धामों में मोबाइल, पर्स मंदिर के अंदर ले जाने पर पूरी तरह नियंत्रित करने की मांग

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू को पत्र लिखकर श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ मंदिरों के निकट क्लॉक रूम बनाने का सुझाव दिया है, ताकि मंदिर में दर्शन हेतु जा रहे तीर्थयात्रियों के मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैग इत्यादि वहां जमा हो सकें।
उल्लेखनीय है कि विगत दिवस बीकेटीसी ने श्रद्धालुओं की संख्या में कमी को देखते हुए केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश की छूट दे दी थी। ऐसे में कतिपय शरारती तत्वों द्वारा गर्भ गृह का वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया गया। जिस पर श्रद्धालुओं व तीर्थपुरोहितो ने कड़ी आपत्ति जताई है।
वीडियो बनाकर वायरल होने की घटना पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने भी कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इस मामले में मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह को प्रकरण की जांच कर वहां ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही अजेंद्र ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा की दृष्टि से एहतियाती कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान यात्रा काल में अब तक लाखों लोग दोनों धामों की यात्रा कर चुके हैं। कतिपय यात्री मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैग इत्यादि के साथ मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं, जो मंदिर के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उचित नहीं है। लिहाजा, दोनों मंदिरों के निकट क्लॉक रूम बनाया जाए। जहां पर यात्रियों के मोबाइल, बैग इत्यादि सामान जमा कर सकें।

बदरीनाथ के भव्य रुप को संवारने की जिम्मेदारी सभी की-संधु

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु ने बद्रीनाथ पहुंचकर मास्टर प्लान के तहत चल रहे निर्माण कार्याे का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यदायी संस्थाओं को गुणवत्ता के साथ-साथ तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को शीघ्र ही मैन पावर बढाने के निर्देश दिए। वहीं मुख्य सचिव ने व्यापारियों से मुलाकात की और कहा फिलहाल उनके लिए अस्थायी दुकानों का निर्माण किया जा रहा है तथा कार्य पूरे होने के बाद स्थायी दुकाने आवंटित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्थानीय जनता के सहयोग से आने वाले वर्षाे में बद्रीनाथ का भव्य रूप दुनिया के सामने होगा जिससे यहां के व्यापारियों, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पीएमओ भी डेली बेसिस पर इसकी मानीटरिंग कर रहा है।
उसके बाद मुख्य सचिव ने बदरीनाथ मास्टर प्लान तथा यात्रा की तैयारियों को लेकर बीआरओ गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने उन्हें गतिमान कार्यों और यात्रा की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। मुख्य सचिव ने मास्टर प्लान कार्यों में लगे मजदूरों तथा अन्य कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास बनाने के निर्देश दिए। साथ ही यात्रा व्यवस्था को लेकर भी संबंधित विभागों को निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने गोविन्द घाट से पुलना पैदल मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यदायी संस्थाओं को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए कहा कि 15 दिन बाद फिर इसका स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
इस दौरान पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, एसडीएम कुमकुम जोशी, धर्मेश गंगानी, मुख्य अभियन्ता अयाज अहमद, इओ सुनील पुरोहित, कमाण्डर मनीष कपिल, हेमकुण्ड साहिब के प्रबंधक सेवा सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री को महाराज ने सौंपी उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट

उत्तराखंड के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस मुलाकात में देवस्थानम बोर्ड को लेकर विस्तार से बातचीत हुई। इसके साथ ही उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर पुनर्विचार हेतु मंत्री गणों की उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट परीक्षण एवं अध्ययन के पश्चात सतपाल महाराज ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी।
उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के परिपेक्ष में चारों धामों के हितधारकों पंडा, पुरोहितों और पुजारियों द्वारा समय-समय पर विरोध, आंदोलन के मध्येनजर वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत समाधान हेतु समिति की रिपोर्ट के सम्यक परीक्षणोंपरांत और सतपाल महाराज की अध्यक्षता में गठित मंत्री गणों की उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया।

विंटर पर्यटन को बढ़ावा देगी राज्य सरकार-सतपाल महाराज

उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चार धाम की यात्रा के बाद अब हमारा ध्यान प्रदेश में विटंर टूरिज्म को प्रमोट करने पर है। हजारों लोग उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को देखने आते हैं इसलिए हम ऐसे डेस्टिनेशन को प्रचारित कर रहे हैं जो लोगों की आस्था से भी जुड़े हों। इसके साथ ही पर्यटक सर्दियों में उत्तराखंड की वादियों का लुत्फ भी उठा सकेंगे। सतपाल महाराज ने प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में शुक्रवार को उत्तराखंड डे का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर सतपाल महाराज ने कहा कि व्यापार मेले में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की छटा देखने को मिल रही है। लोगों का उत्साह देखकर लग रहा है ​कि उत्तराखंड के उत्पाद लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पाद, बाल मिठाई, पहाड़ी दालें, मसाले तथा जड़ी-बूटियां, शहद बैम्बू प्राकृतिक रेशा रामबॉस तथा भीमल से बने उत्पाद भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ​कोविड19 के पश्चात पहली बार आयोजित हो रहे भारतीय अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्य दिवस के अवसर पर सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन के लिए कृत संकल्प है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार कर अधिकाधिक निवेश आक​र्षित करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। एकल खिड़की व्यवस्था के अंतर्गत् उद्योगों को निर्धारित समय सीमा में सभी प्रकार की स्वीकृतियां तथा अनापत्तियां प्रदान किए जाने हेतु एकल खिड़की अधिनियम लागू किया गया है। इज आफ डुइंग बिजनेस कार्यक्रम में राज्य देश के अग्रणी औद्योगिकी राज्यों के साथ शीर्ष राज्यों में शामिल है। महाराज ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगा मैया के प्रवास मुखबा और यमुना मैया के लिए खरसाली गांव को विशेष रूप से सजाया जाता है।
सतपाल महाराज ने कहा कि एक ओर जहां बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य के युवाओं विशेषकर कोविड 19 से प्रभावित राज्य के प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो स्वरोजगार योजना लागू की गई है। हरित प्रदेश की अवधारणा को मूर्त रूप देने में सरकार सतत प्रयत्नशील है और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लागू ​की गई है।
राज्य के समस्त जनपदों के पोटेंशियल को देखते हुए एक जनपद दो उत्पाद योजना लागू की गई है​ जिससे राज्य के विशिष्ट उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित करने में सफल होंगे। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान है राज्य सरकार प्रसिद्व पर्यटन स्थलों के अतिरिक्त 13 जनपद 13 डेस्टिनेशन के अंतर्गत तेजी से कार्य कर रही है।
बुनियादी ढांचे के अंतर्गत राज्य में रेल लाइन, वायुसेवा तथा राजमार्गों के निर्माण के क्षेत्र तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष मेले की थीम है आत्मनिर्भर भारत और राज्य सरकार इसी तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है।
भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रगति मैदान के हॉल नंबर 4 में उत्तराखंड पैवेलियन में इस वर्ष हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के तत्वाधान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 34 स्टाल लगे हैं। इस वर्ष मेले का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के शिल्प आधारित सोवेनियर उत्पाद हैं, जिन्हें उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा विस्तृत स्तर पर शोध एवं भ्रमण कर राज्य के परंपरागत विभागों में पर्यटन, हिमाद्री, हिलांस, बैम्बू बोर्ड, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, ग्राम विकास एवं सिडकुल मुख्य रूप से प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन एस.एस संधू, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग रोहित मीणा निदेशक उद्योग सुधीर चंद्र नौटियाल, उप निदेशक उद्योग शैली डबराल, उप निदेशक, राजेंद्र कुमार, मेलाधिकारी के.सी. चमोली, प्रदीप सिंह नेगी, गिरिश चंद्र आदि उपस्थित थे।

उच्चस्तरीय समिति में तीर्थपुरोहित और हक-हकूकधारियों को किया सदस्य नामित

सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर गठित उच्चस्तरीय समिति में नौ तीर्थपुरोहित और हक-हकूकधारियों को बतौर सदस्य नामित किया है। सचिव धर्मस्व एचसी सेमवाल की ओर से इसके आदेश किए गए।
चारधाम के तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग कर रहे हैं। उनके विरोध को देखते हुए सरकार ने तीर्थ पुरोहितों एवं हकूकधारियों के सुझाव लेने के लिए उच्चस्तरीय समिति बनाई थी। इसकी कमान भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर कांत ध्यानी को दी गई है। ध्यानी इस मामले में अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को दे भी चुके हैं। हालांकि, तीर्थपुरोहित और हक-हकूकधारी ध्यानी का भी विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि ध्यानी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं। इसलिए, सरकार ने इस समिति में नौ तीर्थपुरोहितों को सदस्य नामित किया है।

इन्हें नामित किया गया सदस्य
-बदरीनाथ धाम से विजय कुमार ध्यानी, संजय शास्त्री और रवींद्र पुजारी
-केदारनाथ धाम से विनोद शुक्ला और लक्ष्मी नारायण जुगराण
-गंगोत्री धाम से संजीव सेमवाल और रवीन्द्र सेमवाल

देवस्थानम बोर्ड पर उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट सरकार को मिली

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को सचिवालय में देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष मनोहर कान्त ध्यानी ने भेंट की।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष मनोहर कान्त ध्यानी ने देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में उच्च स्तरीय समिति द्वारा तैयार की गई अन्तरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कई बिन्दुओं पर तीर्थ पुरोहित समाज व पंडा समाज से वार्ता के बाद संशोधन का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। जिन बिन्दुओं पर आपत्ति है वे बिन्दुओं पर सरकार अब क्या एक्शन लेगी ये तो सरकार ही तय करेगी।

बलूनी ने भी दिए थे संकेत
तीर्थ पुरोहितों से जुड़े हुए कुछ पदाधिकारियों ने दिल्ली में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से भेट की थी। जिसके बाद तीर्थपुरोहितों की ओर से ये दावा किया गया था कि अनिल बलूनी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के संकेत दिये है। हालांकि सांसद की ओर से ऐसा कोई बयान नही आया था। सूत्र बतातें है कि चुनावी वर्ष में अब सरकार इसके नफा नुकसान का आंकलन करके ही आगे की रणनीति के तहत कार्य करेगी।

चारधामों के कपाट बंद होने के तिथि की हुई घोषणा

चारधाम यात्रा के लिए अब कम समय बचा है। अगले माह चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसकी औपचारिक घोषणा शुक्रवार को विजयादशमी पर हो गई है। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट छह नवंबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे। वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन बंद होंगे।

यह रहेगा दिन और समय
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी के दिन शुक्रवार को घोषित की गई। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शाम 6:45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूठ के पावन पर्व पर पांच नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर बंद होंगे। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर छह नवंबर को दोपहर साढ़े बारह बजे बंद किए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में गंगा मां की भोग मूर्ति के दर्शन उनके मायके ग्राम मुखबा और मां यमुना के दर्शन खरशाली स्थित उनके शीतकालीन मंदिरों में होंगे।
 
तुंगनाथ के कपाट 30 अक्टूबर व मद्महेश्व के कपाट 22 नवंबर को होंगें बंद
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 22 नवंबर को प्रातरू साढे आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जाएगे। जबकि डोली आगमन पर मद्महेश्वर मेला 25 नवंबर को आयोजित होगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।

17 अक्तूबर को बंद होंगे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट
मध्य हिमालय में चतुर्थ केदार के रूप में विख्यात भगवान रुद्रनाथ के कपाट 17 अक्तूबर को कार्तिक संक्रांति के पावन पर्व पर ब्रह्ममुहूर्त में अभिषेक पूजा के बाद शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट, रुद्रनाथ के पुजारी धर्मेंद्र तिवाड़ी, गोपीनाथ-रुद्रनाथ मंदिर के प्रबंधक आशुतोष भट्ट और हक-हकूकधारी देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि उसी दिन भगवान की उत्सव डोली पनार बुग्याल और सगर गांव से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएगी।

अब तक सवा लाख यात्रियों ने किए चारधामों के दर्शन
त्योहारी सीजन में विश्व प्रसिद्ध चारधामों के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अब तक सवा लाख यात्रियों ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के दर्शन किए हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए 8354 यात्री हेली सेवा से पहुंचे हैं। 

प्रदेश में अगले महीने चारधामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने से यात्रा भी स्थगित हो जाएगी। यात्रा के अंतिम दिनों में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में दर्शनों के लिए तीर्थ यात्रियों की तादाद बढ़ रही है। उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुताबिक गुरुवार को चारधामों में 7823 यात्रियों ने दर्शन किए। अब तक चारधामों में 1,14,195 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। 
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। अब तक चारधामों में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या एक लाख पार हो चुकी है। ई-पास की व्यवस्था समाप्त होने से चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बस टर्मिनल ऋषिकेश में निशुल्क कोविड जांच केंद्र स्थापित किया गया है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चारधामों में नियमों का पालन करने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। साथ ही यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

कार्यों की गुणवत्ता से ना किया जाए समझौता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ एस.एस. सन्धु ने शुक्रवार को भगवान केदारनाथ के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कार्यों में बेहतर गुणवत्ता के साथ ही तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों में गति लाने के लिए आवश्यक मैन पावर, मशीनरी एवं मटीरियल की पर्याप्तता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों में गति लाने के लिए वीकली टारगेट निर्धारित कर अचीवमेंट की समीक्षा नियमित रूप से की जाए।
मुख्य सचिव ने केदार पुरी के दोनों तरफ की पहाड़ियों पर वन विभाग को आकर्षक प्लांटेशन करने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां काम कर रही लेबर से भी बात की, मुख्य सचिव ने अधिकारियों को श्रमिकों के लिए उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने चोराबाड़ी ट्रेक रूट को विकसित किए जाने के साथ ही गरुड़ चट्टी से रामबाड़ा तक पुराने मार्ग को सुचारू करने हेतु फॉरेस्ट क्लीयरेंस पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने निर्माणाधीन शंकराचार्य समाधि स्थल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी के संगम पर निर्मित हो रहे स्नान घाटों केदारनाथ गरुड़ चट्टी को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पुल व पहाड़ी शैली में निर्मित हो रहे भवनों का जायजा भी लिया। मुख्य सचिव ने वहां मौजूद अधिकारियों से निर्माण कार्यों में गति एवं समय से पूरा करने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सुव्यवस्थित और सुरक्षित चारधाम यात्रा हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर एवं जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग भी उपस्थित थे।

प्रीतम ने दिल्ली में थामा भाजपा का हाथ, भाजपाईयों में बैचेनी

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने बड़ा दांव चला है। धनोल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार को पार्टी अपने पाले में लाने में कामयाब रही है। बुधवार को विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उन्हें सदस्यता ग्रहण कराई। बता दें कि प्रीतम उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) से भी मंत्री रह चुके हैं। उन पर कांग्रेस की भी नजर थी।
इस मौके पर प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि देश की सबसे बड़ी पार्टी में शामिल हुआ हूं। मैं धार्मिक प्रदेश से हूं, जहां चारधाम हैं, देवी देवताओं का वास है। पीएम मोदी का नाता भी देवभूमि से रहा है। जिस तरह से उनकी धार्मिक आस्था देवभूमि से जुड़ी हैं उससे निश्चित तौर पर प्रदेश का विकास होगा।

जानिए प्रीतम सिंह पंवार के बारे में खास बातें
नाम- प्रीतम सिंह पंवार
पिता का नाम- स्व. मनोहर लाल पंवार
माता का नाम- कमला देवी
जन्मतिथि- 1 जनवरी 1966
स्थाई पता- ग्राम थान, जौनपुर, टिहरी गढ़वाल।
प्रारंभिक शिक्षा- प्राथमिक से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा बड़ेथी, उत्तरकाशी।
स्नातक- डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून।

प्रीतम पंवार का राजनीतिक सफर
– 1984 में उत्तराखंड क्रांति दल में शामिल हुए।
– 1988 में पहली बार चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी से क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने गए।
– 1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की।
– 1996 में जिला सहकारी बैंक उत्तरकाशी के निदेशक।
– 1996 में दोबारा चिन्यालीसौड़ उत्तरकाशी से क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने गए।
– वर्ष 2000 से 2002 तक उत्तरकाशी जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे।
– 2002 में पहली बार यूकेडी से यमुनोत्री विधानसभा सीट से विधायक बने।
– 2012 में दूसरी बार भी यूकेडी से ही यमुनोत्री सीट से विधायक बने। तत्कालीन कांग्रेस सरकार में पहली बार कैबिनेट मंत्री का दायित्व संभाला। पंवार को शहरी विकास, मत्स्य पालन, पशुपालन, कारगार जैसे बड़े विभागों का मंत्री बनाया गया।
– 2017 में टिहरी जिले की धनोल्टी विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर तीसरी बार विधायक बने।

केदारनाथ में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने में जुटी धामी सरकार

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम में यात्रा और पूजा का सफल आयोजन कराने के लिए रावल और पुजारियों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए केदारनाथ धाम में रावल व पुजारियों के लिए तीन मंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये का बजट जारी किए गए हैं। केदारनाथ के रावल ही धाम में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए पुजारी को अधिकृत करते हैं।

श्री केदारनाथ धाम से करीब 300 मीटर सरस्वती नदी समीप बनने वाले तीन मंजिला इमारत में 18 कक्षों का निर्माण किया जाएगा। 6.39 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस इमारत में रावल निवास, पुजारी आवास, भोग मंडी, पंथेर आवास, समालिया आवास, वेदपाठी आवास, पूजा कार्यालय आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए उत्तराखंड शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये की धनराशि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को प्राप्त हो चुकी है। जिसकी पहली किस्त 27 मार्च और दूसरी किस्त 12 जुलाई को जारी की गई।

दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव ने बताया कि तीन मंजिला इमारत का निर्माण होने के बाद यात्रा के साथ पूजा का सफल और आसानी से आयोजन हो सकेगा। शासन की ओर से इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ रावल व पुजारियों को मिलेगा।

रविनाथ रमन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने बताया कि 265 वर्ग मीटर में होने वाले भवन निर्माण के लिए स्थानीय जिलाधिकारी की ओर से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को मंदिर परिसर के समीप भूमि उपलब्ध करा दी गई है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।