लंदनः उत्तराखण्ड में रोपवे निर्माण में तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा पोमा ग्रुप

लंदन। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हेतु आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने लंदन के कई प्रमुख उद्योग घरानों से भेंट करते हुए उत्तराखण्ड में निवेश की सम्भावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति में लंदन में पोमा ग्रुप के साथ 2 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टर एमओयू साइन किया गया, राज्य सरकार की ओर से सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने एमओयू साइन किया। मुख्यमंत्री धामी ने सभी निवेशकों को आगामी दिसंबर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट हेतु उत्तराखण्ड आने के लिए आमंत्रित भी किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश की भौगौलिक परस्थितियों को देखते हुए उत्तराखण्ड में इको फ्रैंडली टूरिज्म के क्षेत्र में निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। पोमा ग्रुप दुनियाभर में रोपवे निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी है। पोमा ग्रुप का उत्तराखण्ड में काम करने का बहुत पुराना अनुभव है चमेाली जिले के औली रोपवे में पोमा ग्रुप तकनीकी सहयोग प्रदान कर चुका है इसके अलावा वर्तमान पोमा रोपवे देहरादून-मसूरी रोपवे, एवं यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट्स में भी तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पोमा गुप द्वारा हरिद्वार समेत कई अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों में रोपवे के लिए तकनीकी सहयोग, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए निवेश की इच्छाा जाहिर की गई।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार का फोकस पर्यटन के साथ-साथ इकोलॉजी और इकॉनमी पर भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेश के लिए ऐसे रास्तों की तलाश कर रही है जिसमें विकास और पर्यावरण का संतुलन बना रहे। ऐसे में रोपवे जैसे विकल्प उत्तराखण्ड में जहां एक ओर पर्यटकों को सुगमता प्रदान करेंगे वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसर बढ़ने के साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोंण से भी यह बेहतर सिद्ध होगा।

’सर्विस सेक्टर का बड़ा केंद्र है लंदन’

मुख्यमंत्री धामी ने लंदन में निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लंदन सर्विस सेक्टर का भी बड़ा केंद्र है इसलिए यहां टूरिज्म, आईटी, हेल्थकेयर के क्षेत्र के बड़े निवेशक कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण यहां की यहां की कृषि जलवायु भी अन्य राज्यों से भिन्न है। आज के दौर में यूरोप से लेकर सभी देशों के ऑर्गेनेक उत्पादों की विशेष मांग हैं। उन्होंने कहा कि समिट के जरिए उत्तराखण्ड के उत्पादों को विदेशों में और प्रभावी रुप से पंहुचाया जा सकेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि दुनियाभर से निवेशक उत्तराखण्ड का रुख करें, ताकि यहां की औद्योगिक गतिविधियों को और रफ्तार मिल सके।

’उत्तराखण्ड में फार्मा एवं मेडिकल टैक्नोलॉजी की अपार सम्भावनाएं’

ब्रिटेन इनोवेशन एव टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक ग्लोबल सेंटर के रूप में स्थापित है। स्किल्ड मैनपावर लंटन ब्रटेन की उपलब्धता इस क्षेत्र को गति प्रदान करती है। उत्तराखण्ड भी इनोवेशन एव टैक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत में अपनी एक पहचान बनाने में सफल रहा है। हेल्थ केयर एवं लाईफ साईन्सेस के क्षेत्र में ब्रिटेन अग्रणी हैं। ब्रिटेन द्वारा बायोटेक, फार्मास्यूटिकल्स एवं मेडिकल टैक्नोलॉजी में निवेश को वरीयता दी जाती है। उत्तराखण्ड भी भारत के फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित है। राज्य में 3 फार्मा क्लस्टर हैं, जिनमें 300 से अधिक उद्योग कार्य कर रहे हैं। रियल स्टेट बाजार आवासीय विकास से लेकर वाणिज्यिक अवस्थापना तक विविध अवसर प्रदान करता है। लंदन एवं मैनचेस्टर जैसे शहर इसके बेहतर उदाहरण हैं। उत्तराखण्ड में भी इसकी अपार सम्भावनायें हैं। हम राज्य में दो नये शहर बसाने की संकल्पना पर कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ब्रिटेन समेत अन्य देशों के ग्लोबल इन्वेस्टर्स उत्तराखण्ड में भी निवेश करें ताकि प्रदेश में औद्यौगिक विकास की गति बढ़ सके। प्रदेश में निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। इस अवसर पर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा समेत डेलीगेशन के अन्य सदस्य एवं इन्वेस्टर्स मौजूद रहे।

कुमायूं मंडल में डेंगू नियंत्रण पर अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कुमाऊँ मण्डल में डेंगू निंयत्रण, अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, नैनीताल क्षेत्र में भू-स्खलन की स्थिति के बाद राहत सम्बन्धित कार्यों सहित विभिन्न जन समस्याओं का संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कुमाऊँ क्षेत्र में विशेषकर जनपद नैनीताल, उधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, चंपावत व बागेश्वर के डीएम व सीएमओं को डेंगू से बचाव व रोकथाम हेतु प्रभावी समन्वय के साथ तत्काल कार्यवाही की हिदायत दी है।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कुमाऊँ क्षेत्र में विशेषकर जनपद नैनीताल, उधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, चंपावत व बागेश्वर के डीएम व सीएमओं को डेंगू से बचाव व रोकथाम हेतु प्रभावी समन्वय के साथ तत्काल कार्यवाही की हिदायत दी है। उन्होंने सीएमओ सहित सभी सम्बन्धित अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहकर कार्य करते हुए जन जागरूकता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एसीएस ने कुमाऊँ क्षेत्र में समुचित पेयजल, अस्पतालों में आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, मानव-वन्यजीव संघर्षों की घटनाओं के त्वरित समाधन तथा सड़कों को गडढा मुक्त करने हेतु सम्बन्धित विभागों को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कुमाऊँ मण्डल में डेंगू निंयत्रण, अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, नैनीताल क्षेत्र में भू-स्खलन की स्थिति के बाद राहत सम्बन्धित कार्यों सहित विभिन्न जन समस्याओं का संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। एसीएस ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए प्रशासन को निरन्तर सजगता से कार्य करना होगा। राज्य में ब्लड बैंकों की कोई कमी नही है। राज्य में डेंगू के 81 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं। राज्य के ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में ब्लड व प्लेटलेट्स उपलब्ध है। उन्होंने सभी सीएमओ को जिला अस्पतालों के निरन्तर निरीक्षण कर व्यवस्थाएं जांचने तथा जनपद में साफ-सफाई, फॉगिंग, पर्याप्त मात्रा में एलाइजा टेस्ट किट की उपलब्धता, अस्पतालों में पर्याप्त डेंगू वार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

बैठक के दौरान एसीएस राधा रतूड़ी द्वारा नैनीताल में हाल ही हुई भू-स्खलन की घटनाओं के बाद किये गये राहत कार्यों की विस्तृत जानकारी ली गई। उन्होंने राहत शिविरों में प्रभावित परिवारों हेतु सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही एसीएस ने लोक निर्माण विभाग को क्षेत्र की सड़कों को गडढा मुक्त करने हेतु तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए है। उन्होंने कुमाऊँ मण्डल में अस्पतालों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। एसीएस ने अल्मोड़ा में पेयजल तथा बिजली सम्बन्धित समस्याओं के समाधान हेतु जिला प्रशासन को तत्काल पर्याप्त पेयजल व बिजली आपूर्ति के लिए त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए है।

बैठक में अपर सचिव डा0 अमनदीप कौर, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी तथा कुमाऊँ मण्डल के कमीशनर दीपक रावत सहित समस्त जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा के चमन वर्मा की प्रशंसा कर दिया मदद का आश्वासन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में जनपद अल्मोड़ा के चमन वर्मा ने भेंट की। अपने हैरतअंगेज स्टंट और कलाबाजी से इंटरनेट पर छाए पहाड़ के युवा चमन वर्मा को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने उनके प्रयासों की प्रशंसा की और उनके ट्रेनिंग आदि के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
उन्होंने कहा कि पहाड़ के युवाओं में बहुत प्रतिभाएं हैं, बस उन्हें तराशने और सही प्लेटफॉर्म देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें युवाओं का प्रेरणास्रोत भी बताया।

स्वच्छता सेवा पखवाड़ा 2023 का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वच्छता सेवा पखवाड़ा-2023 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में ‘स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2023’ से मुख्यमंत्री ने 15 ग्राम पचायतों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वच्छता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले 05 पर्यावरण मित्रों को भी सम्मानित किया। ‘स्वच्छता ही सेवा गीत’ का भी इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विमोचन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण-2023 पुरस्कार के लिए चयनित राज्य की उत्कृष्ट 15 पंचायतों को सम्मानित होने पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के इस महा अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने वाली सभी पंचायतों और स्वच्छता दूतों के वे आभारी हैं, जिनकी संकल्प शक्ति और प्रयासों ने राज्य में स्वच्छता का एक नया अध्याय लिखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता दूत ही स्वच्छता अभियान की धुरी हैं और जो सम्मान राज्य ने प्राप्त किया है वो इनके बिना असंभव था। भारतीय संस्कृति और दर्शन में स्वच्छता हमेशा से सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। ये हमारे मूल्यों और संस्कारों का अभिन्न अंग हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे स्वच्छ भारत मिशन की वजह से देश स्वच्छता के प्रति, पुनः जागृत हुआ है। स्वच्छता के इस महा अभियान की सफलता की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है। जब सरकार के प्रयासों में जन भागीदारी जुड़ती है तो उन प्रयासों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भूमि धार्मिक, पौराणिक भूमि है। इस भूमि के कण-कण में देवताओं का वास है और देवता वहीं वास करते हैं जहां स्वच्छता होती है। वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर आज उत्तराखंड ने एक नया स्थान अर्जित किया है। स्वच्छता और पर्यटन का आपस में गहरा संबंध है, जहां स्वच्छता होती है वहां पर्यटन में भी वृद्धि होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक ’’स्वच्छता ही सेवा’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कचरा मुक्त भारत के भाव को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किये जाने हेतु राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि देवभूमि के समग्र स्वच्छता के इस महा अभियान में समस्त पंचायत प्रतिनिधि, समुदाय स्तरीय संगठन, स्वयं सेवी संगठन एवं समस्त नागरिक अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे तथा पिछले वर्षों की भांति अभियान को सफल बनायेंगे।

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2023’’ में पुरस्कृत होने वाली ग्राम पंचायतें

जनसंख्या श्रेणी 2000 से कम

1. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत-पस्तोला, विकासखण्ड-भीमताल, ग्राम प्रधान श्रीमती खष्टी राघव
2. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- बोहराकोट, विकासखण्ड- रामगढ़, ग्राम प्रधान श्री बसंत लाल शाह
3. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- जमराड़ी, विकासखण्ड-ओखलकांडा, ग्राम प्रधान श्री बलवीर सिंह
4. जनपद चंपावत से ग्राम पंचायत- चौकी, विकासखण्ड- चंपावत से ग्राम प्रधान श्री मोहन चन्द पाण्डे
5. जनपद चंपावत से ग्राम पंचायत- ठांटा, विकासखण्ड- लोहाघाट से ग्राम प्रधान श्री शिव शंकर पाठक

जनसंख्या श्रेणी 2000-5000 तक

1. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- किशनपुर सकुलिया, विकासखण्ड- हल्द्वानी, ग्राम प्रधान विपिन चन्द जोशी
2. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- कनिया, विकासखण्ड- रामनगर, ग्राम प्रधान सुनिता घुघतियाल
3. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- हल्दूचौड़ जग्गी, विकासखण्ड- हल्द्वानी से ग्राम प्रधान मीना भट्ट
4. जनपद नैनीताल से ग्राम पंचायत- हल्दूचौड़ दीना, विकासखण्ड- हल्द्वानी से ग्राम प्रधान हेमन्ती जोशी
5. जनपद देहरादून से ग्राम पंचायत- भगवानपुर जुल्हो, विकासखण्ड- सहसपुर से ग्राम प्रधान दीपक जोशी

जनसंख्या श्रेणी 5000 से अधिक

1. जनपद देहरादून से ग्राम पंचायत- डाकपत्थर, विकासखण्ड- विकासनगर से ग्राम प्रधान मंजु
2. जनपद देहरादून से ग्राम पंचायत-खदरी खड़कमाफ, विकासखण्ड- डोईवाला से ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल
3. जनपद हरिद्वार से ग्राम पंचायत- खेड़ा जट, विकासखण्ड-नारसन से ग्राम प्रधान अवध कुमारी
4. जनपद हरिद्वार से ग्राम पंचायत-भगेरी मेहबातपुर(एल), विकासखण्ड-रूड़की विकी से ग्राम प्रधान नरेन्द्र कुमार
5. जनपद उधमसिंह नगर से ग्राम पंचायत- विगराबाग, विकासखण्ड-खटीमा से ग्राम प्रधान माधवी देवी।

स्वच्छता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित होने वाले पर्यावरण मित्र-पप्पू, विनोद, शिव कुमार, मीना, सविता।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक सविता कपूर, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, निदेशक शहरी विकास नितिन भदौरिया, निदेशक स्वजल कर्मेन्द्र सिंह उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रदान किए एसडीसी एचीवर अवार्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम में 17 व्यक्तियों और संस्थाओं को एसडीजी एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया। जिसमें 12 संस्थाओं एवं 05 लोगों को व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए जनपदों में प्रतियोगिता की भावना के दृष्टिगत इस वर्ष से ‘‘एस0डी0जी0 एचीवर ट्रॉफी’’ प्रदान की जायेगी जिसमें सभी 13 जनपदों के विजेता एवं उपविजेता घोषित किये जायेंगे। एस.डी.जी. को पंचायत स्तर तक क्रियान्वित करने के लिए वर्ष 2030 तक 17 सितंबर से 23 सितम्बर तक एस.डी.जी सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा। जिसमें सभी विकासखण्डों, पंचायतों विद्यालयों, जनपदों एवं राज्य स्तर पर कार्यशालाएं, जन जागरूकता कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सभी को सम्मिलित रूप से प्रयास करने होंगे। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के लिए सबको समन्वित प्रयास करने होंगे। बहुत सी संस्थाएं और व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं। ये सभी राज्य के विकास के ब्राण्ड एम्बेसेडर हैं। उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना है। इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाकर विकास जरूरी है। राज्य में सतत विकास लक्ष्य में बेहतर कार्य हो रहे हैं। एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए और प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बताई।

मुख्यमंत्री ने सम्मानित होने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि इससे अन्य लोग और संस्थाएं भी प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि समाज और देश के लिये काम करने वाले व्यक्तियों से मिलकर वे स्वयं प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि सतत विकास वह विकास है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है। उत्तराखंड सरकार भी सतत विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए मंत्र ’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को मूल में रखकर लक्ष्य प्राप्ति के पथ पर अग्रसर है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

एस०डी०जी० 1 के तहत शून्य गरीबी के लिए गढ़वाल हिल्स कॉपरेटिव लि., पौड़ी एवं जगमोहन सिंह राणा, एस०डी०जी० 2 शून्य भुखमरी के तहत डॉ सुरभि जायसवाल एवं खस्ती कोरंगा, एस०डी०जी० 3 उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली के तहत आरोही फाउंडेशन, एस०डी०जी० 4 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत भागीरथी फाउंडेशन, एस०डी०जी० 5 लैंगिक समानता के तहत रचनात्मक महिला मंच एवं डिव-इन-प्रो, एस०डी०जी० 6 साफ पानी एवं स्वच्छता के तहत नौला फाउंडेशन, एस०डी०जी० 8 आर्थिक वृद्धि के तहत उत्तरांचल युवा एवं ग्रामीण विकास केन्द्र चमोली, एस०डी०जी० 9 उद्योग और नवाचार के तहत पिथौरागढ़ की देवकी देवी, एस०डी०जी० 12 उपभोग और उत्पादन के तहत ग्राम पंचायत रायगी, एस०डी०जी० 13 जलवायु परिवर्तन के तहत एग्री-नेट फूड्स एण्ड बेव्रेज प्रा.लि एवं श्री जगदीश सिंह नेगी शिप्रा कल्याण समिति, नैनीताल, एस०डी०जी० 15 भूमि पर जीवन के तहत चंदन सिंह नयाल एवं एस०डी०जी० 16 शांति और न्याय के तहत दर्पण समिति एवं कार्ड संस्था को एसडीजी एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर पूर्व मुख्य सचिव एवं ज्यूरी के अध्यक्ष एन रविशंकर, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, यूएनडीपी की प्रतिनिधि इसाबेल त्सचान, सीपीपीजीजी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पंत उपस्थित थे।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए आवासीय परियाजनाओं पर इन्वेस्टर के साथ सीएम ने की बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित एक होटल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के लिए आवासीय परियोजनाओं एवं अन्य विषयों पर रियल एस्टेट इन्वेस्टर के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2023 में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में निवेश सम्मेलन अहम भूमिका निभायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले 25 सालों के रोडमैप को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े निवेशकों से लगातार संवाद किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए नई नीतियां बनाई जा रही है। राज्य में उद्योगों के हित में 27 नई नीतियां बनाई गई हैं। सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाया जा रहा है। नीतियों के सरलीकरण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट के सबंध में जो भी सुझाव आज प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों को आगे की कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत से जुड़े लोगों से समय-समय पर जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाई गई है। जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उन पर तात्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते हैं, वे कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में निवेशकों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है। निवेश के लिए देवभूमि उत्तराखण्ड में अनुकूल माहौल है। सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी का राज्य में तेजी से विस्तार हो रहा है। औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों का आकर्षण तेजी से राज्य में बढ़ा है।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में नीतियां निवेश के अनुकूल बनाई जा रही हैं। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों के श्रेणी में लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस इन्वेस्टर समिट की बैठकें उत्तराखण्ड के अलावा देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशों में भी प्रस्तावित हैं। रियल एस्टेट के क्षेत्र में निवेश की अनेक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए हम सबको अपना योगदान देना होगा।

इस अवसर पर रेरा के अध्यक्ष रबिन्द्र पंवार, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एस.एन. पाण्डेय, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं रियल एस्टेट से जुड़े निवेशक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना का हुआ शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय में राज्य के विद्या समीक्षा केन्द्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर राज्य के 141 पी.एम.श्री विद्यालयों एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय का शिलान्यास भी किया गया। मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने राज्य में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना एवं मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में एन.डी.ए एवं आई.एम.ए में चयनित कैडेट को पुरस्कार की धनराशि भी प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज राज्य में केंद्र सरकार सहायतित “विद्या समीक्षा केन्द्र“ एवं “पीएम श्री योजना“ का शुभारंभ किया गया है, यह प्रदेश के लिए हर्ष का विषय है। इसके लिए उन्होंने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द प्रधान का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र विद्यालय, छात्रों एवं अध्यापकों से संबंधित सभी आंकड़ों को रियल टाइम आधार पर संकलित करेगा तथा छात्र आकलन के आधार पर शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए सभी का मार्गदर्शन करेगा। इस केंद्र में आज से अध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं की रियल टाइम ऑनलाइन उपस्थिति प्रारम्भ भी हो गई है। इस केंद्र का उपयोग शीघ्र ही शिक्षा विभाग से सम्बन्धित मानव संसाधन पोर्टल, विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के ऑनलाइन रख-रखाव, ऑनलाइन स्थानान्तरण, ऑनलाइन नियुक्ति, ऑनलाइन मॉनिटरिंग आदि के लिए भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में से है, जहां केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर प्रारम्भ की गई योजनाओं को जनहित में सबसे पहले क्रियान्वित किया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का शुभारंभ उत्तराखण्ड ने सबसे पहले किया। पीएमश्री योजना के तहत राज्य में 141 स्कूल इस योजना के अन्तर्गत विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 72 करोड़ की धनराशि स्वीकृत भी की गई है। इस सहयोग के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में बालिकाओं के लिए 40 कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास संचालित हैं, जिनमें सभी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विद्या समीक्षा केन्द्र के गुजरात मॉडल को लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखण्ड है। जिसमें अभी 05 हजार स्कूल जोड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवम्बर तक प्रदेश के सभी 22 हजार स्कूलों को सभी डाटा के साथ जोड़ने के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। राज्य के कक्षा 01 से 12वीं तक के लगभग 23 लाख 50 हजार विद्यार्थी इस विद्या समीक्षा केन्द्र से जुड़ेंगे। राज्य के 01 लाख 22 हजार से अधिक शिक्षकों का डाटा भी इसमें रहेगा। विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से बच्चों एवं शिक्षकों की प्रतिदिन की उपस्थिति का पता चलेगा। दीक्षा टीवी एवं इन्टरनेट के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था विद्या समीक्षा केन्द्र में रहेगी। राज्य के सभी डायट, को जोड़ने एवं शिक्षकों की कैपिसिटी बढ़ाने की व्यवस्था इसमें बनाई जा रही है। स्कूली शिक्षा की सभी जानकारी विद्या समीक्षा केन्द्र में रहेगी।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दार्शनिक तत्व है। 21वीं सदी की भारत की नई पीढ़ी ज्ञान के आधार पर विश्व का नेतृत्व करने वाली है। राज्य में मॉडल स्कूल के रूप में प्रारंभिक चरण में पी.एम.श्री के तहत 141 स्कूलों का चयन किया गया है। उच्च शिक्षा में राज्य में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना और मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन योजना शुरू करने का सराहनीय कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि जी 20 के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ग्लोबल मॉडल के रूप में स्वीकृति करा दी। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल भारत के 30 करोड़ विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, विश्व के विकसित देशों के विद्यार्थियों के लिए नया बैंचमार्क बना रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रसार के लिए केन्द्र सरकार की ओर से राज्य को पूरा सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड उन्हें अपने गृह राज्य की तरह ही प्रिय है।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड विद्या समीक्षा केन्द्र का शुभारंभ करने वाला गुजरात के बाद देश का दूसरा राज्य है। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखण्ड बना। राज्य में शुरू की गई उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना में विभिन्न संकायों में स्नातक स्तर पर छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष महाविद्यालय स्तर/विश्वविद्यालय परिसर स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः 03 हजार रुपये, 02 हजार रुपये एवं 1500 प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जायेगी। स्नातक अंतिम वर्ष के उपरान्त प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने पर एकमुश्त पुरस्कार राशि के रूप में क्रमशः 35 हजार रुपये, 25 हजार रुपये एवं 18 हजार रुपये दिये जायेंगे।

विभिन्न संकायों में विषयवार स्नातकोत्तर स्तर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं प्रतिवर्ष महाविद्यालय स्तर / विश्वविद्यालय परिसर स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 05 हजार रुपये, 03 हजार रुपये एवं 02 हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जायेगी। परा स्नातक अंतिम वर्ष के उपरान्त प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने पर एकमुश्त पुरस्कार राशि के रूप में क्रमशः 60 हजार रुपये, 35 हजार रुपये तथा 25 हजार रुपये की धनराशि दी जायेगी। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध / अन्वेषण एवं नवाचार के वातावरण का सृजन करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों और मूल्यों के अनुरूप उत्कृष्ट शिक्षा और शोध के केन्द्र के रूप में संस्थाओं को विकसित करते हुए शिक्षकों एवं छात्रों को शोध एवं नवाचार के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस अवसर पर सांसद नरेश बंसल, विधायक उमेश शर्मा काऊ, भारत सरकार के अपर शिक्षा सचिव विपिन कुमार, उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली, विद्यालयी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बड़े तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होगा हरिपुरः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कालसी, देहरादून स्थित रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए यमुना नदी के तट पर हरिपुर (कालसी) में स्नान घाट/ यमुना घाट के निर्माण कार्य एवं लोक पंचायत द्वारा प्रस्तावित जमुना कृष्ण धाम (मंदिर) का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने जौनसार बावर के बॉलीवुड सिंगर अभिनव चौहान के भजन “हरिपुर में आनंद सजेगा“ का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जन्माष्टमी के पावन पर्व के अवसर पर हरिपुर क्षेत्र के नव निर्माण का कार्य एक शुभ संकेत है। यह कार्य पौराणिक मान्यताओं को पुनर्जीवित करने एवं आध्यात्मिक, सनातन संस्कृति के नए अध्याय को लिखने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा हरिपुर क्षेत्र एक बड़ा तीर्थ स्थल हुआ करता था, यह क्षेत्र चार धाम यात्रा का भी एक महत्वपूर्ण स्थल है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र में यमुना जी के तट को विकसित कर एक नए तीर्थ स्थल के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। यह क्षेत्र हरिद्वार ऋषिकेश के भांति विश्व विख्यात हो इसके लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा मां यमुना के आशीर्वाद से भव्य घाट निर्माण का संकल्प पूरा होगा। धार्मिक एवं पौराणिक मान्यताओं का हरिपुर स्थल सभी प्रदेश एवं देशवासियों की आस्था का केंद्र है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने हरिपुर धाम के यश को पुनर्स्थापित करने का जो संकल्प लिया है उसे शीघ्र ही सिद्धि तक पहुंचाएगी। मां यमुना का सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा हरिपुर के एक नए धार्मिक स्थल के रूप में विकसित होने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। भविष्य में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में यात्री एवं पर्यटक आएंगे। आज जौनसार बाबर का क्षेत्र जो फलों सब्जियों के उत्पादन के लिए जाना जाता है आने वाले समय में वह हरिपुर के लिए भी जाना जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र यमुना, टोंस, नौरा और अमलवा के महासंगम का पवित्र स्थान है। इस स्थान में पूर्व की भांति ही यमुना जी की दिव्य व भव्य आरती का भी आयोजन नियमित रूप से होगा। उन्होंने कहा इस क्षेत्र में आने वाले लोग यहां की लोक संस्कृति के साथ हमारे आदर सम्मान को भी अपने साथ ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार निरंतर विकास के पद पर अग्रसर है उत्तराखंड के प्रमुख धामों को सड़कों से जोड़ा गया है। हरबर्टपुर से यमुनोत्री तक सड़क चौड़ीकरण की भी केंद्र द्वारा सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। जिसका कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा इससे विकास नगर एवं कालसी क्षेत्र से भी चार धाम यात्रा का संचालन हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने सामाजिक सरोकारों को समर्पित लोक पंचायत द्वारा जमुना कृष्ण धाम की स्थापना के लिए किए जा रहे प्रयास की सराहना की। उन्होंने कालसी क्षेत्र की विभिन्न प्रस्तावित विकास योजनाओं को शीघ्र आगे बढ़ाने की बात भी कही।
विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि हरिपुर क्षेत्र ऐतिहासिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है। यमुना तट पर घाटों के निर्माण से क्षेत्र का नाम पर्यटन के साथ ही धार्मिक स्थल के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति एवं आध्यात्म के पुनः जागरण का कार्य किया जा रहा है।

कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिपुर स्थित यमुना घाट पहुंच पूजा अर्चना कर प्रदेश की तरक्की एवं खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री यमुना आरती में भी सम्मिलित हुए।
इस दौरान कार्यक्रम में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, भाजपा जिला अध्यक्ष मीता सिंह, मूरत राम शर्मा, नवीन ठाकुर, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, वी.सी एमडीडीए बंशीधर तिवारी, के.एस चौहान एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री से की आईटीबीपी के महानिदेशक ने भेंट, जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आई.टी.बी.पी. के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह ने भेंट की। उन्होंने राज्य में अर्धसैनिक बलों के शहीद जवानों के आश्रितों को भी राज्य सरकार की सेवाओं में नौकरी देने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी में उत्तराखण्ड से काफी संख्या में जवान है। उन्होंने कहा कि राज्य के वाइब्रेंट विलेज के लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने में आई.टी.बी.पी द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों के लोगों की आर्थिकी बढ़े और उनके उत्पादों को अच्छी मार्केटिंग मिल सके, आईटीबीपी उन उत्पादों को खरीदेगी। महानिदेशक आईटीबीपी ने कहा कि इसके लिए आईटीबीपी को राज्य की सहकारी समितियों के माध्यम से सहयोग मिल जाए तो उत्पादों को खरीदने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों के लिए आईटीबीपी डॉक्टर एवं स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करायेगी, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय के साथ कार्य किया जायेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत राज्य के वाइब्रेंट विलेज वाले क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों में आईटीबीपी लोगों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए जो भी सहयोग देगी, राज्य सरकार द्वारा हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के वाइब्रेंट विलेज वाले क्षेत्रों के उत्पाद आईटीबीपी को सुगमता से मिल सकें, इसके लिए सहकारी समितियों के माध्यम से उत्पाद उपलब्ध करवाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, आईटीबीपी से एडीजी मनोज रावत, आईजी संजय गुंज्याल, डीआईजी मनु महाराज, पीआरओ राजीव नेगी उपस्थित थे।

सभी विभाग लैंड बैक के पोर्टल के माध्यम से मॉनिटरिंग करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए निवेश के लिए विभागों द्वारा जिन परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है उनकी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्दश दिये कि राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ाने के लिए विभागों में बनी पॉलिसी को और बेहतर बनाने के लिए जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उनको शामिल करते हुए जो भी संशोधन की आवश्यकता है, इसके लिए प्रस्ताव लाये जाएं। उन्होंने कहा कि सभी विभागीय सचिव इस पर विशेष ध्यान दें कि इन्वेस्टर्स समिट शुरू होने तक विभिन्न परियोजनाओं के तहत काफी अच्छी ग्राउंडिग हो जाए। राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ाना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। सभी विभागीय सचिव इसके लिए नियमित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विभागों के लैंड बैंक की पोर्टल के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाय। निवेश के लिए आवश्यकतानुसार भूमि का सही उपयोग होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी निवेश प्रस्ताव आ रहे हैं उनकी जल्द ग्राउंडिंग हो जाए। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए विभागों द्वारा जो भी योजना बनाई जा रही है, उसका क्रियान्वयन सुनियोजित तरीके से हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि नीतियों का सरलीकरण के साथ ही निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं।
राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए पर्यटन, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, स्वास्थ्य, आयुष, शहरी विकास, ऊर्जा आईटी, खेल, स्किल डेवलपमेंट एवं तकनीकि शिक्षा, उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा, परिवहन एवं अन्य क्षेत्रों में विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिये कि कार्यों में और तेजी लाने के लिए अपने विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। राज्य का समग्र विकास पर्वतीय क्षेत्रों के विकास से ही संभव है। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेशकों को निवेश करने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिए अनेक संभावनाएं हैं, इन संभावनाओं को हमें कार्यरूप में लाकर प्रदेश की आर्थिकी को तेजी से बढ़ाना है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विजय कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. एस.एन. पाण्डेय, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।