दिव्या नेगी को मिली मुख्यमंत्री से सराहना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में उत्तराखंड की बेटी दिव्या नेगी को सम्मानित किया। दिव्या नेगी ने नई दिल्ली में नेशनल यूथ पार्लियामेंट फेस्टिवल में भारत में जी-20 का प्रतिनिधित्व : एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य विषय पर भाषण दिया था, जिसे काफी सराहना मिली।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दिव्या नेगी को राज्य सरकार की उपलब्धि पर आधारित पुस्तक ’एक साल नई मिसाल’ एवं ’मोदी @20 ड्रीम मीट डिलीवरी’ पुस्तक भेंट की।

21 सालों से राष्ट्रीय पार्टियों ने किया राज्य का दोहन-आप

राज्य स्थापना दिवस पर 21 सालों की विफलताओ को लेकर आम आदमी पार्टी ने आज दोपहर नेपाली फार्म तिराहे पर उत्तराखंड आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुवे मौन रूप से प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राज्य निर्माण के दो दशक के बाद भी अभी तक बलिदानियों के सपने का उत्तराखंड नहीं बन पाया है।
मंगलवार की दोपहर अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम अनुसार उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेश की विफलताओ को लेकर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने मौन रूप से प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए राजे सिंह नेगी ने कहा कि सत्ता की मलाई काटने की चाहत में राज्य की सत्ता पर राज्य निर्माण के बाद काबिज हुए दोनों राष्ट्रीय दलों ने बारी-बारी से राज्यवासियों को छलने का काम किया है। उत्तराखंड की स्थाई राजधानी, पलायन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सिर्फ सियासत ही इन दो दशक से ज्यादा वक्त में होती रही है। उन्होंने कहा कि पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण के दो दशक बाद भी सरकारें आज तक कोई ठोस नीति नहीं बना पाई है। उत्तराखंड के शहीद राज्य आंदोलनकारियों ने जिस सपने के लिए अपनी शहादत दी थी, वह सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।
विधानसभा प्रभारी नेगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए ठोस विकास नीति बनाने की जरूरत है। पलायन पर रोक के लिए राज्य में शिक्षा व्यवस्था, चिकित्सा और रोजगार पर सुदृढ़ नीति बनाने की जरूरत है। प्रदर्शनकारियों में जिला संगठन मंत्री दिनेश असवाल, दिनेश कुलियाल, देवराज नेगी, अनूप रावत, उषा बुडाकोटी, सुषमा राणा, सृष्टि, सृजना, विक्रांत भारद्वाज, पंकज गुसाईं, नरेन सिंह, अजय रावत, मनमोहन नेगी, चंद्रमोहन भट्ट, आशु पाल, सुनील सेमवाल, जय प्रकाश भट्ट, शुभम रावत, प्रभात झा, मनोज कुमार, राजेन्द्र चौहान, पवन प्रजापति, अश्वनी सिंह शामिल रहे।

जन समस्याओं एवं शिकायतों का त्वरित गति से किया जाय निस्तारण-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय एवं घोषणा अनुभाग का आकस्मिक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा अनुभाग के स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही का निरीक्षण करने के साथ ही इस सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिये कि घोषणा अनुभाग में प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर समयबद्धता के साथ त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ताकि जनहित को ध्यान में रखते हुए की गई घोषणायें धरातल पर दिखाई दें तथा आम जनता को उसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घोषणाओं का क्रियान्वयन समयबद्धता के साथ हो यह हमारा प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आम जनता की बड़ी अपेक्षायें रहती हैं। अतः जन अपेक्षाओं के समाधान के प्रति संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्य प्रणाली के सरलीकरण एवं समस्याओं के समाधान की भावना के साथ यदि हम अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे तो जनता में सरकार के प्रति विश्वास का भाव जागृत होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय को प्राप्त होने वाली जन शिकायतों एवं समस्याओं से सम्बन्धित आवेदनों का निस्तारण भी त्वरित गति से किया जाए, साथ ही आवेदकों को भी उनके निवेदनों पर की गई कार्यवाही की सूचना उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जाए।
इस अवसर पर अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, संयुक्त सचिव संजय टोलिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग और बलिदान को युवा पीढ़ी का बताया जाये-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में देश की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित हो रहे आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की आयोजन व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत महोत्सव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ’राष्ट्र सर्वप्रथम’ के विजन को बताता है। इस आयोजन के लिये भारत सरकार द्वारा जो निर्देश दिये गये हैं उसके अनुसार कार्यक्रमों का गरिमा व भव्यता के साथ आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि अब इसकी समयावधि वर्ष 2023 तक बढ़ाई गई है। अतः इस अवधि में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की स्पष्ट रूप रेखा निर्धारित कर ली जाय। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का संदेश आमजन तक पहुंचे, इसकी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

गरिमामयी आयोजन हो

मुख्यमंत्री ने इस आयोजन के तहत अब तक हुए कार्यक्रमों की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि भावी कार्यक्रमों के आयोजन के लिये सभी जिलाधिकारियों एवं विभागाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिये जाय। आयोजन गरिमा के साथ आयोजित हो इसके लिये सभी सम्बन्धित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें।

युवा जानें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान हमारे लिये सर्वोपरि है। इस अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम, आजादी के लिये हमारे पूर्वजों द्वारा दिये गये बलिदान से भावी पीढ़ी को परिचित कराने में भी मददगार होंगे। उन्होंने इस आयोजन में विभिन्न संस्थानों, संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं, एन.सी.सी, एन.एस.एस. की भी भागीदारी सुनिश्चित कराने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी महान विभूतियों के जीवनवृत्त पर प्रदर्शनी आदि के साथ ही उनके जीवन दर्शन पर आधारित लघु फिल्में भी तैयार की जाय। उन्होंने इस आयोजन के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान आदि से सम्बन्धित राज्य स्तरीय गीत तैयार कर उसके माध्यम से भी प्रचार प्रसार के निर्देश दिये।

हर घर झंडा

मुख्यमंत्री ने इस आयोजन के तहत आयेजित होने वाले ‘‘हर घर झंडा कार्यक्रम’’ के सम्बंध में प्रभावी कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस सम्बंध में आवश्यक दिशा निर्देशों का भी अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा।

इस सम्बंध में सचिव संस्कृति हरि चन्द्र सेमवाल ने बताया कि इस आयोजन के तहत पूरे देश में 75 ऐतिहासिक महत्व के विशिष्ट स्थलों से प्रत्येक राज्य से दो या तीन विशिष्ट स्थलों को शामिल किये जाने की प्रक्रिया में राज्य से अल्मोड़ा एवं देहरादून को चयनित किया गया है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समिति का भी गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के अंतर्गत अब तक सभी जनपदों में संबंधित विभागों द्वारा मैराथन दौड़, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर प्रदर्शनी, नशा मुक्ति कार्यक्रम, विचार गोष्ठी, सम्मेलनध्सेमिनार, वृक्षारोपण का आयोजन किया गया है, जबकि खादी प्रदर्शनी, क्विज कार्यक्रम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवनवृत्त पर नुक्कड़ नाटक पेंटिंग प्रतियोगिता स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से सम्बन्धित स्थलों का भ्रमण, निबंध प्रतियोगिता, साइकिल रैली के कार्यक्रम प्रस्तावित हैं।

इस अवसर पर पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव राधिका झा, प्रभारी सचिव डॉ. वी षणमुगम, महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चैहान, अपर सचिव युगल किशोर पंत, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, निदेशक संस्कृति वीणा भट्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के पहले चरण में 1062 बच्चे हुए लाभान्वित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का विधिवत शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने डीबीटी द्वारा योजना में चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में 3-3 हजार रूपए की सहायता राशि ट्रांसफर की।

सरकार एक अभिभावक की तरह रखेगी बच्चों का ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों के माता-पिता व संरक्षक के चले जाने की भरपाई करना मुमकिन नहीं है। परंतु राज्य सरकार एक अभिभावक की तरह इनका हमेशा ध्यान रखेगी। जिलों में डीएम इनके सह अभिभावक के रूप में काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाव में ही भगवान होते हैं। हमारा इन बच्चों के प्रति स्नेह, प्रेम और उत्तरदायित्व का भाव है। हम सभी इन बच्चों के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, पूरे मनोयोग से करें। इनकी सहायता से पुण्य प्राप्त होगा। वात्सल्य, माता-पिता में अपने बच्चों के लिए होने वाला नैसर्गिक प्रेम होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इन बच्चों के मामा की तरह ध्यान रखेंगे। कोरोना काल में जिन बच्चों की आंखों में आंसू आए हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रदेश की पहचान बनेंगे बच्चे
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली योजना होगी जिसमें हम चाहते हैं कि योजना में आच्छादित बच्चों की संख्या इतनी ही बनी रहे, और किसी बच्चे को इसकी जरूरत न हो। फिर भी हम इनकी पूरी देखभाल करेंगे। ये बच्चे पूरे प्रदेश की पहचान बनेंगे। अपने -अपने क्षेत्र में वे लीडर बनेंगे। पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डा. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभावों में संघर्ष करने वाले अपनी संकल्प शक्ति से आसमान को छूते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में आच्छादित बच्चों को प्रतिमाह 3-3 हजार रूपए की सहायता राशि दी जा रही है। इसके साथ ही इन्हें निशुल्क राशन, निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी की जा रही है। जिलों के डीएम इन बच्चों की सम्पत्ति का संरक्षण भी करेंगे। अनाथ बच्चों के लिए नौकरियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। सरकार इन बच्चों के कौशल विकास पर भी ध्यान देगी।

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास सरकार का ध्येय
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार का भाव अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को आगे बढ़ाना है। सरकार एक सहयोगी के रूप में काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय वाक्य सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास पर राज्य सरकार चल रही है। वर्ष 2017 से जितनी भी घोषणाएं की गई है, वे सभी पूर्ण होने की ओर अग्रसर हैं। हाल ही में कोरोना से प्रभावित चार धाम यात्रा व पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ जबकि हेल्थ सेक्टर और हेल्थ सेक्टर में काम कर कोरोना योद्धाओं के लिए 205 करोड़ रूपए का पैकेज लाए हैं। युवाओं के लिए रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेजी से शुरू करने जा रहे हैं। स्वरोजगार के लाखों अवसर उत्पन्न करने पर काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना सरकार के मानवीय पक्ष का प्रतीक
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना सरकार के मानवीय चेहरे को बताता है। कोरोना ने हमसे बहुत कुछ छीना है। हर किसी ने अपने किसी को खोया है। हमें इस दर्द से संघर्ष करके आगे बढ़ना है। कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की पीड़ा को मुख्यमंत्री और राज्य सरकार ने समझा है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करती है। यह योजना बच्चों को सामाजिक, आर्थिक और मानसिक तौर पर सशक्त करेगी। सरकार इनके अभिभावक की भूमिका का निर्वाह कर रही है।

21 वर्ष की आयु तक 3 हजार रूपए प्रतिमाह की सहायता
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि दिनांक 01 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक कोविड-19 महामारी एवं अन्य बीमारियों से पिताध्माताध्संरक्षक की मृत्यु अथवा माता-पिता में से कमाऊ सदस्य की मृत्यु के कारण जन्म से 21 वर्ष तक के प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुनर्वास, चल अचल सम्पत्ति, उत्तराधिकारों एवं विधिक अधिकारों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना लागू की गयी है। इस योजना में आच्छादित बच्चों को 3 हजार रूपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता 01 जुलाई, 2021 से 21 वर्ष की आयु तक अनुमन्य की गयी है।

आर्थिक सहायता के साथ शिक्षा, पोषण व संरक्षण
सरकार द्वारा प्रभावित बच्चों के भरण-पोषण, सुरक्षा एवं सर्वांगीण विकास का दायित्व स्वयं लेते हुये ऐसे बच्चों का निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है। उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक संरक्षण प्रदान करने हेतु प्रतिमाह रू0 3000.00 की आर्थिक सहायता के साथ-साथ उन्हें शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधाएं प्रदान करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु समस्त जिलाधिकारियों को प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुनर्वास, चल-अचल सम्पत्ति, उत्तराधिकारों एवं विधिक अधिकारों की रक्षा हेतु संरक्षक अधिकारी नामित किया गया है।

कुल 2347 बच्चे चिन्हित, प्रथम चरण में 1062 बच्चे लाभान्वित
दिनांक 01 अगस्त, 2021 तक जन्म से 21 वर्ष तक की आयु के कुल 2347 बालकध्बालिका चिन्हित किये गये है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के शुभारम्भ के अवसर पर प्रथम चरण में कुल 1062 बच्चों को लाभान्वित किया जा गया है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के संचालन हेतु एमआईएस पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें समस्त बच्चों का विवरण जनपदों द्वारा ऑनलाइन भरा जायेगा। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत प्रतिमाह 3 हजार रूपए के मानकानुसार जुलाई, 2021 से प्रारम्भ करते हुए निदेशालय द्वारा पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से डी०बी०टी० सीधे चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में धनराशि भेजी जायेगी।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की हर सम्भव मदद कर रही है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जनहित में बहुत सी योजनाएं शुरू की गई हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इण्टरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाली बालिका निकेतन की कुमारी तारा एवं कुमारी स्मृति को सम्मानित भी किया। बालिका निकेतन की बालिकाओं ने मुख्यमंत्री एवं अतिथियों को स्वनिर्मित पेंटिंग भेंट की। इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधायक मुन्ना सिंह चैहान, सहदेव पुण्डीर, रामसिंह कैड़ा, दीवान सिंह बिष्ट सहित विशिष्टजन और अधिकारी उपस्थित थे।

वायरल वीडियो के पीछे की कहानी, क्या इसमें सच्चाई है!

सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री का एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में मुख्यमंत्री यह कहते दिख रहे हैं कि पीपल का पेड़ प्राणवायु छोड़ता है। ऐसे ही पशुओं में गाय एकमात्र ऐसा पशु है जो ऑक्सीजन छोड़ता है। यह भी कहा जाता है कि यदि किसी को सांस की तकलीफ है तो गाय की मालिश करने से यह तकलीफ दूर हो जाती है। वीडियों में कहा गया कि टीबी जैसी बीमारी भी गाय के संपर्क में आने से दूर हो जाती है। गाय के गोबर और गौमूत्र में काफी ताकत है। शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे स्किन, हार्ट व किडनी आदि के लिए ये काफी फायदेमंद हैं।
सोशल मीडिया में इस वीडियो के वायरल होने के बाद इस पर तरह-तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि वीडियो को एडिटिंग करके वायरल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित हो रहे एक कार्यक्रम को देखकर और पर्वतीय क्षेत्रों में चलने वाली मान्यताओं के आधार पर कहा था, जिस पर विवाद जैसी कोई बात नही है।

चलिए हम मुख्यमंत्री के की बातों की पड़ताल करते है कि क्या ऐसा होता है या नही…

पीपल का पेड़ प्राणवायु छोड़ता है …
पीपल का पेड़ शुष्क वातावरण में पनपता है और इसके लिए उसकी देह में पर्याप्त तैयारियां हैं. पेड़-पौधों की सतह पर स्टोमेटा नामक नन्हे छिद्र होते हैं जिनसे गैसों और जल-वाष्प का लेन-देन होता है. सूखे गर्म माहौल में पेड़ का पानी न निचुड़ जाए, इसलिए पीपल दिन में अपेक्षाकृत अपने स्टोमेटा बन्द करके रखता है। इससे दिन में पानी की कमी से वह लड़ पाता है। बिल्कुल. लेकिन इसका नुकसान यह है कि फिर दिन में प्रकाश-संश्लेषण के लिए कार्बन डाई ऑक्साइड उसकी पत्तियों में कैसे प्रवेश करे? स्टोमेटा तो बन्द हैं. तो फिर प्रकाश-संश्लेषण कैसे हो? ग्लूकोज कैसे बने? तो पीपल व उसके जैसे कई पेड़-पौधे रात को अपने स्टोमेटा खोलते हैं और हवा से कार्बन-डायऑक्साइड बटोरते हैं. उससे मैलेट नामक एक रसायन बनाकर रख लेते हैं. ताकि फिर आगे दिन में जब सूरज चमके और प्रकाश मिले, तो प्रकाश-संश्लेषण में सीधे वायुमण्डलीय कार्बन डाई ऑक्साइड की जगह इस मैलेट का प्रयोग कर सकें। यानी पीपल का पेड़ रात को भी कार्बन डाई ऑक्साइड-शोषक है। इस लिए इसे अधिक आक्सीजन देने वाला पेड़ कहा जाता है।


इस लिंक को पढ़िए …http://dahd.nic.in/related-links/chapter-v-part-2
इस लिंक को पढ़िए …https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4566776/

गाय एकमात्र ऐसा पशु है जो ऑक्सीजन छोड़ता है और गाय से जुड़े अन्य तथ्य…
वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि गाय में जितनी सकारात्मक ऊर्जा होती है उतनी किसी अन्य प्राणी में नहीं। गाय की पीठ पर रीढ़ की हड्डी में स्थित सूर्यकेतु स्नायु हानिकारक विकिरण को रोककर वातावरण को स्वच्छ बनाते हैं। यह पर्यावरण के लिए लाभदायक है। इसी लिए वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है, जबकि मनुष्य सहित सभी प्राणी ऑक्सीजन लेते और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं। पेड़-पौधे इसका ठीक उल्टा करते हैं।

हमारे देश में धार्मिक मान्यताओं का विशेष महत्व हैं। जिसकी समय-समय पर वैज्ञानिकों और डाॅक्टरों ने भी पड़ताल की है। इस लिए शायद मुख्यमंत्री ने पीपल और गाय के मुद्दें पर सकारात्मक टिप्पणी की। मुख्यमंत्री कार्यालय की मानें तो मुख्यमंत्री की सकारात्मक टिप्पणी का कुछ लोगों ने जानबूझकर मजाक बनाने का कार्य किया है। उनका कहना है कि एक तरफ तो मीडिया उत्तराखंड को देवभूमि कहता है लेकिन जब हिन्दु संस्कृति और सभ्यता की बात की जाती है तो उसका मजाक बनाना शुरु कर दिया जाता है। बरहाल हमारी पड़ताल में मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिक और धार्मिक मान्यताओं की ओर से मिले संकेतों पर ही बात कही है। अब आप लोगों को निर्धारण करना है कि धर्म और वैज्ञानिक सोच में किस तरह तालमेल बिठाया जाएं।