सीएम ने अधिकारियों को दिये जलभराव वाले क्षेत्रों में नजर रखने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डामकोठी में जनपद हरिद्वार में हुये जलभराव के सम्बन्ध में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उच्चाधिकारियों के साथ इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श कर निरंतर स्थिति पर नजर रखने को कहा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पेयजल, स्वास्थ्य, संचार, विद्युत आदि व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा निर्देश दिये कि जल भराव वाले क्षेत्रों में सभी व्यवस्थायें सामान्य रूप से संचालित हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जलभराव की वजह से फसलों को हुये नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान किये जाने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलभराव के कारण पशुओं के लिये चारा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाय तथा चारे का पर्याप्त स्टॉक भी रखा जाये।
बैठक में अतिक्रमण की वजह से भी कई जगह हुये जलभराव के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जहां पर भी अतिक्रमण की वजह से दिक्कतें सामने आ रही हैं, आपदा के अन्तर्गत उससे सख्ती से निपटा जाये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने विगत दिनों जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कुल कितनी बरसात हुई, जिसके कारण जल भराव की स्थिति पैदा हुई, के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लक्सर, रूड़की आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव के कार्यों में एसडीआरएफ, जल पुलिस, राजस्व, फायर ब्रिगेट, पुलिस, विभागीय टीम तथा स्वैच्छिक संगठनों सहित 579 सदस्स्यों की कुल 34 टीमें निरन्तर कार्य कर रही हैं तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय, पंचायती राज विभाग द्वारा इन प्रभावित क्षेत्रों में महामारी फैलने से बचाव हेतु बड़े पैमाने पर कीट नाशक का छिड़काव किया जा रहा है, जो हमारे लिये चुनौती भी है। दवाओं का प्रोक्यूरमेंट हमने कर दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में राहत किट, भोजन आदि वितरित किये जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने अवगत करया कि हरिद्वार, रूड़की, लक्सर तथा भगवानपुर के बाढ़ प्रभावित शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को गृह अनुदान, अनुग्रह अनुदान व अहेतुक मद से 860 लाभार्थियों को 36.27 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जनपद में जल भराव से 15796 व्यक्ति प्रभावित हुये हैं, जिनमें से कई लोग तो रिश्तेदारों व किराये के मकान में शिफ्ट हुये हैं तथा 81 परिवारों को राहत केन्द्र में शिफ्ट किया गया है।
जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग की 52 सम्पत्तियों को हुआ है, जिनमें सभी जगह कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है तथा कार्यदायी सभी संस्थाओं को एडवांस में धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राहत कोष, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के माध्यम से जल भराव वाले प्रभावित लोगों की पूरी मदद की जा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री को रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, लक्सर विधायक शहजाद, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, भाजपा रूड़की जिला अध्यक्ष शोभाराम प्रजापति आदि ने अपने-अपने क्षेत्रों की स्थिति से अवगत कराया। इस अवसर पर हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, भाजपा जिला अध्यक्ष हरिद्वार संदीप गोयल, पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ0 जयपाल सिंह सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

चंपावत में छत गिरने से हुई छात्र की मौत, सीएम ने शोक जताकर दिए मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत जनपद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकाण्डे में एक दुःखद घटना में विद्यालय में शौचालय की छत गिरने से कक्षा 03 में अध्ययनरत् एक छात्र की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपये की सहायता राशि देने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश देते हुए कहा है कि जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सभी सरकारी स्कूल भवनों का निरीक्षण कर लिया जाए। जहां जरूरी हो वहां भवनों के मरम्मत संबंधी काम करवा लिया जाए। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कक्षाएं पूरी तरह से सुरक्षित भवनों में ही संचालित हो।

उधर घटना की जानकारी देते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी, चम्पावत जितेन्द्र सक्सेना ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकाण्डे में दिनांक 14 सितम्बर, 2022 को एक दुःखद घटना में विद्यालय में कक्षा 03 में अध्ययनरत् छात्र चन्दन सिंह पुत्र गोधन सिंह का आकस्मिक निधन हो गया। दुःख की इस घड़ी में विद्यालयी शिक्षा विभाग शोक संतप्त परिवार के साथ है। विद्यालय में एक अन्य शौचालय भी बना हुआ था, जो कि छात्रों द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा था। जिस शौचालय की छत गिरने से दुर्घटना हुयी, यह निष्प्रोज्य (प्रयोग में नहीं) था। मध्यावकाश में खेल-खेल में विद्यार्थी उस निष्प्रयोज्य शौचालय की छत पर चढ़ गये, जिससे कि भार अधिक होने के कारण दुघर्टना घटित हुयी। दुर्घटना में घायल छात्र-छात्राओं का ईलाज तत्काल चिकित्सकों के द्वारा किया गया व अन्य सभी घायल छात्र छात्राएं खतरे से बाहर है।

हंस फाउंडेशन ने सीएम को सौंपा 11 करोड़ रूपये का सीएम राहत कोष का चेक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हंस फाउण्डेशन के संस्थापक माता मंगला एवं भोले जी महाराज ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने आपदा पीड़ितों के सहयोग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु मुख्यमंत्री को 11 करोड़ रूपये का चेक सौंपा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हंस फाउण्डेशन के संस्थापक माता मंगला एवं भोले जी महाराज का आभार व्यक्त करते हुए हंस फाउण्डेशन द्वारा राज्य सरकार को समय-समय पर सहयोग दिया जाता है। राज्य में जब भी कोई आपदा आती है या जरूरतमंदों को कोई जरूरत होती है, तो हंस फाउण्डेशन सेवा के कार्यों में हमेशा आगे आता है। कोरोना काल में भी हंस फाउण्डेशन द्वारा अनेक तरह से सेवा के कार्य किये गये। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में हंस फाउण्डेशन द्वारा राज्य सरकार को लगातार सहयोग दिया जा रहा है।

विस अध्यक्ष ने जरुरतमंदों को 7 लाख रुपये की सहायता राशि बांटी

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय पर कोरोना के दौरान 32 मृतक आश्रितों को विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से एवं अनेक लाभार्थियों को मुख्यमंत्री राहत कोष से सात लाख के चेक वितरित किए।
चेक वितरण के अवसर पर विस अध्यक्ष ने कहा है कि कोरोना काल के दौरान अनेक लोगों की असमय मृत्यु हुई है ऐसे लोगों को सरकार द्वारा वात्सल्य योजना के तहत लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अनेक ऐसे लोग हैं जिनके कोरोना के दौरान मृत्यु हुई है उन्हें विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से आर्थिक सहायता दी गई है, ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में कोरोना के दौरान मृत्यु हुई है उनके साथ सरकार एक स्तंभ के रूप में खड़ी है। उन्होंने कहा है कि सरकार हर प्रकार से सहयोग करने के लिए तैयार है। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ इसलिए स्वयं की सतर्कता, जागरूकता व सुरक्षा फिर भी आवश्यक है।
विस अध्यक्ष ने कहा कि भले ही सरकार व विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है परंतु प्रत्येक व्यक्ति को स्वाबलंबन व स्वरोजगार के साथ खड़े होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का विवेकाधीन कोष कोई सरकारी योजना नहीं है बल्कि स्वयं के विवेक के आधार पर आर्थिक रूप से जरूरतमंद, कमजोर वर्ग दिव्यांग, विधवा को यह धनराशि उपलब्ध कराई जाती है ताकि वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
इस अवसर पर श्यामपुर मंडल के अध्यक्ष गणेश रावत, राज्य आंदोलनकारी कमला नेगी, ए.के मजूमदार, सुरेंद्र सिंह रावत सरदार मंगा सिंह, प्रधान चमन पोखरियाल लाभार्थियों में सावित्री देवी, कुसुम रानी, सविता देवी, रुकमणी कैंतूरा, पुष्पा रानी आदि सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भारतीय जनता पार्टी वीरभद्र मंडल की महामंत्री सुंदरी कंडवाल ने किया।

सीएम के निर्देश पर आपदा प्रभावितों की सहायता राशि बढ़ाई गई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के मानकों में सम्भव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की मॉनिटरिंग के लिये हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों को यथासंभव सहायता दी जाए। सहायता राशि पाने में लोगों को अनावश्यक परेशान न होना पङे। जरूरतमंदों को हर सम्भव मदद सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री, सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि प्रभावित परिवारों को कपड़े, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये सहायता राशि जो कि मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रुपये प्रति भवन और पहाड़ी क्षेत्रों में 1 लाख 1 हजार 900 रुपये प्रति भवन दी जा रही है, को मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपये प्रति भवन किया गया है। आंशिक क्षतिग्रस्त (पक्का) भवन के लिए सहायता राशि को 5200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति भवन और आंशिक क्षतिग्रस्त (कच्चा) भवन के लिए सहायता राशि को 3200 रुपये प्रति भवन से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति भवन किया गया है। भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रुपये अनुमन्य की जाएगी। अर्थात भूमि क्षति पर राहत राशि, कम से कम एक हजार रुपये तो दी ही जाएगी। घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त में लिया जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी। जिन आवासीय कालोनियों में बिजली के बिल बाहर लगे थे, 18 व 19 अक्टूबर को आयी प्राकृतिक आपदा में खराब हो गये हैं, ऊर्जा विभाग इन खराब बिजली के मीटरों को निशुल्क बदलेगा।
राज्य आपदा मोचन निधि मानकों से अनुमन्य की गयी अधिक धनराशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा। इसी प्रकार क्षतिग्रस्त भवनों के प्रकरणों में यदि भवन एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर है तो ऐसे प्रकरणों पर सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।
जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से नुकसान होने पर 5 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। एसडीआरएफ के मानकों में कवर न होने पर की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 नवम्बर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करना है। उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को इसकी लगातार मानिटरिंग करने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, आनंद बर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव अमित नेगी, आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, एसए मुरूगेशन, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, आयुक्त कुमाऊं सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

त्रिवेन्द्र सरकार ने होमगार्ड के पद बढ़ाने की घोषणा की

होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने होमगार्डों को कारागार के बंदी रक्षकों की भर्ती और विभाग के समूह ग के पदों में 25 फीसद आरक्षण देने की घोषणा की। साथ ही हरिद्वार में नागरिक सुरक्षा इकाई का गठन और होमगार्ड के पदों में इजाफा करने का भी एलान किया।

होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा का स्थापना दिवस ननूरखेड़ा स्थित मुख्यालय में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित रैतिक परेड में होमगार्ड के जवानों ने अनुशासन के साथ कदमताल कर आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपरिहार्य कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो सके। ऐसे में काबीना मंत्री सुबोध उनियाल उनके प्रतिनिधि के तौर पर कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। काबीना मंत्री ने ही रैतिक परेड की सलामी ली। रैतिक परेड में कुल छह प्लाटून शामिल हुईं, जिनमें पांच सशस्त्र पुरुष और एक सशस्त्र महिला प्लाटून थीं। परेड में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के विभिन्न जनपदों से आए होमगार्ड शामिल हुए। परेड कमांडर गढ़वाल कमांडेंट गौतमय कुमार, सेकेंड इन कमांड निरीक्षक उत्तरकाशी चंद्रकांत बिष्ट और परेड एडजुटेंट वैतनिक प्लाटून कमांडर पौड़ी शशि बोरा ने परेड को लीड किया। वैतनिक प्लाटून कमांडर टिहरी विजयपाल सिंह ने परेड मेजर की भूमिका निभाई। परेड के बाद मुख्यमंत्री की घोषणाओं को कमांडेंट जनरल होमगार्ड्स एवं निदेशक नागरिक सुरक्षा पुष्पक ज्योति ने पढ़ा। काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की स्मारिका का विमोचन भी किया।

सहयोग राशि प्रदान की
इस अवसर पर काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने ड्यूटी पर शहीद होमगार्ड विजय तिवारी की पत्नी कांति तिवारी को 10 लाख रुपये की बीमा धनराशि व सेवापृथक होमगार्ड सुरेश चंद्र को एक लाख की सहायता राशि कल्याण कोष से प्रदान की।

उत्कृष्ट कार्य पर मिला सम्मान
काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्कृष्ट कार्य के लिए होमगार्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यमंत्री प्रशंसा प्रमाण-पत्र से नवाजा। सम्मान प्राप्त करने वालों में डिप्टी कमांडेंट जनरल अमिताभ श्रीवास्तव, डिप्टी कमांडेंट जनरल राजीव बलोनी, कुमाऊं मंडल कमांडेंट ललित मोहन जोशी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्र सिंह बिष्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्यामेंद्र कुमार साहू, वैतनिक प्लाटून कमांडर चंद्रकांत बिष्ट, अवैतनिक प्लाटून कमांडर राजपाल राणा, अवैतनिक प्लाटून कमांडर टेकचंद, मुख्य वार्डन नागरिक सुरक्षा देहरादून सतीश अग्रवाल, प्रभागीय वार्डन नागरिक सुरक्षा उमेश्वर सिंह रावत शामिल रहे।

राज्य कैबिनेट-कोविड की रोकथाम और स्वरोजगार पर रही केन्द्रित, लिए कई निर्णय

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक आयोजित हुई जिसमें 16 बिंदुओं पर चर्चा हुई। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार कार्मिकों के विभिन्न भत्तों पर हर महीने 63.11 करोड़ खर्च कर रही है। इसमें सबसे अधिक मकान किराया भत्ते पर 44.09 करोड़, पर्वतीय विकास भत्ता मद में 5.29 करोड़ व सीमांत क्षेत्र भत्ता मद में 1.32 करोड़, सचिवालय भत्ता मद में 50 लाख रुपये, पुलिस कार्मिकों को अनुमन्य प्रोत्साहन भत्ते की मद में 66.55 लाख समेत अन्य भत्तों पर प्रतिमाह 13.04 करोड़ का खर्च बैठ रहा है।

मदन कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि-
1. कोविड सैंपलिंग, टैस्टिंग की प्रक्रिया को गति दी जाएगी। प्राइवेट लैब को टैंडर प्रक्रिया से लेने के लिए 4 दिन का अवधि निर्धारित किया गया।
2. किसी भी कार्मिक के किसी भी रूप में भत्ते में कटौती नहीं की जाएगी, मुख्य सचिव से लेकर नीचे के सभी कार्मिकों का प्रत्येक माह में, एक दिन का वेतन वर्तमान वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा। पेंशनरों से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी। दायित्वधारियों का प्रत्येक माह में 5 दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा, वर्तमान वित्त वर्ष तक।
3. मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में राहत प्रदान की गयी है। बागवानी मिशन में सब्जी, बीज, पुष्प पर दिया जाने वाला 50 प्रतिशत का अनुदान शेष सभी कृषकों को दिया जाएगा। बागवानी मिशन से अलग फल, बीज, आलू, अदरक 50 प्रतिशत राज्य सहायता अनुदान के रूप में दिया जायेगा तथा कोल्ड स्टोर और ए.सी. वैन पर भी अनुदान दिया जायेगा। 15 लाख रुपये लागत के कोल्ड स्टोरेज पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा 26 लाख रुपये एसी वैन की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
4. श्रम विभाग के श्रम अधिनियम के अंतर्गत दुकान, प्रतिष्ठान के नियोजकों को संदिग्ध कोविड कर्मचारियों को 28 दिन के क्वॉरंटीन अवधि का वेतन भुगतान करना होगा। सभी दुकानों, कारखानों जहां 10 से अधिक कर्मचारी हैं, कोविड को रोकथाम के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी।
5. उत्तराखंड उपखनिज 2016 चुगान नीति में परिवर्तन करते हुए निगम के पट्टे की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दी गई है। यदि अन्य क्षेत्र में टेंडर के बाद कोई फर्म नहीं मिलता है तो इसका संचालन निगम करेगा।
6. कोविड स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उपकरण क्रय का अधिकार 03 माह से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया गया है। अग्रिम धनराशि को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया। निदेशक के 03 करोड़ के अधिकार को अब प्राचार्य भी उपयोग कर सकेंगे।
7. श्रम सुधार अधिनियम में यूनियन बनाने के लिए कर्मचारियों के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की संख्या कर दी गयी।
8. रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्री की डिजिटल नकल दो रुपये प्रति पृष्ठ और न्यूनतम 100 रुपये की गयी।
9. आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए तीन माह की निर्धारित अवधि बढ़ाकर 20 फरवरी 2021 किया गया।
10. मेगा इंडस्ट्री एवं इंवेस्टमेंट पालिसी में संसोधन करते हुए वैधता अवधि 31 मार्च 2020 से 30 जून 2020 किया गया।
11. उत्तरकाशी में 1000 मि.टन क्षमता को बनाने के लिए मंडी परिषद को 10 करोड़ से बढ़ाकर 13 करोड़ 46 लाख में बनाने का अधिकार दिया गया।
12. जिला योजना समिति के चुनाव के संबंध में अध्यादेश लाते हुए जिलाधिकारी प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से कार्य करा सकते है।
13. पंचायती राज अध्यादेश लाते हुए जहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाया है एवं अन्य पदों का चुनाव हो गया है वहां जिलाधिकारी के माध्यम से शेष पदों पर मनोनीत किया जा सकता है।
14 प्रदेश के भीतर वाहनों की आवाजाही होगी, लेकिन संबंधित जिले में जिलाधिकारी कार्यालय में करना होगा ऑनलाइन आवेदन, सिर्फ आवेदन ही पर्याप्त, उसके बाद पास लेने की आवश्यकता नहीं।

विभिन्न संस्थाओं से प्राप्त राहत राशि के चेक विस अध्यक्ष ने सीएम को सौंपा

स्पीकर प्रेम चंद्र अग्रवाल ने विभिन्न संस्थाओं की ओर से कोविड-19 के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 5 लाख 33 हजार रूपये की राशि का चेक प्रदान किया।

कोविड-19 के दृष्टिगत मंडी समिति रुड़की के खाद्यान्न मंडी थोक व्यापार संघ के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 5 लाख 25 हजार 100 रूपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु दिया है। यह चेक कृषि उत्पादन मंडी समिति रुड़की के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह पुंडीर ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा। जरकोंन टेक्नोलॉजी इंडिया लि. के संजीव सोंदी ने 02 लाख रुपए, तुलसी प्रतिष्ठान मंदिर ने 51 हजार रूपए एवं दिनेश आनन्द ने 11 हजार रूपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया।

विधायक हरबंश कपूर ने प्रेमनगर कांवली मण्डल के केके थपलियाल एवं जनरल महादेव सिंह मण्डल के उपाध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता द्वारा दी गयी 7 लाख 16 हजार 363 रू. का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत ने उत्तराखण्ड माइन्स एसोशिएशन द्वारा 10 लाख 25 हजार तथा विभिन्न महानुभावों द्वारा दिये गये 3 लाख 28 हजार 450 रू. का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। संदीप खुराना, गंगा सेवा समिति ऋषिकेश द्वारा 5 लाख 11 हजार रू. का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। सचिव, जैविक उत्पाद परिषद, उत्तराखण्ड द्वारा 51 हजार रू. की धनराशि का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा।

मुख्यमंत्री ने दिलाया भरोसा, आपके द्वारा दिये गये दान से जरुरतमंद को हो रही मदद

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम, बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में अब तक प्राप्त धनराशि के साथ ही राहत एवं बचाव कार्यों पर व्यय हुई धनराशि की समीक्षा की। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में पूरे विश्व के साथ ही देश एवं प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण आम जनमानस के स्वास्थ्य एवं आर्थिक सुरक्षा के लिये गम्भीर चुनौतियां पेश हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संकट के समय देश एवं प्रदेश की जनता द्वारा उदारतापूर्वक मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया जा रहा है जिसमें देश एवं प्रदेश के प्रत्येक वर्ग जिसमें सफाई कर्मियों, दैनिक वेतनभोगियों, कर्मचारियों, अधिकारियों, महानुभावों, विभिन्न संगठनों, स्वंयसेवी संस्थाओं, विभिन्न निगमों, शैक्षणिक संस्थाओं, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं आम जनमानस आदि से अभी तक लगभग 55 करोड दान के रूप में प्राप्त हुये हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी दान-दाताओं का हार्दिक आभार प्रकट करते हुये धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।
मुख्यमत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर इस आपदा कि स्थिति से निपटने हेतु जिन कार्यों में भारत सरकार, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं किसी अन्य मद से वित्तीय स्वीकृति दिया जाना संभव नहीं था उनमें मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि आवंटित की जा रही है। मुख्यमंत्री राहतकोष से मुख्यतः बेसहारा, निर्धन, असंगठित क्षेत्र के मजदूरो और जरूरतमंद छात्र-छात्राओं, पर्यटकों आदि की भोजन व्यवस्था हेतु जिलाधिकारियों को 30 करोड़, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार व सुदृढीकरण हेतु 10 करोड रूपये चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को, 10 करोड चिकित्सा शिक्षा विभाग को, कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत चिन्हित किये गये गढवाल एवं कुमॉंऊ मण्डल के पर्यटक गृहो में कोरनटाईन सुविधायें विकसित किये जाने हेतु 1.00 करोड़ पर्यटन विभाग को, लाकडाउन में राज्य के विभिन्न स्थानों मे फॅंसे पर्यटकों व तीर्थ यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुचाने के दृष्टिगत 1 करोड परिवहन निगम को एवं नई दिल्ली मे फॅसे उत्तराखण्ड के जरूरतमंदो की भोजन व ठहरने आदि की व्यवस्था हेतु 50 लाख अपर स्थानिक आयुक्त को आवंटित किये गये हैं। साथ ही कोविड-19 के संक्रमण, बचाव व राहत कार्यों में तैनात कोरोना वारियर्स के जीवन को यदि दुर्भाग्यवश क्षति होती है तो उनके आश्रितों को सम्मान निधि के रूप में 10 लाख दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री का मानना है कि किसी भी आपदा की स्थिति का बेहतर ढंग से सामना करने हेतु सार्वजनिक भागीदारी सबसे प्रभावी तरीका है जिसमें हम सब मिलकर COVID-19 को हराने में समर्थ होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा अवगत कराया कि मुख्यमंत्री राहत कोष, उत्तराखण्ड के पक्ष मे बैंक ड्राफ्ट/चैक के साथ ही भारतीय स्टेट बैंक, सचिवालय शाखा मे संचालित खाता संख्या-30395954328 IFSC Code-SBIN0010164 मे UPI ID: cmukrf@sbi, Debit Cards and Credit Cards, Internet Banking, Internet Banking, UPI (BHIM, PhonePe, Amazon Pay, Google Pay, PayTM, etc के साथ ही सीधे मुख्यमंत्री राहत कोष, उत्तराखण्ड की Website-www.cmrf.uk.gov.in के माध्यम से धनराशि दान की जा सकती है।
सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने बताया कि कतिपय उद्योग, कम्पनियां, व्यवसायिक प्रतिष्ठान CSR के तहत भी COVID-19 के दृष्टिगत राज्य को वित्तीय सहायता देने के इच्छुक हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित संस्थानों से अपेक्षा की है कि वह उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Disaster Management Authority) के पक्ष मे भारतीय स्टेट बैंक, सचिवालय शाखा में संचालित खाता संख्या-39282041468 IFSC Code-SBIN0010164 मे अपना योगदान कर सकते हैं।

अब डिजिटल पेमेंट से करें मुख्यमंत्री राहत कोष में दान

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में शनिवार को कोविड -19 ( कोरोना राहत कार्यों) के लिए दानदाताओं द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में धनराशि डिजिटल पेमेंट के माध्यम से ऑनलाइन जमा करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष की वेबसाइट cmrf.uk.gov.in का लोकार्पण किया। अब सभी दानदाता घर बैठे ही ऑनलाइन माध्यम से कोविड-19 राहत कार्यों के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। NEFT या IMPS के द्वारा एवं अन्य माध्यमों के द्वारा दानराशि जमा करने की जानकारी भी cmrf.uk.gov.in वेबसाइट में उपलब्ध है। मुख्यमंत्री राहत कोष में UPI (Unified Payment Interface) cmrfuk@sbi.in के द्वारा या वेबसाइट cmrf.uk.gov.in में QR कोड को स्कैन करके पेटीएम, भीम एप, गूगल पे, फ़ोन पे इत्यादि डिजिटल माध्यमों से भी पेमेंट कर सकते हैं।
PAYTM एप के सर्च बॉक्स में Uttarakhand Mukhyamantri Rahat Kosh लिखकर डायरेक्ट paytm के माध्यम से भी दानराशि जमा की जा सकती है। मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की जाने वाली दानराशि 80G के अन्तर्गत इनकमटैक्स में छूट के लिए पात्र हैं, दानदाता इस बेबसाइट में 80G रसीद के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं एवं मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं।यह वेबसाइट CM Office द्वारा NIC के माध्यम से बहुत कम समय में तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि कोरोना राहत कार्यों में सहयोग देने के लिए cmrf.uk.gov.in website एवं सभी डिजिटल पेमेंट माध्यमों का उपयोग कर अधिक से अधिक दान देकर सहयोग करें। वेबसाइट उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री के आई०टी० सलाहकार रवींद्र दत्त, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, एनआइसी उत्तराखंड के उपमहानिदेशक के नारायण, एनआईसी के प्रोजेक्टर कॉर्डिनेटर अरुण शर्मा उपस्थित थे।