संधु ने आज जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मुख्य सचिव के साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर.मीनाक्षी सुंदरम भी मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भूधंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है और इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि तात्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है और स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी दशा में रिस्क ना ले। ऐसी स्थिति में कभी भी नुकसान ज्यादा हो सकता है। जिला प्रशासन द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें। इस दौरान मुख्य सचिव ने मनोहर बाग, सिंग्धार, मारवाडी स्थित जेपी कंपनी प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्य सचिव को आपदा की स्थिति के बारे में अवगत कराया।

मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जोशीमठ शहर के भू धसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था एवं भूधंसाव के कारणों आदि के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ की अध्यतन स्थित की सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी चमोली से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

उन्होंने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा एवं बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे समय में लोगों की मदद करना हम सबका दायित्व एवं जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति में लोगों में भरोसा बनाये रखने की भी बात कही। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पुनर्वास तथा उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने में भी तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावितों को बेहतर से बेहतर क्या मदद कर सकते हैं इस पर ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में सबसे महत्वपूर्ण होता है लोगों में सरकार और प्रशासन का भरोसा बनाये रखना। इसमें धरातल पर काम करने वाले प्रशासनिक मशीनरी को संवेदनशीलता से काम करना होगा तथा स्थिति पर निगरानी बनाए रखनी होगी। इसके लिये हमें तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य करना होगा। तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्यवाही ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिये नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है।

मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट की सुविधा रहे, इसकी भी तैयारी हो।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशी जाए। कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू हो। सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों। जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर सम्पर्क में रहें। सम्भावित डेंजर जोन भी चिन्हित कर लिये जाएं। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है। इस संबंध में सैटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं। सभी विभाग टीम भावना से काम करें तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यहां पर किये जाने वाले तात्कालिक महत्व के कार्यों को आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सम्पादित करने की व्यवस्था बनायी जाय। ऐसे समय में लोगों की आजीविका भी प्रभावित न हो इसका भी ध्यान रखा जाय। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है वह की जाय। उन्होंने प्रभावितों की मदद के लिये एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूर्ण कर लिये जाय।

सचिवालय में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्विम अग्रवाल आदि के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल मण्डल श्री सुशील कुमार, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली श्री हिमांशु खुराना सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

जोशीमठ में भूधसाव मामले में सीएम ने प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने का दिया आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भूधसाव के सन्दर्भ में कल 6 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक सायं छह बजे सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम भवन के चतुर्थ तल पर आहूत की गई है।

बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढवाल मण्डल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जो अधिकारीगण मुख्यालय में उपस्थित हैं भौतिक रूप में एवं अन्य अधिकारीगण जो मुख्यालय से बाहर हैं, ये वीडियो कान्फ्रेंन्सिंग के माध्यम से प्रतिभाग करेंगे।

उधर आज सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढवाल कमिश्नर सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर डा.बीके माहेश्वरी सहित तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम जोशीमठ पहुंच गई है। गढवाल कमिश्नर एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने तहसील जोशीमठ में अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्थिति की समीक्षा की गई। विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है।

जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग वाई पास निर्माण कार्य, एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत निर्माण कार्याे पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी अग्रिम आदेशों तक रोका गया है।

प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने हेतु जिला प्रशासन ने एनटीपीसी व एचसीसी कंपनियों को एहतियातन अग्रिम रुप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के भी आदेश जारी किए है।

जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को लेकर प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाने में जुटा है। प्रभावित परिवारों को नगरपालिका, ब्लाक, बीकेटीसी गेस्ट हाउस, जीआईसी, गुरुद्वारा, इंटर कालेज, आईटीआई तपोवन सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट कर लिया गया है। जिसमें से 38 परिवार को प्रशासन ने जबकि पांच परिवार स्वयं सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए है।

भू-धसाव बढने से खतरे की जद में आए भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। ताकि कोई जानमाल का नुकसान न हो। राहत शिविरों में बिजली, पानी, भोजन, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं के लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए जिम्मेदारी दी गई है।

जिलाधिकारी हिमांशु खुराना द्वारा लगातार स्थिति की समीक्षा की जा रही है। अपर जिलाधिकारी डा.अभिषेक त्रिपाठी एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट डा.दीपक सैनी सहित प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है। जोशीमठ भू-धंसाव के खतरे से निपटने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस सुरक्षा बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

सीएम ने चमोली के लिए रवाना की बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस, सीएमओ के नियंत्रण में रहेगी एम्बुलेंस

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में इपिराक माइनिंग इंडिया लि. द्वारा सीएसआर के तहत प्रदान की गई बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर जनपद चमोली के लिये रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एम्बुलेंस चारधाम यात्रा के दौरान लोगों को त्वरित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में मददगार होगी। उन्होंने इस प्रकार के जन सेवा के कार्यों में सहयोगी की सराहना की। इस सम्बन्ध में आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन ने बताया कि यह एम्बुलेंस इपिराक माइनिंग इंडिया द्वारा सीएसआर के तहत उपलब्ध करायी गई है। वर्तमान में इपिराक द्वारा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के अंतर्गत अंडरग्राउंड टनल के निर्माण में भागीदारी दी जा रही है। यह एम्बुलेंस सीएमओ चमोली के नियंत्रण में रहेगी तथा बदरीनाथ से श्रीनगर के मध्य संचालित होगी।

इस अवसर पर बीएस नेगी के साथ ही कम्पनी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।